25-12-2019, 07:18 PM
रोहित और कर्नल साहब की पत्नी श्रेया ने जब राजकीय बातें शुरू की तो रोहित को पता चला की वह राजकीय हालात से भली भाँती वाकिफ थीं। बात करते हुए श्रेया ने कहा की वह काफी समय से रोहित से मिलने के लिए बड़ी उत्सुक थी। उसने रोहित की पत्नी अपर्णा से रोहित के बारे में सुना था। श्रेया ने रोहित के कई लेख पढ़े थे और वह रोहित की लिखनी से काफी प्रभावित थी।
जब रोहित ने श्रेया से बात शुरू की तब उसे पता चला की बाहर से एकदम गंभीर, संकोच-शील और अमिलनसार दिखने वाली श्रेया वाकई में काफी बोल लेती थी और कभी कभी मजाक भी कर लेती थी। जब उन्होंने पोलिटिकल विज्ञान और इतिहास की बातें शुरू की तो श्रेया अचानक वाचाल सी हो गयी। रोहित को ऐसा भी लगा की शायद अपने पति कर्नल साहब के प्रति उनके मन में कुछ रंजिश सी भी है। रोहित ने मन ही मन तय किया की वह जल्द ही पता करेगा की उन दोनों में रंजिश का क्या कारण हो सकता था। समय बीतता ही गया पर कर्नल साहब और रोहित की पत्नी अपर्णा को जैसे समय का कोई पता ही नहीं था। कर्नल साहब की बातें ख़तम होने का नाम नहीं ले रही थीं और अपर्णा एक के बाद एक बड़ी ही उत्सुकता से प्रश्न पूछ कर उनको गजब का प्रोत्साहन देरही थी। इधर रोहित और श्रेया की बातें जल्द ही ख़त्म हो गयीं। रोहित अपनी घडी को और देखने लगा तब श्रेया ने एक बात कही जिससे शायद श्रेया की रंजिश के बारे में रोहित को कुछ अंदाज हुआ। कर्नल साहब की पत्नी श्रेया ने कहा, "इनका (कर्नल साहब का) व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा अनोखा है की कोई भी सुन्दर स्त्री से यह जब बात करने लगते हैं तब उनकी बातें ख़तम ही नहीं होतीं। और जब कोई सुन्दर स्त्री उनसे बात करने लगती है तो वह स्त्री भी उनसे सवाल पूछते थकती नहीं है। इनकी बातें ही इतनी रसीली और नशीली होती हैं की बस।"
रोहित कर्नल साहब की बीबी श्रेया की बात सुनकर समझ नहीं पाया की श्रेया अपने पति की तारीफ़ कर रही थी या शिकायत। जाहिर है की पत्नी कितनी ही समझदार क्यों ना हो, कहीं ना कहीं जब किसी और औरत के साथ अपने पति के जुड़ने की बात आती है तो वह थोड़ा नकारात्मक तो हो ही जाती है। उनकी बात सुनकर रोहित हँस पड़ा और बोला, "देखिये ना श्रेया जी, हम दोनों भी तो काफी समय से बातचीत में इतने तल्लीन थे की समय का कोई ध्यान ही नहीं रहा। मैं भी आपके पति जैसा ही हूँ। बस एक फर्क है। आप जैसी खूबसूरत और सेक्सी औरत को देखकर मैं भी बोलता ही जा रहा हूँ। पर क्या इसमें मेरा कसूर है? कौन भला आपकी और आकर्षित नहीं होगा? मैं भी तो अपने आप पर नियत्रण नहीं रख पा रहा हूँ।" फिर थोड़ा रुक कर रोहित ने कहा, "श्रेया जी मेरी बात का कहीं आप बुरा तो नहीं मानेंगे ना?"
जब रोहित ने श्रेया से बात शुरू की तब उसे पता चला की बाहर से एकदम गंभीर, संकोच-शील और अमिलनसार दिखने वाली श्रेया वाकई में काफी बोल लेती थी और कभी कभी मजाक भी कर लेती थी। जब उन्होंने पोलिटिकल विज्ञान और इतिहास की बातें शुरू की तो श्रेया अचानक वाचाल सी हो गयी। रोहित को ऐसा भी लगा की शायद अपने पति कर्नल साहब के प्रति उनके मन में कुछ रंजिश सी भी है। रोहित ने मन ही मन तय किया की वह जल्द ही पता करेगा की उन दोनों में रंजिश का क्या कारण हो सकता था। समय बीतता ही गया पर कर्नल साहब और रोहित की पत्नी अपर्णा को जैसे समय का कोई पता ही नहीं था। कर्नल साहब की बातें ख़तम होने का नाम नहीं ले रही थीं और अपर्णा एक के बाद एक बड़ी ही उत्सुकता से प्रश्न पूछ कर उनको गजब का प्रोत्साहन देरही थी। इधर रोहित और श्रेया की बातें जल्द ही ख़त्म हो गयीं। रोहित अपनी घडी को और देखने लगा तब श्रेया ने एक बात कही जिससे शायद श्रेया की रंजिश के बारे में रोहित को कुछ अंदाज हुआ। कर्नल साहब की पत्नी श्रेया ने कहा, "इनका (कर्नल साहब का) व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा अनोखा है की कोई भी सुन्दर स्त्री से यह जब बात करने लगते हैं तब उनकी बातें ख़तम ही नहीं होतीं। और जब कोई सुन्दर स्त्री उनसे बात करने लगती है तो वह स्त्री भी उनसे सवाल पूछते थकती नहीं है। इनकी बातें ही इतनी रसीली और नशीली होती हैं की बस।"
रोहित कर्नल साहब की बीबी श्रेया की बात सुनकर समझ नहीं पाया की श्रेया अपने पति की तारीफ़ कर रही थी या शिकायत। जाहिर है की पत्नी कितनी ही समझदार क्यों ना हो, कहीं ना कहीं जब किसी और औरत के साथ अपने पति के जुड़ने की बात आती है तो वह थोड़ा नकारात्मक तो हो ही जाती है। उनकी बात सुनकर रोहित हँस पड़ा और बोला, "देखिये ना श्रेया जी, हम दोनों भी तो काफी समय से बातचीत में इतने तल्लीन थे की समय का कोई ध्यान ही नहीं रहा। मैं भी आपके पति जैसा ही हूँ। बस एक फर्क है। आप जैसी खूबसूरत और सेक्सी औरत को देखकर मैं भी बोलता ही जा रहा हूँ। पर क्या इसमें मेरा कसूर है? कौन भला आपकी और आकर्षित नहीं होगा? मैं भी तो अपने आप पर नियत्रण नहीं रख पा रहा हूँ।" फिर थोड़ा रुक कर रोहित ने कहा, "श्रेया जी मेरी बात का कहीं आप बुरा तो नहीं मानेंगे ना?"