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Adultery रीमा की दबी वासना
आखिर कब तक इस दर्द में जीकर मजा लेती रहेगी, अपनी वासना की तड़प में ये मत भूल तेरे जिस्म की सुरंगे तेरे ही बदन का हिस्सा है | जब ये हवस की आग शांत होगी, तो इन लंडो से मिले जख्मो को तुझे ही सहलाना होगा | ठीक करना होगा | अभी तो ख़ुशी ख़ुशी गांड मरवाकर, दो दो लंड लेकर  उसका दर्द झेलकर  मन ही मन खुश हो रही है लेकिन जब तेरी गांड और चूत  की दीवारों की गर्मी शांत होगी, तो यही गांड और चूत  तुझे इन लंडो से मिले झटको को याद दिलाएगी | परपराएगी, नासूर की तरह दुखेगी, फिर मलहम लगाती हुई इधर उधर कूदती रहना | क्योंकि इतनी कुटाई के बाद तुझे ये शांति से एक जगह तो बैठने नहीं देगी | उठते बैठे, दुखेगी, परपराएगी, इन लंडो की ठोकरों के जख्मो का अहसास कराएगी, अपनी जलती दीवारों की जलन महसूस कराएगी | गांड मरवाने का अहसास सिर्फ गांड मरवाने तक ही सीमित नहीं रहेगा | पुरे बदन को वो दर्द महसूस होगा | 


उनकी ठोकरों से कराहती रीमा अपने में ही खोयी थी उधर  दोनों के लंड उसकी गांड और चूत की गहराइयों में तेजी से फिसल रहे थे और उनके फिसलने की गर्मी से उसके पूरे तन बदन में आग लगी हुई थी  दो 2 लौंडो की चुदाई की भीषण गर्मी से रीमा को भले ही अभी उतना दर्द का एहसास ना हो रहा हो और भले ही अभी वह वासना में  नहाई हुई तो दो लंडो को बड़ी आराम से अपनी जिस्म की सकरी कसी हुई सुरंगों में ले रही हो लेकिन उसे भी पता था जब जिस्म ठंडा होगा तब उसे इस मजे की कीमत का एहसास होगा उसके जिस्म का रोया रोया  दूखेगा और उसे दर्द का अहसास कराएगा | 
रीमा को चोदते चोदते उन दोनों का भी दम निकल गया था लेकिन उनकी कमर थी  कि रुकने का नाम नहीं ले रही थी और लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था वह दोनों भी अपनी जवानी और कोकीन के नशे में दनादन रीमा के चूतड़ों पर आगे पीछे दोनों तरफ से ठोकरें मारे जा रहे थे आगे से जितेश और पीछे से गिरधारी दोनों रीमा के चौड़े नरम चूतड़ों और कमर को कस के थामे हुए रीमा  के जिस्म की कसी हुई गुलाबी सुरंगों में उतरे हुए जा रहे थे | अपनी जिस्म की हवस की भूख मिटा रहे थे और उनके जिस्म की आग थी कि बुझने का नाम भी नहीं ले रही थी | अपने जिस्म पर पड़ रही है लगातार दो लंडो की ठोकरें का दर्द भरा अहसास अब उसके तन के साथ-साथ उसके मन में भी बसने लगा था | उसे लगने लगा था अब उसके जिस्म ने जवाब देना शुरू कर दिया है | 


[Image: 17877273.gif]

रीमा को अहसास होने  लगा कही ज्यादा लम्बी   चुदाई के चक्कर में उसकी चूत और गांड का वाट न लग जाये | ऐसा ना हो कहीं लंड दनादन ठोकरें मारकर उसकी दोनों गुलाबी मखमली से रंगों को छील कर रख दे और उन से खून निकाल दे हालांकि उसकी गुलाबी रंग के अभी भी वासना की गर्मी से भरी हुई थी और मोटे मुसल जैसे लंडो को अपनी सुरंगों के अंतर में जितना ले सकती थी ले रही थी लेकिन इतनी देर से चुदाई हो रही थी इतनी देर तक कभी उन्होंने लंड की ठोकरे बर्दाश्त नहीं करी थी  रीमा इतनी देर तक कभी नहीं चुदी थी इसीलिए उसकी चूत की दीवारों की सहनशक्ति खत्म हो रही थी | अपनी कसी करारी कोरी गांड में तो उसने बस दूसरी बार लंड लिया था इसीलिए उसकी गांड की दीवारें  तो पहले से ही दर्द और जलन से  हाथ खड़े किये हुए थी रीमा को भी अब इस बात का अहसास होने लगा था कि अगर इसी तरह उसकी चूत और गांड लंड बरसते रहे तो शायद वह उठने के काबिल भी नहीं रहेगी उसको लगने लगा था कि अब तक इन लंडो को झ ड़ जाना चाहिए था
रीमा के दिमाग में बस एक ही सवाल आया - आखिर ये लोग झड़ क्यों नहीं रहे है, आखिर इनकी सफ़ेद मलाई क्यों नहीं निकला रही  | 
 आखिर उसने अपने सवाल को फिर से अपने दिमाग में दोहराया और हैरानी से चुदाई से उसका ध्यान उन लोगों के झड़ने पर चला गया एक पल सोचने के बाद उसने सोचा क्यों ना इन्ही से पूछ लो आखिर ऐसा आज क्या हो गया है | मर्योद तो तो गरम गुलाबी कसी हुई चूत पाकर दनादन चोदते हैं जल्दी से झड़ जाते हैं यहां इन दोनों का यह हाल है कि पहली बार ही मेरी गांड और चूत मार रहे हैं और उसके बावजूद भी झड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं | जितेश तो मुझे लग रहा है घंटे भर से ज्यादा हो गया | रात में इतना वक्त तो नहीं लगाया था |  इस तरह से चोदते हुए इन दोनों का भी  दम निकल गया होगा और इसकी कमर धक्के मारते मारते टेढ़ी नहीं हो गई होगी लेकिन यह दोनों रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं आखिर ऐसा क्या हो गया है

