26-12-2019, 10:47 AM
अपर्णा को कर्नल साहब की बात पर विश्वास नहीं हुआ। उसने तुरंत अपने पति रोहित के हाथों से अखबार छीन लिया और पहले ही पेज पर अपना फोटो देख कर स्तब्ध रह गयी। कर्नल साहब की बाहों में ही रहते हुए रोहित की पत्नी अपर्णा ने कर्नल साहब को नकली गुस्से भरे घूंसे मारने शुरू किये और बोली, "जीतूजी, आपने तो मेरा हार्ट फ़ैल ही कर दिया था।"
कर्नल साहब ने कहा, "हार्ट फ़ैल हो तुम्हारे दुश्मनों का। तुम ना सिर्फ फर्स्ट आयी हो, तुमने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अपर्णा डार्लिंग आज तुमने तो कमाल कर दिया।"
अपर्णा ने जीतूजी के सर पर चुम्मा करते हुए कहा, "यह कमाल मेरा नहीं आपका है। अगर आप मुझे पढ़ाने के लिए इतनी महेनत ना करते तो मैं टॉप करने की बात ही क्या, पास भी नहीं हो पाती।"
रोहित ने कहा, "कर्नल साहब, अपर्णा ठीक कह रही है। उसे गणित विषय से ही नफरत थी लेकिन आप ने उस नफरत को मोहब्बत में बदल दिया।"
अपर्णा ने गाउन पहन रखा था। उस का पेट और उसके निचे का हस्सा कर्नल साहब के मुंह के पास ही था। कर्नल साहब ने अपर्णा के पेट पर गाउन के ऊपर से ही चुम्मी करते हुए कहा, "ठीक है, मैंने महेनत की, पर अपर्णा ने पूरा मन लगा कर पढ़ाई की और नतीजा आपके सामने है। आज मैं बहुत खुश हूँ। भाई रोहित, आज तो पार्टी हो जाए।"
अपर्णा ने अपने पति रोहित की और देख कर कहा, "पार्टी करने का काम आप दोनों का है। मुझे तो जब आप बुलाओगे तो मैं आ जाउंगी।"
रोहित ने कहा, "अरे भाई अब तो पार्टियों का दौर चलता ही रहेगा।"
उस पुरे दिन रोहित और अपर्णा ने घर का फ़ोन पुरे दिन बजता रहा। कई अखबार और टीवी चैनल्स के प्रतिनिधि आये। उस दिन रोहित और कर्नल साहब ने एक दिन की छुट्टी ले ली। हर इंटरव्यू में अपर्णा ने इस सफलता का श्रेय कर्नल साहब को दिया। अखबारों में अपर्णा की फोटो कर्नल साहब के साथ छपी। एक अखबार ने तो कर्नल साहब की जीवनी भी प्रकाशित कर डाली। उस दिन शाम को सब इतने थके हुए थे की आखिरी इंटरव्यू ख़तम होते ही रोहित अपर्णा और अभिजीत सिंहजी अपने घर में जाकर ढेर हो गए।
कर्नल साहब ने कहा, "हार्ट फ़ैल हो तुम्हारे दुश्मनों का। तुम ना सिर्फ फर्स्ट आयी हो, तुमने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। अपर्णा डार्लिंग आज तुमने तो कमाल कर दिया।"
अपर्णा ने जीतूजी के सर पर चुम्मा करते हुए कहा, "यह कमाल मेरा नहीं आपका है। अगर आप मुझे पढ़ाने के लिए इतनी महेनत ना करते तो मैं टॉप करने की बात ही क्या, पास भी नहीं हो पाती।"
रोहित ने कहा, "कर्नल साहब, अपर्णा ठीक कह रही है। उसे गणित विषय से ही नफरत थी लेकिन आप ने उस नफरत को मोहब्बत में बदल दिया।"
अपर्णा ने गाउन पहन रखा था। उस का पेट और उसके निचे का हस्सा कर्नल साहब के मुंह के पास ही था। कर्नल साहब ने अपर्णा के पेट पर गाउन के ऊपर से ही चुम्मी करते हुए कहा, "ठीक है, मैंने महेनत की, पर अपर्णा ने पूरा मन लगा कर पढ़ाई की और नतीजा आपके सामने है। आज मैं बहुत खुश हूँ। भाई रोहित, आज तो पार्टी हो जाए।"
अपर्णा ने अपने पति रोहित की और देख कर कहा, "पार्टी करने का काम आप दोनों का है। मुझे तो जब आप बुलाओगे तो मैं आ जाउंगी।"
रोहित ने कहा, "अरे भाई अब तो पार्टियों का दौर चलता ही रहेगा।"
उस पुरे दिन रोहित और अपर्णा ने घर का फ़ोन पुरे दिन बजता रहा। कई अखबार और टीवी चैनल्स के प्रतिनिधि आये। उस दिन रोहित और कर्नल साहब ने एक दिन की छुट्टी ले ली। हर इंटरव्यू में अपर्णा ने इस सफलता का श्रेय कर्नल साहब को दिया। अखबारों में अपर्णा की फोटो कर्नल साहब के साथ छपी। एक अखबार ने तो कर्नल साहब की जीवनी भी प्रकाशित कर डाली। उस दिन शाम को सब इतने थके हुए थे की आखिरी इंटरव्यू ख़तम होते ही रोहित अपर्णा और अभिजीत सिंहजी अपने घर में जाकर ढेर हो गए।