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बहन फ़िदा हुई बुड्ढे नौकर पर
अब अंकल रश्मि के बगल में लेट गए. रश्मि ने अपना फ़ोन उठाया और टाइम देखकर साइड में रख दिया फिर रश्मि ने उनकी तरफ करवट ली.और उनके ऊपर अपना एक हाथ और एक पैर रख कर 
बोली... चलिए अब खाना खाते हैं..
अंकल उठ कर बैठ गए और दोनों लोग साथ में खाना खाने लगे.... 
बहुत देर से खिड़की में झुककर उनकी चुदाई देखने से   में थक गया था.. मैंने लण्ड बाहर निकाल रखा था   कि अब       हिलाऊँगा,, अब हिलाऊँगा.. पर उनकी,,,,, चुदाई देखते देखते हिला ही नहीं   पाया,,,, 

मेरा लण्ड अभी भी बाहर ही था उसमें से लार टपक रही थी... लण्ड ना हिलाने  और ज्यादा देर खडे रहने से अंडकोषों में दर्द होने लगा था....

 में अपने कमरे.में चला गया.. कमरे में जाकर हिलाने की कोशिश की पर अंडकोषों में दर्द ज्यादा होने की वजह से में हिला भी नहीं पाया... 
बेड पर लेटकर इधर उधर करवट लेता रहा पर नींद नहीं आयी.... एक घंटा परेशान रहने के बाद में बाहर की तरफ निकला... अंदर से अब भी उनकी आवाजें आ रही थीं... मैंने अंदर झाँका तो रश्मि लेटी हुई थी और अंकल उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख कर चुदाई कर रहे थे.. 
खड़ा होना अब मेरे वश में नहीं था तो में  कमरे में जाकर लेट गया..पूरी  रात उनकी चुदाई के बारे में सोचता रहा.... सुबह 4बजे के करीब में सो गया...... 

           अगले दिन सुबह 9 बजे रश्मि ने मुझे चाय के लिए जगाया.. में आंखे मिचमिचाते हुए उठकर बैठ गया,,,,, 
 रश्मि अभी भी मम्मी की मैक्सी ही पहने हुए थी... ज़ब उसने मुझे झुक कर चाय दी तब मेरी नजर उसकी चूचियों पर पड़ीं.. 
उसने अंदर कुछ नहीं पहना था... उसकी निप्पल   तने हुए बिलकुल साफ दिखाई दे  रहे थे... 
उसकी गर्दन  और  चूचियों पर कई जगह काटने के निशान थे.... मैंने चाय पकड़ी फिर बोला आज पता नहीं आंख कैसे नहीं खुलीं,,, 
रश्मि मुँह फ़ेरकर हल्की से हंसी और बोली में अंकल को चाय देकर आती हूँ... 
      फिर वो कमर मटकाती हुई कमरे से बाहर निकल गई...उसने शायद कच्छी भी नहीं पहनी थी.. जिससे मैक्सी में उसके चूतड़ अलग दिखाई दे रहे थे...  आज उसका पिछवाड़ा काफ़ी मस्त लग रहा था.. 
मैंने चाय पीकर खत्म कर दी फिर दुकान में जाने लगा... 
अंदर से रश्मि और अंकल के हसने  की आवाज आ रही थी 

में बाहर से कान लगाकर सुनने लगा.. 
Rshmi::         छोड़ो ना........ पूरी रात में मन नहीं भरा तुम्हारा 

अंकल :::::        तुझसे मेरा  मन कैसे  भर सकता है... 

रश्मि  :      छोड़ो भी मसलो मत,,,,,,, दर्द हो रहा है... हटो 
कोई  देख लेगा.. 

अंकल  ::  तो फिर चल अंदर कमरे में... 

रश्मि ::   उई इस्सस,,   अंदर अभी नहीं,, भाई जाग चुका है, 

अंकल ::   अब अंदर जाकर  क्या करेगी,,, 

रश्मि ::     पहले जाकर खाना बनाउंगी,,, फिर नहाकर कपड़े बदलूंगी.. 
  
अंकल ::    नहा  . कर  भी   मैक्सी को ही पहनना.. और अंदर कुछ मत पहनना,,, मैक्सी  में बड़ी कातिल लग रही है... 

रश्मि ::     तुम पागल हो क्या,,,भाई घर पर ही है,,, 
            बिना अंदरूनी कपड़ों के नंगा नंगा सा लग रहा है... उस पर तुमने मेरी निप्पल चूस चूस के इतनी बड़ी बड़ी कर दीं है  , मैक्सी के बाहर से ही  दिखाई देने लगी हैं... 

