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Adultery रीमा की दबी वासना
विलास के घर में मातम मनाया जा रहा था जग्गू का अंतिम संस्कार हो चुका था और उसके बाद  के शोक कार्यक्रम चल रहे थे | अब तक मंत्री जी बाहर गए हुए थे इसलिए सिर्फ फोन पर ही शोक संदेश दे सके | आज वह वापस लौट कर आए थे और विलास से मिलने और उसके बेटे की  मौत पर शोक प्रकट करने उसके घर गए हुए थे | मंत्री जी भी विलास के साथ में बिजनेस पार्टनर थे और अभी भी बिजनेस कर रहे थे हालांकि पिछले कुछ दिनों से पार्टी को चंदा देने को लेकर विलास और मंत्री जी में अनबन हो गई थी | इसीलिए विलास से उन्होंने बातचीत करना बंद कर दिया था | हालांकि उनके आदमियों का विलास के साथ जो बिजनेस में साझा था वह बदस्तूर जारी था | इसी बीच में मंत्री जी ने विलास के ही खास आदमी सूर्य देव को अपनी तरफ मिला लिया था | ताकि कल को विलास के खिलाफ एक प्रतिरोध  के तौर पर उसे इस्सतेमाल कर पाए |  

जिस तरह से बोलचाल बंद थी और एक फॉर्तमल सा शोक सन्रदेश फ़ोन पर दिया था उसे देखते हुए मंत्री जी का  घर आना विलास को भी चौका गया क्योंकि उसे उम्मीद नहीं थी कि मंत्री जी इस तरह से उसके बेटे की मौत का शोक मनाने घर आ जाएंगे | 
नेता एक अलग तरह से ही सोचते हैं जबकि जग्गू का बाप की सोच दबंग और सीधी-सादी थी | राजनीति का आदमी बहुत ही घाघ होता है उसे अंदर से जान पाना बहुत मुश्किल होता है | जग्गू के बाप के साथ भी यही समस्या थी उसको लगता था अगर कोई दोस्त है तो दोस्त है, नहीं तो दुश्मन  लेकिन राजनीति का आदमी कभी इस तरह से सोचता ही नहीं | जिस तरह से विलास ने उन्हें धमकाया था और उनकी बेटी उठा लेने तक की धमकी दी थी उस कड़वाहट को भुलाकर यहाँ आना मुश्किल काम था | वो अलग बात है  मंत्री जी उस समय तो शांति से  चले गए थे लेकिन उसके बाद उन्होंने सूर्यदेव से हाथ मिला लिया | वो सब राजनीती पैसे और पॉवर की बाते थी | जग्गू की मौत पारिवारिक मामला था | मंत्री जी ने बडप्पन दिखाया और विलास का  दुःख बाटने चले आये | 

 मंत्री जी - विलास तुम्हारे पुत्र के इस तरह से आकस्मिक निधन से मुझे बहुत ही गहरा आघात पहुंचा है मैं बता नहीं सकता हूं कि मैं कितना ज्यादा मानसिक सदमे में हूं | 

विलास बस भावहीन चेहरे से मंत्री जी को देखता रहा | 
मंत्री जी - मैं तुम्हारी स्थिति समझ सकता हूं तुम्हें न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार को भी संभालना होगा | जब भी जरूरत पड़े मैं तुम्हारे लिए हमेशा उपलब्ध रहूंगा | किसी भी तरह की समस्या हो तुम मुझे सीधे फोन मिला दो | ना कोई सेक्रेटरी ना कोई ऑफिसर तुम सीधे मुझसे बात करोगे इतना कह कर के उन्होंने विलास को गले से चिपका लिया |विलास को रोने के लिए कन्धा देने वाला कोई बड़ा अब तक मिला नहीं था  विलास भी बच्चों की तरह सिबुकने लगा | इतना बड़ा गुंडा अपने इकलौते बेटे की मौत से किस तरह से टूट गया ,काफी देर तक मत्उरी जी उसकी पीठ सहलाते रहे | बाद में जब मंत्री जी को लगा कि अब माहौल थोड़ा ठीक है तो बात आगे बढ़ाई है| 