थकी हारी रीमा कमजोर आवाज में बोली - आखिर तुम लोग इतनी देर से दनादन मेरे जिस्म में लड़ पेल रहे हो फिर भी झड़ने का नाम नहीं ले रहे हो आखिर माजरा क्या है | 
गिरधारी रीमा की गांड में लंड पेलता हुआ खीसे निपरोने लगा  - मैडम को अब याद आई | लगता है चुदते चुदते थक गयी  | 
रीमा - थक गयी का  क्या मतलब है चुदाई का एक टाइम होता है इतनी देर में तो आदमी 5 बार झड़ जाता है और तुम लोगों की एक बार भी पिचकारी नहीं छुट्टी है | 
गिरधारी फिर खीसे निपोर कस हंसने लगा | 
रीमा बिलकुल मरी हुई आवाज में धीरे से बोली - अच्छे से अच्छा हट्टा कट्टा मर्द भी आधे घंटे से ज्यादा नहीं चोद पाता है और तुम लोगों को चोदते हुए आधे घंटे से काफी ज्यादा हो गया है आखिर तुम लोग झड़ क्यों नहीं रहे हो | ठोकरे खा खा कर मेरी कमर दुखने लगी है, गांड छिल गयी है और चूत सूजने की कगार पर है | 

 गिरधारी ही ही ही ही करके हंसता हुआ हंसने लगा उसको हंसता देख रीमा हैरान हो गई | तभी जितेश ने  गिरधारी के मुंह पर हाथ लगा दिया और उसे चुप रहने को बोला | दोनों ने  दनादन रीमा की गांड और चूत में लंड डालने की स्पीड और बढ़ा दी अब उनके ऊपर भी वासना का सुरूर है जमकर तांडव कर रहा था | दोनों  जल्दी से जल्दी  रीमा की गहरी गुलाबी सुरंगों में झड़ जाना चाहते थे क्योंकि दोनों रीमा को चोदते चोदते खुद भी बुरी तरह से थक गए थे | सोचो जब चोदने वालो की हालत बुरी हो गयी थी तो रीमा  की क्या हालत होगी इसका तो उन्हें अंदाजा  भी नहीं था | बस अब वह दोनों भी झड़ना चाहते थे |  इसीलिए रीमा की जिस्म को कसकर थामे  दोनों तरफ से उसके जिस्म  की सुरंगों में अपनी मुसल लंडो के पेल रहे थे | 
रीमा उनकी ठोकरों से कराहती हुई - आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ओह्ह्ह्हह  आखिर कोई कुछ मुझे भी बताएगा |
गिरधारी कुछ बोलने को हुआ | जितेश गिरधारी के मुंह पर हाथ लगा कर चुप करता हुआ बोला -  कुछ नहीं बेबी बस हम भी अब झड़ने वाले है  | 
 गिरधारी और जितेश दोनों ही दनादन पूरी तेजी के साथ अपनी कमर  रहे थे और उनके मुसल हाहाकारी लंड रीमा की सुरंगों में अंदर बाहर हो रहे थे | 

[Image: 21471905.gif]

रीमा - अब बर्दास्त नहीं हो रहा है | मेरी चूत गांड कमर जांघे सब दुखने लगी है |  कितनी देर और चोदोगे मुझे |
 जितेश उसे सांत्वना देते हुए  बोला - बस थोड़ा सा और बर्दाश्त कर लो |  मुझे पता है तुम थक गई हो काफी देर  से  हम दोनों तुम्हें चोद रहे हैं | तुम्हारी जगह कोई और औरत होती तो शायद बेहोश हो गया होती  लेकिन तुम कमाल की रीमा, इतनी भीषण  ठोकरे खाने के बाद इतने मोटे मोटे मुसल दो दो लंड एक साथ घोटने के बाद अब तक हमारा साथ दे रही ही | इतनी देर से चोदने के बाद  हमारा लंड अपनी चूत में ले रही ही | दो दो लंडो से  इतनी देर तक एक साथ चुदवाने के बाद भी पूरे होशो हवास में इस तरह से हमारे साथ राजी खुशी ख़ुशी चुद रही हो | यह किसी चमत्कार से कम नहीं है तुम ना केवल राजी खुशी चोद रही हो अपनी कमर उचका उचका कर हमारे दोनों को एक साथ अपनी चूत और गांड की गुलाबी मखमली गहराई तक ले रही हो | हम किस्मत वाले हैं जो इस तरह से तुम्हे  चोदने का मौका मिला है |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 25-12-2019, 12:10 PM



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