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Fantasy Mom lost the Beat.......(बदला, दोस्ती और पंगे)
#9
अध्याय 1

सबको नमस्ते। मेरा नाम राहुल है। 18 साल की उम्र, अच्छा शरीर, कद 6'1 "मैं एक स्पोर्ट्स मैन हूँ। मेरी माँ नेहा 38 साल, गोरा रंग। उसका फिगर साइज़ 38 (d) -28-38 है। वो बहुत खूबसूरत है। मैंने उसकी उम्र की कोई खूबसूरत महिला नहीं देखी, जिसकी किसी भी तरह से तुलना की जा सके। वह इस उम्र में भी अपने शरीर की देखभाल करती है, इसीलिए वह इतनी सेक्सी और सुंदर है। नियमित रूप से वह योगा और व्यायाम करती है। हर आदमी घूरता है। जब वह सड़क पर चलती है, तो मेरे पिता भी एक सुंदर आदमी हैं। वह 42 वर्ष के हैं | वह हमेशा मेरी माँ को नियमित रूप से संतुष्ट करता है। उसके पास एक विशालकाय लिंग है। दोनों एक-दूसरे के साथ खुश हैं। वह MNC में काम करता है। पिछले साल उन्हें 3 महीने के दौरे के लिए सिंगापुर भेजा गया था। मेरी माँ एक relegoius महिला है। लेकिन वह ***** पौराणिक कथाओं के अनुसार कैलेंडर देखने में सक्षम नहीं है। लेकिन वह इसे सीख रही है। लेकिन वह सोचती है कि वह उसमें परफेक्ट है। उसे मेरे पिता के पैसे बचाने की अच्छी आदत है। हम अमीर लोग हैं, लेकिन फिर वह भी कहती है कि हमें एक भी रुपया बर्बाद नहीं करना चाहिए। उसने हमेशा मुझे अपनी पॉकेट मनी बचाने के लिए प्रोत्साहित किया, और हमेशा कहती है कि हमें बहुत पैसा खर्च नहीं करना चाहिए।

तो कहानी शुरू करते हैं।

मेरी माँ हायएस प्रस्थान पर बहुत परेशान थी। वह अकेले में रोती थी, और हमेशा उसे खाली समय में बुलाती थी। एक दिन, हमारी कॉलोनी केबल लाइन में हाई वोल्टेज करंट का संचार हुआ। ट्रांसफ़ॉफ़र के पास कॉलोनी में हमारा पहला घर था, इसलिए हमारे घर की mximum वायरिंग विफल हो गई थी।

हमारे घर के पास एक इलेक्ट्रीशियन है, वह हमारी कॉलोनी में एक दुकान का मालिक है। उसका नाम मोहम्मद अहमद है। अच्छी phesique, ऊंचाई 5'11 "। वह हमारे परिवार के साथ बहुत दोस्ताना है।हमारे घर का सारा बिजली का काम उसी के द्वारा किया जाता है। वह अपनी नौकरी में अच्छा है। हमने उसे बुलाया। वो रमज़ान के दिन थे।

अहमद - भाबी जी, अब रोज़ा खोलना ही जा रहा हु, आपके कमरे की वायरिंग तो ठीक कर दी ही, कल दूसरे कमरे की ठीक करूँगा, अब मै करू क्या आपका घर इतना बड़ा है की 4 - 5 दिन में तो काम पूरा हो नई पाएंगे, और आज कल मेरा असिस्टेंट भी अपने गाओं गया है, सब मुझे ही करना है अकेले।
माँ - कोई बात नई, कल समय से आ जाना।

अहमद - ओके, भाबी
माँ - वैसे ईद कब की है ?
अहमद - अब भाबी जी ये तो चाँद के हिसाब से ही पता चलेगा । लेकिन मुझे लगता है की चाँद परसों निकलेगा ।

माँ - मुझे देखने दो 
उन्होंने एक केलिन्डर लिया जो के ****** धरम के हिसाब से था ।
माँ - निकल ही नहीं  सकता, मेरे कैलेंडर कभी गलत हो ही नई सकता, चाँद परसों नहीं उसके अगले दिन निकलेंगे
अहमद - क्या बात कर रही है आप ?? मै शर्त लगा सकता हु की परसों ही निकले गा।