  मंत्री जी धीरे से विलास के कान में फुसफुसाए-  देखो विलास समय और माहौल तो इस बाती मुझे इजाजत नहीं देता कि मैं यह बात कहूं लेकिन मुझे कहनी पड़ेगी जग्गू न केवल तुम्हारा बेटा था बल्कि मेरे बेटे जैसा भी था | हमारे बीच हमारे बिजनेस को लेकर जो भी अनबन है, वो काम की प्रॉब्लम है उसका परिवार से कोई लेना-देना नहीं है तुम्हारा परिवार मतलब मेरा परिवार |
विलास के चेहरे पर सदमे के साथ ग्लानी के भाव आ गए, पता नहीं उसने उस समय नेताजी को और उनके परिवार को क्या क्या कह डाला | नेता जी तो बड़े नेकदिल निकले | नेता चालाक होते हैं लेकिन दिल के बुरे नहीं होते हैं और इस बार उसे लगा मंत्री जी की बात दिल से निकल रही थी | 
मंत्री जी - मै भी  हैरान हूँ आखिर ये सब कैसे हो गया  यह सब किसने किया है |
विलास चुपचाप नेताजी की बात सुनता रहा | 
 मंत्री जी - तो तुम्हें किसी पर शक है बताओ पूरा साले का खानदान काट डालेंगे | 
 विलास निराश उदास स्वर में बोला - अभी तक कुछ पता चला नहीं है | 
विलास क्रोध से उबलता हुआ - किस-किस को गोली मार दू | मुझे तो कुछ समझ में आ नहीं रहा है लड़ाई झगड़ा तो आप जानते ही मैंने कई साल पहले ही छोड़ दिया था मुझे पता नहीं था मेरा अतीत आकर  कर मुझे इस तरह डस लेगा | एक ही तो मेरा बच्चा था | 
बुरी तरह से रोने लगा मंत्री जी  उसे ढाढस बंधाते रहे | कमरे के और लोगों को  बाहर जाने को कहा कुछ ही देर में पूरा कमरा खाली हो गया अब कमरे में सिर्फ विलासऔर मंत्री जी थे | 
मंत्री जी -  तो तुम्हें किसी पर शक है |
विलास - मंत्री जी मेरा तो दिमाग ही नहीं काम कर रहा लेकिन इतना पता है मेरे  बेटे को मारा गया अपनी मौत नहीं मरा है |
मंत्री जी -  हां मुझे पता है मीडिया की बात , जो दिखाया जा रहा है वह तुमने ही बोला था लेकिन इतनी किस में हिम्मत हो गई जो विलास के बेटे को गोली मार सके |
विलास -  पता नहीं लेकिन जो भी है उसके खानदान का आखिरी चिराग भी जिंदा तो नहीं बचेगा | उसने मेरे अंदर के सोये जानवर को फिर से जगा दिया है जो चीजें में पीछे छोड़ आया था अब वही सब करनी पड़ेगी |  एक अच्छा इंसान बन के शरीफों की जिंदगी जीना चाहता था लेकिन ये दुनिया फिर से वही जानवर बना देना चाहती है |
 मंत्री जी ने बात संभाली है  - देखो देखो मैं तुमसे बड़ा हूं प्लीज मेरी बात मानो कुछ भी उल्टा- सीधा मत करना ठीक है | जब तक मैं हूं  तुम्हे कुछ करने की जरुरत नहीं है |  
विलास - मुझे रोकने का कोई फायदा नहीं , मेरा सबकुछ तो चला गया | वो जहाँ भी छिपा होगा जिस बिल में घुसकर बैठा होगा निकाल के सरे आम सड़क पर उसकी  आंखें निकाल लूँगा, हाथ काटूँगा पैर काटूँगा फिर तेजाब से नह्ललाऊंगा | साला मौत की भीख मांगेगा लेकिन मौत नसीब नहीं होगी | 
