25-12-2019, 12:30 PM
(This post was last modified: 01-03-2021, 03:25 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मलाई , गाढ़ी , थक्केदार
जब उन्होंने देखा की मम्मी एकदम थेथर हो गयी हैं , तो बिना एक इंच भी बाहर निकाले उन्होंने आसन बदल लिया ,
अब मेरी सास बनी उनकी सास उनके नीचे , टाँगे , जाँघे एकदम फैली ,
और उन्होंने उनके चूतड़ के नीचे तकिया कुशन लगा के एकदम उठा दिया था ,
धक्के उनके अब रुके लेकिन होंठ और हाथ चालू हो गए ,
जिस जोबन के वो दीवाने थे ,
अब उनके होंठ के बीच , चुसूर चुसूर चूस रहे थे वो अपनी सास की चूँची ,
जीभ से निप्स फ्लिक करते और दूसरा जोबन उनके हाथ के नीचे कुचला मसला जा रहा था ,
लंड एकदम जड़ तक धंसा था , लोहे की तरह कड़ा ,
और दूसरा हाथ , अब पहले तो कुछ देर फैली जांघों को सहला रहे थे , और धीरे धीरे उनका हाथ जादू के बटन की ओर ,
क्लिट छेड़ने के मामले में तो वो एकदम एक्सपर्ट थे , ...
बस पहले तो उनका अंगूठा , कुछ देर तक तो मम्मी की क्लिट वो हलके हलके दबाते रहे फिर अंगूठे और तर्जनी के बीच ,
उनकी सास की हालत खराब , वो सिसक रही थीं चूतड़ पटक रही थीं , मोटा खूंटा दामाद का अंदर धंसा हुआ था ,
" करो न " हलके से वो बोलीं ,
लेकिन दामाद भी उनका अब एकदम उन्ही की तरह , ... उन्होंने निप्स और क्लिट दोनों कस कस के मसलना शुरू कर दिया ,
मम्मी को भी याद आया की वो तो इनकी माँ बनी है ,
एकदम मेरी सास की आवाज में ,
कोई कह नहीं सकता था की किसी और की आवाज है ,
" मुन्ना कर न , चोद न अपनी माँ को , "
बस फिर तो वो एकदम तूफ़ान मेल हो गए , धक्के पर धक्का , ...
" ले माँ , ले , घोंट पूरा , ... अपने मुन्ना का "
मम्मी नीचे से चूतड़ उठा उठा कर हर धक्के का जवाब जोर जोर धक्के से दे रही थीं ,
अपनी बाहों में उन्होंने अपने दामाद को भींच लिया था , उनके लम्बे नाख़ून उनके कंधो पर धंस रहे थे ,
और साथ में गालियां
" चोद स्साले चोद , देखती हूँ ताकत तेरी "
और अपनी समधन की ऐक्टिंग कर रही थी तो उन्हें मौका मिल गया , उनकी , मेरी सास की खिंचायी करने की बोलीं ,
" ,आह ओह्ह , ... जब पहली बार राखी के दिन तेरे मामा ने फाड़ी थी मेरी झिल्ली ,
उस दिन भी इतना दर्द नहीं हुआ था , ओह्ह चोद न कस कस के ,
इतने मर्दों से शादी के बाद मैंने चुदवाया , इत्ते लौंडो से शादी के पहले ,
लेकिन मुन्ना जो मजा तुझसे चुदवाने में आ रहा है , ... "
फिर तो उनका हर धक्का सीधे बच्चेदानी पर , ...
और मम्मी फिर थोड़े देर बाद झड़ने लगीं ,
पर अबकी न वो रुके न उन्होंने पोज बदला ,
पूरे आधे घंटे तक बिना रुके ,
मेरी मम्मी को अपनी माँ समझ कर चोदने के बाद ही वो झड़े ,
और देर तक ,
पूरी कटोरी भर मलाई छोड़ी उन्होंने अपनी सास की बुर के अंदर , ...
और मैंने लाइट जला दी , ...
लेकिन उनकी सास ने उन्हें छोड़ा नहीं , वो भी साथ साथ झड़ती रही ,
मेरी बात पर उन्हें यकीन नहीं आता था की उनका दमाद बिना मुझे तीन बार झाड़े कभी भी ,...
लेकिन आज वो खुद तीन बार तब उनके दामाद ने मलाई उनकी बिल में ऊगली थी।
बड़ी देर तक वो दोनों एक दूसरे को पकडे दबोचे लेटे रहे।
दो बार की मलाई उनकी सास की बुर में बजबजा रही थी ,
एक तो हर बार कम से कम कटोरी भर मलाई छोड़ते थे ,
और दूसरे उनकी सास ने , जब वो उनकी माँ बनी उनसे चुदवा रही थीं ,
दोनों बार की मलाई एक एक बूँद अपनी बुर में भींच के रोक रखी थी ,
बस जैसे ही वो अलग होने लगे , ...
