26-12-2019, 10:29 AM
रोहित ने कहा, "अगर वह तुम्हें मांगेंगे तो?"
अपर्णा: "मुझे मांगेंगे? क्या मतलब? मैं कोई रुपिया पैसा हूँ की वह मुझे मांगेंगे?"
रोहित: "अरे बुद्धू राम। मेरा मतलब है अगर वह तुम्हारा बदन मांगेंगे तो?"
अपर्णा: "अरे तुम पागल हो गए हो? वह ऐसा कोई थोड़े ही मांगेंगे? तुम अपने मन से सोचते रहो। मुझे उनपर पूरा भरोसा है।"
रोहित: "पर समझो अगर उन्होंने मांग ही लिया तो, तुम क्या करोगी? तुमने तो वचन दे दिया है की जो वह मांगेंगे वह तुम दे दोगी।"
अपने पति की बात सुनकर अपर्णा कुछ धर्मसंकट में पड़ गयी और थम गयी। थोड़ी देर तक वह सोचती रही फिर बोली: "देखो, रोहित, तुम मुझे बातों में फांसने की कोशिश मत ही करो। माना की मैं रूढ़िवादी विचारों की नहीं एक आधुनिक स्त्री हूँ। मैं पार्टीयोँ में जाती हूँ और जाना पसंद भी करती हूँ। और मैं जानती हूँ की उन पार्टीयों में मर्द और औरत एक दूसरे की बीबी या पति के साथ आज कल के जमाने में थोड़ी छेड़ छाड़ करते रहते हैं वो बोलती रही, कभी कबार चुम्माचाटी भी होती है। थोड़ा संयम रखना चाहिए पर ठीक है, नशे में या उत्तेजना में कई बार हो जाता है। यह सब चलता है। मुझे भी उस पर कोई भयानक एतराज नहीं। यहां तक तो ठीक है। पर मैं राजपूतानी हूँ। मैं अपना बदन ऐसे ही किसी को नहीं सौपती l मैंने तुम्हें अपना बदन सौंपा है क्यूंकि तुमने अपनी जिंदगी मेरे नाम कर दी है। तुमने कसम खायी थी की तुम अपनी जान की बाजी लगा कर भी मेरी रक्षा करोगे। राजपूतानियाँ उनको ही अपना जिस्म सौंपतीं है जो अपनी जान की बाजी लगा कर भी उनकी रक्षा करने के लिए तैयार हों।"
रोहित अपनी बीबी की और आश्चर्य से देखने लगा। उसने कहा, "भाई यह तो सख्त नाइंसाफ़ी है। ऐसे तो कोई भी शादी शुदा मर्द या स्त्री किसी भी शादी शुदा स्त्री या मर्द से संग कर ही नहीं सकेगा। आजकल तो संसार में हर घर में यह चलता रहता है। कोई भी पत्नी या पति ऐसे नहीं होंगें, जिन्होने शादी के पहले या बाद में और किसीसे सेक्स ना किया हो? बल्कि शादी के बाद ही अपनी साली के साथ अपने देवर या जेठ के साथ कई लोगों का तिकड़म चलता ही रहता है।"
अपर्णा ने कहा, "अच्छा? मैंने तो मेरे किसी देवर या जेठ के साथ ऐसा सम्बन्ध नहीं रक्खा। इसका मतलब की तुमने मेरी बहन से कुछ ना कुछ गड़बड़ जरूर की है। वह बेचारी एकदिन मुझे कह रही थी, की जीजाजी को सम्हालो उसे प्यार दो, वह इधर उधार ताँक झाँक करते रहते हैं। अब मुझे समझ में आया। सच बोलो क्या बात है?" जब बात अपने पर आयी तो रोहित की तो बोलती ही बंद हो गयी।
उसने कहा, "जानू, मैं तो यूँही मजाक कर रहा था। तुमने तो उसे सीरियसली ले लिया। अरे भाई मैं तो सिर्फ छेड़ने की बात कर रहा हूँ।"
अपर्णा: "मुझे मांगेंगे? क्या मतलब? मैं कोई रुपिया पैसा हूँ की वह मुझे मांगेंगे?"
