25-12-2019, 12:30 AM
इधर रीमा को बार बार देखकर बहुत तेजी से गिरधारी अपना लंड मसल रहा था | रीमा ने एक उंगली से इशारा करके उसे अपने पास बुलाया | पहली बार में वो रीमा का इशारा समझ नहीं आया लेकिन फिर तेजी से उठाकर रीमा के बेड के पास आ गया | उसके पास आते ही रीमा बेड पर तितली की भांति फ़ैल गयी | उसका एक स्तन जितेश बुरी तरह से मसल कर उसकी चूत पर अपने मुसल लंड की जोरदार ठोकरे लगा रहा था | रीमा के बदन की गर्मी फिर बढने लगी | इधर गिरधारी के पास आते ही रीमा ने उसके लंड को हलके हाथो से थाम लिया, और उसे मुठीयाने लगी | ये देख जितेश इर्ष्या से जल उठा, उसके अन्दर का मर्दवादी अहंकार जाग गया वो खुन्नस में रीमा को जोरदार धक्के मारने लगा जिससे रीमा का पूरा बदन हिल रहा था | रीमा के मुहँ से तेज कराहे निकलने लगी - आआअह्रीह्माह्ह आआआआआ ऊऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह ओओओओओओह्ह्हह्ह्ह्ह बेबी आआआअह्ह बेबी | रीमा भी समझ गयी आखिर उसकी चूत पर इतनी तेज ठोकरे क्यों पड़ रही है | लेकिन उन्ही ठोकरे से उसकी चूत में ऐसी तरंग पैदा करी की रीमा वासना के समन्दर में और गहराई तक गोते लगाने लगी | उसके मुहँ से जितेश के हर धक्के की प्रतिध्वनि निकल रही थी | रीमा का जिस्म तेजी से हिल रहा था लेकिन उसने गिरधारी के लंड को कसकर हाथ में थाम रखा था | उसके लंड को मसलते मसलते रीमा ने अपने कांपते रसीले गुलाबी ओंठ उसके अंगारे की तरह जलते लंड के सुपाडे से सटा दिए | जितेश की तेज ठोकरे उसे हिलाए पड़ी थी इसलिए वो आसनी से उसके सुपाडे को आराम से नहीं चूस पा रही थी, कभी वो उसके अनुमान से ज्यादा घुस जाता, कभी तो वो उससे दूर हो जाती | रीमा के गुलाबी ओंठो का रसीला स्पर्श और गीली जुबान का खुरदुरा रोमांचकारी स्पर्श गिरधारी तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गया | ये देखकर जितेश ने पूरी ताकत लगाकर रीमा की चूत में लंड पेल दिया | उसकी ठोकर से रीमा का बदन आगे की तरफ उछाल गया | ठोकर के लगते ही रीमा न चाहते हुए भी गिरधारी का आधा लंड घोंट गयी | गिरधारी का तो जैसे जैकपोट लग गया, रीमा जैसी हसीन औरत उसका लंड चूस रही है | उसके जीवन में ये किसी चमत्कार से कम नहीं था | वो बस रीमा जैसी गुलाबी गोरी अप्सरा के लंड चूसने के ख्याल से ही रोमाचित होकर उत्तेजना के चरम पर पहुँच गया था |
रीमा की चुताड़ो पर लगने वाली ठोकरों की कराहे अब रीमा के मुहँ में ही घुट जा रही थी | उसकी तेज सांसे उसे जल्दी ही मुहँ खोलकर साँस भरने को मजबूर कर देती |
रीमा के जीवन में ये पहला मौका था जब वो एक नहीं दो दो लंडो के साथ अपनी हवस बुझाने में जुटी थी | ये सोचकर ही उसकी चूत झरने लगी | दो लंडो का ख्याल ही उसे रोमांच की पराकाष्ठा पर पंहुचाये दे रहा था | रीमा के जिस्म के दो छेद और दोनों मुसल लंडो से भरे हुए | उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके जीवन में कभी कोई ऐसा मौका आएगा | एक लंड चूत पर दनादन ठोकरे मार रहा था और उन्ही ठोकरे से हिलता जिस्म दुसरे लंड को मुहँ के आगोश में अपने आप समेट दे रहा था | रीमा का बदन अब उसके काबू से बाहर जा रहा था | वो समझ नहीं पा रही थी वो कहाँ ध्यान लगाये | एक तरफ उसकी चूत में लंड पेलता जितेश, दुसरे उसके मुहँ में फिसलता उसके पालतू का लंड | गिरधारी भी पूरी तरह मदहोश था | जितेश गुस्से जलन और वासना से भरा हुआ और रीमा इनके बीच
