25-12-2019, 10:41 AM
जितेश ने कसकर उसे थामे रखा |
रीमा - आआआआआआआआआआआईईईईईईईईईइ प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज, मर जाउंगी मै | रीमा रोने लगी |
जितेश - घुसा हुआ लंड तो बाहर नहीं आएगा .......मैडम रीमा जी कितना भी हाथ पाँव पटको |
जितेश गिरधारी से - रुकना मत भोसड़ी के, मैडम की गांड का अच्छे से बाजा बजाना है चूत और गांड की सारी खुजली मिटानी है |
गिरधारी - जी बॉस जैसा हुकुम |
उसके अन्दर भरी इर्ष्या और उसके अहम् को पहुंची ठेस अब अपने को संतुष्ट कर रही थी | एक तरफ वो गिरधारी को उकसा रहा था, ताकि दर्द सर तड़पती रीमा की नजरो में वो उसको विलेन बना सके और उस दर्द में उसे थामकर रखने से खुद को उसकी नजरो में हीरो साबित कर सके | जितना दर्द से रीमा तद्पेगी उतना वो जितेश पर निर्भर होगी |
जितेश उसके चूमने लगा उसे खुद के सीने से चिपका लिया, उसके स्तनों को मसलने लगा | जितेश को अहसास था, एक तो उसकी अधखुली गांड का कसा छल्ला उपर से दोहरे लंड और दोनों मुसल के मुसल, रीमा की हालत खराब होनी ही थी | जितेश को भी लगा अपनी रफ़्तार कम कर लेनी चाहिए वरना रीमा की हालत और ख़राब हो सकती है | हालत तो उसकी वैसे भी ख़राब होनी है उसने अपनी ये हालत खुद चुनी है | रीमा के जांघो के बीच की दोनों सुरंगों में दो मुसल लंड धंसे हुए थे | रीमा की आँखे आसुओं से भरी थी, चेहरा दर्द से भरा था और उसका जिस्म इस नए हमले से दहशत से भर गया था | उसके जिस्म ने ऐसा कुछ पहले कभी अनुभव नहीं किया था | जितेश ने रीमा को चूमना शुरू कर दिया ताकि उसकी दर्द भरी कराहे उसके मुहँ में ही घुट कर रह जाए |
जितेश - बस बस हो गया मेरी रीमा जान, बस अब इससे ज्यादा कुछ नहीं होना, खुद ही देख लो पूरे सुपाडे के साथ आधा लंड घोंट गयी है | अब बिलखना बंद करो, अब तो हो गया जो होना था | दो दो मुसल लंड घोंट लिए एक साथ अब और क्या बचा | अब तो बस मजे लुटने का टाइम है | गिरधारी बस नाम को कमर हिला रहा था |
जितेश - गिरधारी ऐसे मरेगा मैडम की कसी गांड | थोड़ा कमर पर जोर लगाकर हिला |
गिरधारी - मैडम को दर्द हो रहा है |
जितेश - अबे चुतियानंदन मैडम की गांड मार रहा है मालिश नहीं कर रहा है, दर्द तो होगा ही आखिर गांड मरवा रही कोई बालो में कंघी नहीं करवा रही है , मजे भी तो यही लूटेगी | जितना जयादा जोरदार तरीके मैडम की गांड बजाएगा उतनी जल्दी इसका दर्द दूर भागेगा | चल मैडम को बजाना शुरू कर, उनकी गांड मारना शुरू कर |
रीमा तो जैसे कुछ सुन समझ पाने की हालत में ही नहीं थी | जितेश की बातो का रीमा पर कोई असर नहीं हो रहा था | उसे लग रहा था वासना के जोश में आकर उसने गलती कर दी | रीमा को दर्द से ही होश नहीं था, उसकी आँखों से झर झर आंसू फुट रहे थे | वो दर्द के कारन रोये जा रही थी | बार बार गिरधारी से लंड को बाहर निकालने की गुहार कर रही थी | गिरधारी बार बार जितेश की तरफ देखता | जितेश तो गिरधारी को और भड़का रहा है |
जितेश उसे थामे वैसे ही लेटा रहा पीछे गिरधारी रीमा के जिस्म से चिपका कमर हिलाता रहा | रीमा की गाड़ का मुहाना जलन और दर्द से जलता रहा, जैसे ही लंड जरा सा आगे पीछे होता रीमा की चुताड़ो की घाटी तीखे दर्द से नहा जाती | जितेश थमा हुआ था लेकिन उससे रीमा का दर्द कम नहीं हुआ | जितेश ने रीमा का हाथ उसके चूत दाने पर रखा लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ | जितेश ने ही फिर रीमा के चूत दाने को मसलना शुरू कर दिया | काफी देर तक उसे चूमता सहलाता रहा और दोनों के दोनों लंड उसकी दो गुलाबी सुरंगों में गुसेड़े उसे थामे रहा |
