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Misc. Erotica अनोखी ताक़तों का मालिक।
#46
Update 17

अभी तक-

लड़की ने एक ज़ोर की हुंकार भरी और राहुल को ऊपर खींच लिया ....राहुल ऊपर सड़क पर गिर पड़ा और बेहोश होने से पहले उसने देखा कि लड़की ने अपनी उलटी हुई लग्ज़री कार को ऐसे सीधा कर दिया मानो वो असली नहीं खिलौने वाली कार हो । लड़की ने बेहोश पड़े राहुल को उठाकर कार में डाला और कार को पूरी रफ्तार से  दौड़ा दिया  ।

अब आगे-

राहुल को जब होश आया तो वो खुद को एक साफ और आलीशान कमरे में पाता है वो हैरान होकर बिस्तर से उठ जाता है "कँहा हूँ मैं....मैं यँहा कैसे आया " 
लड़की की आवाज़(उसके पीछे से आती है)- तो जनाब सब भूल गए ? भई वाह पहले आत्महत्या की कोशिश करो और फिर सब भूल जाओ इससे बढ़िया क्या हो सकता है ।
राहुल को याद आता है उसका सनी के होटल जाना ...फिर कूदना...किसी लड़की का उसे बचाना । "पक्का कोई रेस्लर टाइप की लड़की होगी...तभी तो इतनी आसानी से उसने कार को उठा लिया था " वो सोचते हुए आवाज़ की दिशा में घूमता है पर किसी रेस्लर की जगह वो एक सुन्दर नाज़ुक सी लड़की को देखकर उसकी हैरानी और बढ़ जाती है । वो उसे एकटक देखता रह जाता है । उसकी हाइट 5.5 फुट होगी , अंडाकार गोरा चेहरा ,लम्बे घने बाल , 36-23-36 का जानलेवा फिगर "उफ्फ देखने में बिल्कुल निधि अग्रवाल जैसी है" । उसने सीवलेस काली  ड्रेस  पहन रखी थी जिस पर गुलाबी रंग के फूल बने हुए थे जो उसके घुटनों तक आ रही थी ,उसके ऊपर उसने एक नीली जीन्स की जैकेट पहनी हुई थी जिसके बटन खुले होने के कारण उसके सुडौल स्तंनो का उभार साफ नजर आ रहा था । राहुल उसे देखकर जैसे दिनभर की सारी थकान-गुस्सा-घटनाओं सब को भूल गया । वो ज़मीन पर खड़ी थी और उसकी एक टांग कुर्सी पर थी ।उसके घुटने पर चोट लगी हुई थी वो उसे कॉटन से साफ करते हुए कहती है "घूरते ही रहोगे या कुछ कहोगे भी" । राहुल उसके पास जाकर उसकी चोट को देखता है ,बेचारी का सारा घुटना छिल गया था ।[Image: thumb.php?id=A771_5C4FD86C]
राहुल(उसके घुटने की चोट देखकर परेशान हो जाता है, उसे अपने बचपन की याद आती है ,जब मां उसकी चोट को चूम कर उसका दर्द ठीक कर देती थी ,वो उसका घुटना हल्के से चूम लेता)-कैसे लगी तुम्हें इतनी चोट ? । लड़की उस इस हरकत पर खिलखिला कर हँस पड़ती है ।
राहुल-तुम हँसी क्यों ?
लड़की-चोट को कोई चूमता है क्या ?
राहुल-बचपन में माँ चूमती थी ।
लड़की-तुम बहुत नादान हो ।
राहुल(उसके चेहरे की मासूमियत को निहारते हुए)- तुम्हें इतनी चोट लगी कैसे ,तुमने बताया नहीं ।
लड़की(राहुल की नाक खींचते हुए)-जनाब यह आपका ही काम है ।
राहुल-मेरा ? मैंने तो तुम्हें चोट नहीं पहुंचाई ,तुम इतनी ...। वो जानबूझकर बात अधूरी छोड़ देता है वो सोचता उस जैसे हरामी को ऐसी लडक़ी की तारीफ भी करने का हक नहीं है । 
लड़की-बुद्धु महाशय ,जब आप जान देने के लिए पहाड़ से कूद पड़े थे तो मुझे चलती कार से कूद कर आपकी जान बचानी पड़ी ,उसी समय लगी यह चोट ।
उफ्फ कितनी मासूस है वो टेबल पर पड़ी पट्टी उठा लेता और उसे ध्यान से लड़की के घुटने पर बाँध देता है ।वो सोच लेता है कि वो इस लड़की से दोबारा कभी नहीं मिलेगा... क्योंकि वो उसके लायक ही नहीं है...उस जैसे हैवान को ऐसी लड़की के साए के पास भी फटकना नहीं चाहिए.....जितना जल्दी हो सके वो इससे दूर चला जाएगा और फिर कभी उससे नहीं मिलेगा । 
लड़की-कँहा खो जाते हो तुम ? क्या नाम है तुम्हारा ?
राहुल-...र...राहुल। और तुम्हारा ? 
