25-12-2019, 11:09 AM
जितेश रीमा को अपनी बांहों में थामे खुद की कमर हिलाने लगा | हवा में लटकी रीमा की नाजुक संकरे गुलाबी छेदों पर दो तरफ़ा हमला होने लगा | रीमा के जिस्म में दो मोटे लंड उसके अंतर की गहराइयो में धंसने लगे | रीमा दो लंडो के बीच पिस कर दो तरफ़ा एक साथ लगातार चुद रही थी | इस तरह से दोतरफा उसकी कभी किसी ने नहीं बजाई थी | रीमा बार बार जितेश की गर्दन में हाथ डालकर खुद को संभालती लेकिन नीचे उसकी चूत और गांड पर पड़ती तने सख्त लंडो ठोकरों की ठोकरों से उसका संतुलन बिगड़ जाता | ऐसे खड़े खड़े रीमा के जिस्म में लंड पेलना आसान नहीं था | इस तरह की खड़े खड़े चुदाई करना आसान नहीं था | लेकिन जब दिलो दिमाग पर हवस और सिर्फ हवस हावी हो और उसकी गर्मी से जिस्म भरे हुए हो तो कुछ भी संभव था |
जितेश के लिए ये सब आसान नहीं था | एक तरफ वो रीमा को संभाले था और दूसरी तरफ उसकी गुलाबी चूत भी चोद रहा था | उसके जिस्म पर दोहरा दबाव पड़ रहा था लेकिन वो भी फौलादी मिटटी का बना हुआ था | मजाल उसके चेहरे पर इस बात की शिकन हो |
![[Image: gifcandy-double-penetration-69.gif]](https://1.bp.blogspot.com/-H1ZTDMAjiKk/XeIZt41mwpI/AAAAAAAACfc/EGnc6L-pAPU0EkThdq54dVjveq8BdGYOACLcBGAsYHQ/s320/gifcandy-double-penetration-69.gif)
इस पोजीशन में कोई भी सहज नहीं था लेकिन रीमा की चुदाई में कोई कमी नहीं थी, रीमा की ठुकाई में कोई कमी नहीं थी | दोनों तरफ से रीमा की चूत और गांड का भरपूर जोरदार तरीके से बाजा बजाया जा रहा था | ऐसी चुदाई रीमा की कभी नहीं हुई थी | दोनों मिलकर उसे भरपूर जोरदार तरीके से पेल रहे थे | रीमा के चुताड़ो पर दो तरफ़ा ठोकरे दाना दनादन बरस रही थी | जितेश कुछ ज्यादा ही जोश में था | उसे रीमा की चूत चोदते हुए एक घंटे से ज्यादा हो गया था लेकिन जैसे ही वो अपनी स्पीड पकड़ पाता था कोई न कोई बाधा आकर उसकी चुदाई में खलल डाल देती थी | वो लगातार बार बार पड़ने वाली रूकावटो से खीझ गया था | एक घंटे में बमुश्किल सब मिलाकर पंद्रह बीस मिनट ही वो ठीक से रीमा की चूत में मन मुताबिक अपना लंड पेल पाया था | जैसे ही वो स्पीड पकड़ता था किसी न किसी वजह से उसको रुकना पड़ता था या बस हलके फुल्के धक्के लगाकर रीमा को चोदना पड़ता था ताकि उसे ज्यादा तकलीफ न हो | बार बार पड़ने वाले खलल से उसका जोश और लंड का कड़ापन दोनों नरम हो जाते थे | रीमा की वासना बुझाने की और उसका ख्याल रखने की भी जिम्मेदारी उसी की थी | वो जानता था रीमा तो कामवासना में पागल हो गयी है लेकिन उसके जिस्म को, उसके नाजुक अंगो को कही कोई नुकसान न पहुंचे इसका ख्याल उसे रखना था | उसको ध्यान रखना था की रीमा की ठीक से जमकर जोरदार चुदाई भी हो. लेकिन उसके नाजुक कोमल गांड और चूत को कोई चोट भी न पहुंचे | इन्ही सब में वो कभी चोदने पर पूरा ध्यान लगा ही नहीं पाया | रीमा की गांड में अभी भी जलन भरा दर्द हो रहा था लेकिन उसका संकरा छेद अब गिरधारी के लंड को कसकर रगड़ देता हुआ अन्दर जाने दे रहा था | रीमा की गांड के छेद ने बाहर से आये इस मुसल हाहाकारी लंड के लिए अपने दरवाजे खोल दिए थे | रीमा अभी भी कराह रही थी लेकिन उसके जिस्म में वासना की गर्मी चढ़ी हुई थी, अब वो दो लंड की दनादन ठोकरों से मदहोश हो गयी थी | जितेश ने रीमा की कराहों की परवाह किये बिना उसकी चूत में दनादन लंड पेलना शुरू कर दिया जैसे वो