25-12-2019, 10:58 AM
रीमा के जीवन का सबसे मुश्किल, सबसे कठिन सबसे तकलीफदेह लेकिन सबसे रोमाचक क्षण | उसके जिस्म के दो छेदों के संकरे मुहानों को चीर कर उनकी गुलाबी दीवारों को फैलाकर, उसके जिस्म में अन्दर तक धंसे हुए दो हाहाकारी लंड | ऐसा लग रहा था जैसे उसकी गांड और चूत के बीच का सारा पर्दा मिटाने को आतुर हो | हर धक्के के साथ न केवल दोनों उसके जिस्म के बाहर आपस में रगड़ खा रहे थे बल्कि अन्दर भी बस एक पतली गुलाबी परत के परदे से एक दुसरे को मसल रहे थे | अब तक जितेश बस रीमा की गुलाबी चूत के दोनों ओंठो को फैलाये हुए उसके मखमली सुरंग में अपना लंड घुसाए लेटा था | रीमा उसको बेतहाशा चूम रही थी | उसके हाथ रीमा की उन्नत नुकीली तनी हुए छातियो पर घूम रहे थे | गिरधारी रीमा के चुताड़ो को थाम उसके पिछवाड़े को कस कर बजाने में लगा था | गिरधारी के मुसल लंड से लगातार रगड़ खाकर रीमा की गांड की तीखी दर्द भरी जलन अब भीषण गर्माहट में बदल गयी थी, रीमा को अहसास हो रहा था एक मोटी मांस की गरम मीनार उसको चीर कर अन्दर जा रही है | इस दर्द का भी अपना मजा था, अपनी जवानी लुटाकर, रीमा उस दर्द को महसूस कर रही थी जिसे सिर्फ वही औरत महसूस कर सकती है जिसने ऐसा किया हो |
रीमा दर्द से कराहती हुई अब अपने होशो हवास में लौटने लगी थी | गिरधारी भी बुरी तरह से रीमा की गांड पेल के हांफने लगा था | वो अपनी उखड़ी सांसे काबू करने लगा | हालाकि उसका लंड अभी भी रीमा की संकरी गुलाबी गांड में सटासट आगे पीछे फिसल रह था | उसके लंड का सुपाडा अभी भी रीमा की गाड़ की गहराइयो में था और हफाने के कारन वो हलके हलके बस अपनी कमर हिला रहा था | रीमा को भी इसीलिए दम लेने का मौका मिल गया था वर्ना जब से गिरधारी ने लंड घुसेड़ा था उसका दर्द से बुरा हाल था | दो लंड की भीषण पेलाई से उसकी धड़कने वैसे भी अपने चरम को छु रही थी | इसीलिए जब गिरधारी थमा तो रीमा ने भी राहत की साँस ली | चूमा चाटी, सहलाना, मसलना चिकोटी काटना अब बस इसी सब का दौर चल रहा था | गिरधारी रीमा के मांसल नरम नरम गद्देदार चुताड़ो को मसल रहा था तो जितेश उसके स्तनों को मसल रहा था |
गिरधारी - आआआअह्हह्हह्हह्ह आपकी गाड़ बहुत कसी है मैडम और आपके चुताड़ो के क्या कहने, कितने नरम और चिकने है |
जितेश - साले जिस काम के लिए मैडम ने बोला है सिर्फ वो कर, उनकी गांड मार, चुताड़ो को हाथ भी मत लगाना |
गिरधारी रीमा के बड़े बड़े चुताड़ो को मसलता हुआ - बॉस तो मुझसे जलते है आआआह्ह क्या गद्देदार नरम चिकने चूतड़ है, मन कर रहा है इनकी तकिया बनाकर सो जाऊ | मैडम इतने चिकने गोरे नरम नरम चूतड़ कैसे रखती है, कौन सी क्रीम लगाती है |
रीमा - तुम्हे अच्छे लगे मेरे चिकने चूतड़ |
गिरधारी उन पर चपत लगता हुआ - तड़ाड़ाड़ाड़ाड़ाक |
रीमा - आआआआऊऊऊऊउचचचचचचचचचचचचचच ऐसा मत करो प्लीज|
गिरधारी - मजा आया |