माँ - ठीक तो फिर लगी शर्त, अगर मै जीती तो आप वायरिंग फ्री में करोगे, और तो और वायर का पैसा तक नहीं लोगे?
अहमद - ठीक है, अगर मै इतनी बड़ी बाज़ी लगा रहा  हु तो आपको बी मेरी कोई एक बात माननी पड़ेगी?
माँ - ओके, लेकिन म एक महिला हु तो कुछ लिमिट्स भी होनी चाहिए उस बात की ।
अहमद - अरे भाबीजी आप परेशां मत होईये, मुझे इस बात का ख्याल है। मैं हमेशा ही अपनी हद में रहता हु I
माँ - ओके । वैसे भी मै हरने वाली तो हु नहीं। तो मुझे कोई फरक भी नई पड़ता ।
अहमद - ओके, देखते है।

उसके बाद अहमद चला गया । और गलती ये हुई के मैं ने कैलेंडर गलत देखा था, वो बहुत ही जयादा कॉन्फिडेंस में थी। अगअहमद घर आया ।
अहमद - भाबी जी, भैया तो है नहीं इस ईद पे, वो हमेशा मेरे घर आते है, इस बार आप आईयेगा उनके जगह पे 
माँ - ओके, लेकिन चाँद तो परसों ही निकलेगा
अहमद - भाबी जी आप हार जाएँगी, चाँद कल ही निकलेगा 

कुछ दर बाद 
अहमद - भाबीजी मै जरा टॉयलेट जा रहा हु
माँ - बहार वाले का flush ख़राब है, मेरे कमरा का बाथरूम काम में ले लो 
अहमद अब उनके कमरे में चला गया और बाथरूम , में पेशाब करने लगा बाटरूम में अँधेरा था तो उसने दरवाजा खोल लिया, माँ अपने कमरे में अपना mobile लेने गयी तो उनकी आँख खुली की खुली रहे गयी, अहमद वह पे पेशाब कर रहा था । उसका लुंड लगभग 8 inche का था और लगभग  2 inches मोटा था ।

वो वह से बिना किसी आवाज के बाहर आ गयी । मेरे पिताजी का लुंड लगभग 7 इंच लम्बा और 1 इंच मोटा है । तो उन्हें अहमद का लुंड बड़ा लगा ।

अगले दिन, शाम को ईद का चाँद निकल गया, माँ चौक गयी, क्योकि उनकी बात गलत हो गयी ही और वो सरत हार गयी थी । 
अहमद हमारे घर आया और वो बेहद खुश था अपनी जीत पे ।

अहमद - देखा भाबीजी, आप हार गयी। कोई बात नहीं कल शाम को मै आपका इंतज़ार करूँगा ।
माँ - कोई बात नहीं, ईद मुबारक हो आपको, मै कल time निकाल के आउंगी।
और अगले दिन ईद पे माँ 6 बजे तक तैयार हो गयी थी । उन्होंने काली साडी और काले ही रंग का ब्लाउज पहना था । वो उसमे बहुत खूबसूरत लग रही थी ।

[Image: 131421773_27917637.jpg]



माँ - राहुल, तुम चल रहे हो क्या मेरे साथ?
राहुल - कहा जाना है, माँ ?
माँ - अरे अहमद के घर 
राहुल - नहीं माँ, मुझे अपने दोस्त के घर जाना है।
माँ - ठीक है, time से घर वापस आ जाना, मै अहमद के घर जा रही हु।
राहुल - ठीक है माँ 

कुछ देर बाद माँ के कार निकली और वो अहमद के घर की तरफ जाना लगी और मैंने अपनी बाइक से अपने दोस्त के घर जाने लगा ।