लड़की- वैदेही , अच्छा नाम है ना ? अच्छा मिस्टर खामोश यह बताओ कि मैं ज्यादा सुंदर हूँ या मेरा नाम ।तुम तो बड़े अजीब हो इतनी सुन्दर-सेक्सी लड़की तुम्हारे सामने खड़ी है और तुम हो कि बोलते ही नहीं .....क्या तुम्हें मैं सुंदर नहीं लगी ? । राहुल उसकी बक-2 सुनता जाता है वो नॉनस्टॉप बातें करती ही जा रही थी अगर रूम सर्विस वाला कॉफी न लेकर आया होता तो शायद वो कभी रुकती ही नहीं । वो पर्स से 500 रुपए निकालकर रूम सर्विस वाले को देती है ।
रूम सर्विस वाला-मैडम पेमेंट नीचे रिसेप्शन पर करनी है ।
वैदेही-मुझे पता है ,यह तो तुम्हारी टिप थी । पूरा दिन सबकी मदद करते हो....किसी के लिए खाना लाते हो किसी के लिए पानी....किसी को फलाना चाहिए और किसी को फलानी चीज़ और अब हमारे लिए कॉफी भी तो लेकर आए हो ।
राहुल सोचता है जितनी बड़बोली है उससे ज्यादा बेफकूफ टिप में 500 रुपए कौन देता है । 
वैदेही-तो राहुल तुम क्या करते हो ? मतलब काम धँधा ...पढ़ाई ...चोरी-चकारी । अचानक उसे लगता है कि कुछ गलत बोल दिया अपनी उंगली अपने दाँतो से काटते हुए वो कहती है ...हहहह... सिर्फ पढ़ाई तक काफी है ।
राहुल-पढ़ता हूँ ।
वैदेही-कॉलेज ? कौनसे कॉलेज ?क्या सब्जेक्ट हैं तुम्हारे ..
राहुल-(उसे बीच में ही रोकते हुए कहता है)-12th।
वैदेही-बॉडी बिल्डर्स जैसी बॉडी है मुझे लगा था कि कम से कम कॉलेज में तो होगे.... वैसे तो तुम मुझसे बड़े ही हो मैं 11th में हूँ । ...अब तुम सोचोगे मेरे पास ड्राइविंग लाइसेंस कैसे आया ...यही सोच रहे हो न ? ...पर डरो मत मैं बहुत अच्छी ड्राइवर हूँ ।
राहुल(वो सोचता यह नहीं चुप होगी ,ऐसे ही बोलती रही तो रात यहीं हो जाएगी, वो उसके हाथ में कॉफी का कप देते हुए कहता है)-नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं सोच रहा ।
राहुल पर वैदेही की मौजूदगी अजीब सा असर कर रही थी ,उसका दिल कर रहा था कि वो उम्र भर ऐसे ही बकबक करती जाए वो सुनता रहे ।पर उसका दिमाग कह रहा था राहुल इससे ज्यादा बात मत कर तेरी असलियत जान जाने पर इसे दुख पहुंचेगा और यह तुझ पर थूकेगी भी नहीं । 
राहुल(खड़े होते हुए)-वैदेही मैं लेट हो रहा हूँ जाऊं मैं ?
वैदेही(नाक चडाते हुए)-बिना थैंक्यू बोले ही चले जाओगे ?
राहुल-थैंक्यू ।
वैदेही-ऐसे नहीं चलो हग(गले लगकर) करके बोलो ।पर इससे पहले कि राहुल कुछ कहता वो खुद ही उसके सीने से लग जाती है । 
उसके बदन की खुशबू राहुल के दिमाग पर छा जाती है एक बार तो उसकी बाहें वैदेही की अपने आगोश में लेने के लिए उठ जाती हैं पर वो खुद को रोक लेता है और धीरे से थैंक्स बोलकर बाहर निकल जाता है । वैदेही पीछे से आवाज़ लगाती है "कँहा रहते हो?" राहुल अपनी मुट्ठी भींचकर आगे चलता रहता है वो पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता था ..."मैं चंडीगढ़ के सेक्टर 7b में रहती हूँ" वैदेही की आवाज़ आती है । "नहीं यह नहीं हो सकता" राहुल के मन में यह विचार आता है और वो अपनी चाल तेज़ कर देता है । "मिलने ज़रूर आना ....वँहा आकर किसी से भी डॉक्टर देव के घर का पता पूछ लेना वो तुम्हें हमारे घर ले आएगा" वैदेही चिल्लाकर कहती है । राहुल होटल के गेट से बाहर निकलता है और पूरी रफ्तार से भाग पड़ता है ।
कुछ ही मिनटों में राहुल अपने घर के गेट के बाहर खड़ा था वो सोच रहा था कि आज तो पिटाई पक्का होगी ही ।पापा कि स्कूटी घर के बाहर न देखकर उसकी जान में जान आती है इसका मतलब था कि अभी आठ नहीं बजे थे क्योंकि पापा हमेंशा 8 बजे से पहले घर आ जाते थे । वो चुपके से गेट खोल घर में घुस जाता है और अपने तहखाने कि तरफ खिसकने लगता है । "लाट साहब आ गए " रमा की आवाज़ आती है । मां की आवाज़ सुनकर उसकी जान हलक में आ जाती है "अब तो पक्का मार पड़ेगी" वो सोचता है ।
रमा-राहुल किधर जा रहा है ? और इतनी देर कँहा था तू?
राहुल(डरते हुए)-वो मैं खेलने बड़े मैदान में चला गया था ।
रमा-चल मुँह हाथ धो ले ,और रसोई में आके कुछ खा ले ,दिन भर से कुछ खाया नहीं होगा , घोड़े जैसा लम्बा चोड़ा हो गया पर दिमाग बिल्कुल बच्चों जैसा है ।
राहुल की तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी हो ,मां ने उसे डांट ही नहीं लगाई । राहुल हाँ में सिर हिलाकर अपने तहखाने की तरफ चल पड़ता है । 
रमा -उधर किधर जा रहा है ? 
