27-01-2019, 12:11 PM
वापसी
रास्ते में मैंने देखा कि पूरबी उन दोनों लड़कों से, जो मेरी “रसीली तारीफ” कर रहे थे, घुल मिलकर बात कर रही थी।
गीता ने बताया कि वे पूरबी के ससुराल के हैं और बल्की उसके ससुराल के यार हैं।
![[Image: nights.jpg]](https://i.ibb.co/ryjNMjX/nights.jpg)
रात शुरू हो चुकी थी , और साथ कजरारे मतवारे बादल के छैले ,बार बार चांदनी का रास्ता रोक लेते , बस झुटपुट रोशनी थी , और कभी वो भी नहीं /
दूर होते जा रहे मेले में गैस लाइट ,जेनरेटर सब की रौशनी थी , और वहां बज रहे गानों की आवाजें दूर तक साथ आ रही थीं।
सुबह मेरी सहेलियां सब एक साथ थीं और गाँव के लडके पीछे ,
लेकिन अभी ,कभी लडकियां एक साथ तो कभी कुछ अपने यार के साथ भी ,
ख़ास तौर से पगडंडी जहाँ संकरी हो जाती थी ,या दोनों ओर आम के बाग़ या गन्ने के खेत होते ,
बस गुट बनते बिगड़ते रह रहे थे।
चंदा मेंरा हाथ पकड़ कर चल रही थी , क्योंकि बाकी के लिए तो ये जानी पहचानी डगर थी लेकिन मैं तो पहली बार ,
कुछ ही दूर पे पीछे पीछे अजय और सुनील ,कुछ बतियाते चल रहे थे।
पूरबी , कजरी ,गीता सब आगे आगे।
![[Image: Teej-2211-th.jpg]](https://i.ibb.co/0KXH50k/Teej-2211-th.jpg)
" धंस गयल, अटक गयल ,सटक गयल हो ,
रजउ , धंस गयल, अटक गयल ,सटक गयल हो ,"
मेले में से नौटंकी के गाने की आवाज आई , और चंदा ने मुझे चिढ़ाते ,मेरे कान में फुसफुसा के बोला ,
" कहो , धँसल की ना ?"
" जाके धँसाने वाले से पूछो न। "
![[Image: gulabiya-6c7465f1df253bb672b657a2c98608e9.jpg]](https://i.ibb.co/qDXkM4W/gulabiya-6c7465f1df253bb672b657a2c98608e9.jpg)
उसी टोन में मैंने आँखे नचा के पीछे आ रहे , अजय की ओर इशारा कर के बोला।
" सच में जाके पूछूं उससे ,मेरी सहेली शिकायत कर रही है ,क्यों नहीं धँसाया। "
चंदा बड़ी शोख अदा से सच में , पीछे मुड़ के वो अजय की ओर बढ़ी।
" तेरी तो मैं , … "
कह के मैंने उसकी लम्बी चोटी का परांदा पकड़ के खींच लिया और मेरा एक मुक्का उसकी गोरी खुली पीठ पे।
![[Image: Gulabiya-396eff1bd16a6c9a386896d556dcdf6a.jpg]](https://i.ibb.co/p4V4tnk/Gulabiya-396eff1bd16a6c9a386896d556dcdf6a.jpg)
चंदा भी , मुड़के मेरे कान में हंस के हलके से बोली ,
" जब धँसायेगा न तो जान निकल जायेगी ,बहुत दर्द होता है जानू,… "
" होने दे यार ,कभी न कभी तो दर्द होना ही है।"
एक बेपरवाह अदा से गाल पे आई एक लट को झटक के मैं बोली।
चांदनी भी उस समय बादलों के कैद से आजाद हो गयीं थी।
अमराई से हलकी हलकी बयार चल रही थी।
![[Image: mango-grove-3.jpg]](https://i.ibb.co/3YywWYL/mango-grove-3.jpg)
और पूरबी ने जैसे मेरी चंदा की बात चीत सुन ली और एक गाना छेड़ दिया , साथ में गीता और कजरी भी।
तानी धीरे धीरे डाला ,बड़ा दुखाला रजऊ ,
तानी धीरे धीरे डाला ,बड़ा दुखाला रजऊ ,
सुबह से ये गाना मैंने मेले में कितनी बार सूना था , तो अगली लाइन मैंने भी मस्ती में जोड़ दी।