Knock- knock- knock
दरवाजा खुला ।
अहमद - भाबी जी नमस्ते
माँ - नमस्ते
अहमद - देखा मैंने कहा था ना की चाँद तो कल ही निकलेगा 
माँ - कोई बात नई, कभी कभी सचिन भी जीरो run पर out हो जाता है 
अहमद - आइये बैठिये 
अहमद - यास्मीन ……………… देखो तो कौन आया है 
यास्मीन – क्या हुआ, ऐसे क्यों…………… ohhhh भाबीजी, नमस्ते………मै हर बार भाईसाहब से केहेती थी की आपको साथ लाया करे, चलिए आखिर आप भी हमारे घर तो आयीं।
और वो सभी इसी तरह से बाते करने लगे । और लगभग एक घंटे बाद यास्मीन के अम्मी का फ़ोन आया ।

यास्मीन - सुनियेजी, मै तानिया को लेके अपनी अम्मी के घर जा रही हु, हम लोग कल शाम तक आएंगे।
अहमद - ठीक है 
माँ - ठीक है भाबी जी मै भी अब निकलती हु, आप लोगों के साथ 
यास्मीन- अरे भाबी जी, आप पहेली बार तो आयीं है, खाना मै तैयार कर चुकी हु । वो तो खा लीजिये । अम्मी की तबीअत कुछ ज्यादा ख़राब हो  गयी है तो जाना पद रहा है, नई तो आप के साथ ही dinner करती, और आपको कसम है मेरी जो बिना dinner किये गयीं तो 
माँ - लेकिन …………।
यास्मीन - लेकिन वेकिन कुछ भी नहीं…। Dinner तो आपको करना ही पड़ेगा, मैंने बड़े मन से बनाया है।
माँ - ठीक है ………। अपनी अम्मी से कहियेगा की जल्दी जल्दी ठीक हो जाएँ ।
यास्मीन - ok भाबीजी 

और कुछ ही देर में दोनों यास्मीन और तानिया चली गयी यास्मीन की अम्मी की घर की तरफ । उन दोनों की जाने क़े बाद में माँ और अहमद ऐसे ही आपस में बाते कर रहा थे ।

उस वकत तक  8 बज चूका था, और घर में सिर्फ वो दोनों ही थे ।
जब में वापस घर आया तो मुझे याद आया की माँ तो अभी भी अहमद क़े ही घर पे है । तो मैंने अपनी bike को अहमद क़े घर की तरफ दौड़ा दी ।
अहमद - भाबीजी आपको शर्त याद है ना?
माँ - है बिलकुल, पर आपको मेरी limits वाली बात भी याद है ना?
अहमद - जी भाबीजी, तो मै चाहता हु की हम लोग आज ताश खेलें
माँ - wow, उसमे तो मै माहिर हु 
अहमद - पर भाबीजी पैसो का खेल खेलेंगे, क्या आपके पास पैसे है ?
माँ - हां मेरे पास पैसा है 
अहमद - तो नियम ये है की, जो हारेगा वो जितने वाले को पैसे देगा, कम से कम rs1000 का एक game होगा
माँ - ठीक है …………।

अहमद - वैसे भाभी जी क्यों ना हम दोनों खेल सुरु करने से पहले कुछ ठंडा पी ले 
माँ - ठीक है 
अहमद - क्या लेंगी आप भाभीजी ?
माँ - हम तो आपके मेहमान है, आप जो चाहो वो पीला सकते हो 

उसके बाद अहमद उठ की रसोई में गया और कोई 10 min  की बाद वापस आया । उसके हाथ में पेप्सी की दो बोतल थी । नेहा और अहमद ने सब्से पहले अपनी अपनी बोतल खाली की । 

तभी में वह पे अहमद के घर पहुँच गया । उसके  main hall की खिड़की main door के बगल में ही थी, क्यूंकि वहां पे खिड़की खुली हुई थी तो मुझे सब कुछ सुनाई और दिखाई दे रहा था । उन दोनों को cadrs खेलते देख कर मै हैरान रह गया । तो मै चुप चाप उन दोनों को देखने लगा । मैंने अपना mobile silent mode में कर दिया और उन दोनों का खेल देखने लगा । 

अब खेल सुरु हुआ और पहली बाजी माँ जीत गयी । दूसरी बाजी भी माँ ही जीती, लेकिन तीसरी बाजी वो हार गयी । उसके बाद वो फिर से चौथी और पांचवी बाजी जीत गयी । अब तक उन्होंने 4000 जीत लिए थे । वो बेहद खुस थी ।