राहुल-अपने कमरे में तौलिया लेने जा रहा हूँ ।
रमा-मैंने वँहा से तेरा समान हटा कर गरिमा वाले कमरे के बगल वाले कमरे में रख दिया है जा वँहा से लेले अपने कपड़े अलमारी में होंगें ।
राहुल का दिल तो जैसे खुशी के मारे उछलने लगता वो जाके रमा से लिपट जाता है उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं ।
रमा(उसके आँसू पोंछ कर उसके माथे पर किस करती है)-तू तो सच में पागल है जा अब नहीं तो सैंडविच ठंडा हो जाएगा ।
राहुल जो कमरा मिला था वो कुछ खास बड़ा तो नहीं था पर साफ-सुथरा था और रमा ने उसे अच्छे से सजा दिया था । मंजी की जगह साफ-सुथरा बेड -सारी चीज़ें अपनी-2 जगह पर , कपड़े और किताबें रखने के लिए अलमारी सबसे ज़रूरी बात इसमें राहुल खड़ा हो सकता था । एक अभी एक सरप्राइज राहुल को मिलना बाकी था और वो थे उसके नए कपड़े उसने तौलिया निकालने के लिए अलमारी खोली तो उसमें तीन नई जीन्स और तीन टीशर्ट्स देखकर वो हैरान रह गया ऊपर से घर पे पहनने के लिए नया लोअर और टॉप । 
उसने नहा कर जब लोअर और टॉप को पहन कर खुद को आईने में देखा तो वो खुद को ही पहचान न सका दो उसे अच्छे से फिट आए थे वो किसी मॉडल जैसे लग रहा था । 
रमा-अरे वाह मेरा बुद्धु तो बड़ा स्मार्ट लग रहा है । 
राहुल-मां आप इतने सारे कपड़े क्यों लेकर आई ,इसमें तो ढेर सारे पैसे लगे होंगे ।
रमा-बड़ा समझदार हो गया है रे तू बड़ी फिक्र है तुझे पैसों की सेल में सस्ते मिल रहे थे तो एक साथ ले लिए। चल अब सैंडविच खा ले और जाके पिंकि को खाना दे आ वो घर पे अकेली है उसके मम्मी पापा 2-4 दिनों के लिए शादी में गए हैं । 
राहुल ने सैंडविच खत्म किया और पिंकी को खाना देने चल पड़ा वो सोच रहा था पिंकि से ढेर सारी बातें करेगा उसे अपने नए कमरे और कपड़ो के बारे में बताएगा पर वो पिंकि के घर की डोर बेल बजाने ही वाला था कि उसे बबिता सीढ़ियों से ऊपर आती दिखाई दी । उसे देखकर राहुल का मन न जाने क्यों एक बार फिर से नफरत से भर गया । 
बबिता-ओह हो आज तो जनाब बड़े मस्त लग रहे हैं लगता है नए कपडे मिलते ही पिछला सब भूल गए हैं । राहुल के बिल्कुल पास चली आई और उसके लन्ड पर हाथ फेरते हुए उसके कान में बोली "तुझे रोज़ आने के लिए कहा था फिर आज क्यों नहीं आया ?" [Image: thumb.php?id=B625_5C4FD999]
राहुल-(बबिता से दूर हटते हुए)- दीदी आज तो छुट्टी थी न ?
बबिता(उसका लौड़ा ज़ोर से दबाते हुए)-तेरे इस लौड़े के कारनामों की वीडियो बना रखी है मैंने ज्यादा चालाक बनने की कोशिश की तो तुम्हारी माँ को दिखाने में ज़रा भी शरम नहीं आएगी ।इतना कहकर वो राहुल के घर कि डोर-बेल बजाती है ।
रमा (उसे अंदर से सिर्फ राहुल दिखता है)- तूने पिंकि को खाना नहीं.....बबिता को देख वो बोलते बोलते रुक जाती है ।
बबिता-नमस्ते दीदी ।
रमा-बबिता तुम यँहा ? वो भी इस वक़्त ?
बबिता- दीदी राहुल आज आया क्यों नहीं कल इसका मैथ का पेपर है और इसे आता जाता कुछ नहीं है ।
रमा(राहुल से)-तू आज ट्यूशन क्यों नहीं गया ?
राहुल-आज तो सन्डे है ।
बबिता-दीदी देखा आपने कितना लापरवाह है यह कल इसे बताया था मैंने कि आज ज़रूर आ जाये मैं इम्पोर्टेन्ट-2 सवाल करवा दूँगी । आप भेज दो इसे ।
रमा-देख दीदी को खुद आना पड़ा अब किताबें उठा और जा दीदी के साथ । और यह थाली मुझे दे पिंकि को खाना मैं दे दूँगी । रमा पिंकि का दरवाजा खटखटाती है ।
राहुल चुप-चाप किताबें लेने अंदर चला जाता है । 
पिंकि(बबिता को रमा के साथ देखते हुए)-नमस्ते आंटी ,नमस्ते दीदी । आप इस समय यँहा ?
