25-12-2019, 07:29 PM
अपर्णा ने अपने पति रोहित की और देखा। उसे अपने पति पर गर्व हुआ। रोहित उसका कितना ख्याल रखता है, यह सोचकर उसे अपने पति पर अनायास ही प्यार उमड़ा। उसने रोहित का हाथ थाम कर कहा, "आप की बात सही है। मुझे गणित से सख्त नफ़रत थी। पर अब कर्नल साहब की महेनत के कारण मुझे गणित अच्छा लगने लगा है, बल्कि मुझे गणित से प्यार होने लगा है। मैं कितनी भाग्य शाली हूँ की मुझे जीतूजी जैसे गुरु मिले और आप जैसे पति मिले।" रोहित ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा, "देखो वह तुम्हारे गुरु हैं। गुरु भगवान् के समान होता है। वह तुम्हारी तरक्की से खुश होते हैं और तुम्हारी कमियों से नाराज होते हैं। यह स्वाभाविक है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। बल्की यह अच्छा है की वह यह सब करते हैं, क्यूंकि यह दर्शाता है की वह तुम्हारी पढ़ाई में पूरा ध्यान लगाते हैं। अगर तुमने उनको रोकने या टोकने की कोशिश की तो हो सकता है वह थोड़े से निराश या हताश हों। उस कारण उनका मन तुम्हें पढ़ाने में से हट जाए और उसका प्रभाव तुम्हारी पढ़ाई पर पडेगा। तुम्हें तो चाहिए की तुम उनका उत्साह बढ़ाओ। उनका और भी साथ दो और एक अच्छे विद्यार्थी की तरह उनकी आलोचना और सजा को स्वीकारो और उनकी शाबाशी भरे उल्लास का सम्मान करो। उनमें कोई दोष ना देखो। वह एक गुरु या शिक्षक का अपने विद्यार्थी के प्रति प्यार और सम्मान का प्रतिक है। इसका तुम्हें गर्व होना चाहिए।"
अपने पति की ऐसी सिख सुनकर अपर्णा खुश तो हुई पर उसे थोड़ा आश्चर्य भी हुआ। उसने पूछा, "पर रोहित, यह तो गलत है ना? अगर बात छेड़छाड़ से आगे बढ़ गयी तो? कहीं कर्नल साहब ने कुछ ऐसी वैसी हरकत की तो? फिर क्या होगा?" रोहित ने कहा, "अरे डार्लिंग तुम बहुत ज्यादा सोचती हो। वह कभी ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो आपको पसंद नहीं होगा। मैं नहीं मानता की वह कोई जबरदस्ती करने वालों में से हैं। और फिर ऐसी वैसी हरकत वह क्या कर सकते हैं? क्या तुम्हें लगता है वह तुम्हें चोदना चाहेंगे?" अपर्णा ने कहा, "यह आप क्या बकवास करते हो? भला ऐसा आप कैसे कह सकते हो?" रोहित ने कहा, "देखो डार्लिंग, वह एक मर्द है। हर मर्द की नजर दूसरे की बीबी पर रहती ही है। ख़ास कर जब वह बला की खूबसूरत हो, जैसे की तुम हो। सच कहूं तो हर मर्द दूसरे की खूबसूरत बीबी को चोदने के सपने देखता ही रहता है।" अपने पति रोहित के मुंह से ऐसे शब्द निकल ते ही अपर्णा एकदम सकपका गयी और स्तब्ध हो गयी। वह अपने पति के चेहरे को देखने लगी। कहीं उसके पति कर्नल साहब से जल तो नहीं रहे? कहीं उनको उसके और कर्नल साहब के रिश्ते पर कोई शक तो नहीं हो रहा? अनजाने में ही रोहित की पत्नी के चेहरे पर लज्जा और शर्म की लालिमा छा गयी। अपने पति के मुह से कर्नल साहब और खुद के सम्बन्ध की एक बात सुन कर ही अपर्णा के झनझना सा उठा l कहीं उसके पति कर्नल साहब से जल तो नहीं रहे? कहीं उनको उसके और कर्नल साहब के रिश्ते पर कोई शक तो नहीं हो रहा? अनजाने में ही रोहित की पत्नी के चेहरे पर लज्जा और शर्म की लालिमा छा गयी। उसने झिझकते घबराते हुए पूछा, "डार्लिंग तुम मेरे और कर्नल साहब के रिश्ते के बारे में कहीं गलत तो नहीं सोच रहे?"
