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Misc. Erotica मजा पहली होली का ससुराल में ,
रितू भाभी और 

छुटकी ननदिया 

[Image: ddc756867c943437a929d01ff7d07f14.jpg]









बिचारी छुटकी को क्या मालूम, वो खुद फँस के बड़े शिकारी के चंगुल में जा रही है।

 
फटनी तो उसकी है ही वो भी आज और अभी।
 

मैंने इशारे से 'उनको' अपने पास बुला लिया। 

पलंग पर रितू भाभी और छुटकी थीं, अब। 

और रितू भाभी की मांसल जांघों की सँडसी की गिरफत में छुटकी की टाँगें थी। 

उन्होंने एक पल में छुटकी की टाँगें फैला दी, और अब वो बिचारी लाख कोशिश करे, उसकी टाँगें सिकुड़ नहीं सकती थी। 

रितू भाभी के हाथों ने साथ-साथ, छुटकी के टाप को हटा फेंका और उसके बाद नंबर टीन ब्रा का था।
 
बिचारे वो ललचा रहे थे, अपनी किशोर साली की उठती हुई चूचियां देखने को, लेकिन वो अब रितू भाभी की गिरफ्त में थीं। 

कभी वो दिखातीं, कभी छिपाती और कुछ देर अपने नंदोई को तड़पाने के बाद, उन्होंने नीचे से दोनों टिकोरों को पकड़कर और उभारा, और उन्हें ललचाते तड़पाते बोलीं-

[Image: teen-young-19807615.jpg]


क्यों नंदोई जी, मस्त हैं मेरी छुटकी के टिकोरेबस अभी-अभी उठना शुरू हुए हैं, दबाने में मस्त, चूसने में मस्तबोलिए चाहिए?” 


और सिर्फ यही नहीं साथ-साथ में उसके छोटे-छोटे उरोजों को वो हल्के-हल्के दबा रही थीं, मसल रहीं थीं

ललछौहें निपल्स को मसल दे रही थीं, कभी चिकोटी काट लेती।
 
हाँ हाँ भाभीहाँ चाहिए, बहुत मस्त चूचियां उठान है…” 

[Image: Guddi-nips-17376313.jpg]



तड़पते हुए वो बोले।
 
और उन्हें दिखाते हुए, रितू भाभी ने छुटकी के छोटे-छोटे निपल्स चूसने शुरू कर दिए। 

[Image: Guddi-Nips-suck-11807731.gif]

छुटकी भी मजे से सिसकियां भर रही थी। वो सिर्फ एक काटन की छोटी सी चड्ढी में थीं। 

भाभी का एक हाथ उसकी चुन्मुनिया सहला रहा था, रगड़ रहा था। कुछ ही देर में वहां पानी का एक हल्का सा धब्बा दिखाई देने लगा। 

छुटकी की कच्ची चूत पानी फेंक रही थी।
 
रितू भाभी ने उसकी चड्ढी भी खोलकर फेंक दी और एक बार फिर छुटकी की टाँगें, भाभी की कड़ी कठोर मसस्लस वाली पिंडलियों में फँसी फैली थी। भाभी ने उसकी गुलाबी गीली परी को ढक रखा था, और हथेली के बेस से उसकी क्लिट को हल्के-हल्के रगड़ रही थीं। 

फिर हाथ हटाकर दोनों हाथ के अंगूठों से उसकी चूत के पपोटों को पूरी ताकत से खोलते हुए उन्होंने एक बार फिर अपने नंदोई को ललचाया।

[Image: guddi-pussy-r-GYWN8ob-Ml.jpg]

 
भाभी की पूरी ताकत के बाद भी, बुलबुल की चोंच जरा सी खुली और अंदर की गुलाबी मखमली गली के थोड़े-थोड़े दर्शन हुए।
 
मैं सोच के सिहर उठी। 


अभी थोड़ी देर में इनका बियर कैन से भी मोटा लण्ड इसमें घुसेगा, कैसे लेगी बिचारी मेरी बहन।

[Image: cock-17395724.jpg]
 
लेकिन रितू भाभी का इरादा पक्का था- हे लेना है इस कच्ची कली का?
 