इसके बाद उसने गिरधारी को रीमा की गांड को लंड आगे पीछे करकर मारने का इशारा कर दिया, अब तक बस गिरधारी की हिलती कमर के कारन रीमा की गांड का छल्ला उसके लंड के साथ आगे पीछे हो रहा था लेकिन लंड आगे पीछे गांड में नहीं दौड़ रहा था | गिरधारी लम्बी पींगे के साथ अपनी कमर हिलाने लगा |
कुछ पल के लिए उसका थमा दर्द फिर से उसे चीरने लगा | रीमा - बहुत दर्द हो रहा है प्लीज अपने मुसल लंड को बाहर निकाल लो, वरना मै मर जाऊँगी | ह्हाआआआआआ प्लीज | मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है |
रीमा का इतना कहना था गिरधारी ने अपने धक्के तेज कर दिए |
रीमा - ह्हाआआआआआ ममामाममामा ईईईईईईईईई प्लीज क्यों मेरी गांड को फाड़ कर रख देने पर तुले हुए हो | हाय मै मर जाउंगी कितने पत्थर दिल हो जरा भी दया नहीं आती मुझ पर | गांड मारने को क्या दे दी मेरी जान ही ले लोगे क्या |
जितेश ने भी अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी थी | दो लंड एक साथ रीमा की दो गुलाबी सुरंगों में एक ही समय में | जितेश और गिरधारी के लंड रीमा की गुलाबी सुरंगों के अन्दर आपस में रगड़ खा रहे थे |
रीमा - आआआआआआआआआआआईईईईईईईईईइ प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज हाय बहुत दर्द हो रहा है प्लीज |
रीमा - कितने बेदर्द जालिम इंसान हो, पुरे जानवर बन गए हो क्या, आखिर मेरी सुन क्यों नहीं रहे | मै कितना चीख रही हूँ चिल्ला रही हूँ और तुम दोनों मुझे चीर कर रखे दे रहो हो |
जितेश - ये गांड मरवाने के लिए गिरधारी को बुलाने से पहले सोचना चाहिए था मैडम | दो लंड घोटना वो भी एक साथ, कलेजा मुहँ को आ जाता है | मैंने बोला था तब तो डायलाग मार रही थी | अब भुगतो |
रीमा - हाय माआआआऐईईईईईईइ रिरिरिरिरिरिरिरिरिरी तो क्या जान ले लोगे मेरी, आआआआआआआआआआआईईईईईईईईईइ प्लीज निकाल लो | औरत की बात को दिल से लगा कर बैठ गए | मै जो भी बोलूंगी सब मान लोगे क्या |
जितेश - चूत में गांड में या औरत के जिस्म में घुसा हुआ लंड झड़ने के बाद ही बाहर आता है | जितेश ने एक करारी ठोकर मारी |
रीमा - आआआआआआआआह्पहीईईईईईईईईईइ र्हरिरिरिरिरिरिरिरीर्लेरीर ओओओओओओओओह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी पहले की बात गांठ बांधकर कर रख ली तो अब मेरी बात क्यों नहीं सुन रहे हो | क्यों मेरी जान निकालने पर तुले हो |
रीमा अभी भी भीषण दर्द से गुजर रही थी लेकिन न तो अब जितेश रुकने के मूड में था न उसने गिरधारी को थमने को बोला | अब उसकी कोई सुनने वाला था ही नहीं | जितेश के जीवन की सबसे लम्बी चुदाई थी | जब भी वो चरम की तरफ बढ़ने लगता कोई न कोई अड़चन आ ही जाती | अब वो किसी भी अड़चन के लिए रुकने को तैयार नही था | रीमा बिलख रही थी, कोई बात नहीं उसे बिलखने दो | उसने अपनी ये किस्मत खुद चुनी है |
उसे दो लंडो से चुदने की हवस चढ़ी थी तो दो लंड से चुद रही है |
रीमा - हाय मै मर जाऊँगी मेरी गांड और चूत दोनों फट जाएगी, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज रुक जावो, तुम जालिमो को मुझ पर बिलकुल दया नहीं आ रही | कितने पत्थर दिल इंसान हो | एक बार लंड औरत के जिस्म में घुस पावो फिर मर्दों को कुछ नहीं दिखाई पड़ता |