मचलती उछलती अपनी ही कल्पनावो की दुनिया में चली गयी | दुनिया में कितनी औरते है जिन्हें एक साथ दो लंडो का सुख नसीब होता है | वो अन्दर से बहुत खुश थी और वासना में पूरी तरह मदमस्त थी | न अब वो दिमाग पर जोर लगा रही थी न उसे कुछ सोचना था | वो बस वासना के इस बहते तुफान में तैरती रहना चाहती थी | जितेश के धक्को से आराम से गिरधारी का लंड उसके मुहँ में अन्दर बाहर हो रहा था | गिरधारी की तो ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था | उसका हाथ अपने आप ही रीमा के स्तन की तरफ बढ़ा गया | लेकिन इससे पहले वो उसको दबोच कर मसलता, जितेश ने उसे अपने काबू में ले लिया | मायूस हो वो फिर से पीछे आ गया | तभी जितेश रीमा के ऊपर तक छाता हुआ उसे आकर चूमने लगा | रीमा के मुहँ से गिरधारी का लंड निकल गया | जितेश ने रीमा को अपने चुताड़ो पर जांघे सटाने को कहाँ और उसको अपनी बांहों में भर लिया | रीमा भी उससे चिपक गयी | जितेश रीमा का कसकर चोदने लगा |
इधर गिरधारी मायूस हो गया | आखिर कार रीमा जितेश की गिरफ्त से एक हाथ निकाल कर उसके लंड को मसलने लगी |
गिरधारी के चेहरे की ख़ुशी गायब हो गयी थी | इधर जितेश को भी रीमा को चोदते हुए बहुत देर हो गयी थी | बीच बीच में रूकावटो कारन वो अभी तक झड़ा नहीं था इसलिए इस बार लगातार चोद कर निपट जाना चाहता था | रीमा पूरी तरह से उसके कब्जे में थी और उसका लंड बेतहाशा उसकी चूत में दनादन जा रहा था | रीमा और जितेश दोनों की सांसे तेज थी |
जितेश रीमा को वैसा ही चोद रहा था जैसे वो चुदना चाहती थी लेकिन फिर भी वो खुद को खुद के अहसासों को, खुद की अतृप्त ख्वाइशो को, खुद के अरमानो को जितेश के उसकी चूत पर पड़ते धक्को से जोड़ नहीं पा रही थी | उसे कुछ कम सा लग रहा था | आखिर किस चीज की कमी है, सब कुछ तो वैसा ही हो रहा है जैसा वो चाहती थी | फिर उसके मन में इतना खालीपन क्यों है | इधर गिरधारी अब रीमा के बायीं तरफ खड़ा था | रीमा बाये हाथ से उसके लंड को मसल रही थी | रीमा जितेश की बाहों में थी जो दाहिनी तरफ को लुढका हुआ उसे अपनी बांहों में समेटे था | इसीलिए उसके उठे हुए मांसल बड़े बड़े चूतड़ गिरधारी की तरफ थे और उन पर लग रही ठोकरो से हिल रहे थे | पता नहीं क्यों लेकिन शायद जितेश रीमा के चुताड़ो को उठाकर गिरधारी को करीब से ये अहसास कराना चाहता था कि औकात में रहो | रीमा और रीमा का जिस्म सिर्फ उसका है और देखो कैसे मै रीमा की चूत को हचक हचक के चोद रहा हूँ | रीमा भी कितनी ख़ुशी ख़ुशी चुद रही है |
