25-12-2019, 12:09 PM
(This post was last modified: 01-03-2021, 02:35 PM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
माँ की ,...
मैं सोच रही थी , घबड़ा मत मेरे बालम , ... मन तो कर रहा था बोल दूँ , ...बस कुछ दिन की बात है , ये सारे सपने तेरे सच होंगे , इसी बिस्तर पर पे मेरे सामने ,
चोदेगा तू अपनी माँ को , ...
मैं अपने हाथ से तेरा खूंटा पकड़ के तेरी माँ के भोंसडे में लगाउंगी , ...
लेकिन मम्मी ने मना किया था की मैं कुछ मत बोलूं ,
बस मजे लूँ और मोबाइल पर 'माँ बेटे' का संवाद रिकार्ड करू
और अब वो हचक हचक के चोद रहे थे , मेरी सास बनी अपनी सास को , ...
ब्लाइंड फोल्ड भले ही मैंने उतार दिया था , लेकिन एक तो घुप अंधेरा था , दूसरे दो समय उनकी आँखे एकदम बंद हो जाती थी ,
जब वो खूब मस्त होके चोदते थे और दूसरे
जब वो सु सु करते थे , ...
और वो सोच यही रहे थे की अपनी माँ चोद रहे हैं ,
बहुत कम बार इतने हचक हचक के चोदते मैंने देखा था उन्हें
कस के वो दोनों हाथों से उभार रगड़ रहे थे
और झुकी हुयी उनकी माँ बनी , सास के ,
एकदम फुल स्पीड से ,
हर दूसरे तोसरे धक्के के बाद उनका बांस सीधे बच्चेदानी पर धक्का मार रहा था ,
कुछ तो मेरी और मेरी मम्मी की मेहनत , और उससे ज्यादा गीता की पहलौठी के दूध का कमाल ,
पहले भी वो बिना मुझे झाड़े कभी नहीं झड़े , लेकिन अब तो , ... बिना तीन बार झाड़े ,...
और एकदम जैसा मजमे वाले कहते हैं न एकदम लोहे का खम्भा , टनाटन
मेरी सास बनी मम्मी , मजे से सिसक रही थीं ,
उनके धक्के का जवाब धक्के से दे रही थीं , कभी कस कस के निचोड़ रहे थीं अपने दामाद के खूंटे को अपनी बिल में
और अब वो खुद पूछ रहे थे ,
" क्यों माँ कैसा लग रहा है ,
जवाब में मेरी सास बनी उनकी सास ने जोर से सिसकी भरी , ...
और मारे जोश के , ...
मंजू ने उनको एक से एक ट्रिक सिखा दिया था , ...
सच में नम्बरी छिनार थी वो , ...
अपने दोनों पैरों से पहले तो उन्होंने झुकी मम्मी की दोनों टाँगे फैलायीं ,
फिर जब खूंटा उनका एकदम जड़ तक गड़ा था , अपने दोनों टांगों के बीच में मम्मी की टांगों को एकदम दबोच लिया ,
उनकी दोनों टाँगे , जाँघे एकदम चिपक गयी थीं ,
मंजू ने उन्हें सिखाया था , ...
इस स्टाइल में कोई चार चार बच्चे जनने वाली भोंसडी वाली हो तो उसे भी गौने की रात याद आ जाएगी , चीख निकल जायेगी ,
मेरी मम्मी ने तो सिर्फ मुझे जना था , और वो भी सिजेरियन , ...
जब तक उन्होंने बाहर निकाला ,
आलमोस्ट आधा सुपाड़ा , भी , ... और पूरी ताकत से धक्का मारा , ... दोनों टांगों मम्मी की उनकी टांगों के बीच एकदम कस के दबोच रखी थी , जाँघे एकदम चिपकी , बुर एकदम सटी कसी , और
दोनों जोबन पकड़ के वो करारा धक्का मारा ,
रगड़ते , दरेररते , घसीटते , एकदम आधा ४ इंच से ज्यादा , पहले धक्के में ,
मम्मी की चीख निकल गयी , ...