माँ - चलिए ये वाला game में मै  4000 लगा रही हु
अहमद - ठीक है मै भी लगा रहा हु 4000 

अहमद सुरु कि ये बाजी जान बूझ कि हार रहा था । वो चाहता था की किसी तरह नेहा हो यही रोक क़े रखा जाया ।

अगली बाजी अहमद जीत गया । इस पे माँ थोड़ी से नाराज हो गयी, लेकिन अभी तक उन्होंने एक भी रूपया नहीं हारा था ।

अहमद - भाबीजी अब से हर game 2000 का होगा
माँ - नहीं 10 बज गए अब मुझे जाना चाहिए
अहमद - अरे भाबीजी ऐसा कैसे, मै शर्त जीता हु तो मेरी ही चलेगी

अब तक तो मेरा भी खेल में मन लगने लगा था । मै खुद ये खेल देखने चाहता था, और क्योंकि मैंने कभी भी ये खेल नहीं खेला था मेरा मन होने लगा की ये खेल और भी आगे बढे । तो मैंने माँ को फ़ोन किया ।

माँ - hello  राहुल ?
राहुल - माँ मै सौरव क़े घर पर आज रुक रहा हु, कल आऊंगा, आप मेरा इंतज़ार मत करना 
माँ - ओके 

माँ ने कुछ देर तक सोचा और उन्होंने अहमद की बात मान ली 

माँ इसके बाद आगे की 6 बाजी लगातार ही हार गयी । अभी तक तो माँ क़े पास 10000 ही था । वो सारा पैसा हार गई । उन्हें इस तरह से अपना पैसा हारना गवारा नहीं था, तो वो और भी आगे खेलने क़े लिए राजी हो गई । अभी तक 12 बज गए थे ।

अहमद - भाबीजी और पैसे है आपके पास की अब बंद करे?
माँ - पैसे तो नहीं है, पर अगर अब हारि तो पैसे कल दे दूंगी
अहमद - ना ना ना ना, ताश का ये rule है की उधार नहीं होता है, अगर मै हारता तो आपको अभी क़े अभी पैसे देता। और ऐसी condition में player क़े पास जो हो उसे दाव पर लगाना चाहिए । आपके पास तो अभी आपकी कार भी है ।

[Image: 131421771_bmw-x6.jpg]

माँ - ok तो मै अभी अपनी कार दाव पर लगाती हु 
अहमद - ok 1 lakh rupees मेरे तरफ से 

अब अहमद ने cheating करनी सुरु कर दी थी । लेकिन पता नहीं क्यों माँ ना तो उसे पकड़ पा रही थी और ना ही वो कुछ कर पा रही थी ।वो तो जैसे कही और ही थी, उनका धयान कही और ही था । और वो इसी वजह से अपनी कार भी हार गयी । लगातार हारने की वजह से वो काफी उदास हो गयी थी 

अहमद - भाबी जी अब बंद करे या आपको और भी खेलने है ? वैसे मुझे लगता है की आप अगली बाजी जीत सकते है ।
माँ - नहीं, मै और आगे भी खेलूंगी । मुझे कुछ पैसे उधार दे दो मै तुम्हे कल वापस कर दूंगी । मेरा वादा है तुमसे ।
अहमद - no, rules r rules, या तो आप मुघे मेरे जीते हुआ सारे पैसे दे दो अभी क़े अभी या फिर आप और आगे खेलो ।   
माँ - लेकिन अभी तो मेरे पास कुछ भी नहीं है । मै क्या करू ?
अहमद - भाभी जी अभी तो आपके पास बहुत कुछ है ।


माँ - मेरे पास अब सिर्फ कपडे बचे है और कुछ भी नहीं है
अहमद - तो ठीक है, आप उन्हें दाव पर लगाइये,
माँ को ये सुनके झटका लगा । 
माँ - मुझे नहीं खेलना अब ।
अहमद - तो ठीक है, अब आपको अपने घर पैदल ही जाना पड़ेगा, क्यूंकि कार भी तो अब मेरी है ।
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RE: Mom lost the Beat.......(बदला, दोस्ती और पंगे) - by Jizzdeepika - 25-12-2019, 12:25 PM



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