27-01-2019, 05:10 PM
और चादर निकलते ही जो सीन सारिका ने देखा, उसकी तो शायद उसने कल्पना भी नही की थी...केशव की सग़ी बहन और उसकी पुरानी सहेली काजल घोड़ी बन कर अपने खुद के भाई का लंड चूस रही थी..
और अपने उपर से ऐसे चादर निकल जाने के बाद मस्ती मे आँखे बंद करके लंड चूसती हुई काजल ने आँखे खोली और सामने डर और आश्चर्य के भाव लिए अपने भाई के चेहरे को देखा, जो कभी उसको और कभी उसके पीछे खड़ी सारिका को देखकर ये सोच रहा था की अब क्या होगा..
केशव को ऐसे हैरान -परेशान देखकर और उसकी आँखो का पीछा करते हुए जैसे ही काजल ने अपने पीछे खड़ी सारिका को देखा तो उसे सब समझ मे आ गया..
इसका मतलब उसकी एंट्री ग़लत टाइम पर हो गयी...केशव और सारिका के बीच पहले से ही चुदाई का खेल चल रहा था...वो ऐसे ही बीच मे घुस आई..
और सबसे बड़ी बात, सारिका ने उसे रंगे हाथों पकड़ भी लिया...वैसे देखा जाए तो सारिका भी नंगी-पुँगी खड़ी थी और वो भी चुदाई करते हुए रंगे हाथो पकड़ी गयी थी..पर यहाँ मसला वो नही था..
यहाँ प्राब्लम ये थी की काजल पकड़ी गयी थी , अपने भाई के लंड को चूसते हुए..
सारिका : "काआआजल ......तुम !!!!!!!!!!!!!......और वो भी अपने भाई के साथ .......''
तब तक काजल संभल चुकी थी...और ये भी सोच चुकी थी की उसे कैसे वो सिचुएशन हेंडल करनी है..
केशव भी समझ चुका था की कोई बड़िया वाला सीन होने वाला है वहाँ पर..
सारिका के गुस्से का काजल ने बड़े ही प्यार से जवाब दिया..: "हाँ ....मैं ...क्यो....इतनी परेशान क्यो हो रही है तू मुझे ये सब करते देखकर..''
सारिका : "मतलब....तू ये भी नही जानती की मैं परेशान क्यो हूँ ...तू मेरे बाय्फ्रेंड के साथ, और उसके भी उपर अपने खुद के भाई के साथ ये सब कर रही है...तुझे शर्म नही आती...''
काजल : "पर ये सब तो मैं तेरे कहने पर ही कर रही हू..''
अब हैरान होने की बारी सारिका के साथ-2 केशव की भी थी..
सारिका : "मेरे कहने पर ???? क्या मतलब है तेरा..!!!''
काजल : "तुझे याद है, तूने ही एक बार कहा था की हम एक दूसरे के पार्टनर्स को आपस मे शेयर करेंगे...फिर चाहे वो बाय्फ्रेंड हो या हसबैंड ''
सारिका (दिमाग़ पर ज़ोर डालते हुए) : "हाँ ...याद है...पर वो तो 2 साल पहले की बात है...और वो बात अलग थी...यहाँ तो तू अपने खुद के भाई के साथ ये सब कर रही है..''
काजल : "देख...मुझे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता की तेरा बाय्फ्रेंड कौन है....अगर तेरा बी एफ एक रिक्शा चलाने वाला भी होता तो भी मैं यही करती, मेरा भाई है, तब भी मैं यही कर रही हू...''
सारिका का तो दिमाग़ ही चकरा गया उसकी दलील सुनकर...और केशव मन में अपनी बहन की तारीफ किए बिना नही रह पाया..
काजल : "पिछली बार जब मैने तुम दोनो को रंगे हाथ पकड़ा था तो मुझे भी ऐसे ही शॉक लगा था...हमारे बीच भले ही बातचीत बंद है, पर मैं अपने वादे को आज तक नही भूली हू...जैसे की मैं अब तक अपनी दोस्ती को भी नही भूली...तुझे अपनी दोस्ती और वो वादा याद दिलाने के लिए ही मैने ये सब किया है..''
