25-12-2019, 07:16 PM
जिस दिन कर्नल साहब की औपचारिक रूप से रोहित और उसकी पत्नी अपर्णा से पहली बार रोहित और अपर्णा के घर में मुलाक़ात हुई और कर्नल साहब का पहले गरम और बाद में अपर्णा को देख कर नरम होना हुआ l उस रात को रोहित ने अपनी पत्नी अपर्णा को हलके फुल्के लहजे में कहा, "लगता है, कर्नल साहब पर तुम्हारा जादू चल गया है। आज तो तुम्हें वह बड़े घूर घूर कर देख रहे थे। तुम भी तो कर्नल साहब को देख कर चालु हो गयी थी, कहीं तुम भी तो?" अपर्णा हँस कर नकली गुस्से में रोहित की छाती पर हल्का सा घूँसा मार कर बोली, "धत्त! क्या पागलों जैसी बात कर रहे हो। ऐसी कोई बात नहीं है। कर्नल साहब हमारे पडोसी हैं। अगर मैं इतनी लम्बी और मोटी उनके सामने बैठूंगी या खड़ी रहूंगी, तो उनको मेरे अलावा कुछ दिखाई भी तो नहीं देगा। तब तो वह मुझे ही देखेंगे ना? तुम ना हर बार कुछ ना कुछ उलटा पुल्टा सोचते रहते हो। तुम्हें हमेशा कोई ना कोई नयी शरारत सूझती रहती है। वह बड़े चुस्त और तंदुरस्त हैं। रोज सुबह वह कैसी दौड़ लगाते हैं? और तुम? देखो तुम्हारी यह तोंद कैसी निकली हुई है? ज़रा कर्नल साहब से कुछ सीखो।" रोहित ने महसूस किया की उसकी बीबी अपर्णा भी कर्नल साहब के तेज तर्रार व्यक्तित्व और कसरत के कारण सुगठित बदन से काफी प्रभावित लग रही थी। कुछ देर बाद अपर्णा ने पूछ ही लिया, "कर्नल साहब क्या करते हैं?" रोहित ने कहा, "आर्मी में कर्नल हैं। बड़े ही सुसम्मानित अफसर हैं। उनको कई बड़े सम्मानों से नवाजा गया है। कहते हैं की लड़ाई में वह अपनी जान पर खेल जाते हैं। कई बार उन्होंने युद्ध में अकेले ही बड़ी से बड़ी चुनौतियों का मुकाबला किया है। कई मैडल उन्होंने इतनी कम उम्र में ही पा लिए हैं। जल्द ही हमें अब उनके घर जाना ही होगा। बाकी सब अगली बार उनसे मिलते ही या तो तुम उनसे सीधे ही पूछ लेना या फिर मैं उनको पूछ कर तुम्हें बता दूंगा।"
अपर्णा अपने पति की बात सुनकर थोड़ी सकपका गयी और बोली, "ऐसी कोई बात नहीं। मैं तो वैसे ही पूछ रही थी।" वैसे ही आते जाते जब भी कभी रोहित से मुलाकात होती तो कर्नल साहब उसे बड़े ही अंतरंग भाव से अपने घर आने का न्योता देना ना चूकते। एक रात को रोहित ने अपर्णा से कहा, "आज कर्नल साहब मिले थे। पहले उन्होंने कई बार मुझे तुम्हारे साथ उनके घर आने के लिए आग्रह किया था। पर आज तो वह अड़ ही गए। उन्होंने कहा की अगर हम उनके घर नहीं गए तो वह नाराज हो जाएंगे।" अपर्णा ने कहा, "हाँ, आज श्रेया जी भी मुझे मार्किट में मिली थीं। वह मुझे बड़ा आग्रह कर रही थी की हम उनके घर जाएँ। मुझे लगता है की अब हमें उनके घर जल्द ही जाना चाहिए।" रोहित और अपर्णा ने कर्नल साहब को फ़ोन कर अगले शुक्रवार की शाम उनके वहाँ पहुँचने का प्रोग्राम बनाया। उनके पहुँचते ही कर्नल साहबने व्हिस्की, रम, जिन, बियर इत्यादि पेय पेश किये, जबकि उनकी पत्नी श्रेया ने साथ साथ कुछ हलके फुल्के नमकीन आदि पहले से ही सजा के रखे हुए थे। कर्नल साहब और अपने पति रोहित के आग्रह के बावजूद, अपर्णा ने कोई भी कड़क पेय लेने से साफ़ मना कर दिया। हालांकि वह कभी कभी बियर पी लेती थी।
रोहित ने देखा की कर्नल साहब को यह अच्छा नहीं लगा पर वह चुप रहे। कर्नल साहब की पत्नी श्रेया ने सब का मन रखने के लिए एक ग्लास में बियर डाला। कर्नल साहब और रोहित ने व्हिस्की के गिलास भरे।
अपर्णा अपने पति की बात सुनकर थोड़ी सकपका गयी और बोली, "ऐसी कोई बात नहीं। मैं तो वैसे ही पूछ रही थी।" वैसे ही आते जाते जब भी कभी रोहित से मुलाकात होती तो कर्नल साहब उसे बड़े ही अंतरंग भाव से अपने घर आने का न्योता देना ना चूकते। एक रात को रोहित ने अपर्णा से कहा, "आज कर्नल साहब मिले थे। पहले उन्होंने कई बार मुझे तुम्हारे साथ उनके घर आने के लिए आग्रह किया था। पर आज तो वह अड़ ही गए। उन्होंने कहा की अगर हम उनके घर नहीं गए तो वह नाराज हो जाएंगे।" अपर्णा ने कहा, "हाँ, आज श्रेया जी भी मुझे मार्किट में मिली थीं। वह मुझे बड़ा आग्रह कर रही थी की हम उनके घर जाएँ। मुझे लगता है की अब हमें उनके घर जल्द ही जाना चाहिए।" रोहित और अपर्णा ने कर्नल साहब को फ़ोन कर अगले शुक्रवार की शाम उनके वहाँ पहुँचने का प्रोग्राम बनाया। उनके पहुँचते ही कर्नल साहबने व्हिस्की, रम, जिन, बियर इत्यादि पेय पेश किये, जबकि उनकी पत्नी श्रेया ने साथ साथ कुछ हलके फुल्के नमकीन आदि पहले से ही सजा के रखे हुए थे। कर्नल साहब और अपने पति रोहित के आग्रह के बावजूद, अपर्णा ने कोई भी कड़क पेय लेने से साफ़ मना कर दिया। हालांकि वह कभी कभी बियर पी लेती थी।
रोहित ने देखा की कर्नल साहब को यह अच्छा नहीं लगा पर वह चुप रहे। कर्नल साहब की पत्नी श्रेया ने सब का मन रखने के लिए एक ग्लास में बियर डाला। कर्नल साहब और रोहित ने व्हिस्की के गिलास भरे।