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Adultery जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी
उनकी सास बनी मेरी सास 

[Image: MIL-tumblr-f973f6bd1708b6ff1c3ee49215256...c5-640.jpg]

अगर तू सच में अपनी माँ को चोदने के लिए बेताब हो रहा है तो ये काम करना ,

 

बाथरूम का दरवाजा पीछे से खुला है , वहीँ से अदंर जाना।  नहा के फ्रेश हो के तैयार होके , वहां पर वोदका की आधी बोतल है उसे पूरी तरह खाली कर देंना।

 

वोदका पीते हुए अपनी माँ का नाम ले ले के जोर से सड़का मारना, लेकिन झड़ना नहीं।  लंड जब पूरा खड़ा हो जाए ,सुपाड़ा एकदम खुला हो तो ,

 

वहां रखा हुआ ब्लाइंड फोल्ड अपनी आँखों पर बाँध लेना कस के।

 

और बोलना मैं हूँ पक्का मादरचोद ,मुझे मेरी माँ का भोंसड़ा मारना है।

 

,बस , बाथरूम से जो दरवाजा हमारे बेडरूम में खुलता है बस उससे अंदर चले आना।

 

और अगर अपनी माँ को चोदने का मन कर रहा है तो बस , सीधे  अंदर जाना और गेस्ट रूम में सो जाना। मैं  और  मम्मी अपने बेडरूम में रहेंगे।

 

 

मम्मी बल्कि मना कर रही थीं की ये ऑपशन दो ,

[Image: MILtumblr-e95a8a7f2fb655a8d71145ece3133c...80-400.jpg]

अगर कही वो गेस्ट रूम में सो गया तो ,

हम लोगो की इतनी दिन की प्लानिंग ,मम्मी ने इतनी मुश्किल से अपनी समधन को पटाया था यहाँ आने के लिए 

और अब ये बात तो मेरी सास की आवाज से मुझे पता चल गयी थी की चींटे तो उनकी भी फुद्दी में जबरदस्त काट रहे हैं

और उसके बाद अगर कहीं वो , ...

 

 

लेकिन मुझसे ज्यादा उन्हें कौन जानता था , उनके मन की बात ,उनके तन की आग ,



 [Image: teej-tumblr-ppkxdtx5d31txgvcso1-400.jpg]

 

 

दस मिनट बाद बाथरूम के पीछे के दरवाजे के खुलने की आवाज आयी।

 

मैं और मम्मी दोनों बेडरूम ही थे , पहले से पूरी तरह तैयार।  आल लाइट्स आफनाइट लैम्प भी।

 

और करीब पंद्रह मिनट बाद , उनकी आवाज आयी मेरी सास का नाम ले ले के जोर जोर से सडका मारने की और साथ में उह्ह्ह ओह्ह ,एकदम गरम थे वो।

[Image: jerking.gif]

 

मैंने मुस्करा के माँ की ओर उनकी सास की ओर देखा ,

 

और थोड़ी देर बाद जब बाथरूम से बेडरूम का दरवाजा खुला

वो सिर्फ ब्लाइंड फोल्ड पहने और औजार एकदम पागल ,पूरी तरह खड़ा ,

 

मैं दरवाजे के बगल में ही थी ,उन्हें पकड़ के सहारा देकर सीधे डबल बेड पर लाने के लिए ,

 

जहां मेरी सास बनी उनकी सास 


इन्तजार कर रहीं थी ,एकदम उन्ही की हालत में ,बेताब




……और मैं उन्हें पकड़के सीधे पलंग पर ले आयी , एक तो अँधेरा था ,ऊपर से काला फोल्ड, उन्हें कुछ दिखने का सवाल ही नहीं था।

 

" अरे जरा मातृभूमि का स्वाद तो ले

मैंने उन्हें खुली चिकनी मोटी मोटी मखमली जाँघों के बीच झुकाते हुए बोला।

 

बुर वैसी ही गीली हो रही थी , उसकी रसीली महुए दारु सी महक ,
[Image: Mummy-147145-13.jpg]


 

अगले ही पल उनके होंठ चुम्बक से सीधे भोंसड़ी से चिपक गए।

 

चूत चटोरे तो वो पैदायशी थे ,और भोंसडे की महक ,उसके स्वाद का लालच, बस।

 

जो उनकी आदत थीआग भड़काने की , .... 