सब कुछ गिरधारी के इतना करीब हो रहा था कि उसका हाथ अपने आप ही रीमा के चुताड़ो पर चला गया | रीमा को जितेश ने दाहिनी करवट कर खुद से चीपका लिया था | उसकी जांघो को फैलाकर उसकी चूत त्रिकोण को खुद से चिपका लिया था | रीमा का चेहरा अब गिरधारी से उलट था | जैसे ही गिरधारी ने रीमाके चुताड़ो पर हाथ रखा जितेश ने रीमा को चोदते हुए आँखों से घुड़की दिखाई, जैसे कहना चाह रहा हो तुमारी मजाल कैसे हुई रीमा के गोरे नाजुक बदन को छूने की | रीमा सिर्फ मेरी है सिर्फ मेरी, उसे सिर्फ मै चोदुंगा बल्कि मै ही चोद रहा हूँ | वो भी देखो कैसे मेरी चौड़ी छाती से चिपकी चुद रही है | उसने गिरधारी के हाथ की हटाने की कोशिश की लेकिन इससे पहले वो रीमा के एक चूतड़ को अपने हाथ में ले चूका था | इधर रीमा के हाथ से उसका लंड कब का छूट चूका था इसलिए इसने झुकते हुए दोनों हाथो से रीमाके चूतड़ थाम लिए और उनकी मालिश करने लगा | जितेश कुढ़ कर रह गया | रीमा तो जितेश की चुदाई में पूरी तरह मदहोश हो गयी थी | जितेश रीमा को एक पल भी कुछ और सोचने का मौका नहीं देना चाहता था |
गिरधारी के लिए रीमा के मांसल गोरे बदन का स्पर्श ही उसके लिए किसी जन्नत से कम नहीं था | वो तो इसी खुसी में ही दोहरा हुआ जा रहा था | रीमा के चुताड़ो पर फिसलती उंगलियाँ उसके चुताड़ो की दरार सहलाती हुई , रीमा की चूत में जा रहे जितेश के मुसल लंड के बहुत करीब पहुँच गयी | गिरधारी को रीमा के चूतड़ बहुत अच्छे लग रहे थे | वो उन्ही की मालिश में मशगूल हो गया और उसकी उंगलियाँ रेंगते रेंगते रीमा के पिछली सुरंग के मुहाने पर पहुँच गयी | रीमा ने एक सिसकारी, इससे पहले गिरधारी कुछ और करता जितेश ने अपने दोनों हाथ रीमा के चुताड़ो पर चिपका दिए और उसके कसकर चूमकर चोदने लगा |
जितेश तेज सांसो के साथ - तुम्हे मजा आ रहा है न बेबी |
रीमा - बस ऐसे ही चोदते रही |
जितेश - मै तुमको मोटे मुसल लंड से गहराई तक चोद रहा हूँ, ऐसे ही तुम चुदना चाहती थी न बेबी |
रीमा - ऊऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ बेबी हाँ बिलकुल ऐसे ही | बेबी बस ऐसे ही चोदते रहो |
जितेश को पता था उसने जरा सी भी ढील दी तो गिरधारी रीमा के चुताड़ो पर कब्जिज़ा जमा लेगा इसीलिए उसने रीमा को चोदते चोदते न केवल उसके दोनों चुताड़ो को अपनी हथेलियों में ले रखा था बल्कि एक उंगली उसकी कसी गांड में घुसाने लगा ताकि उसके चिकने चुताड़ो पर अच्छी पकड़ बने | जैसे ही उसकी उंगली रीमा की गांड की कसे छल्ले को चीरती हुई अन्दर गयी |
रीमा जोर से सिसक पड़ी - ऊऊऊऊऊऊऊओईईईईईईईईईईइम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्ममाआआआआआआ |
जितेश ने जोश जोश में दो बार उंगली और अन्दर तक घुसेड़ कर अन्दर बाहर कर दी | रीमा सिसक कर जितेश से कसकर लिपट गयी - ऊऊऊऊऊऊऊओह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह गॉड सिसिसिसिसीईईईईईईईईईईईईईईइ |
इतनी देर की दनादन चुदाई का मजा एक तरफ और ये किंकी अहसास एक तरफ | रीमा के चुताड़ो की घाटी में तो जैसे किसी ने राख में दबी चिंगारी भड़का दी हो |
रीमा की चुताड़ो पर लगने वाली ठोकरों की कराहे अब रीमा के मुहँ में ही घुट जा रही थी | उसकी तेज सांसे उसे जल्दी ही मुहँ खोलकर साँस भरने को मजबूर कर देती |
