25-12-2019, 07:26 PM
"कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - 02
इसके काफी दिनों तक कर्नल साहब कहीं बाहर दौरे पर चले गए। उनकी और रोहित की मुलाकात नहीं हो पायी। इस बिच अपर्णा ने बी.एड. का फॉर्म भरा। अपर्णा की सारे विषयों में बड़ी अच्छी तैयारी थी पर उसे गणित में बहुत दिक्कत हो रही थी। अपर्णा गणित में पहले से ही कमजोर थी। अपर्णा ने अपने पति रोहित से कहा, "रोहित, मैं गणित में कुछ कोचिंग लेना चाहती हूँ। मेरे लिए नजदीक में कहीं गणित का एक अच्छा शिक्षक ढूंढ दो ना प्लीज?" रोहित ने इधर उधर सब जगह पता किया पर कोई शिक्षक ना मिला। रोहित और अपर्णा से काफी परेशान थे क्यूंकि परीक्षा का वक्त नजदीक आ रहा था। उस दरम्यान अपर्णा की मुलाक़ात कर्नल साहब की पत्नी श्रेया से सब्जी मार्किट में हुई। दोनों मार्किट से वापस आते हुए बात करने लगीं तब सुनिता ने श्रेया को बताया की उसे गणित के शिक्षक की तलाश थी। तब श्रेया ने अपर्णा की और आश्चर्य से देखते हुए पूछा ",अपर्णा, क्या सच में तुम्हें नहीं मालुम की कर्नल साहब गणित के विषय में निष्णात माने जाते हैं? उन्हें गणित विषय में कई उपाधियाँ मिली हैं। पर यह मैं नहीं कह सकती की वह तुंम्हें सिखाने के लिए तैयार होंगें या नहीं। वह इतने व्यस्त हैं की गणित में किसीको ट्यूशन नहीं देते।" जब अपर्णा ने यह सूना तो वह ख़ुशी से झूम उठी। वह श्रेया के गले लग गयी और बोली, "श्रेया, आप मेहरबानी कर कर्नल साहब को मनाओ की वह मुझे गणित सिखाने के लिए राजी हो जाएं।" श्रेया अपर्णा के गाल पर चूँटी भरते हुए बोली, "यार कर्नल साहब तो तुम पर वैसे ही फ़िदा हैं। मुझे नहीं लगता की वह मना करेंगे। पर फिर भी मैं उनसे बात करुँगी।"
उस हफ्ते अपर्णा ने श्रेया और कर्नल साहब को डिनर पर आने के लिए दावत दी। तब कर्नल साहब ने रोहित के सामने एक शर्त रखी। पिछली बार रोहित की पत्नी अपर्णा ने कुछ भी सख्त पेय पिने से मना कर दिया था। कर्नल साहब ने कहा की आर्मी के हिसाब से यह एक तरह का अपमान तो नहीं पर अवमान गिना जाता है। कर्नल साहब का आग्रह था की अगर वह रोहित के घर आएंगे तो अपर्णा जी एक घूंट तो जरूर पियेंगी। अपनी पत्नी अपर्णा को रोहित ने कर्नल साहब के यह आग्रह के बारे में बताया तो अपर्णा ने मान लिया की वह कर्नल साहब का मन रखने के लिए एकाध बियर पी लेगी। रोहित ने कर्नल साहब का आग्रह स्वीकार कर लिया। उसे किसी आर्मी वाले से ही पता लग गया था की ऐसा आग्रह होने पर महिलाएं ना भी पीती हों तो दिखाने के लिए ही सही पर एक छोटा सा पेग ले लेती हैं और थोड़ा बहुत पीती हैं या फिर पिने के बजाय उसको हाथों में लिए हुए घूमती रहती हैं। मौक़ा मिलने पर वह उसे अपने पति को दे देती है या फिर उसे कहीं ना कहीं (पेड़ पैधो में) निकास कर देती हैं। ऐसा भी नहीं की आर्मी में हर कोई महिला शराब नहीं पीती। कुछ महिलाएं अपने पति या मित्रों के साथ शराब पीती भी हैं और उनमें से कुछ कुछ तो टुन्न भी हो जाती हैं। पर ऐसा कोई कोई बार ही होता है। कर्नल साहब ने आते ही पहले रोहित को और बादमें अपर्णा को अपनी बाँहों में भर लिया। अपर्णा भी कर्नल साहब से गले मिलकर बड़ी प्रसन्न लग रही थी। कर्नल साहब की पत्नी श्रेया और रोहित ने भी यह देखा। रोहित और अपर्णा ने भी कर्नल साहब और श्रेया की आवभगत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कर्नल साहब की तरह ही उन्होंने भी टेबल पर अलग अलग किस्म के सख्त पेय रखे थे और साथ में भांतिभांति के खाद्य नमकीन इत्यादि भी रख दिए गए थे।
