Thread Rating:
  • 16 Vote(s) - 2.38 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery रीमा की दबी वासना
जितेश अपनी बलिष्ट बाजुओं में रीमा को सख्ती से थामे उसकी चूत में लंड पेल रहा था पीछे से उसका नौकर भी रीमा की ताज़ी खुली गांड में अपने लंड को पेल रहा था | जितेश के लिए ये एक अजीब अनुभव था | एक मर्द का स्पर्श उसके लिए किसी भी तरह से सहज नहीं था | लकिन वो रीमा की जिद के आगे बेबस हो गया | शायद इसीलिए उसके मन में एक नाराजगी भी | उसे पता था रीमा दर्द से कराह रही है बिलख रही है, वो चाहता तो उसके दर्द पर मरहम लगा सकता था और उसे दर्द बर्दास्त करने का मौका दे सकता था | लेकिन जब रीमा ने ही ये दर्द चुना है तो कौन होता है उसे रोकने वाला | गिरधारी जोश में ज्यादा तेज अपने चूतड़ हिला रहा था | उसी की संगत में जितेश भी अपने चुताड़ो को तेजी से ठेलने लगा | रीमा दू बलिष्ट मर्दों के जिस्मो के पाटो के बीचे सैंडविच बनी पिस रही थी | उसकी  दोतरफा ठुकाई  शुरू हो गयी थी, रीमा दोतरफा चुदना शुरू हो गयी थी | वो बिलख रही थी सिसक रही थी रो रही थी कराह रही  थी लेकिन वासना में अँधा इंसान अपनी नहीं सुनता दुसरे की कौन सुनेगा | उसके जिस्म की मखमली सुरंगों का नरम गरम अहसास दोनों के लंडो के खून में उबाल लाये पड़ा था ऐसे में रीमा के मखमली सुरंगों की सिसकन रुदन की किसको पड़ी थी | इस वक्त दोनों वासना के उस जोश पर थे जहाँ कोई अगर उनकी कनपती पर आकर बन्दुक लगा देता तो भी अपने लंड बाहर नहीं निकालते | औरत के जिस्म का अहसास, उसकी गुलाबी सुरंगों का अहसास, उन्हें चोदने का  चीरने का कूटने का अहसास सिर्फ एक मर्द और सुका फूला हुआ लंड ही कर सकता है | ऐसे समय में मर्द को मरना मंजूर होता है लेकिन रुकना नहीं |  गिरधारी और जितेश भी उसी दौर से गुजर रहे थे, रीमा के जिस्म की सुरंगों के मखमली गरम अहसास में रीमा की दर्द भरी करुण चीखे पुकारे विनातियाँ उनके कानो तक नहीं पहुँच रही थी | अगर पहुँच भी रही थी तो वो सुन नहीं रहे थे | वो तो बस दनादन रीमा के जिस्म में अपना अपना लंड पेल रहे थे | 


[Image: tumblr_nkfxlbWlWC1r96uryo3_500.gif]