मंत्री जी - नहीं मेरे छोटे भाई ऐसा कुछ मत करना,  नही बिलकुल नहीं  कुछ भी ऐसा उल्टा सीधा मत करना जिसे तुम्हारे परिवार को और नुकसान हो कि तुम्हें पता है तुझे कोई गलत कदम उठा लिया और तुम्हें पोलिस ने  पकड़ लिया गया फिर फिर सभाल पाना मुश्किल होगा | 
विलास - मेरा बेटा चला गया और आपको पोलिस की पड़ी है |
मंत्री जी ने बात बदली - मुझे तुमारे परिवार की पड़ी है, दो जवान बेटियों की पड़ी है, उनको तरफ भी तो देखो |
मंत्री जी को डर था, इस बदले की आग में  कही बात ज्यादा बढ़ गयी और सिक्युरिटी के ऊपर लेवल के अफसर भी शामिल हो गए तो वो विलास का सारा कच्चा चिट्ठा निकाल लेगे और फिर मंत्री के इतिहास के सारे काले धंधों का कच्चा चिट्ठा सिक्युरिटी के पास खुल जाएगा हालांकि  सिक्युरिटी को पता सब होता है लेकिन सिक्युरिटी को जब तक ऊपर से आदेश नहो होता वो किसी को छूती नहीं | अभी जिस तरह से विलास का बेटे की मौत की आग में जल रहा था उसे यह तो साफ था कि वो किसी को भी दिनदहाड़े गोली मार सकता है पहले की बात अलग थी लेकिन अब सिक्युरिटी ने काफी चौकस है और इसीलिए सब करना इतना आसान नहीं होगा |
मंत्री जी - मेरी बात समझो विलास, इतना सब कुछ जो बनाया है यू ही गवां दोगे क्या | होनी को तो कोई नहीं टाल सकता लेकिन अपनी बेटियों का भी ध्यान करो | 
विलास - मतलब हिजड़ो की तरह हाथ पर हाथ धरे बैठा रहू | 
मंत्री जी - नहीं बिलकुल नहीं, तुमारे बेटे का बदला लेगे लेकिन अपने गले में फंसी का फंदा डालकर नहीं | 
विलास का गुस्सा कुछ कम हुआ - मैं समझता हूं आपकी बात लेकिन खुद को कैसे समझाऊं मेरा एक ही तो बेटा था |
मंत्री जी -  हां बस ऐसे थोड़ा सा समय मांग रहा हूं थोड़ा सा संयम रखो सब पता लगा लूंगा
विलास -  कहां से लाऊं वह धीरज सुबह जिसका उठते ही चेहरा देखता था शाम जिस को सोने से पहले देखता था अब उसे कभी नहीं देख पाऊंगा कहां से लाऊं धीरज उनसे जी आपका बेटा होता तो भी आप मुझसे ऐसे ही कहते हैं |
 मंत्री जी -  समझ सकता हूं इस तरह से धीरज खोने से भी तो कुछ नहीं होगा मैं पता लगाता हूं उसके पीछे कौन है |
 विलास - मंत्री जी साफ-साफ बताइए कहीं इसके पीछे सूर्यदेव तो नहीं |
मंत्री ये सुनकर अन्दर तक सिहर गए लेकिन घाघ नेता की तरह आश्र्चर्य से - तुम्हें शक है,  वो तो तुमारा ही पालतू रहा है | 
विलास - अब तो नहीं है जब से आपने उसे एक टुकड़ा खाने को दे दिया है | 
मंत्री जी - उसकी इतनी औकात और दुस्साहस  नहीं है, मैंने पहले ही कहा है बिज़नस अलग है फैमिली अलग है | 
विलास - लेकिन करने को तो कोई भी कर सकता है
मंत्री - तुम्हें सूर्यदेव को लेकर कुछ मिला है, लावो साले की जिन्दा खाल उतार लेगे | 
विलास -मेरा बेटा उसी के इलाके में मारा गया है तो मेरा पहला शक उसी पर गया था | मेरे आदमियों ने  उसके दो  ठिकाने तबाह कर दिए हैं | आपको तो पता ही है एक नंबर का चोर है मेरा माल दबाकर भागना चाहता था |