रीमा को चोदना चाहता था | उसे पता था अब रीमा का हवस की गर्मी से तपता बदन आराम से उसके लंड को घोंट लेगा | गिरधारी के लिए इस तरह से सटासट लंड पेलना आसन नहीं था | वो कमर पर जोर डालकर अपना लंड रीमा की कसी गुलाबी गांड में खिसका रहा था | इस तरह से खड़े खड़े किसी औरत को चोदना आसान नहीं था फिर भी रीमा के नरम गुलाबी गोरे जिस्म, उसकी मादकता, उसकी मदहोश करने वाली गन्ध में दोनों मदहोश हो गए थे | रीमा के नरम बदन की गुलाबी गर्मी लगातार दोनों के जिस्मो में जोश भर रही थी | रीमा की गरम मखमली चूत और कसी गुलाबी गांड को चोदने का जोश दोनों के खून में लगातार उबाल बनाये हुए था | अपने सपनो की मल्लिका के अप्सरा जैसे हुस्न के सपनीले जोश पर हकीकत जल्द ही भारी पड़ गयी | चुदाई का जोश अपनी जगह था और रीमा के बदन की संकरी गुलाबी सुरंगों की सहनशक्ति अपनी जगह, चुदाई के जोश पर हकीकत की सच्चाई भारी होने लगी | रीमा दो लंड की बेतहाशा ठोकरे झेल नहीं पाई | रीमा की हालत देखकर जितेश - गिरधारी थोडा थम जा, वरना मैडम बेहोश हो जाएगी |
जितेश - बेड पर चले बेबी |
रीमा - हूँ |
रीमा बस इतना ही बोली | वो बुरी तरह जितेश से चिपकी हुई थी |
आखिर जितेश को उसे लेकर बेड पर आना पड़ा | जब से गिरधारी ने रीमा की गांड में लंड पेला था जितेश को रीमा की चूत जमकर चोदने का मौका नहीं मिला था | दुसरे गिरधारी भी पस्त होने लगा था |
जितेश - बस निकल गयी सारी मर्दानगी |
गिरधारी - क्या करू बॉस मैडम की गांड बहुत कसी है नरम होने का नाम ही नहीं ले रही |
जितेश - अभी भी वक्त है हार मान ले |
गिरधारी - बॉस बस जरा सा थम लेने दो, सांसे काबू कर लू फिर देखते है |
जितेश - चल तू भी क्या याद रखेगा, लेता जा नीचे | गिरधारी बेड पर लेट गया | उसके बाद रीमा को बाहों में लिए जितेश उसके ऊपर आ गया | रीमा के चूतड़ गिरधारी की कमर पर टिक गए |
इस बार जितेश रीमा के ऊपर था और गिरधारी नीचे | जितेश अपने तने लंड और चढ़े जोश को नहीं गवाना चाहता था | जैसे ही गिरधारी ने रीमा की गांड में लंड घुसेड़ा , तुरंत ही जितेश ने भी रीमा की चूत में अन्दर तक अपना लंड पेल दिया और हचक हचक के उसे चोदने लगा |
जितेश के लिए ये सब आसान नहीं था | एक तरफ वो रीमा को संभाले था और दूसरी तरफ उसकी गुलाबी चूत भी चोद रहा था | उसके जिस्म पर दोहरा दबाव पड़ रहा था लेकिन वो भी फौलादी मिटटी का बना हुआ था | मजाल उसके चेहरे पर इस बात की शिकन हो |
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इस पोजीशन में कोई भी सहज नहीं था लेकिन रीमा की चुदाई में कोई कमी नहीं थी, रीमा की ठुकाई में कोई कमी नहीं थी | दोनों तरफ से रीमा की चूत और गांड का भरपूर जोरदार तरीके से बाजा बजाया जा रहा था | ऐसी चुदाई रीमा की कभी नहीं हुई थी | दोनों मिलकर उसे भरपूर जोरदार तरीके से पेल रहे थे | रीमा के चुताड़ो पर दो तरफ़ा ठोकरे दाना दनादन बरस रही थी | जितेश कुछ ज्यादा ही जोश में था | उसे रीमा की चूत चोदते हुए एक घंटे से ज्यादा हो गया था लेकिन जैसे ही वो अपनी स्पीड पकड़ पाता था कोई न कोई बाधा आकर उसकी चुदाई में खलल डाल देती थी | वो लगातार बार बार पड़ने वाली रूकावटो से खीझ गया था | एक घंटे में बमुश्किल सब मिलाकर पंद्रह बीस मिनट ही वो ठीक से रीमा की चूत में मन मुताबिक अपना लंड पेल पाया था | जैसे ही वो स्पीड पकड़ता था किसी न किसी वजह से उसको रुकना पड़ता था या बस