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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
#42
पत्नी की अदला-बदली -  03

 
उस दिन रोहित अपने ऑफिस के काम के सन्दर्भ में कहीं दो दिन के टूर गया हुआ था। 

कर्नल साहब और रोहित की पत्नी अपर्णा परीक्षा की तैयारियों में लगे हुए थे। कर्नल साहब गणित के कुछ कठिन दाखिले सुलझाने के लिए और उसे अपनी शिष्या अपर्णा को कैसे वह आसानी समझा पाएं उस के लिए पूरी रात जाग कर तैयारी कर रहे थे। कर्नल साहब जानते थे कई बार परीक्षा में कोई कठिन दाखिला विद्यार्थी को विचलित कर सकता है और वह अपर्णा के साथ ऐसा कुछ ना हो यह पक्का करना चाहते थे। इसी लिए कर्नल साहब ने दो दिन छुट्टी भी ले रक्खी थी। अपर्णा ने अपने बैडरूममें से देखा की कर्नल साहब के स्टडी रूम की बत्ती पूरी रात जल रही थी। कई बार अपर्णा ने अपने बैडरूम से कर्नल साहब को हाथ में किताब लिए कमरे में इधर उधर चहल कदमी करते हुए भी देखा। अपर्णा जानती थी की कर्नल साहब उसे दूसरे दिन पढ़ाने के लिए और वह परीक्षा में अव्वल दर्जे में सफल हो उसकी पूरी तैयारी में जुटे हुए थे। यह देख कर अपर्णा समझ नहीं पायी की ऐसे इंसान के लिए क्या किया जाए। जो इंसान किसी दूसरे की सफलता के लिए ऐसे जी जान से लग जाए उसे क्या कहा जाए?

फिर अपर्णा ने भी तय किया की वह भी अपना पूरा मन लगा कर पढ़ेगी और जो अपने गुरु की इच्छा है उसे पूरा करेगी। वह कोहिश करेगी की वह अव्वल दर्जे से पास हो। कर्नल साहब का जोश देख कर अपर्णा को भी जोश गया। वह भी पूरी रात पढ़ाई करने लगी। 


जाहिर है जब दूसरे दिन कर्नल साहब ने अपर्णा के सामने कुछ बड़े ही कठिन और जटिल प्रश्न रखे तो अपर्णा ने कर्नल साहब से थोड़ा मार्गदर्शन लेने के बाद उन्हें बड़ी जल्दी आसानी से सुलझा दिए। वह ऐसे प्रश्न थे जिन्हे कर्नल साहब भी सावधानी से हल करने की कोशिश करते थे। यह देख कर कर्नल साहब के रोमांच और उन्माद का ठिकाना ना रहा। वह अपर्णा ने लिखे हुए जवाबों को पढ़कर पागल से हो रहे थे। अपर्णा ने जब अपने जवाब पत्र कर्नल साहब के हाथ में दिए और उनको पढ़ते हुए देखा तो हैरान रह गयी। कर्नल साहब की आँखों में से आँसूं बहने लगे जब वह एक के बाद एक जवाब पढ़ने लगे। एकदम वह अपर्णा के सामने उठ खड़े हुए और अपर्णा को कस के अपनी बाँहों में भर लिया। अपर्णा अपना सर उठा कर कर्नल साहब को देखती ही रही। 

कर्नल साहब अपर्णा का सर, आँखें, उसके बाल, उसका कंधा और अपर्णा के गाल तक चूमते हुए बोलने लगे, "मैंने अपनी जिंदगी में पहले किसी विद्यार्थी को इतना परफेक्ट जवाब देते हुए नहीं पाया।" कर्नल साहब का ऐसा भावावेश अपर्णा ने पहले कभी नहीं देखा था। कर्नल साहब का ऐसा हाल देख अपर्णा की आँखों में भी आँसूं गए।

वह कर्नल साहब से लिपट गयी और बोली, "जीतूजी, यह मेरा नहीं आपका कमाल है। आपने मुझे जीरो से हीरो बना दिया। सच कहते हैं, गुरु भगवान् होता है। वह कुछ भी कर सकता है।"

कर्नल साहब ने कहा, "नहीं ऐसा नहीं है। गुरु तो सबको बराबर शिक्षा देता है। पर कभी कभी कोई शिष्य उसका पूरा फायदा उठा पाता है। सब नहीं उठा पाते।
"
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 26-12-2019, 10:15 AM



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