रमा -राहुल का पेपर है और वो गधा आज ट्यूशन ही नहीं गया । बबिता को खुद आना पड़ा ।
पिंकि(वो सारा माजरा समझ जाती है कि किस पढ़ाई के लिए बबिता राहुल को ले जा रही है ) - दीदी आप कँहा परेशान होंगी इस समय राहुल को मैं पढ़ा दूँगी ।
बबिता-नहीं नहीं उसे कुछ इम्पोर्टेन्ट सवाल करवाने हैं ।
पिंकि(रमा से)-आँटी आप राहुल को कह दो न कि कुछ समझना हो तो मेरे पास आ जाया करे ।
रमा- बेटा जो ट्यूशन नहीं जाता वो फालतू तो क्या पढ़ेगा , तेरे पास खाना लेकर भेजा था वो तो अच्छा हुआ बबिता उसे मिल गयी यँहा।
पिंकि राहुल को बाहर आते देखती है और उसकी उतरी हुई शक्ल देखकर समझ जाती है कि उसका मन नहीं था जाने का । राहुल सिर झुकाए चुपचाप सीढ़ियां उतरने लगता है।
बबिता-ठीक है दीदी मैं चलती हूँ ।
रमा-बबिता यह अकेला इतनी रात में कैसे आएगा ,तू मुझे फ़ोन कर लेना मैं आ जाऊँगी ।
बबिता-नहीं नहीं दीदी ,मैं खुद छोड़ जाऊँगी इसे । आप क्यों परेशान होंगी ।
रमा(वो खुद भी राहुल को लेने नहीं जाना चाहती थी क्योंकि वो रवि के साथ एक पार्टी में जाने का प्लान बना चुकी थी)-बबिता आज तुम्हारे जैसी टीचर्स कँहा मिलती हैं जो बच्चों का इतना ख्याल रखती हों । मुझे वैसे भी आज एक सहेली के घर जगराते में जाना था ।
बबिता(रमा के जगराते की बात सुनकर उसके मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगते हैं...अब वो राहुल को ज्यादा देर तक अपने घर पर रख सकती थी)-यह तो मेरा काम ही है दीदी ,मैं चलती हूँ ।
बबिता एक नम्बर की चुड़कड लड़की थी उम्र भी उसकी 25-26 साल से ज्यादा नहीं थी ,राहुल ने उसकी ऐसी चुदाई की थी कि वो उसकी फैन हो चुकी थी ऐसा नहीं था कि उसे मर्दों की कोई कमी थी। देखने में वो जैकलीन फर्नांडिस जैसी लगती थी और बदन भी जैकलीन जैसा ही गदराया हुआ था उसके 38-30-38 के फिगर वाले कामुक बदन के कई आशिक थे पर राहुल जितना संतुष्ट उसे कोई न कर पाया था । वैदेही से मिलने के बाद और उससे बात करने के बाद राहुल की कामवासनाओं पर कुछ देर के लिए रोक लग गयी थी पर अब जब वो बबिता के साथ चल रहा था तो एक बार फिर उस पर वासना हावी होती जा रही थी ।
बबिता आज खूब चुदना चाहती थी और उसे लग रहा था राहुल का आज सेक्स का मूड नहीं है । इसलिए घर पहुंच कर उसने राहुल को बेड रूम में जाने के लिए कहा और रसोई में जाकर उसके लिए वायग्रा की 3-4 गोलियां मिला दूध ले आयी । राहुल कुर्सी पर बैठा हुआ इधर-उधर देख रहा था । 
बबिता(राहुल को दूध देते हुए)-पीलो इसे ।
राहुल-मन नहीं है ।
बबिता-राहुल ऐसा मत करो ,आज तुम्हारा मूड नहीं है तो कुछ देर मेरे साथ बातें करके ही चले जाना । वो अपनी कमीज उतारते हुए कहती है ।
राहुल उसके भरपूर विकसित उन्नत मोम्मे देखता है तो उसके अंदर का ठरकी मर्द उस पर हावी होने लगता है ।वो एक ही बार में वायग्रा मिला दूध खत्म कर देता है । 
बबिता उसकी टाँगों के पास घुटनों के बल बैठ जाती है और उसका लोअर और कच्छा नीचे कर उसका मोटा आधा खड़ा लन्ड बाहर निकाल लेती है । वो उसके क्रिकेट की गेंदों जैसे बड़े -2 अण्डकोषों को पकड़ते हुए अपनी जीभ बाहर निकालती है और मुँह को आगे कर राहुल के टोपे को चाटने लगती है ।
"आह....आह....बबिता...." राहुल सिसक उठता है उसका रोम रोम मज़े के कारण रोमांचित हो गया था । बबिता के कोमल हाथों में राहुल लन्ड किसी गुबारे की तरह फूलकर लंम्बा और मोटा होता जा रहा था उसमें सख्ती बढ़ती जा रही थी । 
राहुल -ओह बबिता ....आह मज़ा आ रहा है ऐसे ही हाँ ऐसे ही उफ्फ्फ....बड़ा मस्त लौड़ा चाटती है तू" 
बबिता(उसके 6इंची टोपे पे किसी करती है और राहुल की आखों में देखते हुए कहती है)-तेरे इस अजगरी लौड़े ने मुझे दीवाना बना दिया है और एक तू है कि नखरे करता रहता है । 
राहुल- वो घर पर कैसे ....तुमने तो सीधे आकर मेरा लौड़ा ही पकड़ लिया था कोई देख लेता तो ?