हलके फुल्के धक्के लगाकर रीमा को चोदना पड़ता था ताकि उसे ज्यादा तकलीफ न हो | बार बार पड़ने वाले खलल से उसका जोश और लंड का कड़ापन दोनों नरम हो जाते थे | रीमा की वासना बुझाने की और उसका ख्याल रखने की भी जिम्मेदारी उसी की थी | वो जानता था रीमा तो कामवासना में पागल हो गयी है लेकिन उसके जिस्म को, उसके नाजुक अंगो को कही कोई नुकसान न पहुंचे इसका ख्याल उसे रखना था | उसको ध्यान रखना था की रीमा की ठीक से जमकर जोरदार चुदाई भी हो. लेकिन उसके नाजुक कोमल गांड और चूत को कोई चोट भी न पहुंचे | इन्ही सब में वो कभी चोदने पर पूरा ध्यान लगा ही नहीं पाया | रीमा की गांड में अभी भी जलन भरा दर्द हो रहा था लेकिन उसका संकरा छेद अब गिरधारी के लंड को कसकर रगड़ देता हुआ अन्दर जाने दे रहा था | रीमा की गांड के छेद ने बाहर से आये इस मुसल हाहाकारी लंड के लिए अपने दरवाजे खोल दिए थे | रीमा अभी भी कराह रही थी लेकिन उसके जिस्म में वासना की गर्मी चढ़ी हुई थी, अब वो दो लंड की दनादन ठोकरों से मदहोश हो गयी थी | जितेश ने रीमा की कराहों की परवाह किये बिना उसकी चूत में दनादन लंड पेलना शुरू कर दिया जैसे वो रीमा को चोदना चाहता था | उसे पता था अब रीमा का हवस की गर्मी से तपता बदन आराम से उसके लंड को घोंट लेगा | गिरधारी के लिए इस तरह से सटासट लंड पेलना आसन नहीं था | वो कमर पर जोर डालकर अपना लंड रीमा की कसी गुलाबी गांड में खिसका रहा था | इस तरह से खड़े खड़े किसी औरत को चोदना आसान नहीं था फिर भी रीमा के नरम गुलाबी गोरे जिस्म, उसकी मादकता, उसकी मदहोश करने वाली गन्ध में दोनों मदहोश हो गए थे | रीमा के नरम बदन की गुलाबी गर्मी लगातार दोनों के जिस्मो में जोश भर रही थी | रीमा की गरम मखमली चूत और कसी गुलाबी गांड को चोदने का जोश दोनों के खून में लगातार उबाल बनाये हुए था | अपने सपनो की मल्लिका के अप्सरा जैसे हुस्न के सपनीले जोश पर हकीकत जल्द ही भारी पड़ गयी | चुदाई का जोश अपनी जगह था और रीमा के बदन की संकरी गुलाबी सुरंगों की सहनशक्ति अपनी जगह, चुदाई के जोश पर हकीकत की सच्चाई भारी होने लगी | रीमा दो लंड की बेतहाशा ठोकरे झेल नहीं पाई | रीमा की हालत देखकर जितेश - गिरधारी थोडा थम जा, वरना मैडम बेहोश हो जाएगी |
जितेश - बेड पर चले बेबी |
रीमा - हूँ |
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आखिर जितेश को उसे लेकर बेड पर आना पड़ा | जब से गिरधारी ने रीमा की गांड में लंड पेला था जितेश को रीमा की चूत जमकर चोदने का मौका नहीं मिला था | दुसरे गिरधारी भी पस्त होने लगा था |
जितेश - बस निकल गयी सारी मर्दानगी |
गिरधारी - क्या करू बॉस मैडम की गांड बहुत कसी है नरम होने का नाम ही नहीं ले रही |
जितेश - अभी भी वक्त है हार मान ले |
गिरधारी - बॉस बस जरा सा थम लेने दो, सांसे काबू कर लू फिर देखते है |
जितेश - चल तू भी क्या याद रखेगा, लेता जा नीचे | गिरधारी बेड पर लेट गया | उसके बाद रीमा को बाहों में लिए जितेश उसके ऊपर आ गया | रीमा के चूतड़ गिरधारी की कमर पर टिक गए |
इस बार जितेश रीमा के ऊपर था और गिरधारी नीचे | जितेश अपने तने लंड और चढ़े जोश को नहीं गवाना चाहता था | जैसे ही गिरधारी ने रीमा की गांड में लंड घुसेड़ा , तुरंत ही जितेश ने भी रीमा की चूत में अन्दर तक अपना लंड पेल दिया और हचक हचक के उसे चोदने लगा |


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