रीमा के जीवन में ये पहला मौका था जब वो एक नहीं दो दो लंडो के साथ अपनी हवस बुझाने में जुटी थी | ये सोचकर ही उसकी चूत झरने लगी | दो लंडो का ख्याल ही उसे रोमांच की पराकाष्ठा पर पंहुचाये दे रहा था | रीमा के जिस्म के दो छेद और दोनों मुसल लंडो से भरे हुए | उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसके जीवन में कभी कोई ऐसा मौका आएगा | एक लंड चूत पर दनादन ठोकरे मार रहा था और उन्ही ठोकरे से हिलता जिस्म दुसरे लंड को मुहँ के आगोश में अपने आप समेट दे रहा था | रीमा का बदन अब उसके काबू से बाहर जा रहा था | वो समझ नहीं पा रही थी वो कहाँ ध्यान लगाये | एक तरफ उसकी चूत में लंड पेलता जितेश, दुसरे उसके मुहँ में फिसलता उसके पालतू का लंड | गिरधारी भी पूरी तरह मदहोश था | जितेश गुस्से जलन और वासना से भरा हुआ और रीमा इनके बीच
मचलती उछलती अपनी ही कल्पनावो की दुनिया में चली गयी | दुनिया में कितनी औरते है जिन्हें एक साथ दो लंडो का सुख नसीब होता है | वो अन्दर से बहुत खुश थी और वासना में पूरी तरह मदमस्त थी | न अब वो दिमाग पर जोर लगा रही थी न उसे कुछ सोचना था | वो बस वासना के इस बहते तुफान में तैरती रहना चाहती थी | जितेश के धक्को से आराम से गिरधारी का लंड उसके मुहँ में अन्दर बाहर हो रहा था | गिरधारी की तो ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था | उसका हाथ अपने आप ही रीमा के स्तन की तरफ बढ़ा गया | लेकिन इससे पहले वो उसको दबोच कर मसलता, जितेश ने उसे अपने काबू में ले लिया | मायूस हो वो फिर से पीछे आ गया | तभी जितेश रीमा के ऊपर तक छाता हुआ उसे आकर चूमने लगा | रीमा के मुहँ से गिरधारी का लंड निकल गया | जितेश ने रीमा को अपने चुताड़ो पर जांघे सटाने को कहाँ और उसको अपनी बांहों में भर लिया | रीमा भी उससे चिपक गयी | जितेश रीमा का कसकर चोदने लगा |
इधर गिरधारी मायूस हो गया | आखिर कार रीमा जितेश की गिरफ्त से एक हाथ निकाल कर उसके लंड को मसलने लगी |
गिरधारी के चेहरे की ख़ुशी गायब हो गयी थी | इधर जितेश को भी रीमा को चोदते हुए बहुत देर हो गयी थी | बीच बीच में रूकावटो कारन वो अभी तक झड़ा नहीं था इसलिए इस बार लगातार चोद कर निपट जाना चाहता था | रीमा पूरी तरह से उसके कब्जे में थी और उसका लंड बेतहाशा उसकी चूत में दनादन जा रहा था | रीमा और जितेश दोनों की सांसे तेज थी |
जितेश रीमा को वैसा ही चोद रहा था जैसे वो चुदना चाहती थी लेकिन फिर भी वो खुद को खुद के अहसासों को, खुद की अतृप्त ख्वाइशो को, खुद के अरमानो को जितेश के उसकी चूत पर पड़ते धक्को से जोड़ नहीं पा रही थी | उसे कुछ कम सा लग रहा था | आखिर किस चीज की कमी है, सब कुछ तो वैसा ही हो रहा है जैसा वो चाहती थी | फिर उसके मन में इतना खालीपन क्यों है | इधर गिरधारी अब रीमा के बायीं तरफ खड़ा था | रीमा बाये हाथ से उसके लंड को मसल रही थी | रीमा जितेश की बाहों में थी जो दाहिनी तरफ को लुढका हुआ उसे अपनी बांहों में समेटे था | इसीलिए उसके उठे हुए मांसल बड़े बड़े चूतड़ गिरधारी की तरफ थे और उन पर लग रही ठोकरो से हिल रहे थे | पता नहीं क्यों लेकिन शायद जितेश रीमा के चुताड़ो को उठाकर गिरधारी को करीब से ये अहसास कराना चाहता था कि औकात में रहो | रीमा और रीमा का जिस्म सिर्फ उसका है और देखो कैसे मै रीमा की चूत को हचक हचक के चोद रहा हूँ | रीमा भी कितनी ख़ुशी ख़ुशी चुद रही है |