  कुल मिलाकर दो तने हुए कड़क लंड  रीमा के जिस्म की सुरंगों का सफ़र तय करके उसकी वासना का भूत उसके दिलो दिमाग से उतारने में जी जान से जुटे हुए थे | अब वक्त था रीमा की पिछली सुरंग में और आगे का सफ़र तय करने का | मंद्बुधि गिरधारी तो इतने में ही खुस था लेकिन जितेश ने उसके अन्दर जोश भर - क्या बच्चो की तरह रीमा के चुताड़ो पर फुदक रहा है | मर्द की तरह चोद रीमा को | पूरा लंड पेल रीमा की गांड में | जड़ तक धंसा से अपने लंड | पूरी खोल के रख दे रीमा की गांड को | इतना तगड़ा लंड लेकर घूम रहा है और एक औरत की गांड का छेद नहीं खोल पा रहा | शर्म आणि चाहिए तुझे अपनी मर्दानगी पर | 
रीमा अभी पिछले दर्द से साँस भी न ले पाई थी, जितेश ने चाभी भर दी | जितेश के उकसाने पर  गिरधारी ने रीमा की गांड से बाहर लंड निकाला | जितेश का लंड तो पहले से ही रीमा की गांड में धंसा हुआ था  गिरधारी ने  पूरी ताकत लगाकर फिर से लंड रीमा की गांड में पेल दिया | रीमा की गांड का कस छल्ला अभी बभी बहुत सख्त था | गिरधारी ने पूरी ताकत झोंक दी, रीमा का सख्कित छल्सीले और कमर के भीषण दबाव के बीचे गिरधारी के लंड का सुपाडा पिस कर रह गया | आखिर रीमा की गांड का कसा गुलाबी छल्ला कब तक गिरधारी की मर्दाना ताकत के आगे टिकता  उसका लंड रीमा की गांड के कसे छल्ले को फाड़ता हुआ उसकी गांड  की गुलाबी गहराइयो में उतर गया | जितेश तो अपने झटके बदस्तूर लगा रहा था | ऊपर से गिरधारी का मुसल लंड सुरुआती भीषण प्रतिरोध को चीरता हुआ रीमा की गांड की गहराइयो तक धंसता चला गया | उन दोनों के लंड रीमा की दोनों गुलाबी सुरंग के अन्दर आप में कस के एक दुसरे से मसल रहे थे | 
रीमा का गांड में वही जलन और वही तीखा दर्द लौट आया | 
रीमा - आआआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ओओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह गागागागागाडडडडडडडडडड आआअह्ह्ह्ह |
गिरधारी आइस्ते आइस्ते अपने लंड को रीमा की गांड की गहराइयो में ले जा जा रहा था जिससे वो उसके सुरंग की गहराई में गोते लगा सके  लेकिन उसकी पिछली  सुरंग का जख्मी पहरेदार ही रीमा के लिए नासूर बन गया था और उसकी गांड के छल्ले पर घिसते लंड से  रोये खड़े कर देने वाला तीखा दर्द पैदा हो रहा था | उसकी गांड में तीखी जलन होने लगी | ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने उसकी गांड की दीवारों में आग लगा दी हो | 

[Image: download%2B%25283%2529.gif]




रीमा अभी भी दोहरे दर्द में डूबी हुई थी और वो दोनों अपने अपने अहम् में नूरा कुश्ती शुरू कर रहे थे | जितेश और गिरधारी की इस लडाई में  रीमा की ही वाट लगनी थी दोनों तरफ से | 
लेकिन इस बार रीमा की तकलीफों की परवाह न तो जितेश को थी न गिरधारी को | दोनों रीमा की गुलाबी सुरंगों में अपने अपने लंड को पेलने में मशगूल थे | गिरधारी की हालत ख़राब हो रही थी | रीमा की कसी गांड ने उसकी एड़ी से चोटी तक पसीना निकाल दिया था | गांड में वो भी नयी ताज़ी गांड में लंड पेलने में इतनी ताकत लगती है उसे पता नहीं था | न केवल उसकी साँस फूलने लगी थी बल्कि उसका दम भी निकलने लगा था | कुल मिलाकर रीमा दो लंड से एक साथ चुदने लगी थी | 
जितेश ने उकसाया - अबे तू तो अभी से थकने लगा भोसड़ी के, अभी तो रीमा की गांड की नथ ठीक से नहीं उतार पाया, फट के हाथ में आ गयी रीमा की गांड मारने में | अबे मर्द की तरह गांड मार के बजा रीमा को | साले दम लगा अपने जिस्म की और लंड पेल रीमा की गांड में | चला था मुझसे मुकाबला करने |
रीमा - कैसा मुकाबला |
जितेश - कुछ नहीं बेबी तुम दो लंडो को एन्जॉय कर न | मजा आ रहा है दो लंडो से चुदकर |
रीमा - बहुत दर्द हो रहा है |
जितेश - कोई नहीं बेबी बर्दार्ष्ट करो, बस कुछ देर में ही दो लंडो पर बैठकर जन्नत की सैर करोगी | 
जितेश अब तक रीमा की चाहत समझ गया था | वो रीमा के साथ थोडा सख्ती से पेश आ रहा था | वो रीमा को लेकर पीठ के बल हो गया | रीमा अब उसके ऊपर आ गयी | उसने अपना लंड रीमा की चूत में घुसेड दिया और उसे चोदने लगा | पीछे से गिरधारी जमीं पर खड़ा होकर बेड के किनारे रीमा के मांसल गुदाज चुताड़ो से चिपक  गया | उसने रीमा के गांड का निशाना साधा और एक ही बार में अपना लंड रीमा की कसी कमसिन गांड की गुलाबी गहराइयों में उतार दिया | रीमा दर्द से नहा गयी | उसके मुहँ से तेज चीख निकल गयी | 
जितेश - ठीक से पेल लंड मैडम की गांड में वरना इनकी गांड की खुजली कैसे मिटेगी | 
[+] 3 users Like vijayveg's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 25-12-2019, 10:51 AM



Users browsing this thread: 25 Guest(s)