25-12-2019, 07:25 PM
जब अपर्णा कर्नल साहब के साथ चाय लेकर मुस्काती हुई ड्राइंग रूम में वापस आयी तो उसे मुस्काती देख कर रोहित को यकीन ही नहीं हुआ की यह वही उसकी पत्नी अपर्णा थी जो चंद मिनट पहले अपना रोना रोक ही नहीं पा रही थी।
रोहित ने कर्नल साहब की और मुड़ कर कहा, "कर्नल साहब, आपने अपर्णा पर क्या जादू कर दिया? मुझे यकीन ही नहीं होता की आपने कैसे अपर्णा को मुस्काना सीखा दिया। मैं आपका बहुत बहुत शुक्र गुजार हूँ। अपर्णा को मुस्कराना सीखा कर आज आपने मेरी जिंदगी में नया रंग भर दिया है। आपने तो मेरी बिगड़ी हुई जिंदगी बना दी मेरी परेशानी दूर कर दी।"
कर्नल साहब ने हंस कर कहा, "रोहित भाई, मैंने अपर्णा को हँसता कर दिया है इसका मतलब यह नहीं की आप उस पर अचानक ही चालु हो जाओ। रात को उसे ज्यादा परेशान मत करना। उसे थोड़ा आराम करने देना।"
कर्नल साहब की बात सुनकर रोहित हँस पड़ा।
रोहित की पत्नी अपर्णा शर्म से अपना मुंह चुनरी में छुपाती हुई रसोई की और भागते हुए बोली, "जीतूजी अब बस भी कीजिये। मेरी ज्यादा खिचाई मत करिये।"
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रोहित ने कर्नल साहब की और मुड़ कर कहा, "कर्नल साहब, आपने अपर्णा पर क्या जादू कर दिया? मुझे यकीन ही नहीं होता की आपने कैसे अपर्णा को मुस्काना सीखा दिया। मैं आपका बहुत बहुत शुक्र गुजार हूँ। अपर्णा को मुस्कराना सीखा कर आज आपने मेरी जिंदगी में नया रंग भर दिया है। आपने तो मेरी बिगड़ी हुई जिंदगी बना दी मेरी परेशानी दूर कर दी।"
कर्नल साहब ने हंस कर कहा, "रोहित भाई, मैंने अपर्णा को हँसता कर दिया है इसका मतलब यह नहीं की आप उस पर अचानक ही चालु हो जाओ। रात को उसे ज्यादा परेशान मत करना। उसे थोड़ा आराम करने देना।"
कर्नल साहब की बात सुनकर रोहित हँस पड़ा।
रोहित की पत्नी अपर्णा शर्म से अपना मुंह चुनरी में छुपाती हुई रसोई की और भागते हुए बोली, "जीतूजी अब बस भी कीजिये। मेरी ज्यादा खिचाई मत करिये।"
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