काजल ने बड़ी ही चालाकी से सारिका का ध्यान अभी के इन्सिडेंट से हटा कर अपनी दोस्ती के इमोशनल पॉइंट की तरफ कर दिया था..
काजल : "उस दिन ही मैने सोच लिया था की भले ही तुझे ये बात याद नही है, पर मैं अपनी दोस्ती में किया हुआ वो वादा नही भूलूंगी, जो हमने एक साथ किया था...की हम एक दूसरे के पार्टनर्स को ऐसे ही खुश करेंगे, जैसे खुद के पार्ट्नर को करते हैं...मुझे भी पता है की अपने भाई के साथ ये सब करना ग़लत है, पर मेरे लिए भाई से बढ़कर अपनी दोस्ती में किया हुआ वादा है...जो शायद तू भूल चुकी है...अपनी दोस्ती की तरह..''
इतना बहुत था सारिका की आँखों से पश्चाताप के आँसू निकालने के लिए..
सारिका रोती हुई उसकी तरफ आई और नंगी ही उसके गले से लिपट कर फूट-2 कर रोने लगी
सारिका : "मुझे माफ़ कर दे काजल....मैने तुझे कितना ग़लत समझा.... पहले भी मेरी ही ग़लती थी...वरना तुझ जैसी सहेली को खोकर मुझे भी अच्छा नही लगा...मुझे माफ़ कर दे काजल..''
सारिका के गले लगते हुए काजल का चेहरा केशव की तरफ था...और वो एक कुटिल हँसी हंसकर उसे आँख भी मार रही थी..
अचानक केशव ने काजल को इशारा किया की वो दोनो आपस मे कुछ करे...क्योंकि उसने पिछली बार ही सोच लिया था की दोनो सहेलियों को एक साथ चोदेगा ...और वो शायद जल्द ही होने भी वाला था...पर उससे पहले वो उन दोनो का लेस्बियन सेक्स देखना चाहता था, जो आज तक उसने सिर्फ़ मूवीस मे ही देखा था..
काजल ने बुरा सा मुँह बनाया पर केशव ने रोता हुआ चेहरा बना कर अपने दोनो हाथ उसके आगे जोड़ दिए...और फिर अपने खड़े हुए लंड को उसकी आँखो के सामने लहराकर उसे वो लालच भी दिया, जिसके लिए वो जाने कब से तड़प रही थी...
काजल ने भी सोचा की ये भी ट्राइ कर ही लेना चाहिए...हालाँकि दोनो सहेलियों में पहले काफ़ी खुलकर बात होती थी..पर दोनो ने एक दूसरे के अंगो को कभी टच नही किया था और ना ही एक दूसरे को कभी नंगा देखा था...पर आज काजल ने सारिका को नंगा देख ही लिया था..और अब केशव के कहने पर उसे भी उसी की तरह नंगा होकर खेल खेलना था अपने भाई को खुश करने के लिए..
काजल ने एक गहरी साँस ली और उसके दोनो हाथ सरकते हुए आगे की तरफ आए और उसने सारिका के दोनो मुम्मे पकड़ लिए...और अपनी उंगलियों से उसके निप्पल्स पकड़कर होले से सहला दिए..
सारिका : "अहह ..... क्या कर रही हो काजल ...''
काजल : "एक नयी दोस्ती की शुरूवात...''
सारिका ने उसको सवालिया नज़रों से देखा...और फिर एक नज़र केशव पर डाली...उसने भी गर्दन हिला कर और पलकें बंद करते हुए अपनी सहमति दे दी..की करने दे, जो काजल करना चाहती है..उसके बाद सारिका ने कुछ नही कहा और बस देखती रही की आख़िर काजल कहाँ तक जाती है..