बबिता -(उसके लौड़े के टोपे के आहिस्ता आहिस्ता चार-पाँच बार चूसती है फिर उसके लौड़े पर अपने होंठ रगड़ती है और अपनी थोडी(चिन) को उसके अंडों पर टिकाते हुए बड़े प्यार और कामुकता भरी नजरों से उसे देखते हुए कहती है)-मज़ा आया ?[Image: thumb.php?id=124F_5C4FDADD]

[Image: thumb.php?id=9832_5C4FDADD]
राहुल (बबिता का चेहरा उसके लौड़े के साथ कुछ इस तरह छू रहा था कि मानों वो अपने चेहरे उसका नाप ले रही हो , कितना उत्तेजक नज़ारा था बबिता का चेहरा मुश्किल उसके लन्ड आधे हिस्से तक ही आ रहा था )-आह...आह...बबिता रुक मत बडा मज़ा आ रहा ।
बबिता अपनी ब्रा को उतार देती है और अपने फुटबॉल जैसे बड़े-2 मम्मों में राहुल के लन्ड को फसा कर उसके लौड़े को लॉलीपॉप जैसे चूसने लगती है । बबिता की इस हरकत से राहुल का लन्ड अब डबल चुद रहा था एक तो उसके नरम मम्मों से और दूसरा बबिता के मुँह से । ..बबिता के मुँह से ..उम्म...ममम...उम्म..पच...पपच्छ...की आवाजें आ रहीं थी और राहुल के मुँह से सिसकियों की बौछार हो रही थी । 
ठीक इसी वक़्त डोर बेल बजती है ।बबिता जल्दी से उठकर अपनी टॉप पहन लेती है ।
राहुल-क्या हो गया ?
बबिता -अपने कपड़े उठाओ और स्टोर रूम में जाओ पक्का मेरा बॉयफ्रेंड होगा । 
राहुल(अपने कपड़े पहनते हुए)- तुमने इसे क्यों बुला लिया ।
बबिता-मैंने नहीं बुलाया पता नहीं क्यों आया होगा ।
राहुल जल्दी से स्टोर रूम में चला जाता है और स्टोर का दरवाजा बंद करके अपनी शक्तियों का प्रयोग करता है ताकि देख सके कि कौन आया है ।
रात के इस वक़्त तनु और गरिमा के ट्यूटर को बबिता के घर पर देख वो हैरान रह जाता है । "बहनचोद यह तो तनु को धोखा दे रहा है " उसके मुँह से गाली निकल जाती है । 
बबिता-मनोज(तनु का ट्यूटर) तुम इस समय यँहा ?आओ अंदर आओ ।
मनोज-लगता है तुम किसी और का इंतज़ार कर रही थी और अपने भाई को देखकर तुम कुछ ज्यादा खुश नहीं लग रही ।
बबिता -नहीं ऐसा कुछ नहीं बस मैं तो सोने से पहले कॉफ़ी बनाने जा रही थी , और बताओ कैसे आने हुआ । 
मनोज-कुछ खास नहीं यार बस तुम्हारी कार चाहिए थी ,मेरी एक गर्लफ्रेंड को मूवी के लिए ले जाना है और मेरी कार खराब पड़ी है ।
बबिता -आओ पहले कॉफी तो पी लो ? वैसे अपनी किस सुडेन्ट को फसा लिया है तुमने ?
मनोज(अपना लन्ड मसलते हुए)-तुम्हारे कालेज के प्रिंसिपल की बेटी प्रिया को ।
बबिता-बड़ा लम्बा हाथ मारा है यार बड़ा पटाखा माल है साली ।
मनोज(हँसते हुए)-तुम्हारा ही भाई हूँ चाहे चचेरा ही सही ।
इधर बबिता मनोज को जल्दी से जल्दी भगाने की कोशिश कर रही थी तो दूसरी तरफ रमा खाने के टेबल पर बैठी सोच रही थी कि कैसे वो जल्दी से जल्दी घर से निकले ।
गरिमा- आज मुझे अपनी एक सहेली के घर जाना है सोने के लिए वो घर पर अकेली है ।
रमा-नहीं ,चुपचाप घर पे रहो क्योंकि मुझे खुद जगराते में जाना है रोपड़ तुम्हारी कोमल आँटी के घर उसका ड्राइवर मुझे लेने आता ही होगा ।
गरिमा-मां जाने दो न प्लीज़ ।
रमा-एक बार कहा न नहीं ।
राकेश-रमा बच्ची इतना कह रही है तो जाने दो न ।
रमा-तुमने ही अपनी बेटियों को सिर पे चढ़ा रखा है ।
राकेश-रमा डरो मत बच्चों पे विश्वास करना सीखो ,जाने दो गरिमा को ।
रमा(मन ही मन खुश होते हुए क्योंकि गरिमा के जाने बहाने उसके जाने पर भी मोहर लग गयी थी)- ठीक है भाई जो करना है करो इस घर में मेरी तो कोई सुनता ही नहीं है ।
दूसरी तरफ स्टोर रूम में बैठे बैठे राहुल बोर होने लगा था । मनोज जैसे ही बबिता के घर से बाहर निकला राहुल किसी भूखे कुत्ते की तरह बबिता पर टूट पड़ा ।उसने बबिता को बाहों के आगोश में भर लिया और अपने होठों को बबिता के नरम और खूबसूरत होंठो पे रख दिए और उसके होंठो को बेहरहमी से स्मूच करने लगा । उसका एक हाथ बबिता के मम्में दबा रहा था तो दूसरा उसकी लेग्गिंग के अंदर उसकी चूत को मसल रहा था । 
राहुल की बड़ी और मोटी उंगली बबिता की चूत के अन्दर बाहर होते हुए उत्तेजित करती जा रही थी वो राहुल की मजबूत पकड़ में मछली की तरह छटपटा रही थी ।बबिता ने एक हाथ से अपनी लेग्गिंग नीचे की और टाँगों को हिलाकर उसे उतार दिया और कूद कर राहुल की गोद में चढ़ गयी उसकी मजबूत मोटी गोरी टाँगे कसकर राहुल की कमर से लिपट गयी । 
बबिता(राहुल के बाल नोचते हुए)-अब और नहीं सहन होता डाल दे अपना मूसल मेरी चूत में।
राहुल आज पहली बार बबिता को गोर से देख रहा था ,उसका खूबसूरत चेहरा जवान सुडौल बदन राहुल को उतेजना के शिखर पर ले जा रहा था ,नंगा तो पहले ही था उसने बबिता को उसके मोटे कुहलों से थोड़ा ऊपर उठाया और उसकी चूत को अपने मूसल लौड़े पे टिका दिया । 
राहुल(बबिता की आँखों में देखते हुए)- रेडी हो तुम ?