बचपन में कान छिदायल ,तनिक भरे का छेद
मत पहिरावा हमका बाला , बड़ा दुखाला रजउ।
,
मस्त जोबनवा चोली धयला ,गाल तो कयला लाल ,
गिरी लवंगिया , बाला टूटल , बहुत कईला बेहाल।
और फिर पूरबी , कजरी ,सब ने आगे की लाइने जोड़ी
अरे अपनी गोंदिया में बैठाला ,बड़ा दुखाला रजऊ।
तानी धीरे धीरे डाला ,बड़ा दुखाला रजऊ ,
लौटते समय लड़कियां ज्यादा जोश में हो गयी थी।
एक तो अँधेरे में कुछ दिख नहीं रहा था साफ साफ ,कौन गा रहा है , सिरफ परछाइयाँ दिख रही थीं। हवा तेज चल रही थी।
दूसरे मेले की मस्ती के बाद हम सब भी काफी खुल गए थे
सब कुछ तो ले लेहला गाल जिन काटा ,
![[Image: geeta-KJ.jpg]](https://i.ibb.co/C1P0dNv/geeta-KJ.jpg)
कजरी ने शुरू किया। वो सब काफी आगे निकल गयी थीं।
पीछे से मैंने भी साथ दिया , लेकिन मुझे लगा ,चंदा शायद , और मैंने बाएं और देखा तो , वास्तव में वो नहीं थीं।
तब तक मुझे गाल पे किसी की अँगुलियों का अहसास हुआ और कान में किसी ने बोला ,
" ऐसा मालपूआ गाल होगा तो , न काटना जुल्म है। "
अजय पता नहीं कब से मेरे बगल में चल रहा था लेकिन गाने की मस्ती में ,
मेरे बिना कुछ पूछे उसने पीछे इशारा किया ,
एक घनी अमराई में , दो परछाइयाँ ,लिपटी, चंदा और सुनील।
सुनील के घर का रास्ता यहाँ से अलग होता था।
बाकी लड़कियों भी एक एक करके ,
कुछ देर में में सिर्फ मैं अजय और चंदा रह गए , मैं बीच में और वो दोनों ओर , फिर चंदा की छेड़ती हुई बातें।
चंदा एक पल के लिए रुक गयी , किसी काम से।
रास्ते में मैंने देखा कि पूरबी उन दोनों लड़कों से, जो मेरी “रसीली तारीफ” कर रहे थे, घुल मिलकर बात कर रही थी।
गीता ने बताया कि वे पूरबी के ससुराल के हैं और बल्की उसके ससुराल के यार हैं।
![[Image: nights.jpg]](https://i.ibb.co/ryjNMjX/nights.jpg)
रात शुरू हो चुकी थी , और साथ कजरारे मतवारे बादल के छैले ,बार बार चांदनी का रास्ता रोक लेते , बस झुटपुट रोशनी थी , और कभी वो भी नहीं /
दूर होते जा रहे मेले में गैस लाइट ,जेनरेटर सब की रौशनी थी , और वहां बज रहे गानों की आवाजें दूर तक साथ आ रही थीं।
सुबह मेरी सहेलियां सब एक साथ थीं और गाँव के लडके पीछे ,
लेकिन अभी ,कभी लडकियां एक साथ तो कभी कुछ अपने यार के साथ भी ,
ख़ास तौर से पगडंडी जहाँ संकरी हो जाती थी ,या दोनों ओर आम के बाग़ या गन्ने के खेत होते ,
बस गुट बनते बिगड़ते रह रहे थे।
चंदा मेंरा हाथ पकड़ कर चल रही थी , क्योंकि बाकी के लिए तो ये जानी पहचानी डगर थी लेकिन मैं तो पहली बार ,
कुछ ही दूर पे पीछे पीछे अजय और सुनील ,कुछ बतियाते चल रहे थे।
पूरबी , कजरी ,गीता सब आगे आगे।
![[Image: Teej-2211-th.jpg]](https://i.ibb.co/0KXH50k/Teej-2211-th.jpg)
" धंस गयल, अटक गयल ,सटक गयल हो ,
रजउ , धंस गयल, अटक गयल ,सटक गयल हो ,"
मेले में से नौटंकी के गाने की आवाज आई , और चंदा ने मुझे चिढ़ाते ,मेरे कान में फुसफुसा के बोला ,
" कहो , धँसल की ना ?"