मंत्री जी - ये तुम बहुत गंभीर बात बोल रहे है | कहाँ की बात है ये |
विलास - मेरा बेटा जंगल घूमने गया होगा अक्सर वह जाता रहता था, इस शहर की भीड़ भाड़ से दूर | 
वहां सूर्यदेव एक पुराने मकान को  अपने सामान को छुपाने के लिए इस्तेमाल करता है | वहीं पर मेरे बेटे की लाश मिली लेकिन उसके साथ-साथ वहां दो लाशें और मिली जो  उसके साथ कामकरने वाले दो लड़कों की थी जो उसके साथ साए की तरह रहते थे जब कभी वो शहर से बाहर जाता था वह दोनों उसके साथ साए की तरह रहते थे |
मंत्री जी - ये तुम मुझे अब बता रहे हो | ये तो बहुत ही गंभीर बात है |
विलास - मेरे बेटे  वही गोली मारी गई है मंत्री जी |
मंत्री जी गंभीर हो गए - हमारे इलाके में आकर कोई इतना बड़ा काम कर जाए और हमें चार-पांच दिन हो गए भनक तक नहीं |
विलास - जो भी हो मंत्री जी जल्दी कुछ करना होगा नहीं सब्र का बांध टूट रहा है | मुझे अपने बेटे का चेहरा नहीं भूलता |
मंत्री जी - हम जल्दी ही तुमारे  बेटे की मौत का बदला लेंगे |
मंत्री जी कुछ सोचकर- पोस्ट मार्टम रिपोर्ट आ गयी क्या |  
विलास - आज सुबह ही आई है, ४ गोलियां के निशान है | इसके अलावा कुछ अजीब बाते भी सिक्युरिटी ने बताई है | 
मंत्री जी - क्या |
विलास - जब सिक्युरिटी वहां पंहुची तो तीनो की मौत हो चुकी थी और तीनो के बदन पर कपड़ो का कोई नामोनिशान नहीं था | एक की लाश जग्गू के पड़ोस में मिली और दुसरे की खँडहर मकान के अन्दर | तीनो ही पूरी तरह से नंगे थे | अन्दर वाले को तो पांच गोलियां मारी गयी | इसके अलावा भी गोलियों के खोखे मिले है | मतलब कमरे में और गोलियां भी चली है | लेकिन न तो वो पिस्टल मिली और न ही चलाने वाला का कोई सुराग है | किस पर चलायी गयी इसको लेकर भी पहेली बनी हुई है | क्योंकि अगर जग्गू के साथ वाले लड़के ने बचाव में हमलावर पर गोली चलाई तो एक आध उसको लगी होगी | फिलहाल पोलिस इसकी छानबीन कर रही है |
 इसके अलावा जिस बात ने पोलिस को उलझा दिया है वो है वहां कुछ कपड़ो की कतरने मिली है, वो औरत के ब्रा और पैंटी की है | 
 मंत्री जी - मतलब मामला इतना भी सीधा नहीं है लड़की का एंगेल भी है | 
विलास कुछ रूककर फिर बोला - मतलब ही तो नहीं समझ में आ रहा हूं कोई लड़की चाहिए थी तो शहर में क्या कम है इतना पैसा है किसी को भी खरीद लेता और फिर किसी लड़की को उस खंडहर तक ले जाकर ............................................. मुझे नहीं लगता इसका मेरे बेटे से कोई लेना देना है | 
मंत्री जी - औरत के कटे हुए कपड़े तो किसी की भी हो सकते हैं |
विलास - कपड़े तो किसी के भी हो सकते हैं लेकिन जो बात सिक्युरिटी ने रिपोर्ट में लिखने  की बजाय सीधे मुझे कान में बताई वो ये है की तीनो के लंड मौत के वक्त उनके लंड रस से सने थे | सिक्युरिटी को उनके लंड के सुपाडे पर सीमेन मिला है | और वो उन्ही का है | 