बबिता (अपनी बाहों को उसके गले में हार की तरह डालते हुए)- हाँ बिल्कुल ।
राहुल ने बबिता को कमर से पकड़ लिया और उसे नीचे की तरफ खींचते हुए नीचे से अपनी कमर को ऊपर की ओर झटका दिया ...उसके लौड़े का भयंकर मोटा टोपा सरसराता हुआ बबिता की चूत में घुस गया ।
बबिता(अपने होंठ काटते हुए)-आह मां... कितना मोटा लौड़ा है तेरा ।
राहुल(बबिता के होंठ चूमते हुए)-कितना मोटा है ?
बबिता-इतना मोटा कि चूत फटने को हो गयी है ।
राहुल (बबिता को लौड़े पे एडजस्ट करते हुए)-तो पूरी फाड़ दूँ ? बड़ी बेसब्र हो रही तू ।
बबिता-हाँ फाड़ के भोसड़ा बना दे ।
राहुल-तो ले एक बार में पूरा खूंटा गाड़ देता हूँ ।
बबिता-इतना मोटा और लम्बा लन्ड एक बार में पूरा जाने से तो रहा ।
राहुल-चैलेंज कर रही हो ?
बबिता-चैलेंज ही समझ लो ।
राहुल ने बबिता को सोफ़े पे पटक दिया और कूदकर उसकी टाँगों के बीच आ गया और उसकी टाँगों को खोलकर अपना लौड़ा उसकी चूत की फांको में फसाया और अपनी दानवी ताकत से अपना लन्ड उसकि चूत में पेल दिया ।
"आह....मार डाला रे ....इतनी ...बेहरहमी से कौन करता है ....आह मर गयी रे....राहुल गढ़ गया रे तेरा खूंटा ...." बबिता सिसकी ।
राहुल ने कमर हिलाकर बबिता को चोदना शुरू कर दिया उसके धक्के इतने तेज़ थे कि टॉप के अंदर भी बबिता के मोम्मे तेजी से आगे पीछे हो रहे थे । 
बबिता ने अपने बदन को ढीला छोड़ अपने को पूरी तरह राहुल के रहम पे छोड़ दिया था । वो अपने हाथों को सिर के पीछे किए सोफ़े को नोचकर राहुल के तेज और ताकतवर धक्कों को झेलने की कोशिश कर रही थी उसने अपने होंठों को दबा रखा था ताकि उसकी चीखें बाहर न जाएं । [Image: thumb.php?id=9FCC_5C4FDB5D]
राहुल का मोटा खम्बे जैसा लौड़ा बबिता की चूत को हर धक्के के साथ उसकी औकात पे ला रहा था उसे अपने आकार के हिसाब से फैलता जा था । राहुल के जानलेवा धक्कों से खिसकते हुए बबिता सोफ़े के कोने तक पहुंच गई थी उसके बदन की ताकत निकल चुकी थी वो बेजान सी पड़ी चुदाई का आनंद ले रही थी अचानक राहुल ने उसकी टाँगे दोहरी उसके कंधों पे दबा दिया जिसे उसके गाँड़ कुछ ऊपर को उठ आई फिर राहुल अपने एक पैर को सोफ़े और दूसरे को ज़मीन पर रख इस पोजीशन में आ किया कि उसका लन्ड और बबिता की चूत 90 डिग्री के कोन पर आ गए अब वो ऊपर नीचे होता हुआ बबिता को चोदने लगा अब उसका लन्ड हर झटके के साथ बबिता के पेट तक पहुँच रहा था ..."आह ...आह....बहनचोद....हरामी....आह ऐसे ही ....चोद ऐसे ही मुझे रंडियों सा चोद आह.....मेरा निकलने वाला है" बबिता अब मस्ती से चिल्ला रही थी । 
"राँड़ बड़ी मस्त चूत है तेरी ....गहरी और कसी हुई ....साली देख क्या हाल बना दिया है ...खुल के चौड़ी हो गयी है तेरी चूत" राहुल अपने धक्के जारी रखते हुए बबिता के सिर को बालों से पकड़कर थोड़ा ऊपर उठाते हुए कहा ताकि बबिता अपनी चूत का भुर्ता बनते हुए देख सके ।