रीमा - नहीं प्लीज ऐसा मत करो, चोट लगती है |
इससे पहले रीमा के चूतड़ पर फिर से गिरधारी स्लैप करता ..................... जितेश उसे लेकर दायी करवट लुढ़क गया | गिरधारी रीमा के पीछे आया और उसकी कसी संकरी गुलाबी गांड में अपना लंड घुसेड़ अपनी कमर हिलाने लगा | रीमा दो मर्दाने जिस्मो के बीच पिसने लगी | आगे से जितेश और पीछे से गिरधारी एक साथ रीमा की चूत और गांड में लंड पेलने लगे | कुछ पल की राहत फुर्र हो गयी रीमा फिर से अपनी गाड़ की जलन और दर्द से बेहाल होने लगी थी |
![[Image: download%2B%252819%2529.gif]](https://1.bp.blogspot.com/-by0jSl-RYgU/XX4UgLdpwhI/AAAAAAAAB2U/EnEaQEfcjTYFUBrtt7wJCbfOU9uuCOoFACLcBGAsYHQ/s320/download%2B%252819%2529.gif)
रीमा दर्द और कराहों से फिर सिसकने लगी | दोनों तरफ से मुसल लंडो का रीमा के गुलाबी गोरे जिस्म में घुसना बदस्तूर जारी था | रीमा दर्द से सिसक रही थी, दो तरफ़ा ठोकरों से कांप रही थी और पूरी तरह अपने नियंत्रण से बाहर थी |
जितेश ने उसका ध्यान बटाने के लिए उसके कड़े तने हुए निप्पलो को कसकर मसलने लगा | रीमा इस मसलन से चिंहुक उठी | पहले ही क्या कम तकलीफ से गुजर रही जो जितेश और ज्यादा दर्द देने लगा | वो इस नए दर्द से और तेजी से कराहने लगी |
रीमा - आआआआआआआआआआआअऊऊऊऊऊऊऊचचचचचचचचच सिसिसिसिसीईईईईईईईईईईईईईईइ |
जितेश - क्या हुआ |
रीमा - मुझे तकलीफ देने में बड़ा मजा आता है |
जितेश - ये सवाल खुद से पूछो तो बेहतर है |
रीमा - तुम सब मर्द एक जैसे होते हो | औरत को नोचना खसोटना और दर्द देना जानते हो बस .... कुछ नहीं जानते तो वो है प्यार करना |
जितेश - अच्छा अब इसमें भी हमारी गलती है |
रीमा - और नहीं तो क्या, तुमारे इशारे पर ही तो उसने मेरा कचूमर निकाल दिया |
जितेश - मै तो वही कर रहा था जो तुमने कहा था |
रीमा - क्या कहा था मैंने |
जितेश - कितना भी चीखू चिल्लाऊ हाथ पैर पटकू अपनी एक्सप्रेस गाड़ी मत रोकना |
रीमा - कितने जालिम होते हो तुम मर्द, औरत को दर्द देकर कितना खुश होते हो | जरा भी तरस नहीं आया मुझ पर कितना चीख चिल्ला रही थी | कितना दर्द हो रहा था मुझे और तुम गिरधारी को भड़काने में लगे थे |
जितेश - मैंने क्या किया है, तुमारी गाड़ का भुर्ता तो उसके लंड ने बनाया है |
रीमा - मुझे सब पता है तुम्ही उसे उकसा रहे थे |
जितेश - लो जी अब सारी गलती मेरी है | गांड में तुमारे खुजली हो रही थी, गांड में तुम्हे मरवानी थी, मुसल लंड तुम्हे घोटना था | एक नहीं दो दो मुसल लंड घोटने थे, गाड़ तुमारी उसने फाड़ी और गलती सारी मेरी है | ये सही है तुम औरते तो कभी गलती करती ही नहीं | सब गलती मर्दों की ही होती है |
रीमा - मुझे क्या पता था, दो लंडो को एक साथ घोटने से जान निकल जाती है, गार्ड का लंड पतला था आराम से घुस गया था इसका तो मुसल है मुसल, ऊपर से इतनी बेदर्दी से पेला है सच में इसने गांड ऐसा चीर कर रख दी की पूछो मत | पता नहीं कब तक ये जलन दुखती रहेगी |