रीमा - आआआआआआआआआआआईईईईईईईईईइ प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज, मर जाउंगी मै | रीमा रोने लगी |
जितेश - घुसा हुआ लंड तो बाहर नहीं आएगा .......मैडम रीमा जी कितना भी हाथ पाँव पटको |
जितेश गिरधारी से - रुकना मत भोसड़ी के, मैडम की गांड का अच्छे से बाजा बजाना है चूत और गांड की सारी खुजली मिटानी है |
गिरधारी - जी बॉस जैसा हुकुम |
उसके अन्दर भरी इर्ष्या और उसके अहम् को पहुंची ठेस अब अपने को संतुष्ट कर रही थी | एक तरफ वो गिरधारी को उकसा रहा था, ताकि दर्द सर तड़पती रीमा की नजरो में वो उसको विलेन बना सके और उस दर्द में उसे थामकर रखने से खुद को उसकी नजरो में हीरो साबित कर सके | जितना दर्द से रीमा तद्पेगी उतना वो जितेश पर निर्भर होगी |
जितेश उसके चूमने लगा उसे खुद के सीने से चिपका लिया, उसके स्तनों को मसलने लगा | जितेश को अहसास था, एक तो उसकी अधखुली गांड का कसा छल्ला उपर से दोहरे लंड और दोनों मुसल के मुसल, रीमा की हालत खराब होनी ही थी | जितेश को भी लगा अपनी रफ़्तार कम कर लेनी चाहिए वरना रीमा की हालत और ख़राब हो सकती है | हालत तो उसकी वैसे भी ख़राब होनी है उसने अपनी ये हालत खुद चुनी है | रीमा के जांघो के बीच की दोनों सुरंगों में दो मुसल लंड धंसे हुए थे | रीमा की आँखे आसुओं से भरी थी, चेहरा दर्द से भरा था और उसका जिस्म इस नए हमले से दहशत से भर गया था | उसके जिस्म ने ऐसा कुछ पहले कभी अनुभव नहीं किया था | जितेश ने रीमा को चूमना शुरू कर दिया ताकि उसकी दर्द भरी कराहे उसके मुहँ में ही घुट कर रह जाए |
जितेश - बस बस हो गया मेरी रीमा जान, बस अब इससे ज्यादा कुछ नहीं होना, खुद ही देख लो पूरे सुपाडे के साथ आधा लंड घोंट गयी है | अब बिलखना बंद करो, अब तो हो गया जो होना था | दो दो मुसल लंड घोंट लिए एक साथ अब और क्या बचा | अब तो बस मजे लुटने का टाइम है | गिरधारी बस नाम को कमर हिला रहा था |
जितेश - गिरधारी ऐसे मरेगा मैडम की कसी गांड | थोड़ा कमर पर जोर लगाकर हिला |
गिरधारी - मैडम को दर्द हो रहा है |
जितेश - अबे चुतियानंदन मैडम की गांड मार रहा है मालिश नहीं कर रहा है, दर्द तो होगा ही आखिर गांड मरवा रही कोई बालो में कंघी नहीं करवा रही है , मजे भी तो यही लूटेगी | जितना जयादा जोरदार तरीके मैडम की गांड बजाएगा उतनी जल्दी इसका दर्द दूर भागेगा | चल मैडम को बजाना शुरू कर, उनकी गांड मारना शुरू कर |
रीमा तो जैसे कुछ सुन समझ पाने की हालत में ही नहीं थी | जितेश की बातो का रीमा पर कोई असर नहीं हो रहा था | उसे लग रहा था वासना के जोश में आकर उसने गलती कर दी | रीमा को दर्द से ही होश नहीं था, उसकी आँखों से झर झर आंसू फुट रहे थे | वो दर्द के कारन रोये जा रही थी | बार बार गिरधारी से लंड को बाहर निकालने की गुहार कर रही थी | गिरधारी बार बार जितेश की तरफ देखता | जितेश तो गिरधारी को और भड़का रहा है |
जितेश उसे थामे वैसे ही लेटा रहा पीछे गिरधारी रीमा के जिस्म से चिपका कमर हिलाता रहा | रीमा की गाड़ का मुहाना जलन और दर्द से जलता रहा, जैसे ही लंड जरा सा आगे पीछे होता रीमा की चुताड़ो की घाटी तीखे दर्द से नहा जाती | जितेश थमा हुआ था लेकिन उससे रीमा का दर्द कम नहीं हुआ | जितेश ने रीमा का हाथ उसके चूत दाने पर रखा लेकिन उसका भी कोई फायदा नहीं हुआ | जितेश ने ही फिर रीमा के चूत दाने को मसलना शुरू कर दिया | काफी देर तक उसे चूमता सहलाता रहा और दोनों के दोनों लंड उसकी दो गुलाबी सुरंगों में गुसेड़े उसे थामे रहा |
