25-12-2019, 07:30 PM
कई बार अपनी पत्नी को कितनी मिन्नतें करने के बाद भी रोहित अपनी पत्नी को मौखिक चुदाई करने के लिए तैयार नहीं कर पाता था। पर उस रात अपर्णा ने स्वतः ही रोहित के लण्ड को चूस कर उसका वीर्य निकाल कर उसे मंत्रमुग्ध कर दिया था। रोहित समझ ने कोशिश कर रहा था की इसका क्या ख़ास कारण था। रोहित को लगा की कहीं ना कहीं कर्नल साहब का भी कुछ ना कुछ योगदान इसमें था जरूर। दोनों पति पत्नी इतनी मशक्कत करने के बाद आराम के लिए बिस्तर पर कुछ देर तक चुपचाप पड़े रहे।
अपर्णा ने अपना गाउन अपनी जाँघों के भी ऊपर किया और अपने पति की दोनों टांगों को अपनी टांगों में लेकर बोली, "पति देव, कैसा लगा?" रोहित की आँखें तो अपनी बीबी की नंगी चूत देख कर वहाँ से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी। अपर्णा ने जानबूझ कर अपनी खूबसूरत हलके बालों को सावधानी से छँटाई कर सजी हुई चूत अपने पति के दर्शन के लिए खोल दी थी। अपर्णा बड़े ही रूमानी मूड़ में थी। उसकी चूत अपने पति से अच्छी खासी चुदाई करवाने की इच्छा से मचल रही थी। उसकी चूत की फड़कन रुकने का नाम नहीं ले रही थी। अब उसे अपने पति को दोबारा तैयार करना था। पति का हाल में स्खलन हुआ था और अब उसके लिए तैयार होना शायद मुश्किल ही था। पर अपर्णा को चुदाई की जबरदस्त ललक लगी थी। वह अपने पति का लंबा और मोटा लण्ड से अपनी चूत की प्यास को शांत करने की फ़िराक में थी। काफी समयके बाद अपनी पत्नी की ऐसी ललक रोहित को काफी रोमांचित कर उठी। रोहित को याद नहीं था की पिछली बार कब उनकी पत्नी इतनी उत्तेजित हुई थी। उन्होंने जहां तक याद था उसे कभी भी इस तरह चुदाई के लिए बेबाक नहीं पाया था। क्या कर्नल साहब की बात सुनकर वह ऐसी उत्तेजित हो गयी थी? या फिर अपने पति पर ज्यादा ही प्यार आ गया, अचानक? खैर जो भी हो। रोहित को भी अपनी पत्नी को इतना गरम देख कर उत्तेजना हुई। उपरसे अपर्णा उनका लण्ड जो इतने प्यार से सेहला रही थी उसका असर तो होना ही था। रोहित का लण्ड कड़क होने लगा। जैसे रोहित का लण्ड कड़क होने लगा वैसे वैसे अपर्णा ने भी रोहित के लण्ड को हिलाने की फुर्ती बढ़ा दी। देखते ही देखते रोहित का लण्ड एक बार फिर एकदम सख्त और ठोस हो गया। अब उसमें टिकने की क्षमता भी तो ज्यादा होने वाली थी, क्यूंकि एक बार झड़ने के बार वीर्य स्खलन होने में भी थोड़ा समय तो लगता ही है। जैसे ही अपर्णा ने देखा की उसके पति एक बार फिर तैयार हो गए हैं, तो वह धीरे से खिसक कर पलंग पर लेट गयी और अपने पति को उपर चढ़ ने के लिए इशारा किया।
रोहित अपना लंबा फैला हुआ लौड़ा लेकर खड़ा हुआ। उसने अपनी खूबसूरत पत्नी को ऐसे नंगा लेटे हुए देखा तो वह देखता ही रह गया। शादी के इतने सालों के बाद भी अपर्णा के पुरे बदन पर कही भी चरबी का नामो निशान नहीं था। उसकी कमर वैसी ही थी जैसी उनकी शादी के समय थी। उसके पेट का निचे का हिस्सा थोड़ा सा उभरा हुआ जरूर था। पर वह तो हर स्त्री को होता ही है। अपर्णा की चूत साफ़ की हुई दोनों जाँघों के बिच ऐसी छुपी हुई थी जैसे अपने पति का लण्ड देख कर शर्मा रही हो। रोहित ने झुक कर अपनी बीबी की गीली चूत पर अपना लण्ड कुछ पल रगड़ा। इससे वह स्निग्ध हो गया। अब उस लण्ड को चूत के प्रवेशद्वार में घुसनेमें कोई दिक्कत नहीं होगी। रोहित ने अपर्णा के दोनों स्तनों को अपने हाथों में पकड़ा और उन्हें दबा कर प्यारसे मसलने लगा। अपनी पत्नी की फूली निप्पलोंको उँगलियों में ऐसे दबाने लगा जैसे उनमें दूध भरा हो और उनमें से दूध की पिचकारी की धार फुट निकलने वाली हो। दूसरे हाथ से वह अपनी बीबी के कूल्हों को अपनी उँगलियों से दबा रहा था।