काजल ने सारिका के सिर के पीछे हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके होंठों को ज़ोर-2 से चूसने लगी..
और अपने उपर से ऐसे चादर निकल जाने के बाद मस्ती मे आँखे बंद करके लंड चूसती हुई काजल ने आँखे खोली और सामने डर और आश्चर्य के भाव लिए अपने भाई के चेहरे को देखा, जो कभी उसको और कभी उसके पीछे खड़ी सारिका को देखकर ये सोच रहा था की अब क्या होगा..
केशव को ऐसे हैरान -परेशान देखकर और उसकी आँखो का पीछा करते हुए जैसे ही काजल ने अपने पीछे खड़ी सारिका को देखा तो उसे सब समझ मे आ गया..
इसका मतलब उसकी एंट्री ग़लत टाइम पर हो गयी...केशव और सारिका के बीच पहले से ही चुदाई का खेल चल रहा था...वो ऐसे ही बीच मे घुस आई..
और सबसे बड़ी बात, सारिका ने उसे रंगे हाथों पकड़ भी लिया...वैसे देखा जाए तो सारिका भी नंगी-पुँगी खड़ी थी और वो भी चुदाई करते हुए रंगे हाथो पकड़ी गयी थी..पर यहाँ मसला वो नही था..
यहाँ प्राब्लम ये थी की काजल पकड़ी गयी थी , अपने भाई के लंड को चूसते हुए..
सारिका : "काआआजल ......तुम !!!!!!!!!!!!!......और वो भी अपने भाई के साथ .......''
तब तक काजल संभल चुकी थी...और ये भी सोच चुकी थी की उसे कैसे वो सिचुएशन हेंडल करनी है..
केशव भी समझ चुका था की कोई बड़िया वाला सीन होने वाला है वहाँ पर..
सारिका के गुस्से का काजल ने बड़े ही प्यार से जवाब दिया..: "हाँ ....मैं ...क्यो....इतनी परेशान क्यो हो रही है तू मुझे ये सब करते देखकर..''
सारिका : "मतलब....तू ये भी नही जानती की मैं परेशान क्यो हूँ ...तू मेरे बाय्फ्रेंड के साथ, और उसके भी उपर अपने खुद के भाई के साथ ये सब कर रही है...तुझे शर्म नही आती...''
काजल : "पर ये सब तो मैं तेरे कहने पर ही कर रही हू..''
अब हैरान होने की बारी सारिका के साथ-2 केशव की भी थी..
सारिका : "मेरे कहने पर ???? क्या मतलब है तेरा..!!!''
काजल : "तुझे याद है, तूने ही एक बार कहा था की हम एक दूसरे के पार्टनर्स को आपस मे शेयर करेंगे...फिर चाहे वो बाय्फ्रेंड हो या हसबैंड ''
सारिका (दिमाग़ पर ज़ोर डालते हुए) : "हाँ ...याद है...पर वो तो 2 साल पहले की बात है...और वो बात अलग थी...यहाँ तो तू अपने खुद के भाई के साथ ये सब कर रही है..''
काजल : "देख...मुझे इस बात से कोई फ़र्क नही पड़ता की तेरा बाय्फ्रेंड कौन है....अगर तेरा बी एफ एक रिक्शा चलाने वाला भी होता तो भी मैं यही करती, मेरा भाई है, तब भी मैं यही कर रही हू...''
सारिका का तो दिमाग़ ही चकरा गया उसकी दलील सुनकर...और केशव मन में अपनी बहन की तारीफ किए बिना नही रह पाया..
काजल : "पिछली बार जब मैने तुम दोनो को रंगे हाथ पकड़ा था तो मुझे भी ऐसे ही शॉक लगा था...हमारे बीच भले ही बातचीत बंद है, पर मैं अपने वादे को आज तक नही भूली हू...जैसे की मैं अब तक अपनी दोस्ती को भी नही भूली...तुझे अपनी दोस्ती और वो वादा याद दिलाने के लिए ही मैने ये सब किया है..''