सब कुछ गिरधारी के इतना करीब हो रहा था कि उसका हाथ अपने आप ही रीमा के चुताड़ो पर चला गया | रीमा को जितेश ने दाहिनी करवट कर खुद से चीपका लिया था | उसकी जांघो को फैलाकर उसकी चूत त्रिकोण को खुद से चिपका लिया था | रीमा का चेहरा अब गिरधारी से उलट था | जैसे ही गिरधारी ने रीमाके चुताड़ो पर हाथ रखा जितेश ने रीमा को चोदते हुए आँखों से घुड़की दिखाई, जैसे कहना चाह रहा हो तुमारी मजाल कैसे हुई रीमा के गोरे नाजुक बदन को छूने की | रीमा सिर्फ मेरी है सिर्फ मेरी, उसे सिर्फ मै चोदुंगा बल्कि मै ही चोद रहा हूँ | वो भी देखो कैसे मेरी चौड़ी छाती से चिपकी चुद रही है | उसने गिरधारी के हाथ की हटाने की कोशिश की लेकिन इससे पहले वो रीमा के एक चूतड़ को अपने हाथ में ले चूका था | इधर रीमा के हाथ से उसका लंड कब का छूट चूका था इसलिए इसने झुकते हुए दोनों हाथो से रीमाके चूतड़ थाम लिए और उनकी मालिश करने लगा | जितेश कुढ़ कर रह गया | रीमा तो जितेश की चुदाई में पूरी तरह मदहोश हो गयी थी | जितेश रीमा को एक पल भी कुछ और सोचने का मौका नहीं देना चाहता था |
गिरधारी के लिए रीमा के मांसल गोरे बदन का स्पर्श ही उसके लिए किसी जन्नत से कम नहीं था | वो तो इसी खुसी में ही दोहरा हुआ जा रहा था | रीमा के चुताड़ो पर फिसलती उंगलियाँ उसके चुताड़ो की दरार सहलाती हुई , रीमा की चूत में जा रहे जितेश के मुसल लंड के बहुत करीब पहुँच गयी | गिरधारी को रीमा के चूतड़ बहुत अच्छे लग रहे थे | वो उन्ही की मालिश में मशगूल हो गया और उसकी उंगलियाँ रेंगते रेंगते रीमा के पिछली सुरंग के मुहाने पर पहुँच गयी | रीमा ने एक सिसकारी, इससे पहले गिरधारी कुछ और करता जितेश ने अपने दोनों हाथ रीमा के चुताड़ो पर चिपका दिए और उसके कसकर चूमकर चोदने लगा |
जितेश तेज सांसो के साथ - तुम्हे मजा आ रहा है न बेबी |
रीमा - बस ऐसे ही चोदते रही |
जितेश - मै तुमको मोटे मुसल लंड से गहराई तक चोद रहा हूँ, ऐसे ही तुम चुदना चाहती थी न बेबी |
रीमा - ऊऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़ बेबी हाँ बिलकुल ऐसे ही | बेबी बस ऐसे ही चोदते रहो |
जितेश को पता था उसने जरा सी भी ढील दी तो गिरधारी रीमा के चुताड़ो पर कब्जिज़ा जमा लेगा इसीलिए उसने रीमा को चोदते चोदते न केवल उसके दोनों चुताड़ो को अपनी हथेलियों में ले रखा था बल्कि एक उंगली उसकी कसी गांड में घुसाने लगा ताकि उसके चिकने चुताड़ो पर अच्छी पकड़ बने | जैसे ही उसकी उंगली रीमा की गांड की कसे छल्ले को चीरती हुई अन्दर गयी |
रीमा जोर से सिसक पड़ी - ऊऊऊऊऊऊऊओईईईईईईईईईईइम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्ममाआआआआआआ |
जितेश ने जोश जोश में दो बार उंगली और अन्दर तक घुसेड़ कर अन्दर बाहर कर दी | रीमा सिसक कर जितेश से कसकर लिपट गयी - ऊऊऊऊऊऊऊओह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह गॉड सिसिसिसिसीईईईईईईईईईईईईईईइ |
इतनी देर की दनादन चुदाई का मजा एक तरफ और ये किंकी अहसास एक तरफ | रीमा के चुताड़ो की घाटी में तो जैसे किसी ने राख में दबी चिंगारी भड़का दी हो |