25-12-2019, 07:19 PM
श्रेया ने रोहितकी और शर्माते हुए तिरछी नज़रों से देखा और मुस्कुरायी और बोली, "वाह रे रोहित साहब, आप ने तो एक ही वाक्य में मुझे बहुत कुछ कह दिया! पहले तो आप ने बातों बातों में ही अपनी तुलना मेरे पति के साथ कर दी। फिर आपने मुझे सेक्सी भी कह डाला। और आखिर में आप ने यह भी कह दिया की आप मेरी और आकर्षित हैंl पर ज़रा ध्यान रखिये। आप कांटो की राह पर मत चलिए, कहीं पाँव में कांटें न चुभ जाएँ। आपका मुझे पता नहीं पर मेरे पति को आप नहीं जानते। वह इतने रोमांटिक हैं की अच्छी से अच्छी औरतें भी उनकी बातों में आ जाती हैं। देखिये कहीं आपकी पत्नी उनके चक्कर में ना फँसे।" रोहित जोर से हँस पड़ा। उसने पट से जवाब दिया, "मुझे कोई चिंता नहीं है श्रेया जी। पहले तो मैं मेरी पत्नी को बहुत अच्छी तरह जानता हूँ। वह ऐसे ही किसी की बातों में फँसने वाली नहीं है। दूसरे अगर मान भी लिया जाए की ऐसा कुछ हो सकता है तो आप हैं ना मेरा बीमा। अगर उन्होंने मेरी पत्नी को फाँस दिया तो वह कहाँ बचेंगे?" इतना कह कर रोहित चुप हो गया। श्रेया रोहित की बात जरूर समझ गयी होंगी, पर कुछ न बोली।
कर्नल साहब के घर पर हुई पहली मुलाकात के चंद दिन बाद रोहित की पत्नी अपर्णा के पिता, जो एक रिटायर्ड आर्मी अफसर थे, का हार्ट अटैक के कारण अचानक ही स्वर्गवास हो गया। अपर्णा का अपने पिता से काफी लगाव था। पिता के देहांत के पहले रोज अपर्णा उनसे बात करती रहती थी। देहांत के एक दिन पहले ही अपर्णा की पिताजी के साथ काफी लम्बी बातचीत हुई थी। पिताजी के देहांत का समाचार मिलते ही अपर्णा बेहोश सी हो गयी थी। रोहित बड़ी मुश्किल से उसे होश में ला पाया था। अपर्णा के लिए यह बहुत बड़ा सदमा था। अपर्णा की माताजी का कुछ समय पहले ही देहांत हुआ था। पिताजी ने कभी अपर्णा को माँ की कमी महसूस नहीं होने दी। रोहित अपनी पत्नी अपर्णा को लेकर अपने ससुराल पहुंचा। वहाँ भी अपर्णा के हाल ठीक नहीं थे। वह ना खाती थी ना कुछ पीती थी। पिताजी के क्रिया कर्म होने के बाद जब वह वापस आयी तो उसका मन ठीक नहीं था। रोहित ने अपर्णा का मन बहलाने की बड़ी कोशिश की पर फिर भी अपर्णा की मायूसी बरकरार थी। वह पिता जी की याद आने पर बार बार रो पड़ती थी। जब यह हादसा हुआ उस समय कर्नल साहब और उनकी पत्नी श्रेया दोनों श्रेया के मायके गए हुए थे। श्रेया अपने पिताजी के वहाँ थोड़े दिन रुकने वाली थी। जिस दिन कर्नल साहब अपनी पत्नी श्रेया को छोड़ कर वापस आये उसके दूसरे दिन कर्नल साहब की मुलाक़ात रोहित से घर के निचे ही हुई। कर्नल साहब अपनी कार निकाल रहे थे। वह कहीं जा रहे थे। रोहित को देख कर कर्नल साहब ने कार रोकी और रोहित से समाचार पूछा तो रोहित ने अपनी पत्नी अपर्णा के पिताजी के देहांत के बारे में कर्नल साहब को बताया।
कर्नल साहब सुनकर काफी दुखी हुए। उस समय ज्यादा बात नहीं हो पायी। उसी दिन शामको कर्नल साहब रोहित और अपर्णा के घर पहुंचे। श्रेया कुछ दिनों के लिए अपने मायके गयी थी।
कर्नल साहब के घर पर हुई पहली मुलाकात के चंद दिन बाद रोहित की पत्नी अपर्णा के पिता, जो एक रिटायर्ड आर्मी अफसर थे, का हार्ट अटैक के कारण अचानक ही स्वर्गवास हो गया। अपर्णा का अपने पिता से काफी लगाव था। पिता के देहांत के पहले रोज अपर्णा उनसे बात करती रहती थी। देहांत के एक दिन पहले ही अपर्णा की पिताजी के साथ काफी लम्बी बातचीत हुई थी। पिताजी के देहांत का समाचार मिलते ही अपर्णा बेहोश सी हो गयी थी। रोहित बड़ी मुश्किल से उसे होश में ला पाया था। अपर्णा के लिए यह बहुत बड़ा सदमा था। अपर्णा की माताजी का कुछ समय पहले ही देहांत हुआ था। पिताजी ने कभी अपर्णा को माँ की कमी महसूस नहीं होने दी। रोहित अपनी पत्नी अपर्णा को लेकर अपने ससुराल पहुंचा। वहाँ भी अपर्णा के हाल ठीक नहीं थे। वह ना खाती थी ना कुछ पीती थी। पिताजी के क्रिया कर्म होने के बाद जब वह वापस आयी तो उसका मन ठीक नहीं था। रोहित ने अपर्णा का मन बहलाने की बड़ी कोशिश की पर फिर भी अपर्णा की मायूसी बरकरार थी। वह पिता जी की याद आने पर बार बार रो पड़ती थी। जब यह हादसा हुआ उस समय कर्नल साहब और उनकी पत्नी श्रेया दोनों श्रेया के मायके गए हुए थे। श्रेया अपने पिताजी के वहाँ थोड़े दिन रुकने वाली थी। जिस दिन कर्नल साहब अपनी पत्नी श्रेया को छोड़ कर वापस आये उसके दूसरे दिन कर्नल साहब की मुलाक़ात रोहित से घर के निचे ही हुई। कर्नल साहब अपनी कार निकाल रहे थे। वह कहीं जा रहे थे। रोहित को देख कर कर्नल साहब ने कार रोकी और रोहित से समाचार पूछा तो रोहित ने अपनी पत्नी अपर्णा के पिताजी के देहांत के बारे में कर्नल साहब को बताया।
कर्नल साहब सुनकर काफी दुखी हुए। उस समय ज्यादा बात नहीं हो पायी। उसी दिन शामको कर्नल साहब रोहित और अपर्णा के घर पहुंचे। श्रेया कुछ दिनों के लिए अपने मायके गयी थी।


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