25-12-2019, 07:26 PM
कर्नल साहब के आते ही रोहित ने सब के लिए अपनी अपनी पसंदीदा सख्त पेय पेश किये। अपर्णा गुजरात की थी सो उसने कुछ ख़ास गुजराती खाद्य पदार्थ कर्नल साहब और श्रेया के लये तैयार किये थे। कर्नल साहब के आग्रह पर अपर्णा ने भी श्रेया के साथ अपने गिलास में बियर डाली और सब ने चियर्स कर के छोटी चुस्की ली। कर्नल साहब किछ ख़ास ही मूड में लग रहे थे। आते ही जब रोहित की पत्नी अपर्णा और कर्नल की पत्नी श्रेया अकेले में मिले तो श्रेया ने बताया की जब कर्नल साहब थोड़े अच्छे मूड़ में हों तब रोहित की पत्नी अपर्णा कर्नल साहब को मौक़ा देख कर गणित सिखाने के बारे में पूछेगी।
एक पेग जब कर्नल साहब लगा चुके थे और कुछ रोमांटिक मूड़ में अपनी बीबी श्रेया के साथ छेड़ छाड़ कर रहे थे तब मौक़ा पाकर अपर्णा ने कर्नल साहब को गणित सिखाने के बारे में पूछा। श्रेया ने भी कर्नल साहब को हाँ करने के लिए रिक्वेस्ट की। जब कर्नल ने देखा की अपर्णा और श्रेया दोनों तैयार थे तब कर्नल अपर्णा को गणित पढ़ाने के लिए तैयार हो गए। कर्नल बोले, "भाई मैं गणित में मेरी कॉलेज और कॉलेज में टॉप रहा हूँ। मैंने शुरू में कॉलेज में गणित पढ़ाई है। (अपर्णा की और मुड़कर बोले) मैं तुम्हें ऐसे सिखाऊंगा की तुम भी गणित की मास्टर बन जाओगी। (फिर वह रुक कर बोले) पर हाँ, उसकी फीस देनी पड़ेगी।" उनकी बात सुनकर अपर्णा उछल पड़ी और बोली, "हमें मंजूर है, क्या फीस होगी?"
कर्नल साहब बोले, "वक्त आने पर मांग लूंगा।"
अपर्णा थोड़ी निराश सी लगी और बोली, "अरे! मुझे सस्पेंस में मत रखो। बोलो, क्या फीस चाहिए?"
कर्नल साहब ने कहा, "कुछ नहीं, कहना पर मांग लूंगा। चाय पिलानी पड़ेगी, अब तो यही चाहिए।"
अपर्णा ने कहा, "जैसा आप ठीक समझें।"
यह तय हुआ की अपर्णा को कर्नल साहब हर इतवार को दुपहर बारह बजे से हमारे घर में दो घंटे तक पढ़ाया करेंगे।
कर्नल साहब के जाने के बाद तो अपर्णा जैसे हवा में उड़ने लगी। उसे एक ऐसा शिक्षक मिला था जो ना सिर्फ उसे से पढ़ायेगा, बल्कि जो उसका आदर्श था और कोई फीस की भी उन्हें अपेक्षा नहीं थी। उस रात बिस्तर में रोहितने अपनी पत्नी अपर्णा से कहा, "तुम्हें क्या लगता है? कर्नल साहब हमसे तुम्हारी पढ़ाई के बदले में क्या मांगेंगे?" अपर्णा ने रोहित की और अजीब तरीके से देखते हुए कहा, "पर उन्होंने तो फीस के लिए कुछ कहा ही नहीं। वह मुफ्त में ही पढ़ाएंगे। उन्होंने तो सिर्फ चाय ही मांगी है।" रोहित ने कहा, "जानेमन एक बात समझो। मुफ्त हमेशा महँगा पड़ता है। जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता। इंसान को हर चीज़ की कीमत चुकानी पड़ती है।"
एक पेग जब कर्नल साहब लगा चुके थे और कुछ रोमांटिक मूड़ में अपनी बीबी श्रेया के साथ छेड़ छाड़ कर रहे थे तब मौक़ा पाकर अपर्णा ने कर्नल साहब को गणित सिखाने के बारे में पूछा। श्रेया ने भी कर्नल साहब को हाँ करने के लिए रिक्वेस्ट की। जब कर्नल ने देखा की अपर्णा और श्रेया दोनों तैयार थे तब कर्नल अपर्णा को गणित पढ़ाने के लिए तैयार हो गए। कर्नल बोले, "भाई मैं गणित में मेरी कॉलेज और कॉलेज में टॉप रहा हूँ। मैंने शुरू में कॉलेज में गणित पढ़ाई है। (अपर्णा की और मुड़कर बोले) मैं तुम्हें ऐसे सिखाऊंगा की तुम भी गणित की मास्टर बन जाओगी। (फिर वह रुक कर बोले) पर हाँ, उसकी फीस देनी पड़ेगी।" उनकी बात सुनकर अपर्णा उछल पड़ी और बोली, "हमें मंजूर है, क्या फीस होगी?"
कर्नल साहब बोले, "वक्त आने पर मांग लूंगा।"
अपर्णा थोड़ी निराश सी लगी और बोली, "अरे! मुझे सस्पेंस में मत रखो। बोलो, क्या फीस चाहिए?"
कर्नल साहब ने कहा, "कुछ नहीं, कहना पर मांग लूंगा। चाय पिलानी पड़ेगी, अब तो यही चाहिए।"
अपर्णा ने कहा, "जैसा आप ठीक समझें।"
यह तय हुआ की अपर्णा को कर्नल साहब हर इतवार को दुपहर बारह बजे से हमारे घर में दो घंटे तक पढ़ाया करेंगे।
कर्नल साहब के जाने के बाद तो अपर्णा जैसे हवा में उड़ने लगी। उसे एक ऐसा शिक्षक मिला था जो ना सिर्फ उसे से पढ़ायेगा, बल्कि जो उसका आदर्श था और कोई फीस की भी उन्हें अपेक्षा नहीं थी। उस रात बिस्तर में रोहितने अपनी पत्नी अपर्णा से कहा, "तुम्हें क्या लगता है? कर्नल साहब हमसे तुम्हारी पढ़ाई के बदले में क्या मांगेंगे?" अपर्णा ने रोहित की और अजीब तरीके से देखते हुए कहा, "पर उन्होंने तो फीस के लिए कुछ कहा ही नहीं। वह मुफ्त में ही पढ़ाएंगे। उन्होंने तो सिर्फ चाय ही मांगी है।" रोहित ने कहा, "जानेमन एक बात समझो। मुफ्त हमेशा महँगा पड़ता है। जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता। इंसान को हर चीज़ की कीमत चुकानी पड़ती है।"