हाँ भाभी हाँ…” 


वो मस्ती में पागल हो रहे थे।
 
मेरी शर्त याद रखना…” 


भाभी ने याद दिलाया।
 
एकदम पक्का…” वो बोले। 

छुटकी की कसी कच्ची सील तोड़ने के लिए वो कुछ भी करने को तैयार हो जाते। 

(मुझे बाद में पता चला की भाभी की शर्त ये थी, कि वो छुटकी को पूरे लण्ड से चोदेंगे और खूब हचक-हचक कर। 
छुटकी चाहे जितना रोये चिल्लाएगी, तो वो चोदने की रफ्तार कम करेंगे और , उसे रोने चिल्लाने से रोकने की कोई कोशिश करेंगे)
 
रितू भाभी ने अपनी सबसे छोटी उंगली की टिप अपनी ननद की चूत में पेल दी और गोल-गोल घुमाने लगीं। 


[Image: fingering-9.jpg]


साथ में उनका दूसरा हाथ, छुटकी के टिकोरों को दबा मसल रहा था।


मस्ती में छुटकी ने आँखें बंद कर ली थी और बस सिसक रही थी, छोटे-छोटे चूतड़ पटक रही थी।
 
और रितू भाभी ने इशारा करके इन्हें बुला के अपने पास बैठा लिया और छुटकी की गीली चूत से निकली उंगली सीधे इनके मुँह में।
 
वो सपड़-सपड़ चूस रहे थे।
 
और रितू भाभी उस कच्ची कली पर चढ़ बैठीं। 

उनकी शैतान उंगलियां, दुष्ट जीभ सब उसकी गुलाबी परी को चिढ़ाने, छेड़ने में लग गए। 


[Image: pussy-fingering-tumblr-n1ciai-Jq-DH1rw5um0o1-r1-400.gif]

पहले तो रितू भाभी के प्यासे होंठों ने अपनी छोटी ननद की गुलाबी कसी चूत की पुत्तियों को कस-कस के चूसा, और फिर उसे दो फांक करके अपनी लम्बी, मोटी रसीली जीभ एक लण्ड की तरह पेल दी, और लगीं गोल-गोल घुमाने। 


साथ में ही उनकी उंगलियां कभी भगोष्ठों को रगड़ देती, कभी मसल देतीं तो कभी अंगूठा जोर-जोर से क्लिट के ऊपर घूमता, रगड़ता, मसलता।
 
बिचारी छुटकी भौजी के इस हमले को तो कितनी खेली खायी, ब्याहता ननदें नहीं झेल पातीं थी, वो तो बिचारी 9वीं में पढ़ने वाली कमसिन, सेक्स के खेल से अनजान कली थी।


[Image: lez-lick-18175969.gif]
 
छुटकी की चूत पानी फेंक रही थी, लेकिन जब वो झड़ने के कगार पर होती तो रितू भाभी रुक जातीं और छुटकी मन मसोस कर रह जाती।
 
नहीं, नहीं, उई लगता है छुटकी के होंठों पर वो साथ-साथ, अपनी मजे लूटी बुर रगड़ रही थीं।
 
किसी तरह वो बोली


भौजी, झड़ने दो , बस, बस करो ना…”
 
लेकिन ननदों को तड़पाने में रितू भाभी का जवाब नहीं था। 

उन्होंने पूरी ताकत से दोनों हाथों से उसकी कसी चूत को फैलाया, और लगीं, हचक-हचक कर जीभ से चूत चोदने।
 
छुटकी तड़प रही थी, चूतड़ पटक रही थी।
 
लेकिन रितू भाभी, सिर्फ ननद को नहीं नंदोई को भी तड़पा रही थीं। 



एक हाथ से उन्होंने उनके शार्ट को कबका उतार के दूर फेंक दिया था। 


और जोर-जोर से लण्ड मुठिया रही थीं, खुला सुपाड़ा पागल हो रहा था।
 
मैं भी छुटकी के मुँह के पास बैठी थीं।
 
और अब जब छुटकी रिरयाने लगी

भाभी, प्लीज कुछ करो …”
 
तो रितू भाभी हँसकर बोली


अरे जीजू का इतना मोटा मुस्टंडा लण्ड है और साली झड़ने के लिए तड़प रही है। ले लो जीजू का लण्ड…”
 
उन्होंने मुझे कुछ इशारा किया, और छुटकी की फैली चूत में इनका सुपाड़ा सटा दिया। 


मैं भी भाभी का इशारा समझ गई थी, छुटकी का प्यार से सर सहलाते हुए उसका मुँह खुलवाया और अपनी मोटी, बड़ी-बड़ी चूची अंदर ठेल दी। 

वो गों-गों करती रही। 


[Image: Lez-nip-21861945.gif]



लेकिन मैं उसका पूरा मुँह भरकरके ही मानी, और साथ में उसकी दोनों कलाइयों को भी पकड़ लिया।
 
रितू भाभी, छुटकी की गीली पनियाई चूत को एक हाथ से फैला रही थीं और दूसरे हाथ से नंदोई के मस्त मोटे लण्ड को अंदर घुसेड़ रही थी साथ में ललकार रही थीं



पेल दो साले, साल्ली की फुद्दी में, फाड़ दो रज्जा इसकी चूत…”
 
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RE: मजा पहली होली का ससुराल में , - by komaalrani - 23-12-2019, 12:47 PM



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