मंत्री जी - ये तो कुछ ज्यादा ही उलझाने वाली बात है | 
मंत्री जी - कही जग्गू को किसी लड़की के जाल में फंसा कर तो वहां नहीं ले जाया गया | 
विलास - पता नहीं लेकिन कुछ दिनों से जग्गू कुछ परेशान तो रहता था | हमने बहुत पूछने की कोशिश की लेकिन वो कुछ बोला ही नहीं | थक गए पूछ पूछकर लेकिन हमेशा बस यही बोलता था डैड अकेला छोड़ दो मुझे, मै अपनी परेशान हल करने लायक बड़ा हो गया हूँ |

मंत्री -  तुम परेशान मत हो तुम्हारी बेटे की मौत का बदला लेंगे और ऐसा बदला लेंगे कि पूरा शहर इलाका और आसपास के जिले याद  रखेंगे भरोसा रखो यह पर्सनल है मेरे लिए भी | राजनीति अपनी जगह है बिजनेस अपनी जगह है लेकिन परिवार तो हम सबका है, आज तुमारे परिवार को निशाना बनाया है कल को मेरे परिवार को निशाना बनाया जा सकता है | 
विलास - आखिरी मै करू तो क्या करू परेशान हो गया हूं लड़कियों का दोनों का रो-रो कर बहुत बुरा हाल है जग्गू की माँ तो होश में आते ही फिर बेहोश हो जाती है | 
मंत्री जी - मुझे थोड़ा सा समय दो पूरा पूरा महकमा लगा दूंगा पोलिस सिर्फ पता लगाएगी पर जो भी होगा इंसाफ उसके हम करेंगे सिक्युरिटी नहीं | 
विलास -  मंत्री जी मेरे पास ज्यादा समय नहीं है बच्चे की 13 तेरहवीं होते ही मैं हथियार उठा लूंगा लोगों को पता चलना चाहिए विलास पर वार करने का क्या अंजाम होता है | 
 मंत्री जी उसे सांत्वना देकर वहां से चल दिए | मंत्री जी वहां से बाहर निकल आए और अपनी कार में बैठ गए | अपने गार्ड  को दूसरी कार में बैठने को कहा था और मंत्री जी अपनी कार में अकेले थे और उनका बहुत खास आदमी था पिछले 20 साल से उनके लिए गाड़ी चला रहा था  |  गाड़ी में बैठते ही मंत्फोरी जी ने सूर्नयदेव को फोन  मिलाया |

 मंत्री  का फोन देखते सूर्यदेव ने तुरंत फोन उठा लिया और बोला - मंत्री जी क्या आदेश है | 

 मंत्री जी - यह विलास के बेटे का क्या मामला है | 
मंत्री जी के मुहँ से ये सुनकर वह एक दम चौंक गया, ऐसा लगा उसकी चोरी पकड़ी गयी हो सूर्यदेव  मिमियाई आवाज में - मंत्री जी आप वापस कब लौटे | 
मंत्री - तुमने सुना नहीं मैंने क्या पुछा |
 सूर्यदेव ने सफाई दी - मंत्री जी इसके पीछे मेरा  कोई हाथ नहीं है
मंत्री जी - मैं यह नहीं पूछा हूं तुम्हारा हाथ है या नहीं है यह मामला क्या है
सूर्यदेव - मतलब मैं समझा नहीं
मंत्री जी - विलास की लाश तुमारे जंगल वाले ठिकाने पर मिली है  उसके साथ वहां दो और लाशें मिली हैं और तीनों लाशों पर कपड़े का नामोनिशान तक नहीं था और तीनों के लंड पर वीर्य लगा हुआ मिला है | 
सूर्यदेव को माजरा समझते देर नहीं लगी - ऐसा क्या | 
मंत्री जी - वहां किसी औरत के कपड़े भी मिले है | मतलब कपड़ो की कतरने मिली है, अन्दर के ब्रा पैंटी की | 
उसकी घबराहट अब विश्वास में बदल गयी |  क्या बात करें मंत्री जी ऐसा है क्या | 
मंत्री जी - क्यों तू चौका क्यों |