पहले तो उन्होंने अपनी मांसल जीभ की नोक से हलके हलके , रसीली बुर के दोनों मांसल पपोटों के बाहरी ओर ,

[Image: pussy-licking-M-16227828.gif]

 

और फिर बाज की तरह हलके से उनके होंठ जैसे झपट्टा मार के सीधे रस में गीली बुर के ऊपर, और उतनी ही तेजी से दूर हो गए।

 

भोंसडे के रस की गमक  के साथ सिसकियों से कमरा गूँज उठा।

 

और उन्होंने गियर चेंज कर दिया ,


अब उनकी जीभ रसीली बुर की दोनों फांको के बीच कभी गोल गोल कभी आगे पीछे 


और साथ में जैसे कोई लन्ड से चोद रहा हो ,अंदर बाहर ,

[Image: pussy-licking-M-creampie18405450.gif]

 

उसका असर हुआ ,सिसकियाँ सिर्फ तेज नही हुयी बल्कि चूतड़ भी तेजी से ऊपर नीचे,




 

और अब उनकी उँगलियाँ भी कभी बुर को रगडती मसलती तो कभी क्लीट को नोच लेते

 

और तेजी से निकलती सिसकियों के बीच बीच में , हलकी हलकी मस्ती की चीखें

 

 

उफ़ ओह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह  उई उई

 

' माँ 'की आवाज चीखों और सिसकियों के बीच,

 

" अरे मुन्ना बहुत मस्त चूस रहे हो ,बहुत दिन से मन था तुझसे चुसवाने का चटवाने का ,ओह्ह उईईई "

[Image: pussy-licking-G.gif]


 

लेकिन उनके होंठ तो ' माँ ' की बुर से चिपके थे ,हाँ कान जरूर खुले थे. कान पारे वो हर बात सुन रहे थे।

 

 

'माँ'-बेटे का संवाद चालू हो गया था।

 

 

" बहुत दिन से मन था मेरा मुन्ना ,हाँ हाँ मुन्ना ऐसे ही चूस , ओह्ह ओह्ह हाँ हाँ


और साथ साथ उनके हाथों ने जोर से उनका  पकड़ कर भोंसड़ी पर रगड़ना शुरू करदिया।

 

" ओह्ह सिर्फ चुस्वाने का ही नहीं तुझे अपने ऊपर चढाने का भी ,

अरे शुरू से जब तेरी नूनी थी ,खोल खोल के मैं बिना नागा कड़वा तेल लगाती थी और चारो और भीमुन्ना "

 

उन्होंने और जोर जोर से चूस के जैसे हामी भरी की उन्हें अच्छी तरह याद है।

 

" अरे जब तुम थोड़े बड़े होगये थे मुन्ना ,स्कूल जाने लगे थे ,तब भी याद है तू कितना चिढ़ता था ,शरमाता  झिझकता था

तब भी ,तुझे लिटा के ,अपनी जाँघों के नीचे जबरदस्ती दबा के , याद है मुन्ना , तेरी नेकर  सरका के , खोल के ,कडुवा तेल , ... 

और एक बार तेरी बुआ

अरे तुझसे - साल ही तो बड़ी है वो उस समय शायद दसवीं ग्यारहवीं में पढ़ती थी

कच्चे कच्चे टिकोरे आ गये थे ,हो गए थे मिजवाने लायक, वो गयी उसी समय और मुझे तेरे  तेल लगाते देख के चिढा के बोली की 

"भौजी इतना तेल लगा रही हो की एकदम मस्त कड़क मोटा हथियार हो मेरे भतीजे का ,इसे अंदर लेने का इरादा है क्या। "

[Image: school-girls-14199766-1755497928049108-4...4905-n.jpg]


 याद है तुझे ,मैंने पलट के तेरी बुआ को बोला था

"अरे तो उसमें गड़बड़ क्या है , मेरा प्यारा प्यारा मुन्ना है मैं चाहे जो करूँ , और सुन तेरा मन है तो तू ही नेवान कर लेना। 

बुआ भतीजे का तो खुल्लम खुल्ला चलता है। "


[Image: mummy-hott.jpg]

 

अब पल  भर के लिए उन्होंने भोंसड़ी से मुंह हटा के झिझकते हुए माना ,

 

" हाँ याद है,   बुआ मुझे बहुत चिढाती थी मुझे , "

और फिर अपने काम में लग गए , भोंसड़ी चूसने के ,




लेकिन ' माँ ' -बेटा संवाद जारी था।
 
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ANUSHKA IS ASHWIN'S SWEET WIFE - by ashw - 05-04-2019, 06:02 AM
RE: जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी - by komaalrani - 22-12-2019, 10:55 AM



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