काजल ने बड़ी ही चालाकी से सारिका का ध्यान अभी के इन्सिडेंट से हटा कर अपनी दोस्ती के इमोशनल पॉइंट की तरफ कर दिया था..
काजल : "उस दिन ही मैने सोच लिया था की भले ही तुझे ये बात याद नही है, पर मैं अपनी दोस्ती में किया हुआ वो वादा नही भूलूंगी, जो हमने एक साथ किया था...की हम एक दूसरे के पार्टनर्स को ऐसे ही खुश करेंगे, जैसे खुद के पार्ट्नर को करते हैं...मुझे भी पता है की अपने भाई के साथ ये सब करना ग़लत है, पर मेरे लिए भाई से बढ़कर अपनी दोस्ती में किया हुआ वादा है...जो शायद तू भूल चुकी है...अपनी दोस्ती की तरह..''
इतना बहुत था सारिका की आँखों से पश्चाताप के आँसू निकालने के लिए..
सारिका रोती हुई उसकी तरफ आई और नंगी ही उसके गले से लिपट कर फूट-2 कर रोने लगी
सारिका : "मुझे माफ़ कर दे काजल....मैने तुझे कितना ग़लत समझा.... पहले भी मेरी ही ग़लती थी...वरना तुझ जैसी सहेली को खोकर मुझे भी अच्छा नही लगा...मुझे माफ़ कर दे काजल..''
सारिका के गले लगते हुए काजल का चेहरा केशव की तरफ था...और वो एक कुटिल हँसी हंसकर उसे आँख भी मार रही थी..
अचानक केशव ने काजल को इशारा किया की वो दोनो आपस मे कुछ करे...क्योंकि उसने पिछली बार ही सोच लिया था की दोनो सहेलियों को एक साथ चोदेगा ...और वो शायद जल्द ही होने भी वाला था...पर उससे पहले वो उन दोनो का लेस्बियन सेक्स देखना चाहता था, जो आज तक उसने सिर्फ़ मूवीस मे ही देखा था..
काजल ने बुरा सा मुँह बनाया पर केशव ने रोता हुआ चेहरा बना कर अपने दोनो हाथ उसके आगे जोड़ दिए...और फिर अपने खड़े हुए लंड को उसकी आँखो के सामने लहराकर उसे वो लालच भी दिया, जिसके लिए वो जाने कब से तड़प रही थी...
काजल ने भी सोचा की ये भी ट्राइ कर ही लेना चाहिए...हालाँकि दोनो सहेलियों में पहले काफ़ी खुलकर बात होती थी..पर दोनो ने एक दूसरे के अंगो को कभी टच नही किया था और ना ही एक दूसरे को कभी नंगा देखा था...पर आज काजल ने सारिका को नंगा देख ही लिया था..और अब केशव के कहने पर उसे भी उसी की तरह नंगा होकर खेल खेलना था अपने भाई को खुश करने के लिए..
काजल ने एक गहरी साँस ली और उसके दोनो हाथ सरकते हुए आगे की तरफ आए और उसने सारिका के दोनो मुम्मे पकड़ लिए...और अपनी उंगलियों से उसके निप्पल्स पकड़कर होले से सहला दिए..
सारिका : "अहह ..... क्या कर रही हो काजल ...''
काजल : "एक नयी दोस्ती की शुरूवात...''
सारिका ने उसको सवालिया नज़रों से देखा...और फिर एक नज़र केशव पर डाली...उसने भी गर्दन हिला कर और पलकें बंद करते हुए अपनी सहमति दे दी..की करने दे, जो काजल करना चाहती है..उसके बाद सारिका ने कुछ नही कहा और बस देखती रही की आख़िर काजल कहाँ तक जाती है..
काजल ने सारिका के सिर के पीछे हाथ रखा और उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसके होंठों को ज़ोर-2 से चूसने लगी..