( सच में , मुझे बहुत मजा आया ,
शादी के बाद रोज मुझसे पूछती थी , क्यों कैसा है मेरा दामाद , ...
मुझे मालूम था वो असल में क्या पूछना चाहती हैं , मम्मी से ज्यादा मेरी सहेली थीं , वो और मैंने एक दिन बोल ही दिया , ...
अरे मम्मी एक दिन आइये न खुद देख लीजियेगा , ...
और जवाब में बोलीं वो , ... वो भी न , ..
.एकदम छोडुंगी नहीं , और शरमायेगा ज्यादा तो रेप कर दूंगीं उसका
और आज उनको सच में पता चलगया था की उनका दमाद रोज उनकी बेटी के कैसे परखच्चे उडाता है )
लेकिन वो रुके नहीं , मम्मी चीखती रहीं वो धक्के मारते रहे ,
तीसरे धक्के में उनका खूंटा सीधे उनकी सास की बच्चेदानी पर जहां से मैं निकली थी ,
और मम्मी कांपने लगी ,
वो चीखती रहीं , सिसकती रहीं ,
और वो धक्के मारते रहे , चोदते रहे बिना रुके उन्हें उसी तरह निहुराये , कुतिया बनाये ,
अपनी टांगों के बीच उनकी टांगों को दबोचे ,
मम्मी की बुर छिल रही थी , रगड़ रही थी ,
मम्मी झड़ रही थीं , जोर जोर से
और वो अभी भी ये समझ रहे थे की जैसे अपनी माँ चोद रहे हों , वो अभी भी बोल रहे थे ,
ले माँ ले , बोल मजा आ रहा है ,
मम्मी अब बोलने की हालत में नहीं थी ,
झाड़ झाड़ कर उन्होंने एकदम उन्हें थेथर कर दिया था ,
और उनके झड़ने का सवाल नहीं था
उनका मूसल वैसा ही कड़ा , टनाटन , पत्थर ऐसा , धक्के धक्के पर धक्का ,
हाँ जब उन्होंने देखा की मम्मी एकदम थेथर हो गयी हैं , तो बिना एक इंच भी बाहर निकाले उन्होंने आसन बदल लिया ,
मैं सोच रही थी , घबड़ा मत मेरे बालम , ... मन तो कर रहा था बोल दूँ , ...बस कुछ दिन की बात है , ये सारे सपने तेरे सच होंगे , इसी बिस्तर पर पे मेरे सामने ,
चोदेगा तू अपनी माँ को , ...
मैं अपने हाथ से तेरा खूंटा पकड़ के तेरी माँ के भोंसडे में लगाउंगी , ...
लेकिन मम्मी ने मना किया था की मैं कुछ मत बोलूं ,
बस मजे लूँ और मोबाइल पर 'माँ बेटे' का संवाद रिकार्ड करू
और अब वो हचक हचक के चोद रहे थे , मेरी सास बनी अपनी सास को , ...
ब्लाइंड फोल्ड भले ही मैंने उतार दिया था , लेकिन एक तो घुप अंधेरा था , दूसरे दो समय उनकी आँखे एकदम बंद हो जाती थी ,
जब वो खूब मस्त होके चोदते थे और दूसरे
जब वो सु सु करते थे , ...
और वो सोच यही रहे थे की अपनी माँ चोद रहे हैं ,
बहुत कम बार इतने हचक हचक के चोदते मैंने देखा था उन्हें
कस के वो दोनों हाथों से उभार रगड़ रहे थे
और झुकी हुयी उनकी माँ बनी , सास के ,
एकदम फुल स्पीड से ,
हर दूसरे तोसरे धक्के के बाद उनका बांस सीधे बच्चेदानी पर धक्का मार रहा था ,
कुछ तो मेरी और मेरी मम्मी की मेहनत , और उससे ज्यादा गीता की पहलौठी के दूध का कमाल ,
पहले भी वो बिना मुझे झाड़े कभी नहीं झड़े , लेकिन अब तो , ... बिना तीन बार झाड़े ,...