अपर्णा ने अपना गाउन अपनी जाँघों के भी ऊपर किया और अपने पति की दोनों टांगों को अपनी टांगों में लेकर बोली, "पति देव, कैसा लगा?" रोहित की आँखें तो अपनी बीबी की नंगी चूत देख कर वहाँ से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी। अपर्णा ने जानबूझ कर अपनी खूबसूरत हलके बालों को सावधानी से छँटाई कर सजी हुई चूत अपने पति के दर्शन के लिए खोल दी थी। अपर्णा बड़े ही रूमानी मूड़ में थी। उसकी चूत अपने पति से अच्छी खासी चुदाई करवाने की इच्छा से मचल रही थी। उसकी चूत की फड़कन रुकने का नाम नहीं ले रही थी। अब उसे अपने पति को दोबारा तैयार करना था। पति का हाल में स्खलन हुआ था और अब उसके लिए तैयार होना शायद मुश्किल ही था। पर अपर्णा को चुदाई की जबरदस्त ललक लगी थी। वह अपने पति का लंबा और मोटा लण्ड से अपनी चूत की प्यास को शांत करने की फ़िराक में थी। काफी समयके बाद अपनी पत्नी की ऐसी ललक रोहित को काफी रोमांचित कर उठी। रोहित को याद नहीं था की पिछली बार कब उनकी पत्नी इतनी उत्तेजित हुई थी। उन्होंने जहां तक याद था उसे कभी भी इस तरह चुदाई के लिए बेबाक नहीं पाया था। क्या कर्नल साहब की बात सुनकर वह ऐसी उत्तेजित हो गयी थी? या फिर अपने पति पर ज्यादा ही प्यार आ गया, अचानक? खैर जो भी हो। रोहित को भी अपनी पत्नी को इतना गरम देख कर उत्तेजना हुई। उपरसे अपर्णा उनका लण्ड जो इतने प्यार से सेहला रही थी उसका असर तो होना ही था। रोहित का लण्ड कड़क होने लगा। जैसे रोहित का लण्ड कड़क होने लगा वैसे वैसे अपर्णा ने भी रोहित के लण्ड को हिलाने की फुर्ती बढ़ा दी। देखते ही देखते रोहित का लण्ड एक बार फिर एकदम सख्त और ठोस हो गया। अब उसमें टिकने की क्षमता भी तो ज्यादा होने वाली थी, क्यूंकि एक बार झड़ने के बार वीर्य स्खलन होने में भी थोड़ा समय तो लगता ही है। जैसे ही अपर्णा ने देखा की उसके पति एक बार फिर तैयार हो गए हैं, तो वह धीरे से खिसक कर पलंग पर लेट गयी और अपने पति को उपर चढ़ ने के लिए इशारा किया।
रोहित अपना लंबा फैला हुआ लौड़ा लेकर खड़ा हुआ। उसने अपनी खूबसूरत पत्नी को ऐसे नंगा लेटे हुए देखा तो वह देखता ही रह गया। शादी के इतने सालों के बाद भी अपर्णा के पुरे बदन पर कही भी चरबी का नामो निशान नहीं था। उसकी कमर वैसी ही थी जैसी उनकी शादी के समय थी। उसके पेट का निचे का हिस्सा थोड़ा सा उभरा हुआ जरूर था। पर वह तो हर स्त्री को होता ही है। अपर्णा की चूत साफ़ की हुई दोनों जाँघों के बिच ऐसी छुपी हुई थी जैसे अपने पति का लण्ड देख कर शर्मा रही हो। रोहित ने झुक कर अपनी बीबी की गीली चूत पर अपना लण्ड कुछ पल रगड़ा। इससे वह स्निग्ध हो गया। अब उस लण्ड को चूत के प्रवेशद्वार में घुसनेमें कोई दिक्कत नहीं होगी। रोहित ने अपर्णा के दोनों स्तनों को अपने हाथों में पकड़ा और उन्हें दबा कर प्यारसे मसलने लगा। अपनी पत्नी की फूली निप्पलोंको उँगलियों में ऐसे दबाने लगा जैसे उनमें दूध भरा हो और उनमें से दूध की पिचकारी की धार फुट निकलने वाली हो। दूसरे हाथ से वह अपनी बीबी के कूल्हों को अपनी उँगलियों से दबा रहा था।