" जाके धँसाने वाले से पूछो न। "
![[Image: gulabiya-6c7465f1df253bb672b657a2c98608e9.jpg]](https://i.ibb.co/qDXkM4W/gulabiya-6c7465f1df253bb672b657a2c98608e9.jpg)
उसी टोन में मैंने आँखे नचा के पीछे आ रहे , अजय की ओर इशारा कर के बोला।
" सच में जाके पूछूं उससे ,मेरी सहेली शिकायत कर रही है ,क्यों नहीं धँसाया। "
चंदा बड़ी शोख अदा से सच में , पीछे मुड़ के वो अजय की ओर बढ़ी।
" तेरी तो मैं , … "
कह के मैंने उसकी लम्बी चोटी का परांदा पकड़ के खींच लिया और मेरा एक मुक्का उसकी गोरी खुली पीठ पे।
![[Image: Gulabiya-396eff1bd16a6c9a386896d556dcdf6a.jpg]](https://i.ibb.co/p4V4tnk/Gulabiya-396eff1bd16a6c9a386896d556dcdf6a.jpg)
चंदा भी , मुड़के मेरे कान में हंस के हलके से बोली ,
" जब धँसायेगा न तो जान निकल जायेगी ,बहुत दर्द होता है जानू,… "
" होने दे यार ,कभी न कभी तो दर्द होना ही है।"
एक बेपरवाह अदा से गाल पे आई एक लट को झटक के मैं बोली।
चांदनी भी उस समय बादलों के कैद से आजाद हो गयीं थी।
अमराई से हलकी हलकी बयार चल रही थी।
![[Image: mango-grove-3.jpg]](https://i.ibb.co/3YywWYL/mango-grove-3.jpg)
और पूरबी ने जैसे मेरी चंदा की बात चीत सुन ली और एक गाना छेड़ दिया , साथ में गीता और कजरी भी।
तानी धीरे धीरे डाला ,बड़ा दुखाला रजऊ ,
तानी धीरे धीरे डाला ,बड़ा दुखाला रजऊ ,
सुबह से ये गाना मैंने मेले में कितनी बार सूना था , तो अगली लाइन मैंने भी मस्ती में जोड़ दी।
बचपन में कान छिदायल ,तनिक भरे का छेद
मत पहिरावा हमका बाला , बड़ा दुखाला रजउ।
,
मस्त जोबनवा चोली धयला ,गाल तो कयला लाल ,
गिरी लवंगिया , बाला टूटल , बहुत कईला बेहाल।
और फिर पूरबी , कजरी ,सब ने आगे की लाइने जोड़ी
अरे अपनी गोंदिया में बैठाला ,बड़ा दुखाला रजऊ।
तानी धीरे धीरे डाला ,बड़ा दुखाला रजऊ ,
लौटते समय लड़कियां ज्यादा जोश में हो गयी थी।
एक तो अँधेरे में कुछ दिख नहीं रहा था साफ साफ ,कौन गा रहा है , सिरफ परछाइयाँ दिख रही थीं। हवा तेज चल रही थी।
दूसरे मेले की मस्ती के बाद हम सब भी काफी खुल गए थे
सब कुछ तो ले लेहला गाल जिन काटा ,
![[Image: geeta-KJ.jpg]](https://i.ibb.co/C1P0dNv/geeta-KJ.jpg)
कजरी ने शुरू किया। वो सब काफी आगे निकल गयी थीं।
पीछे से मैंने भी साथ दिया , लेकिन मुझे लगा ,चंदा शायद , और मैंने बाएं और देखा तो , वास्तव में वो नहीं थीं।
तब तक मुझे गाल पे किसी की अँगुलियों का अहसास हुआ और कान में किसी ने बोला ,
" ऐसा मालपूआ गाल होगा तो , न काटना जुल्म है। "
अजय पता नहीं कब से मेरे बगल में चल रहा था लेकिन गाने की मस्ती में ,
मेरे बिना कुछ पूछे उसने पीछे इशारा किया ,
एक घनी अमराई में , दो परछाइयाँ ,लिपटी, चंदा और सुनील।
सुनील के घर का रास्ता यहाँ से अलग होता था।
बाकी लड़कियों भी एक एक करके ,
कुछ देर में में सिर्फ मैं अजय और चंदा रह गए , मैं बीच में और वो दोनों ओर , फिर चंदा की छेड़ती हुई बातें।
चंदा एक पल के लिए रुक गयी , किसी काम से।