रोहित जोरदार ठहाका लगा कर हंसने लगा। उसने कहा, "नहीं डार्लिंग नहीं। ऐसा बिलकुल नहीं है। तुम ऐसा सोच भी कैसे सकती हो? क्या मेरे कहने का यह मतलब था? मैं तो जो मर्दों के मन के भाव होते हैं वह तुम्हें बता रहा था, ताकि तुम कुछ गलत ना सोचो। तुम पर मुझे अपने से भी ज्यादा भरोसा है। और उससे भी कहीं ज्यादा मुझे कर्नल साहब पर भरोसा है। और हाँ डार्लिंग, एक बात और बताऊँ? मैं तुम्हें और कर्नल साहब को इतना चाहता हूँ की अगर ऐसा वैसा कुछ हो भी जाए तो यह ज़रा भी मत सोचना की मैं तुम पर कभी कोई तरह की आंच आने दूंगा।"
अपने पति की ऐसी सिख सुनकर अपर्णा खुश तो हुई पर उसे थोड़ा आश्चर्य भी हुआ। उसने पूछा, "पर रोहित, यह तो गलत है ना? अगर बात छेड़छाड़ से आगे बढ़ गयी तो? कहीं कर्नल साहब ने कुछ ऐसी वैसी हरकत की तो? फिर क्या होगा?" रोहित ने कहा, "अरे डार्लिंग तुम बहुत ज्यादा सोचती हो। वह कभी ऐसा कुछ नहीं करेंगे जो आपको पसंद नहीं होगा। मैं नहीं मानता की वह कोई जबरदस्ती करने वालों में से हैं। और फिर ऐसी वैसी हरकत वह क्या कर सकते हैं? क्या तुम्हें लगता है वह तुम्हें चोदना चाहेंगे?" अपर्णा ने कहा, "यह आप क्या बकवास करते हो? भला ऐसा आप कैसे कह सकते हो?" रोहित ने कहा, "देखो डार्लिंग, वह एक मर्द है। हर मर्द की नजर दूसरे की बीबी पर रहती ही है। ख़ास कर जब वह बला की खूबसूरत हो, जैसे की तुम हो। सच कहूं तो हर मर्द दूसरे की खूबसूरत बीबी को चोदने के सपने देखता ही रहता है।" अपने पति रोहित के मुंह से ऐसे शब्द निकल ते ही अपर्णा एकदम सकपका गयी और स्तब्ध हो गयी। वह अपने पति के चेहरे को देखने लगी। कहीं उसके पति कर्नल साहब से जल तो नहीं रहे? कहीं उनको उसके और कर्नल साहब के रिश्ते पर कोई शक तो नहीं हो रहा? अनजाने में ही रोहित की पत्नी के चेहरे पर लज्जा और शर्म की लालिमा छा गयी। अपने पति के मुह से कर्नल साहब और खुद के सम्बन्ध की एक बात सुन कर ही अपर्णा के झनझना सा उठा l कहीं उसके पति कर्नल साहब से जल तो नहीं रहे? कहीं उनको उसके और कर्नल साहब के रिश्ते पर कोई शक तो नहीं हो रहा? अनजाने में ही रोहित की पत्नी के चेहरे पर लज्जा और शर्म की लालिमा छा गयी। उसने झिझकते घबराते हुए पूछा, "डार्लिंग तुम मेरे और कर्नल साहब के रिश्ते के बारे में कहीं गलत तो नहीं सोच रहे?"
रोहित जोरदार ठहाका लगा कर हंसने लगा। उसने कहा, "नहीं डार्लिंग नहीं। ऐसा बिलकुल नहीं है। तुम ऐसा सोच भी कैसे सकती हो? क्या मेरे कहने का यह मतलब था? मैं तो जो मर्दों के मन के भाव होते हैं वह तुम्हें बता रहा था, ताकि तुम कुछ गलत ना सोचो। तुम पर मुझे अपने से भी ज्यादा भरोसा है। और उससे भी कहीं ज्यादा मुझे कर्नल साहब पर भरोसा है। और हाँ डार्लिंग, एक बात और बताऊँ? मैं तुम्हें और कर्नल साहब को इतना चाहता हूँ की अगर ऐसा वैसा कुछ हो भी जाए तो यह ज़रा भी मत सोचना की मैं तुम पर कभी कोई तरह की आंच आने दूंगा।"