सूर्यदेव - चौकने वाली तो बात है ही मंत्री जी  सुना है लाश पूरी तरह से नंगी मिली थी, जग्गू के अलावा वहां दो और लाशें मिली थी और वह दोनों भी बिलकुल नंगे ही थे | 
सूर्यदेव -  वह तेरा इलाका तुझे तो सब पता है फिर इतनी देर से नौटंकी क्यों कर रहा था | मुझसे गेम खेल रहा है |
मंत्री जी - नहीं कैसी बात कर रहे है, मेरी मजाल तो जो ऐसा सपने में भी सोचु | 
 

मंत्री जी - सोचना मत अब सच-सच बता इसके पीछे कौन है देख हमारे बिजनेस और पॉलिटिक्स अपनी जगह है लेकिन यार किसी की फैमिली किसी के बच्चे यह ठीक नहीं है मनी बिलास ने मेरी बेटी उठा लेने की धमकी दी हो लेकिन उसे उठाया तो नहीं उसे भी पता  उसका परिवार है |

सूर्यदेव -  नहीं मंत्री जी मेरी इतनी मजाल है जो इतने बड़े हाथी से टकरा जाऊं वह तो मुझे चुटकी मसल के रख देगा |
मंत्री - तो बता कौन है ? 
सूर्यदेव - आप यकीन नहीं करेगें लेकिन इसके पीछे एक रांड औरत है, साली एक नंबर की छिनार है | 
मंत्री जी -  क्या बकवास कर रहा है, गांजा चढ़ा रखा है है | 
सूर्यदेव - एक औरत है जो जग्गू को जाल में फंसाकर यहाँ तक लायी है, उसकी सिक्युरिटी में भी लम्बी पंहुच है शायद कोई नया गैंग बनाना चाहती है | उसी ने जग्गू और उन दोनों को मौत के घाट उतारा है | अपना नंगा  जिस्म दिखाकर लड़को को बहकाया होगा और जब लड़के उसके हुस्न में मदहोश हो गए होंगे तो एक एक करके तीनो को गोली मार दी | 
मंत्री जी - एक औरत इतना बड़ा काम अकेले कैसे कर सकती है | 
सूर्यदेव - आप मिले है उससे |
मंत्री जी - कौन है वो |
सूर्यदेव - रिवर लाउन्ज में, नाम उसका सीमा ........या ....ऐसे कुछ है |
मंत्री जी - क्या बात का रहे हो | 
सूर्यदेव - बिल्कुल सच्ची बात कर रहा हूं मंत्री जी , हाँ हाँ याद आ गया रीमा नाम है उसका बला की खूबसूरत है इतनी गहरी मुसीबत में न फंसा होता तो कम से कम अब तक चार पांच बार उसके साथ अपना बिस्तर गर्म कर चुका होता | 
मंत्री जी - क्या बकवास किये जा रहा है तू जानता है उसे, मिला है उसे क्या .........| 

सूर्यदेव -  वह उसी इलाके में जग्गू को मारने के बाद भाग रही थी तभी मेरे आदमी ने उसको पकड़ लिया | 
मंत्री जी - क्या  बात कर रहा है | 
सूर्यदेव -  सही बोल रहा हूं उसी ने जग्गू को मारा है उसी ने एक मेरे आदमी को भी मारा जब मेरा आदमी टाइम पर नहीं पहुंचा |  तो मेरे आदमी जंगल में इधर उधर छानबीन करने लगे और तभी मैंने उसे पकड़ लिया | 
मंत्री जी - यह तो अच्छी बात है, तूने मुझे अब तक ये बात बताई क्यों नहीं |  उसे यहां ले आओ विलास के हवाले  कर देते हैं मामला सेटल  |
सूर्नयदेव हल्की निराशा से -  मंत्री जी वह बहुत चालाक है जितनी खूबसूरत है  उतनी ही हरामजादी की पिल्ली है, जहाँ कैद करके रखा था वहां से भाग गई |
मंत्री जी - तुम्हारी कैदसे  कैसे भाग गई  ये कैसे हो सकता है |
सूर्यदेव -  उसने गार्ड को पटा लिया, उसने अपना नंगा जिस्म दिखा दिया और गार्ड पागल हो गया |