मम्मी ने उन्हें खींच कर , सीधे उनका मुंह अपनी बुर पे , जिसमें से उनकी मलाई छलछला रही थी ,
और कस के अपने दोनों हाथों से उनका सर , अपनी जाँघों के बीच ,
सच में उनका दमाद पक्का कम स्लट था , ...
और एक्सपर्ट भी ,
पहले तो उन्होंने अपनी जीभ की नोक से जांघ के ऊपरी हिस्से पर , अपनी सास की गुलाबो के चारो और , एक एक बूँद चाट डाली ,
फिर जैसे कोई आम की दो फांको को फैला के चाटे , ..दोनों भगोष्ठों को उन्होंने फैलाया , और पूरा मुंह सीधे वहीँ लगा के ,
सपड़ , सपड़ ,
मम्मी ने कस के दोनों हाथों से उनके सर को पकड़ के अपनी रस से डूबी रसमलाई पर चिपका रखी थी , वो इंच भर सरक नहीं सकते थे
वीर्य से लिथड़ी बुर को कस कस के पहले तो उन्होंने चाटा , फिर जम कर चूसना शुरू कर दिया ,
सच में देख कर मेरी हालत भी ख़राब होने लगी थी ,
हम तीनों एक साथ बिस्तर पर लेटे थे ,
लाइट मैंने सब जला दी थीं , एक एक चीज साफ़ साफ़ दिख रही थी ,
उन की सास ने मुझसे तीन तिरबाचा भरवाया था की आज रात सिर्फ उनकी सास के नाम ,
और आज वो उसे पक्का मादरचोद बना के छोड़ेंगी , ...
आज वो मूसल मुझे नहीं मिलेगा ,
लेकिन चोर चोरी से जाय , हेरा फेरी से थोड़े ही जाता है , ...
मैं पलंग के दूसरी ओर बैठी , सास दामाद की प्रेम लीला देख रही थी , ...
लेकिन मुंह उनका सास की सेवा कर रहा था ,
पर ' वो ' ऊन के मोटे मूसलचंद तो खाली थे ,
हाँ दो बार अपनी सास को मेरी सास समझ कर जो उन्होंने पूरे जोश से चोदा था , ....
तो वो भी थोड़ा सोया , थोड़ा थका ,...
जब उन्होंने देखा की मम्मी एकदम थेथर हो गयी हैं , तो बिना एक इंच भी बाहर निकाले उन्होंने आसन बदल लिया ,
अब मेरी सास बनी उनकी सास उनके नीचे , टाँगे , जाँघे एकदम फैली ,
और उन्होंने उनके चूतड़ के नीचे तकिया कुशन लगा के एकदम उठा दिया था ,
धक्के उनके अब रुके लेकिन होंठ और हाथ चालू हो गए ,
जिस जोबन के वो दीवाने थे ,
अब उनके होंठ के बीच , चुसूर चुसूर चूस रहे थे वो अपनी सास की चूँची ,
जीभ से निप्स फ्लिक करते और दूसरा जोबन उनके हाथ के नीचे कुचला मसला जा रहा था ,
लंड एकदम जड़ तक धंसा था , लोहे की तरह कड़ा ,
और दूसरा हाथ , अब पहले तो कुछ देर फैली जांघों को सहला रहे थे , और धीरे धीरे उनका हाथ जादू के बटन की ओर ,
क्लिट छेड़ने के मामले में तो वो एकदम एक्सपर्ट थे , ...
बस पहले तो उनका अंगूठा , कुछ देर तक तो मम्मी की क्लिट वो हलके हलके दबाते रहे फिर अंगूठे और तर्जनी के बीच ,
उनकी सास की हालत खराब , वो सिसक रही थीं चूतड़ पटक रही थीं , मोटा खूंटा दामाद का अंदर धंसा हुआ था ,
" करो न " हलके से वो बोलीं ,
लेकिन दामाद भी उनका अब एकदम उन्ही की तरह , ... उन्होंने निप्स और क्लिट दोनों कस कस के मसलना शुरू कर दिया ,
मम्मी को भी याद आया की वो तो इनकी माँ बनी है ,
एकदम मेरी सास की आवाज में ,
कोई कह नहीं सकता था की किसी और की आवाज है ,
" मुन्ना कर न , चोद न अपनी माँ को , "
बस फिर तो वो एकदम तूफ़ान मेल हो गए , धक्के पर धक्का , ...
