25-12-2019, 07:44 PM
दूसरी और श्रेया जी अपर्णा का हाथ दबा रही थी। अपर्णा समझ गयी की श्रेया जी भी काफी गरम हो रही थी। उन्होंने अपर्णा का हाथ इतनी ताकत से दबाया था की अपर्णा को ऐसा लगा जैसे परदे के दृश्य के अलावा भी श्रेया को कुछ कुछ हो रहा था। अपर्णा ने अपने पति रोहित की और देखना चाहा पर वह साफ़ दिखाई नहीं दे रहे थे। परदे पर दोनों पति पत्नी कार में कहीं जा रहे थे की उनकी कार का भयानक एक्सीडेंट हुआ और उस एक्सीडेंट में लड़के को सर पर काफी चोट लगी जिसके कारण उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। लड़की कार में से उछल कर बाहर गिर गयी पर उसे भी चोट आयी पर वह हॉस्पिटल में ठीक होने लगी।
उनके पडोसी युवक ने दोनों पति पत्नी की हॉस्पिटल में काफी देखभाल की। वह उनके लिए खाना लाता था और लड़की के ठीक होने पर वह उसके पति की देख भाल में पूरी रात बैठा रहता था। डॉक्टरों ने लड़की से कहा की उसके पति का मानसिक संतुलन ठीक हो सकता है अगर उसकी प्यार से परवरिश की जाए और उसे प्यार दिया जाए। मानसिक असन्तुलन के कारण लड़की के पति की सेक्स की भूख एकदम बढ़ गयी थी। उसे सेक्स करने की इच्छा दिन ब दिन प्रबल होती जा रही थी। वह सुबह हो या दुपहर, शाम हो या रात लड़की का पति लड़की को बड़ी ही असंवेदन-शीलता से यूँ कहिये की असभ्यता से चोदता था। उसके चोदने में कोमलता, प्यार और संवेदन-शीलता नहीं होती थी। लड़की भी अपने पति के जुर्म इस उम्मीद में सहन कर लेती थी की कभी ना कभी वह ठीक हो जाएगा। हॉस्पिटल से घर आने के बाद पति का व्यवहार अपनी पत्नी के साथ बड़ा ही असभ्य था। वह उसे चुदाई करते हुए मारता रहता था या फिर गालियां देता रहता था। पडोसी युवक सुनता पर क्या करता? फिल्म में लड़की और उसके पति के चुदाई के द्रश्य भी अति उत्तेजक शैली से फिल्माए गए थे जिसके कारण देखने वालों की हालत पतली हो रही थी। रोहित ने भी कर्नल साहब की पत्नी का हाथ पकड़ा हुआ था और उसे खिंच कर अपने लण्ड पर रख दिया था। श्रेया ने रोहित का लण्ड का फुला हुआ हिस्सा पतलून के ऊपर से महसूस किया तो वह भी अपने आपको रोक ना सकी और उसने रोहित के लण्ड को पतलून के ऊपर से पकड़ कर हिलाना शुरू किया। रोहित का हाथ कर्नल साहब की बीबी श्रेया की गोद में खेल रहा था।
परदे पर हर पल बढ़ते जाते उत्तेजक दृश्य से रोहित और श्रेया की धड़कनों की रफ़्तार धीमा होने का नाम नहीं ले रही थी। रोहित जी का हाथ अपनी गोद में महसूस कर श्रेया के ह्रदय की धड़कनें इतने जोर से धड़क रहीं थीं की श्रेया डर रही थी की कहीं उसकी नसें इस उत्तेजना में फट ना जाएँ। उसी उत्तेजना में श्रेया रोहित के लण्ड को पतलून के ऊपर से ही धीरे से सहला रही थी। शायद उसे रोहित जी को अपने मन की बात का संकेत देना था।
उनके पडोसी युवक ने दोनों पति पत्नी की हॉस्पिटल में काफी देखभाल की। वह उनके लिए खाना लाता था और लड़की के ठीक होने पर वह उसके पति की देख भाल में पूरी रात बैठा रहता था। डॉक्टरों ने लड़की से कहा की उसके पति का मानसिक संतुलन ठीक हो सकता है अगर उसकी प्यार से परवरिश की जाए और उसे प्यार दिया जाए। मानसिक असन्तुलन के कारण लड़की के पति की सेक्स की भूख एकदम बढ़ गयी थी। उसे सेक्स करने की इच्छा दिन ब दिन प्रबल होती जा रही थी। वह सुबह हो या दुपहर, शाम हो या रात लड़की का पति लड़की को बड़ी ही असंवेदन-शीलता से यूँ कहिये की असभ्यता से चोदता था। उसके चोदने में कोमलता, प्यार और संवेदन-शीलता नहीं होती थी। लड़की भी अपने पति के जुर्म इस उम्मीद में सहन कर लेती थी की कभी ना कभी वह ठीक हो जाएगा। हॉस्पिटल से घर आने के बाद पति का व्यवहार अपनी पत्नी के साथ बड़ा ही असभ्य था। वह उसे चुदाई करते हुए मारता रहता था या फिर गालियां देता रहता था। पडोसी युवक सुनता पर क्या करता? फिल्म में लड़की और उसके पति के चुदाई के द्रश्य भी अति उत्तेजक शैली से फिल्माए गए थे जिसके कारण देखने वालों की हालत पतली हो रही थी। रोहित ने भी कर्नल साहब की पत्नी का हाथ पकड़ा हुआ था और उसे खिंच कर अपने लण्ड पर रख दिया था। श्रेया ने रोहित का लण्ड का फुला हुआ हिस्सा पतलून के ऊपर से महसूस किया तो वह भी अपने आपको रोक ना सकी और उसने रोहित के लण्ड को पतलून के ऊपर से पकड़ कर हिलाना शुरू किया। रोहित का हाथ कर्नल साहब की बीबी श्रेया की गोद में खेल रहा था।
परदे पर हर पल बढ़ते जाते उत्तेजक दृश्य से रोहित और श्रेया की धड़कनों की रफ़्तार धीमा होने का नाम नहीं ले रही थी। रोहित जी का हाथ अपनी गोद में महसूस कर श्रेया के ह्रदय की धड़कनें इतने जोर से धड़क रहीं थीं की श्रेया डर रही थी की कहीं उसकी नसें इस उत्तेजना में फट ना जाएँ। उसी उत्तेजना में श्रेया रोहित के लण्ड को पतलून के ऊपर से ही धीरे से सहला रही थी। शायद उसे रोहित जी को अपने मन की बात का संकेत देना था।