जितेश - मजा आया |
रीमा - हाय हाय हाय कितने पत्थर दिल हो मेरी दर्द से जान निकल गयी है तुम्हे मजे की पड़ी है |
जितेश - उस दर्द को पिया भी तो मैंने है |
रीमा - मतलब |
जितेश - तुमारी आँखों से बहते हर आंसू की बूंद को घुट बनाकर पीता रहा हूँ |
रीमा - तुम्हे मजाक सूझ रहा है |
जितेश - सच्ची में, तुमारी तकलीफों का एक भी आंसू बेड पर नहीं गिरने दिया | तुमारी सारी तकलीफे पी गया |
रीमा - चलो हटो बदमाश कही के |
जितेश - अभी कैसे हट जाऊ, अभी तो तकलीफों भरी राहो का सफ़र शुरू हुआ है | अभी तो बहुत कुछ बाकि है |
![[Image: jillian-janson-double-penetration8.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-EzSOLcr57HQ/XchayWkJzqI/AAAAAAAACW0/4sf3BvHagO4U-sCZrc81Ji9TNY50O_5ugCLcBGAsYHQ/s1600/jillian-janson-double-penetration8.jpg)
इतना कहकर उसने रीमा को गोदी में उठा लिया और जमीन पर खड़ा हो गया | एक पोजीशन में लगातार चोदने से थकावट आ जाती थी इसलिए जितेश जल्दी जल्दी पोजीशन बदलने लगा | इससे उन दोनों को अपनी सांसे काबू करने का मौका मिल जायेगा और रीमा को भी एक नया अनुभव मिल सकेगा | रीमा जितेश की गोद में थी | उसका लंड रीमा की चूत में | पीछे से गिरधारी आ गया और रीमा के नरम चूतड़ थाम लिए | रीमा जितेश की हाथों में लटकी उसके जिस्म से चिपकी थी | गिरधारी ने रीमा की जलती संकरी गांड में बिना देर के लंड घुसेड़ दिया और कमर हिलाने लगा | रीमा की गांड की तीखी जलन अभी भी बरक़रार थी लेकिन अब वो बर्दास्त करने लायक थी लेकिन उसकी गांड का कसा छल्ला पूरी तरह फैलाकर भी अभी तक गिरधारी के लंड को अपनी कसावट में बुरी तरह जकड़े था | उसका सुपाडा उसकी हिलती कमर के साथ रीमा की गांड की चिकनी गुलाबी मखमली दीवारों पर घिसने लगा | वो अहसास ही कुछ और था | गिरधारी तो अपने सफ़ेद पाउडर के नशे में था लेकिन रीमा के वासना के नशे के आगे वो कुछ भी नहीं था | दो दो लंडो से चुदने का नशा, लंड भी मुसल मोटे तगड़े हाहाकारी |
रीमा दर्द से कराहती हुई अब अपने होशो हवास में लौटने लगी थी | गिरधारी भी बुरी तरह से रीमा की गांड पेल के हांफने लगा था | वो अपनी उखड़ी सांसे काबू करने लगा | हालाकि उसका लंड अभी भी रीमा की संकरी गुलाबी गांड में सटासट आगे पीछे फिसल रह था | उसके लंड का सुपाडा अभी भी रीमा की गाड़ की गहराइयो में था और हफाने के कारन वो हलके हलके बस अपनी कमर हिला रहा था | रीमा को भी इसीलिए दम लेने का मौका मिल गया था वर्ना जब से गिरधारी ने लंड घुसेड़ा था उसका दर्द से बुरा हाल था | दो लंड की भीषण पेलाई से उसकी धड़कने वैसे भी अपने चरम को छु रही थी | इसीलिए जब गिरधारी थमा तो रीमा ने भी राहत की साँस ली | चूमा चाटी, सहलाना, मसलना चिकोटी काटना अब बस इसी सब का दौर चल रहा था | गिरधारी रीमा के मांसल नरम नरम गद्देदार चुताड़ो को मसल रहा था तो जितेश उसके स्तनों को मसल रहा था |