और एकदम जैसा मजमे वाले कहते हैं न एकदम लोहे का खम्भा , टनाटन
मेरी सास बनी मम्मी , मजे से सिसक रही थीं ,
उनके धक्के का जवाब धक्के से दे रही थीं , कभी कस कस के निचोड़ रहे थीं अपने दामाद के खूंटे को अपनी बिल में
और अब वो खुद पूछ रहे थे ,
" क्यों माँ कैसा लग रहा है ,
जवाब में मेरी सास बनी उनकी सास ने जोर से सिसकी भरी , ...
और मारे जोश के , ...
मंजू ने उनको एक से एक ट्रिक सिखा दिया था , ...
सच में नम्बरी छिनार थी वो , ...
अपने दोनों पैरों से पहले तो उन्होंने झुकी मम्मी की दोनों टाँगे फैलायीं ,
फिर जब खूंटा उनका एकदम जड़ तक गड़ा था , अपने दोनों टांगों के बीच में मम्मी की टांगों को एकदम दबोच लिया ,
उनकी दोनों टाँगे , जाँघे एकदम चिपक गयी थीं ,
मंजू ने उन्हें सिखाया था , ...
इस स्टाइल में कोई चार चार बच्चे जनने वाली भोंसडी वाली हो तो उसे भी गौने की रात याद आ जाएगी , चीख निकल जायेगी ,
मेरी मम्मी ने तो सिर्फ मुझे जना था , और वो भी सिजेरियन , ...
जब तक उन्होंने बाहर निकाला ,
आलमोस्ट आधा सुपाड़ा , भी , ... और पूरी ताकत से धक्का मारा , ... दोनों टांगों मम्मी की उनकी टांगों के बीच एकदम कस के दबोच रखी थी , जाँघे एकदम चिपकी , बुर एकदम सटी कसी , और
दोनों जोबन पकड़ के वो करारा धक्का मारा ,
रगड़ते , दरेररते , घसीटते , एकदम आधा ४ इंच से ज्यादा , पहले धक्के में ,
मम्मी की चीख निकल गयी , ...
( सच में , मुझे बहुत मजा आया ,
शादी के बाद रोज मुझसे पूछती थी , क्यों कैसा है मेरा दामाद , ...
मुझे मालूम था वो असल में क्या पूछना चाहती हैं , मम्मी से ज्यादा मेरी सहेली थीं , वो और मैंने एक दिन बोल ही दिया , ...
अरे मम्मी एक दिन आइये न खुद देख लीजियेगा , ...
और जवाब में बोलीं वो , ... वो भी न , ..
.एकदम छोडुंगी नहीं , और शरमायेगा ज्यादा तो रेप कर दूंगीं उसका
और आज उनको सच में पता चलगया था की उनका दमाद रोज उनकी बेटी के कैसे परखच्चे उडाता है )
लेकिन वो रुके नहीं , मम्मी चीखती रहीं वो धक्के मारते रहे ,
तीसरे धक्के में उनका खूंटा सीधे उनकी सास की बच्चेदानी पर जहां से मैं निकली थी ,
और मम्मी कांपने लगी ,
वो चीखती रहीं , सिसकती रहीं ,
और वो धक्के मारते रहे , चोदते रहे बिना रुके उन्हें उसी तरह निहुराये , कुतिया बनाये ,
अपनी टांगों के बीच उनकी टांगों को दबोचे ,
मम्मी की बुर छिल रही थी , रगड़ रही थी ,
मम्मी झड़ रही थीं , जोर जोर से
और वो अभी भी ये समझ रहे थे की जैसे अपनी माँ चोद रहे हों , वो अभी भी बोल रहे थे ,
ले माँ ले , बोल मजा आ रहा है ,
मम्मी अब बोलने की हालत में नहीं थी ,
झाड़ झाड़ कर उन्होंने एकदम उन्हें थेथर कर दिया था ,
और उनके झड़ने का सवाल नहीं था
उनका मूसल वैसा ही कड़ा , टनाटन , पत्थर ऐसा , धक्के धक्के पर धक्का ,
हाँ जब उन्होंने देखा की मम्मी एकदम थेथर हो गयी हैं , तो बिना एक इंच भी बाहर निकाले उन्होंने आसन बदल लिया ,