मंत्री-  क्या बकवास कर रहे हो फ्री में ऐसा कैसे कर सकती जिस्म दिखा दिया और गार्ड पागल हो गया क्या बकवास कर रहे हो | 
सूर्यदेव - आप मेरा यकीन कीजिये, मरता आदमी झूठ थोड़े बोल कर जायेगा | साली से गार्ड को अपने दूध और चूतड़ दिखा दिखा कर पगला दिया | गार्ड उसके झांसे में बहक गया |
मंत्री जी - क्या नाम बताया तूने उसका | 
सूर्यदेव - रीमा |
मंत्री जी - अब मुझे याद आ गया एक सिक्युरिटी वाले की बेवा है तो गजब की खूबसूरत लेकिन वो तो बहुत शरीफ है |  हम तो उसे साड़ी के ऊपर से देखते हैं तब भी कयामत लगती है लेकिन जैसे ही पता चलता कि हम घूर रहे हैं वह अपने पल्लू तक करने लगती है | वो ऐसा नहीं कर सकती | उसका देवर तो एक नम्बर का रंडीबाज है लेकिन वो तो उसे भी नहीं देती ऐसा मैंने औरतो की किटी पार्टी की गॉसिप से सुनकर आई औरते बता रही थी | 
सूर्यदेव - मंत्री जी मैंने आपको सब सच सच बता दिया |
मंत्री जी - चल तेरी बात मान भी ले तो रीमा का जग्गू से क्या झगड़ा |
सूर्यदेव - अब जग्गू रीमा को लाया या रीमा जग्गू को लायी, किस बात में दोनों में झगड़ा हुआ ये सब तो वो ही बता पायेगी | उसके अलावा जिनको सच पता है वो दुनिया में नहीं है | 
मंत्री जी - उसका बेटा तुम्हारे इलाके में मरा है और उसके दिमाग में पहला नाम तुम्हारा ही आ रहा है किसी तरह से मैंने बात संभाली लेकिन ज्यादा देर तक मैं संभाल नहीं पाऊंगा जितनी जल्दी हो सके उस औरत को विलास के हवाले कर दो | इसी में हमदोनों की जिंदगी की सलामती है |
सूर्यदेव - उसने पहले ही मेरे आदमियों को मार डाला है | 
मंत्री जी - मुझे कुछ नहीं पता, उसका गुस्सा ज्यादा देर तक मै रोक नहीं पाउँगा, और उसका पहला शिकार होंगे तुम | भलाई इसी में है रीमा को ढूढो और विलास के हवाले कर दो |
सूर्यदेव - वो औरत मंत्री जी यहां से ऐसे गायब हुई जैसे गधे के सींग पूरे कस्बे  नाकेबंदी लगी हुई है सिक्युरिटी की सिक्युरिटी ढूंढ रही है  मेरे  आदमियों ने कस्बे का एक-एक  कोना छान मारा है उसका कहीं कोई अता-पता नहीं चला | उसके खोने की खबर उसके घरवालो ने टीवी पर भी चलवा दी है |  मै हैरान हूँ ना तो वह सिक्युरिटी को मिली ना हमारे आदमी  को, गई तो गयी कहाँ वो हरामन कुतिया | 

मंत्री जी -  जो भी हो सूर्य देव मामला बहुत सीरियस है रीमा का जग्गू की मौत से कोई न कोई तो कनेक्शन है पता लगाओ और सच इतनी जल्दी पता लगा दोगे और जितनी जल्दी रीमा को पकड़ लोगे और विलास के हवाले कर दोगे उतनी ही जिंदगी बढ़ जाएगी |
सूर्यदेव - मंत्री जी मेरा इसमें कोई हाथ नहीं है | 
मंत्री जी - ये बात विलास को समझाना, मुझसे कहने से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा | जग्गू तुम्हारे इलाके में मारा है इसीलिए सबसे पहले विलास का कहर  तुम पर ही टूटेगा अब तुम खुद को बचा सकते हो तो बचा लो | 
सूर्यदेव -  मंत्री जी इस तरह से मेरे सर से हाथ हटा लोगे तो कहाँ जाऊंगा, |