गिरधारी - आआआअह्हह्हह्हह्ह आपकी गाड़ बहुत कसी है मैडम और आपके चुताड़ो के क्या कहने, कितने नरम और चिकने है |
जितेश - साले जिस काम के लिए मैडम ने बोला है सिर्फ वो कर, उनकी गांड मार, चुताड़ो को हाथ भी मत लगाना |
गिरधारी रीमा के बड़े बड़े चुताड़ो को मसलता हुआ - बॉस तो मुझसे जलते है आआआह्ह क्या गद्देदार नरम चिकने चूतड़ है, मन कर रहा है इनकी तकिया बनाकर सो जाऊ | मैडम इतने चिकने गोरे नरम नरम चूतड़ कैसे रखती है, कौन सी क्रीम लगाती है |
रीमा - तुम्हे अच्छे लगे मेरे चिकने चूतड़ |
गिरधारी उन पर चपत लगता हुआ - तड़ाड़ाड़ाड़ाड़ाक |
रीमा - आआआआऊऊऊऊउचचचचचचचचचचचचचच ऐसा मत करो प्लीज|
गिरधारी - मजा आया |
रीमा - नहीं प्लीज ऐसा मत करो, चोट लगती है |
इससे पहले रीमा के चूतड़ पर फिर से गिरधारी स्लैप करता ..................... जितेश उसे लेकर दायी करवट लुढ़क गया | गिरधारी रीमा के पीछे आया और उसकी कसी संकरी गुलाबी गांड में अपना लंड घुसेड़ अपनी कमर हिलाने लगा | रीमा दो मर्दाने जिस्मो के बीच पिसने लगी | आगे से जितेश और पीछे से गिरधारी एक साथ रीमा की चूत और गांड में लंड पेलने लगे | कुछ पल की राहत फुर्र हो गयी रीमा फिर से अपनी गाड़ की जलन और दर्द से बेहाल होने लगी थी |
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रीमा दर्द और कराहों से फिर सिसकने लगी | दोनों तरफ से मुसल लंडो का रीमा के गुलाबी गोरे जिस्म में घुसना बदस्तूर जारी था | रीमा दर्द से सिसक रही थी, दो तरफ़ा ठोकरों से कांप रही थी और पूरी तरह अपने नियंत्रण से बाहर थी |
जितेश ने उसका ध्यान बटाने के लिए उसके कड़े तने हुए निप्पलो को कसकर मसलने लगा | रीमा इस मसलन से चिंहुक उठी | पहले ही क्या कम तकलीफ से गुजर रही जो जितेश और ज्यादा दर्द देने लगा | वो इस नए दर्द से और तेजी से कराहने लगी |
रीमा - आआआआआआआआआआआअऊऊऊऊऊऊऊचचचचचचचचच सिसिसिसिसीईईईईईईईईईईईईईईइ |
जितेश - क्या हुआ |
रीमा - मुझे तकलीफ देने में बड़ा मजा आता है |
जितेश - ये सवाल खुद से पूछो तो बेहतर है |
रीमा - तुम सब मर्द एक जैसे होते हो | औरत को नोचना खसोटना और दर्द देना जानते हो बस .... कुछ नहीं जानते तो वो है प्यार करना |
जितेश - अच्छा अब इसमें भी हमारी गलती है |
रीमा - और नहीं तो क्या, तुमारे इशारे पर ही तो उसने मेरा कचूमर निकाल दिया |
जितेश - मै तो वही कर रहा था जो तुमने कहा था |
रीमा - क्या कहा था मैंने |
जितेश - कितना भी चीखू चिल्लाऊ हाथ पैर पटकू अपनी एक्सप्रेस गाड़ी मत रोकना |
रीमा - कितने जालिम होते हो तुम मर्द, औरत को दर्द देकर कितना खुश होते हो | जरा भी तरस नहीं आया मुझ पर कितना चीख चिल्ला रही थी | कितना दर्द हो रहा था मुझे और तुम गिरधारी को भड़काने में लगे थे |