" ले माँ , ले , घोंट पूरा , ... अपने मुन्ना का "
मम्मी नीचे से चूतड़ उठा उठा कर हर धक्के का जवाब जोर जोर धक्के से दे रही थीं ,
अपनी बाहों में उन्होंने अपने दामाद को भींच लिया था , उनके लम्बे नाख़ून उनके कंधो पर धंस रहे थे ,
और साथ में गालियां
" चोद स्साले चोद , देखती हूँ ताकत तेरी "
और अपनी समधन की ऐक्टिंग कर रही थी तो उन्हें मौका मिल गया , उनकी , मेरी सास की खिंचायी करने की बोलीं ,
" ,आह ओह्ह , ... जब पहली बार राखी के दिन तेरे मामा ने फाड़ी थी मेरी झिल्ली ,
उस दिन भी इतना दर्द नहीं हुआ था , ओह्ह चोद न कस कस के ,
इतने मर्दों से शादी के बाद मैंने चुदवाया , इत्ते लौंडो से शादी के पहले ,
लेकिन मुन्ना जो मजा तुझसे चुदवाने में आ रहा है , ... "
फिर तो उनका हर धक्का सीधे बच्चेदानी पर , ...
और मम्मी फिर थोड़े देर बाद झड़ने लगीं ,
पर अबकी न वो रुके न उन्होंने पोज बदला ,
पूरे आधे घंटे तक बिना रुके ,
मेरी मम्मी को अपनी माँ समझ कर चोदने के बाद ही वो झड़े ,
और देर तक ,
पूरी कटोरी भर मलाई छोड़ी उन्होंने अपनी सास की बुर के अंदर , ...
और मैंने लाइट जला दी , ...
लेकिन उनकी सास ने उन्हें छोड़ा नहीं , वो भी साथ साथ झड़ती रही ,
मेरी बात पर उन्हें यकीन नहीं आता था की उनका दमाद बिना मुझे तीन बार झाड़े कभी भी ,...
लेकिन आज वो खुद तीन बार तब उनके दामाद ने मलाई उनकी बिल में ऊगली थी।
बड़ी देर तक वो दोनों एक दूसरे को पकडे दबोचे लेटे रहे।
दो बार की मलाई उनकी सास की बुर में बजबजा रही थी ,
एक तो हर बार कम से कम कटोरी भर मलाई छोड़ते थे ,
और दूसरे उनकी सास ने , जब वो उनकी माँ बनी उनसे चुदवा रही थीं ,
दोनों बार की मलाई एक एक बूँद अपनी बुर में भींच के रोक रखी थी ,
बस जैसे ही वो अलग होने लगे , ...
मम्मी ने उन्हें खींच कर , सीधे उनका मुंह अपनी बुर पे , जिसमें से उनकी मलाई छलछला रही थी ,
और कस के अपने दोनों हाथों से उनका सर , अपनी जाँघों के बीच ,
सच में उनका दमाद पक्का कम स्लट था , ...
और एक्सपर्ट भी ,
पहले तो उन्होंने अपनी जीभ की नोक से जांघ के ऊपरी हिस्से पर , अपनी सास की गुलाबो के चारो और , एक एक बूँद चाट डाली ,
फिर जैसे कोई आम की दो फांको को फैला के चाटे , ..दोनों भगोष्ठों को उन्होंने फैलाया , और पूरा मुंह सीधे वहीँ लगा के ,
सपड़ , सपड़ ,
मम्मी ने कस के दोनों हाथों से उनके सर को पकड़ के अपनी रस से डूबी रसमलाई पर चिपका रखी थी , वो इंच भर सरक नहीं सकते थे
वीर्य से लिथड़ी बुर को कस कस के पहले तो उन्होंने चाटा , फिर जम कर चूसना शुरू कर दिया ,
सच में देख कर मेरी हालत भी ख़राब होने लगी थी ,
हम तीनों एक साथ बिस्तर पर लेटे थे ,
लाइट मैंने सब जला दी थीं , एक एक चीज साफ़ साफ़ दिख रही थी ,
उन की सास ने मुझसे तीन तिरबाचा भरवाया था की आज रात सिर्फ उनकी सास के नाम ,
और आज वो उसे पक्का मादरचोद बना के छोड़ेंगी , ...
आज वो मूसल मुझे नहीं मिलेगा ,
लेकिन चोर चोरी से जाय , हेरा फेरी से थोड़े ही जाता है , ...
मैं पलंग के दूसरी ओर बैठी , सास दामाद की प्रेम लीला देख रही थी , ...
लेकिन मुंह उनका सास की सेवा कर रहा था ,
पर ' वो ' ऊन के मोटे मूसलचंद तो खाली थे ,
हाँ दो बार अपनी सास को मेरी सास समझ कर जो उन्होंने पूरे जोश से चोदा था , ....
तो वो भी थोड़ा सोया , थोड़ा थका ,...