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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
#30
अपर्णा की नोकीली नाक ऐसे लगती थी जैसे उन्हें किसी उमदा चित्रकार ने बड़े प्यार और ध्यान से बनाया हो। शर्म से हँसने के लिए आतुर हों ऐसे आधे खुले हुए होँठ की पंखुड़ियां जैसे तीर छोड़ने के बाद के धनुष्य के सामान दिख रहे थे। छोटी सी चोली के तले से निचे अपर्णा की नंगी कमर के सारे उतार चढ़ाव और घुमाव इतने लुभावने एवं कामुक थे की कर्नल साहब की नजरें वहाँ से हटने का नाम नहीं ले रही थीं। स्कर्ट का छोर घुटनों से काफी ऊपर होने के कारण अपर्णा की मुलायम, सपाट, सुआकार और चिकनी जाँघें देखते ही बनती थी। किसी भी मर्द की नजरें जब उनपर पड़ेंगी तो जाहिर है, फिर वही समंदर के किनारे तक पहुंचकर पानी में डूब जाने वाली निराशा दिमाग पर हावी हो जाएगी।


जब अपर्णा ने कर्नल साहब को देखा तो अपने चमकते दाँत खोल कर सुन्दर मुस्कान दी और दोनों हाथ जोड़ कर नमस्ते करते हुए बोली, "आपको इंतजार कराने के लिए माफ़ करें जीतूजी।"फिर जीतूजी की पत्नी श्रेया की और मुड़कर उनके हाथ थाम कर बोली, "श्रेया जी आप बड़ी खूबसूरत लग रही हो।"

श्रेया ने पट से पलटवार किया और बोली, "कहर तो आप ढा रही हो अपर्णा। आज तो तुम्हें देख कर कई मर्द लोग घायल हो जाएंगे।" फिर अपने पति की अपर्णा के बदन पर गड़ी हुई निगाहें देख कर बोली, "तुम्हारे निचे उतरते ही घायलों की गिनती शुरू हो चुकी है।

शायद बाकी तीनों ने श्रेया के उस कटाक्ष को सूना नहीं या फिर उसपर ध्यान नहीं दिया। पर रोहित का पूरा ध्यान श्रेया के बदन पर केंद्रित था। कर्नल साहब की पत्नी श्रेया ने टाइट स्लैक्स और ऊपर टाइट टॉप पहन रखी थी। इससे उनके स्तनों का उभार भी अच्छे खासे मर्दों का लण्ड खड़ा करने के काबिल था। सबसे खूबसूरत श्रेया के सुआकार कूल्हे (जो की बिलकुल ही ज्यादा बड़े नहीं थे) टाइट स्लैक्स में बड़े उन्नत बाहर निकले हुए लग रहे थे। दोनों जाँघों के बिच की दरार रोहित की आँखों को बेचैन करने में सक्षम थीं। दोनों जनाब एक दूसरे की बीबी को पूरी कामुकता से नजरें चुराकर देख रहे थे। पर भला बीबियों से यह कहाँ छुपता? जब कर्नल साहब की बीबी श्रेया के बार बार गला खुंखारने पर भी कर्नल साहब रोहित की बीबी अपर्णा के बदन पर से अपनी नजरें हटा नहीं पाए तो उस ने धीरे से अपने शौहर को अपनी कोहनी मारकर अवगत कराया की वह बाहर काफी लोग आसपास खड़े हैं और बेहतर है वह सज्जनता के दायरे में ही रहें। अपर्णा तो बेचारी श्रेया के पति जीतूजी की लोलुप नजरें जो उसके बदन का पूरा मुआइना कर रहीं थी, उसे देखकर सकुचा और सहमा कर शर्म के मारे इधर उधर नजरें घुमा कर यह जताने की कोशिश कर रही थी की जैसे उसने कर्नल साहब की नजरों को देखा ही नहीं। उसे समझ नहीं रहा था की ऐसे कपडे पहनने के बाद वह अपना बदन कैसे छुपाए? इतनी गर्मी और उमस होते हुए भी, रोहित की बीबी श्रेया ने अपने पास रखी हुई एक शाल शर्म के मारे अपने कंधे पर डाल दी और अपनी छाती को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी।
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 25-12-2019, 07:36 PM



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