रोहित: "अरे बुद्धू राम। मेरा मतलब है अगर वह तुम्हारा बदन मांगेंगे तो?"
अपर्णा: "अरे तुम पागल हो गए हो? वह ऐसा कोई थोड़े ही मांगेंगे? तुम अपने मन से सोचते रहो। मुझे उनपर पूरा भरोसा है।"
रोहित: "पर समझो अगर उन्होंने मांग ही लिया तो, तुम क्या करोगी? तुमने तो वचन दे दिया है की जो वह मांगेंगे वह तुम दे दोगी।"
अपने पति की बात सुनकर अपर्णा कुछ धर्मसंकट में पड़ गयी और थम गयी। थोड़ी देर तक वह सोचती रही फिर बोली: "देखो, रोहित, तुम मुझे बातों में फांसने की कोशिश मत ही करो। माना की मैं रूढ़िवादी विचारों की नहीं एक आधुनिक स्त्री हूँ। मैं पार्टीयोँ में जाती हूँ और जाना पसंद भी करती हूँ। और मैं जानती हूँ की उन पार्टीयों में मर्द और औरत एक दूसरे की बीबी या पति के साथ आज कल के जमाने में थोड़ी छेड़ छाड़ करते रहते हैं वो बोलती रही, कभी कबार चुम्माचाटी भी होती है। थोड़ा संयम रखना चाहिए पर ठीक है, नशे में या उत्तेजना में कई बार हो जाता है। यह सब चलता है। मुझे भी उस पर कोई भयानक एतराज नहीं। यहां तक तो ठीक है। पर मैं राजपूतानी हूँ। मैं अपना बदन ऐसे ही किसी को नहीं सौपती l मैंने तुम्हें अपना बदन सौंपा है क्यूंकि तुमने अपनी जिंदगी मेरे नाम कर दी है। तुमने कसम खायी थी की तुम अपनी जान की बाजी लगा कर भी मेरी रक्षा करोगे। राजपूतानियाँ उनको ही अपना जिस्म सौंपतीं है जो अपनी जान की बाजी लगा कर भी उनकी रक्षा करने के लिए तैयार हों।"
रोहित अपनी बीबी की और आश्चर्य से देखने लगा। उसने कहा, "भाई यह तो सख्त नाइंसाफ़ी है। ऐसे तो कोई भी शादी शुदा मर्द या स्त्री किसी भी शादी शुदा स्त्री या मर्द से संग कर ही नहीं सकेगा। आजकल तो संसार में हर घर में यह चलता रहता है। कोई भी पत्नी या पति ऐसे नहीं होंगें, जिन्होने शादी के पहले या बाद में और किसीसे सेक्स ना किया हो? बल्कि शादी के बाद ही अपनी साली के साथ अपने देवर या जेठ के साथ कई लोगों का तिकड़म चलता ही रहता है।"
अपर्णा ने कहा, "अच्छा? मैंने तो मेरे किसी देवर या जेठ के साथ ऐसा सम्बन्ध नहीं रक्खा। इसका मतलब की तुमने मेरी बहन से कुछ ना कुछ गड़बड़ जरूर की है। वह बेचारी एकदिन मुझे कह रही थी, की जीजाजी को सम्हालो उसे प्यार दो, वह इधर उधार ताँक झाँक करते रहते हैं। अब मुझे समझ में आया। सच बोलो क्या बात है?" जब बात अपने पर आयी तो रोहित की तो बोलती ही बंद हो गयी।
उसने कहा, "जानू, मैं तो यूँही मजाक कर रहा था। तुमने तो उसे सीरियसली ले लिया। अरे भाई मैं तो सिर्फ छेड़ने की बात कर रहा हूँ।"