अंकल :    तो क्या हो गया .. उसे भी  देखने दे,,,, घिस  थोड़ी  ही                          जाएगी... 
रश्मि   :     उम,, नहीं मुझे अच्छा नहीं लगता... वैसे भी आज वो मुझे घूर घूर कर देख रहा था,,    उसकी निगाहेँ आज   मेरी चूचियों पर ही थी.. 
 
अंकल :    अच्छा..... तो और तसल्ली से दिखा देती उसको... 
                 उसका भी मन रह जाता..... 
रश्मि    :      ईईई  .... छोड़ो   .....  हटो मुझे जाने दो... 
अंकल :::     क्या मेरा कहना नहीं मानेगी... 
रश्मि ::::       मम्मी की सिर्फ एक ही मैक्सी थी.. आपने रात में वो भी                       गंदी कर दी पोंछ पोंछ के..
                    आपने   जितना अपना     वीर्य 
                    पोंछा है सब सूख सूख के 
                      खुरदरा  खुरदरा   सा     बनकर   चुभ रहा है 
अंकल :::   तो एक काम कर नहाकर बढ़िया सा सूट सलवार पहन ले..                    और पूरा श्रृंगार कर ले.... 
रश्मि ::: अच्छा जी,,,,, ठीक है पूरी तरह से सज कर मिलूँगी पर पहले                   आप छोड़ो तो...... 

फिर में  अपने पैरों से तेज तेज आवाज करते हुए  दुकान में पहुंच गया.. 
रश्मि हड़बड़ी में उनके बराबर वाली कुर्सी पर बैठती दिखाई दी... 


अंकल मुझसे मुस्कुराते हुए बोले अरे बेटे आज नींद बड़ी देर में खुली,,,, क्या कर रहे थे  रात भर,,,,, आंखे तो ऐसी लाल हो रही हैं जैसे पूरी रात चौकीदारी करी हो.... 

में झिझकते हुए बोला, पता नहीं अंकल आज कैसे नींद नहीं खुली... 
    सिर भी भारी भारी सा हो रहा है... 
फिर अंकल ने टेबल से चाय उठाई और एक घूँट पीकर बोले... रश्मि आज भी चाय फीकी फीकी लग रही है.... 

रश्मि उनकी तरफ आंखे   बड़ी  बड़ी करके देखने लगी... 

फिर अंकल बोले रश्मि  गुस्सा क्यों हो रही हो,,, पहले तो में हल्का सा ही मीठा खाता था पर यहाँ की मिठाई चख कर आदत बिगड़ गई है,,, अगर परेशानी ना हो तो  जरा  कुछ मीठा डाल दो...

रश्मि मुँह बनाकर  मुझसे बोली.. भाई अंदर से  थोड़ी चीनी ला दे अपने अंकल के लिए..... 

मैंने बोला तू अंकल के हिसाब की चीनी क्यों नहीं डालती.... जा अपने आप ले आ...... 

अंकल बोले अरे भई लड़ो मत में खुद ले आऊंगा.... फिर रश्मि की ओर देखते हुए बोले चलो रश्मि मुझे अपना चीनी का डिब्बा दिखा देना.... 

रश्मि ने उनकी ओर बड़ी बड़ी आंखे करके देखा फिर  बोली आप यहीं रुको में खुद ही लेकर आती हूँ... 

अंकल बोले तुम परेशान क्यों हो रही हो, फिर उसकी चूचियों की ओर देखते हुए बोले... बस मेरे साथ चल कर डिब्बा दिखा दो 
.....
रश्मि उठकर चल दी अंकल भी उसके पीछे पीछे अंदर चले गए,,,,, 


फिर 15 मिनट बाद वो दुकान में आये उनके मुँह पर लिपस्टिक लगी हुई थी...

अब वो मेरे साथ बैठ कर काम करने लगे,,,, 
वो फट्टे और लकड़ियाँ काट.. काट कर मुझे देते और में उन्हें साइज के हिसाब से अलग  अलग रख देता.... 
...
एक घंटे बाद रश्मि की आवाज आई भाई खाना खा ले.. और अंकल को भी खिला दे...
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RE: बहन फ़िदा हुई बुड्ढे नौकर पर - by angad - 17-12-2019, 12:19 PM



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