इसके काफी दिनों तक कर्नल साहब कहीं बाहर दौरे पर चले गए। उनकी और रोहित की मुलाकात नहीं हो पायी। इस बिच अपर्णा ने बी.एड. का फॉर्म भरा। अपर्णा की सारे विषयों में बड़ी अच्छी तैयारी थी पर उसे गणित में बहुत दिक्कत हो रही थी। अपर्णा गणित में पहले से ही कमजोर थी। अपर्णा ने अपने पति रोहित से कहा, "रोहित, मैं गणित में कुछ कोचिंग लेना चाहती हूँ। मेरे लिए नजदीक में कहीं गणित का एक अच्छा शिक्षक ढूंढ दो ना प्लीज?" रोहित ने इधर उधर सब जगह पता किया पर कोई शिक्षक ना मिला। रोहित और अपर्णा से काफी परेशान थे क्यूंकि परीक्षा का वक्त नजदीक आ रहा था। उस दरम्यान अपर्णा की मुलाक़ात कर्नल साहब की पत्नी श्रेया से सब्जी मार्किट में हुई। दोनों मार्किट से वापस आते हुए बात करने लगीं तब सुनिता ने श्रेया को बताया की उसे गणित के शिक्षक की तलाश थी। तब श्रेया ने अपर्णा की और आश्चर्य से देखते हुए पूछा ",अपर्णा, क्या सच में तुम्हें नहीं मालुम की कर्नल साहब गणित के विषय में निष्णात माने जाते हैं? उन्हें गणित विषय में कई उपाधियाँ मिली हैं। पर यह मैं नहीं कह सकती की वह तुंम्हें सिखाने के लिए तैयार होंगें या नहीं। वह इतने व्यस्त हैं की गणित में किसीको ट्यूशन नहीं देते।" जब अपर्णा ने यह सूना तो वह ख़ुशी से झूम उठी। वह श्रेया के गले लग गयी और बोली, "श्रेया, आप मेहरबानी कर कर्नल साहब को मनाओ की वह मुझे गणित सिखाने के लिए राजी हो जाएं।" श्रेया अपर्णा के गाल पर चूँटी भरते हुए बोली, "यार कर्नल साहब तो तुम पर वैसे ही फ़िदा हैं। मुझे नहीं लगता की वह मना करेंगे। पर फिर भी मैं उनसे बात करुँगी।"
उस हफ्ते अपर्णा ने श्रेया और कर्नल साहब को डिनर पर आने के लिए दावत दी। तब कर्नल साहब ने रोहित के सामने एक शर्त रखी। पिछली बार रोहित की पत्नी अपर्णा ने कुछ भी सख्त पेय पिने से मना कर दिया था। कर्नल साहब ने कहा की आर्मी के हिसाब से यह एक तरह का अपमान तो नहीं पर अवमान गिना जाता है। कर्नल साहब का आग्रह था की अगर वह रोहित के घर आएंगे तो अपर्णा जी एक घूंट तो जरूर पियेंगी। अपनी पत्नी अपर्णा को रोहित ने कर्नल साहब के यह आग्रह के बारे में बताया तो अपर्णा ने मान लिया की वह कर्नल साहब का मन रखने के लिए एकाध बियर पी लेगी। रोहित ने कर्नल साहब का आग्रह स्वीकार कर लिया। उसे किसी आर्मी वाले से ही पता लग गया था की ऐसा आग्रह होने पर महिलाएं ना भी पीती हों तो दिखाने के लिए ही सही पर एक छोटा सा पेग ले लेती हैं और थोड़ा बहुत पीती हैं या फिर पिने के बजाय उसको हाथों में लिए हुए घूमती रहती हैं। मौक़ा मिलने पर वह उसे अपने पति को दे देती है या फिर उसे कहीं ना कहीं (पेड़ पैधो में) निकास कर देती हैं। ऐसा भी नहीं की आर्मी में हर कोई महिला शराब नहीं पीती। कुछ महिलाएं अपने पति या मित्रों के साथ शराब पीती भी हैं और उनमें से कुछ कुछ तो टुन्न भी हो जाती हैं। पर ऐसा कोई कोई बार ही होता है। कर्नल साहब ने आते ही पहले रोहित को और बादमें अपर्णा को अपनी बाँहों में भर लिया। अपर्णा भी कर्नल साहब से गले मिलकर बड़ी प्रसन्न लग रही थी। कर्नल साहब की पत्नी श्रेया और रोहित ने भी यह देखा। रोहित और अपर्णा ने भी कर्नल साहब और श्रेया की आवभगत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कर्नल साहब की तरह ही उन्होंने भी टेबल पर अलग अलग किस्म के सख्त पेय रखे थे और साथ में भांतिभांति के खाद्य नमकीन इत्यादि भी रख दिए गए थे।