बबिता चूत का कचूमर निकते देख हैरान रह गयी । राहुल का खूंटे जैसा मोटा लौड़ा हर धक्के के सातग सीधा उसकी चूत में गड जाता जब राहुल लन्ड बाहर खिंचता तो उसकि चूत भी ऐसे बाहर को निकल आती मानो कोई कपड़े उलट रहा हो ...राहुल के अण्डकोषों की थैली भयंकर रूप से बड़ी थी और कपडे धोने की थापी की तरह वो उसकी गाँड़ के बीचोबीच टकरा रही थी और राहुल था कि गुर्राता हुआ बिना रुके धक्के लगाता ही जा रहा था ...."क्या जानदार मर्द है ...निचोड़ के रख दिया है" बबिता यह सोच ही रही थी उसकि चूत ने झरना छोड़ दिया ...वो थरथराती हुई न जाने कितनी देर पानी छोड़ती रही अब तो हर घस्से के साथ उसके बदन के हर हिस्से पर उसकी चूत के पानी के छींटे पड़ रहे थे ....राहुल की पकड़ अब ढीली होती जा रही हर धक्के के साथ उसका वेग कम होता जा रहा ...बबिता समझ गयी कि राहुल का खेल भी होने वाला है उसने अपनी टाँगों को झटका दे सीधा कर लिया और राहुल की कमर को जड़कर अपनी गाँड़ को हिलाते हुए उसकी मदद करने लगी ....उसने राहुल को सिर से पकड़ उसके मुँह अपने मोटे मम्मों के बीच दबा दिया और उसकी पीठ सहलाते हुए उसके ठंडे पड़ते जोश को बढ़ाने लगी । 
राहुल की रफ्तार अब बेहद कम हो चुकी थी उसका लन्ड अपने आकार से बेहद छोटी चूत में झटके खा रहा था ...राहुल अपनी सारी शक्ति को समेटते हुए कस-कस कर हथोड़े जैसे झटके दे रहा था ...राहुल शिथिल होता हुआ बबिता के ऊपर गिर पड़ा और उसका लन्ड बबिता की चूत में लावे कि बौछार कर बैठा ।
"बस..बस हो गया....हो गया....आह पूरी चूत को भर दिया है तूने ..." बबिता राहुल को हौसला दे रही थी ।
"उफ्फ जान निकल गयी आज तो ...लन्ड बाहर निकालने की भी हिम्मत नहीं बची बबिता" राहुल ने बबिता के मोम्मे सहलाते हुए कहा ।
"तो कौन निकालने को कह रहा है " बबिता ने करवट लेते हुए कहा अब दोनों सोफ़े पर एक दूसरे की तरफ चेहरा किये लेटे हुए थे  ।
बबिता(बबिता को ऐसा लग रहा था मानो राहुल का लौड़ा अभी भी उसकी योनि में आगे-पीछे हो रहा था)-राहुल तुम्हारा लन्ड तो अभी भी सख्त है ।
राहुल-हम्म आज जल्दी थक गया हूँ ।
बबिता-ऐसा क्यों ? इतनी चुदाई करने के बाद भी जनाब का मन नहीं भरा क्या ।
राहुल-नहीं अभी तो तेरी गाँड़ भी मारनी है मेरी जान ।
बबिता(वो पिछली बार हुई अपनी गाँड़ की हालत के बारे में सोचकर डर जाती है,राहुल ने उसे ऐसा जम के पेला था कि उसका चलना भी मुश्किल हो गया था)-थक गए हो तो गाँड़ कल मार लेना वैसे भी मेरी गाँड़ अभी तक दर्द कर रही है ।
राहुल-बबिता मेरी जान तुम्हारी गाँड़ तो सनी लेओनी की गाँड़ से भी बेहतर है मारे बिना मन नहीं भरेगा । 
बबिता- सनी लेओनी की सपने में मारते हो क्या ?
राहुल-असली में सुनोगी क्या हालत करी थी मैंने उसकी ? 
