27-01-2019, 12:17 PM
(27-01-2019, 09:51 AM)komaalrani Wrote: धन्यवाद तो मुझे आप को देना चाहिए , आप की उपस्थिति और हौसला अफ़जाई ने एक बार फिर मेरे अंदर जोश ला दिया है , मेरी पूरी कोशिश रही है पूर्वांचल की लोक संस्कृति , लोक गीत , मेरी कहानी में छलकती रहे। अगर आप ऐसे पाठकों का साथ रहे तो शायद इस होली में मैं कुछ कहानियां होली की एक बार फिर से शुरू करूँ।
एक बार फिर से धन्यवाद।
आपको भी धन्यवाद
बुुर का दिवाना