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Adultery कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED}
#5
और फिर अपर्णा की जबान बे लगाम शुरू हो गयी और कर्नल साहब उसकी हाँ में हाँ मिलाते बिना रोक टोक किये सुनते ही गए। वह भूल गए की उनको कहीं जाना था और उनकी पत्नी निचे कार के पास उन का इंतजार कर रही थी। जाहिर है उनको अपर्णा की बातों में कोई ख़ास दिलचश्पी नहीं थी। पर बात करते करते अपर्णा के हाथों की मुद्राएँ, बार बार अपर्णा की गालों पर लटक जाती जुल्फ को हटाने की प्यारी कवायद, आँखोंको मटकाने का तरिका, अपर्णा की अंगभंगिमा और उसके बदन की कामुकता ने उनका मन हर लिया था। जब रोहित अपनी कार हटा कर वापस आये तो कर्नल साहब की तंद्रा टूटी और अपर्णा की जबान रुकी।


रोहित ने देखा की अपर्णा ने कर्नल साहब को अपनी चबड चबड में फाँस लिया था तो वह बोले, "अरे जानू, कर्नल साहब जल्दी में हैं। उनको कहीं जाना है।" फिर कर्नल साहब की और मुड़कर रोहित ने कहा, "माफ़ कीजिये। अपर्णा जैसे ही कोई उसकी बातों में थड़ी सी भी दिलचश्पी दिखाता है तो शुरू हो जाती है और फिर रुकने का नाम नहीं लेती। लगता है उसने आप को बहुत बोर कर दिया।" कर्नल साहब अब एकदम बदल चुके थे। उन्होंने चाय का कप उठाया और बोले, "कोई बात नहीं। यह तो होता रहता है। कोई जल्दी नहीं है।" रोहित की और अपना एक हाथ आगे करते हुए बोले, "मैं कर्नल अभिजीत सिंह हूँ।" फिर वह अपर्णा की और घूमकर बोले, "और हाँ श्रेया मेरी पत्नी है। वह आपकी बड़ी तारीफ़ कर रही थी।" रोहित ने भी अपना हाथ आगे कर अपना परिचय देते हुए कहा, "मैं रोहित वर्मा हूँ। मैं एक साधारण सा पत्रकार हूँ। आप मुझे रोहित कह कर ही बुलाइये। और यह मेरी पत्नी अपर्णा है, जिनके बारे में तो आप जान ही चुके हैं।" रोहित ने हलके कटाक्ष के अंदाज से कहा। जैसे ही रोहित ने अपनी पहचान दी तो कर्नल साहब उछल पड़े और बोले, "अरे भाई साहब! क्या आप वही श्रीमान रोहित वर्मा हैं जिनकी कलम से हमारी मिनिस्ट्री भी डरती है?" रोहित ने कर्नल साहब का नाम एक सुप्रतिष्ठित और अति सम्मानित आर्मी अफसर के रूप में सुन रखा था। तो रोहित ने हँस कर कर्नल साहब से कहा, "कर्नल साहब आप क्या बात कर रहे हैं? आप ये कोई कम हैं क्या? मैं समझता हूँ आप जैसा शायद ही कोई सम्मानित आर्मी अफसर होगा। आप हमारे देश के गौरव हैं। और जहां तक मेरी बात है, तो आप देख रहे हैं। मेरी बीबी मुझे कैसे डाँट रही है? अरे भाई मेरी बीबी भी मुझसे डरती नहीं है। मिनिस्ट्री तो बहुत दूर की बात है।" रोहित की बात सुनकर सब जोर से हँस पड़े। चाय पीते ही मन ना करते हुए भी कर्नल साहब उठ खड़े हुए और बोले, "आप दोनों, प्लीज हमारे घर जरूर आइये। श्रेया को और मुझे भी बहुत अच्छा लगेगा।"

कर्नल साहब बाहर से कठोर पर अंदर से काफी मुलायम और संवेदनशील मिज़ाज के थे। यह बात को नकारा नहीं जा सकता की अपर्णा को देखते ही कर्नल साहब उसकी और आकर्षित हुए थे। अपर्णा का व्यक्तित्व था ही कुछ ऐसा। उपरसे कर्नल साहब का रंगीन मिजाज़। अपर्णा के कमसिन और खूब सूरत बदन के अलावा उसकी सादगी और मिठास कर्नल साहब के दिल को छू गयी थी। अपने कार्य कालमें उनकी जान पहचान कई अति खूबसूरत स्त्रियों से हुई थी। आर्मी अफसर की पत्नियाँ , बेटियाँ, उनकी रिश्तेदार और कई सामाजिक प्रसंगों में उनके मित्र और साथीदार महिलाओं से उनकी मुलाक़ात और जान पहचान अक्सर होती थी।

 
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RE: "कल हो ना हो" - पत्नी की अदला-बदली - {COMPLETED} - by usaiha2 - 25-12-2019, 06:56 PM



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