बबिता(वो सोच रही थी राहुल फेंक रहा है,पर गाँड़ चुदाई से बचने के लिए वो राहुल की कहानी सुनने का मन बना लेती है)-अच्छा तो सुनाओ ।
राहुल उसे अपनी आपबीती सुनाना शुरू करता है पर ऐसे की उसमें शक्तियों का ज़िक्र न आये । 
बबिता(वो सोच रही थी कि राहुल को मुठियाते हुए कहानी सुनेगी तो झड़ने के बाद राहुल उसकी गाँड़ बक्श देगा) -  रुको ज़रा पहले मुझे अपनी गोद मे बैठने दो तुम्हारे इस मूसल लन्ड को प्यार करते हुए सुंनुगी तुम्हारी सेक्सी कहानी ।
राहुल उसकी फुद्दी से अपना लन्ड निकालता है और बबिता को उठाकर अपनी गोदी में बिठा लेता है । बबिता की पीठ उसकी छाती की तरफ थी और उसका लन्ड किसी मोटे डण्डे की तरह बबिता के स्तंनो तक आ रहा था । बबिता अपने दोनों हाथों से उसके लन्ड को मुठियाते हुए सनी लियोनी की चुदाई के बारे में सुनने लगती है ।
इधर राहुल बबिता को कहानी सुना रहा था तो दूसरी तरफ रमा अपने काइली जैनर वाले रूप में रवि की लक्सरी कार से उतर रही थी । उसने गोलडन कलर की वन पीस ड्रेस पहन रखी थी जो उसकी कमर पर उसी रंग की बेल्ट से बंधी थी और उसके घुटनों तक आ रही थी और उसकी माँसल जांघो और पट्ट साफ -2 उदघाटित कर रही थी । टाइट लेटेक्स की ड्रेस में से उसका 38-24-38 का फिगर देखने वालों पे कहर बनके टूट रहा था । उसके बालों की लटें उसके गुदगुदे गोरे गालों से होते हुए उसके गुलाबी होंठों तक आ रहे थे । 6इंच की हील पहने होने के कारण उसके नितम्ब और स्तन कुछ और उभर रहे थे मानो की उसकी टाइट ड्रेस की कैद से भाग जाना चाहते हों । 
रवि ने उसकी कमर पे अपनी बाजू लपेटते हुए उसके होंठो को चूम लिया ।
रमा-रवि कोई देख लेगा क्या कर रहे हो मुझे शर्म आती है ।
रवि-हम्म देख तो रहें है मेरी खूबसूरत पत्नी को देखकर देखो कैसे वो आदमी अपना लन्ड मसल रहा है ।
रमा-मैं नहीं जा पाऊँगी डिस्को बहुत लाज आ रही है ,वापिस चलते हैं ना ।
रवि -इसमें शर्म की बात क्या है ? ना कोई तुम्हें जनता है यँहा न किसी को तुम बस एन्जॉय करो । 
ठीक इसी वक़्त गरिमा नीले रंग की ड्रेस पहने हुए एक लड़के की बाहों में बाहें डाले उसके सामने से गुज़र जाती है । रमा गरिमा को देखकर सोच में डूब जाती है । रवि उसके दिल की हालत समझ जाता है ।
रवि-रमा गरिमा जवान है सुंदर है कर्ण और वो प्यार करते हैं एन्जॉय करने दो ।
रमा-पर अभी उसकी उम्र ही क्या है ,कुछ ऊंच नीच हो गयी तो ?
रवि-कुछ नहीं होगा कर्ण को अच्छे से जनता हूँ मैं ,गरिमा से पहले उसने किसी लड़की की तरफ नज़र उठाकर भी नहीं देखा था । [Image: thumb.php?id=BEAD_5C4FDC90]
रमा-करता क्या है ?परिवार कैसा है ?
रवि-अभी तो पढ़ रहा है और बड़ा प्यारा परिवार है और इतने अमीर हैं कि गरिमा राज करेगी राज ।
रमा-लेकिन अगर वो मुझसे बात करने आई तो ?
रवि-इस रूप में तो वो अपनी माँ को पहचान नहीं पाएगी ,बस तुम इतना याद रखो तुम्हारा नाम दिया है और कुछ ही दिन पहले तुम अमेरिका के न्यूयार्क से आई हो ।
रमा-मुझे डर लग रहा है ,क्या बात करूँगी मैं उससे तुम प्लीज़ उनके पास मत जाना ।
रवि-मैं तो नहीं जाऊँगा पर कर्ण या गरिमा ने देख लिया तो ज़रूर बात करने आ जाएंगे , तुम डरो मत बस वैसी ही बातें करना जैसी तुम उसकी उम्र में अपनी सहेलियों से करती थी । 
रमा-ठीक है । वो रवि का हाथ थाम लेती है और वो दोनों डिस्को की एन्ट्रेंस की तरफ चल देते हैं । 
इधर घर पर तनु और राकेश अकेले थे आज रमा सत्संग में गयी हुई थी , गरिमा सहेली के घर और राहुल अभी तक टयूशन से नहीं लौटा था ।
राकेश(अपने बेड रूम से)-तनु तनु....
तनु(भागकर राकेश के पास आती है)-जी पापा
राकेश- तनु बेटा जा राहुल को उसकी टयूशन से ले आ ,काफी रात हो गयी है उल्लू कहीं रास्ता न भूल जाए ।
तनु-मैं नहीं जाती मैं टीवी पे अपना फेवरेट सीरियल देख रही हूँ ।
राकेश-मेरा अच्छा बच्चा , नाटक देखकर चली जाना । वो पागल कहीं खो गया तो लोग कहेंगे गोद लिया हुआ था इसीलिए उसका ख्याल नहीं रखा ।
तनु-मैं नहीं जाऊँगी पापा ।
राकेश(तनु को लालच देने की कोशिस करता है, वो अपना एटीएम दिखाते हुए कहता है)-मैं तो सोच रहा था तू उसे लेने जाएगी तो बबिता के घर के पास वाले एटीएम से पैसे भी निकलवा लाएगी और मैं तुझे कुछ पॉकेट मनी दे दूँगा ।
तनु(खुश होते हुए)-पापा आप न बड़े खराब हो लालच दे कर मना लिया मुझे । 
राकेश(तनु को एटीएम देते हुए)-ज़रूर चले जाना 2000 ले लेना ज्यादा नहीं वरना मार पड़ेगी । 
तनु-पक्का चली जाऊँगी ,अब मैं जाऊं वरना शो निकल जाएगा । 
राकेश-ठीक है । 
तनु एटीएम लेकर टीवी देखने चली जाती है ।
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RE: अनोखी ताक़तों का मालिक। - by Tanu - 29-01-2019, 10:28 AM



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