जितेश - मैंने क्या किया है, तुमारी गाड़ का भुर्ता तो उसके लंड ने बनाया है |
रीमा - मुझे सब पता है तुम्ही उसे उकसा रहे थे |
जितेश - लो जी अब सारी गलती मेरी है | गांड में तुमारे खुजली हो रही थी, गांड में तुम्हे मरवानी थी, मुसल लंड तुम्हे घोटना था | एक नहीं दो दो मुसल लंड घोटने थे, गाड़ तुमारी उसने फाड़ी और गलती सारी मेरी है | ये सही है तुम औरते तो कभी गलती करती ही नहीं | सब गलती मर्दों की ही होती है |
रीमा - मुझे क्या पता था, दो लंडो को एक साथ घोटने से जान निकल जाती है, गार्ड का लंड पतला था आराम से घुस गया था इसका तो मुसल है मुसल, ऊपर से इतनी बेदर्दी से पेला है सच में इसने गांड ऐसा चीर कर रख दी की पूछो मत | पता नहीं कब तक ये जलन दुखती रहेगी |
जितेश - मजा आया |
रीमा - हाय हाय हाय कितने पत्थर दिल हो मेरी दर्द से जान निकल गयी है तुम्हे मजे की पड़ी है |
जितेश - उस दर्द को पिया भी तो मैंने है |
रीमा - मतलब |
जितेश - तुमारी आँखों से बहते हर आंसू की बूंद को घुट बनाकर पीता रहा हूँ |
रीमा - तुम्हे मजाक सूझ रहा है |
जितेश - सच्ची में, तुमारी तकलीफों का एक भी आंसू बेड पर नहीं गिरने दिया | तुमारी सारी तकलीफे पी गया |
रीमा - चलो हटो बदमाश कही के |
जितेश - अभी कैसे हट जाऊ, अभी तो तकलीफों भरी राहो का सफ़र शुरू हुआ है | अभी तो बहुत कुछ बाकि है |
![[Image: jillian-janson-double-penetration8.jpg]](https://1.bp.blogspot.com/-EzSOLcr57HQ/XchayWkJzqI/AAAAAAAACW0/4sf3BvHagO4U-sCZrc81Ji9TNY50O_5ugCLcBGAsYHQ/s1600/jillian-janson-double-penetration8.jpg)
इतना कहकर उसने रीमा को गोदी में उठा लिया और जमीन पर खड़ा हो गया | एक पोजीशन में लगातार चोदने से थकावट आ जाती थी इसलिए जितेश जल्दी जल्दी पोजीशन बदलने लगा | इससे उन दोनों को अपनी सांसे काबू करने का मौका मिल जायेगा और रीमा को भी एक नया अनुभव मिल सकेगा | रीमा जितेश की गोद में थी | उसका लंड रीमा की चूत में | पीछे से गिरधारी आ गया और रीमा के नरम चूतड़ थाम लिए | रीमा जितेश की हाथों में लटकी उसके जिस्म से चिपकी थी | गिरधारी ने रीमा की जलती संकरी गांड में बिना देर के लंड घुसेड़ दिया और कमर हिलाने लगा | रीमा की गांड की तीखी जलन अभी भी बरक़रार थी लेकिन अब वो बर्दास्त करने लायक थी लेकिन उसकी गांड का कसा छल्ला पूरी तरह फैलाकर भी अभी तक गिरधारी के लंड को अपनी कसावट में बुरी तरह जकड़े था | उसका सुपाडा उसकी हिलती कमर के साथ रीमा की गांड की चिकनी गुलाबी मखमली दीवारों पर घिसने लगा | वो अहसास ही कुछ और था | गिरधारी तो अपने सफ़ेद पाउडर के नशे में था लेकिन रीमा के वासना के नशे के आगे वो कुछ भी नहीं था | दो दो लंडो से चुदने का नशा, लंड भी मुसल मोटे तगड़े हाहाकारी |


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