इसके बाद उसने गिरधारी को रीमा की गांड को लंड आगे पीछे करकर मारने का इशारा कर दिया, अब तक बस गिरधारी की हिलती कमर के कारन रीमा की गांड का छल्ला उसके लंड के साथ आगे पीछे हो रहा था लेकिन लंड आगे पीछे गांड में नहीं दौड़ रहा था | गिरधारी लम्बी पींगे के साथ अपनी कमर हिलाने लगा |
कुछ पल के लिए उसका थमा दर्द फिर से उसे चीरने लगा | रीमा - बहुत दर्द हो रहा है प्लीज अपने मुसल लंड को बाहर निकाल लो, वरना मै मर जाऊँगी | ह्हाआआआआआ प्लीज | मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा है |
रीमा का इतना कहना था गिरधारी ने अपने धक्के तेज कर दिए |
रीमा - ह्हाआआआआआ ममामाममामा ईईईईईईईईई प्लीज क्यों मेरी गांड को फाड़ कर रख देने पर तुले हुए हो | हाय मै मर जाउंगी कितने पत्थर दिल हो जरा भी दया नहीं आती मुझ पर | गांड मारने को क्या दे दी मेरी जान ही ले लोगे क्या |
जितेश ने भी अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी थी | दो लंड एक साथ रीमा की दो गुलाबी सुरंगों में एक ही समय में | जितेश और गिरधारी के लंड रीमा की गुलाबी सुरंगों के अन्दर आपस में रगड़ खा रहे थे |
रीमा - आआआआआआआआआआआईईईईईईईईईइ प्लीज निकाल लो, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज हाय बहुत दर्द हो रहा है प्लीज |
रीमा - कितने बेदर्द जालिम इंसान हो, पुरे जानवर बन गए हो क्या, आखिर मेरी सुन क्यों नहीं रहे | मै कितना चीख रही हूँ चिल्ला रही हूँ और तुम दोनों मुझे चीर कर रखे दे रहो हो |
जितेश - ये गांड मरवाने के लिए गिरधारी को बुलाने से पहले सोचना चाहिए था मैडम | दो लंड घोटना वो भी एक साथ, कलेजा मुहँ को आ जाता है | मैंने बोला था तब तो डायलाग मार रही थी | अब भुगतो |
रीमा - हाय माआआआऐईईईईईईइ रिरिरिरिरिरिरिरिरिरी तो क्या जान ले लोगे मेरी, आआआआआआआआआआआईईईईईईईईईइ प्लीज निकाल लो | औरत की बात को दिल से लगा कर बैठ गए | मै जो भी बोलूंगी सब मान लोगे क्या |
जितेश - चूत में गांड में या औरत के जिस्म में घुसा हुआ लंड झड़ने के बाद ही बाहर आता है | जितेश ने एक करारी ठोकर मारी |
रीमा - आआआआआआआआह्पहीईईईईईईईईईइ र्हरिरिरिरिरिरिरिरीर्लेरीर ओओओओओओओओह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी पहले की बात गांठ बांधकर कर रख ली तो अब मेरी बात क्यों नहीं सुन रहे हो | क्यों मेरी जान निकालने पर तुले हो |
रीमा अभी भी भीषण दर्द से गुजर रही थी लेकिन न तो अब जितेश रुकने के मूड में था न उसने गिरधारी को थमने को बोला | अब उसकी कोई सुनने वाला था ही नहीं | जितेश के जीवन की सबसे लम्बी चुदाई थी | जब भी वो चरम की तरफ बढ़ने लगता कोई न कोई अड़चन आ ही जाती | अब वो किसी भी अड़चन के लिए रुकने को तैयार नही था | रीमा बिलख रही थी, कोई बात नहीं उसे बिलखने दो | उसने अपनी ये किस्मत खुद चुनी है |
उसे दो लंडो से चुदने की हवस चढ़ी थी तो दो लंड से चुद रही है |
रीमा - हाय मै मर जाऊँगी मेरी गांड और चूत दोनों फट जाएगी, बहुत दर्द हो रहा है प्लीज रुक जावो, तुम जालिमो को मुझ पर बिलकुल दया नहीं आ रही | कितने पत्थर दिल इंसान हो | एक बार लंड औरत के जिस्म में घुस पावो फिर मर्दों को कुछ नहीं दिखाई पड़ता |