मंत्री -  देखो मुझे मत समझाओ मुझे क्या करना है क्या नहीं करना है उस औरत को ढूंढो और विलासके हवाले कर दो समझ गए बाकी विलास उसका क्या करेगा क्या नहीं करेगा यह वह जाने | कान खोल कर सुन लो अगर तुम उस औरत की आड़ में खुद बचने की कोशिश कर रहे हो तो मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा तुम समझ रहे हो ना मेरा मतलब क्या है | अब फोन रखो और जल्दी से जल्दी उस औरत को ढूढना शुरू करो |

सूर्यदेव की पहले से ही फटी पड़ी थी अब तो उसे आँखों के सामने मौत नजर आने लगी |


 मंत्री जी ने फिर से इलाज को फोन मिलाया - विलास मैंने सूर्यदेव से बात करी है  उसने कसम खाई है कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं है  लेकिन जो जानकारी उससे मिली है एक औरत है नाम है  उसका रीमा तुम शायद उसको जानते होगे , वही औरत जिसने रिवर लाउन्ज में जग्गू को लेकर हंगामा कर दिया था | 
विलास - हाँ हाँ याद है |
मंत्री जी - जिस दिन तुमारे बेटे को गोली मारी गयी उसी दिन से रीमा गायब है तुमने टीवी पर उसकी फोटो देखी होगी | 
विलास - नहीं मंत्री जी मैं भी कुछ नहीं देख पा रहा हूं इसीलिए मैं तुम्हें फोन किया हूं जिस दिन से तुम्हारा बेटागायब है उसी दिन से रीमा भी गायब है तुम्हारी बेटी की मौत का और उस औरत के गायब होने का कोई न कोई कनेक्शन तो है जल्दी पता लगा लेगे | 
तब तक मेरी एक विनती है बस तुम कुछ मत करो |  
विलास - सच कहूं मंत्री जी तो कुछ कह नहीं सकता पूरी कोशिश करूंगा खुद को  काबू में रखने की | जल्दी से जल्दी औरत का पता लगाइए | 
मंत्री जी - वैसे एक बात बोलूं सच बताओगे वो औरत थी तो बहुत ही मस्त तुम्हें भी पता है कहीं तुम्हारा उसके बेटे के  साथ कोई चक्कर तो नहीं हो गया था | जवान विधवा और जग्गू | उसने जग्गू को कॉलेज से भी निकलवाया था | 
विलास - जहां तक मुझे पता है मंत्री जी ऐसी कोई बात नहीं थी आपको ऐसा क्यों लगता है कि मेरा बेटा उस औरत के चक्कर में पड़ गया था | 
मंत्री - जहाँ तकरार वही प्यार |
विलास -  मुझे नहीं लगता रीमा कोई ऐसी औरत थी, लेकिन अगर आपका अंदेशा सच है  तो उस औरत की जिंदगी इतनी नरक कर दूंगा अपनी मौत मांगेगी लेकिन उसे मौत नहीं मिलेगी | 
मंत्री जी - अपने आप को कंट्रोल में रखो ठीक है हम तुम्हारे बेटे का बदला लेंगे और वह दुनिया देखेगी | 

मंत्री जी ने फोन काट दिया उसके बाद फिर से उन्होंने सूर्य देव को फोन मिलाया - सूर्य देव कान खोल कर सुन लो मुझे वह औरत चाहिए हर हाल में चाहिए | 
 मंत्री जी अभी तक चीजों को समझने की कोशिश कर रहे थे और इतना तो पता चल गया था कि रीमा जग्गू और सूर्यदेव के  बीच का सच कुछ न कुछ तो है | असल में हुआ क्या है ये रीमा के मिलने के बाद ही पता चलेगा |
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 20-12-2019, 07:02 PM



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