14-12-2019, 12:17 PM
अंकल ने रश्मि को लपक लिया.. और अपनी जांघो पर ऐसे बैठा लिया... जैसे कोई माँ अपने बच्चे को दूध पिलाने को बैठाती है...
फिर उसके होठों को चूम लिया,,,,
रश्मि छूटने की कोशिश करती हुई बोली,,, छोड़ो भी..तुमसे थोड़ी देर बर्दास्त नहीं हो रहा, अभी भाई जाग रहा है.. कहीं बाहर आ गया तो दिक्कत हो जाएगी...
अंकल ने उसके होठों को अपने होठों से बंद कर लिया और मैक्सी के ऊपर से ही उसके दूदू दबाने लगे..
रश्मि ने कुछ देर तो उनसे छूटने की कोशिश करी फिर. उनके बालों मे हाथ फिराने लगी,,, अब अंकल ने मैक्सी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलानी शुरू कर दी... अब पूरे बरामदे में दोनों की चुम्मा चपटी की पुच्च पुच्च की आवाजें आ रही थीं... दोनों एक दुसरे को खा जाने की
कोशिश कर रहे थे
अब रश्मि बिलकुल भी विरोध नहीं कर रही थी.. शायद वो भूल चुकी थी कि में भी घर पर ही हूँ...
अब अंकल ने उसकी मैक्सी ऊपर उठानी शुरू कर दी,, रश्मि ने उनका हाथ पकड़ लिया,,अंकल ने उसका हाथ हटा दिया फिर उसकी मैक्सी को उसकी जांघो तक उठा दिया और उसकी जांघो को सहलाने लगे,,
रश्मि उनके हाथों को हटाने का हल्का सा विरोध कर रही थी,,
पर अंकल अपने हाथों को रोक ही नहीं रहे थे...
थोड़ी देर तक सहलाने के बाद उन्होंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया.. रश्मि इस्स्स्स करके सिसिया पड़ी.. फिर उठने की कोशिश
करने लगी.... अंकल ने उसे दाब कर वापस बैठाया और
उसकी चूत को कच्छी के ऊपर से ही सहलाने लगे . थोड़ी
देर सहलाने के बाद उन्होंने उसके पेट को सहलाना शुरू कर दिया और
फिर उसकी कच्छी में हाथ घुसाने के लिए उसकी इलास्टिक को हाथ से उठाया... कच्छी की इलास्टिक ढीली थी.. वो बोले रश्मि तुझे तो फूल जाना चाहिए था पर तू तो पिचक गई.. देख तेरी कच्छी कितनी ढीली हो गई है.. रश्मि सिसियाते हुए बोली ऊँ जानू तुमने मेरी कच्छी छोड़ी कहाँ हैं,, एक तो तुमने अपने बैग में रख ली है... दूसरी पर तुमने अपना इतना सारा प्यार का छिड़काव किया था कि वो पहनने पर सरक रही थी
,,, बिना कच्छी के नंगी नंगी सी महसूस कर रही थी,, और आपने मेरे अंदर इतना बीज भर दिया है कि अभी तक बह रहा है
इसलिए वंदना दीदी की कच्छी पहन ली...
फिर अपने मुँह पर हाथ रखकर बोली
हाय राम कितना वीर्य भरा है आपमे....
अब अंकल ने कच्छी के अंदर हाथ सरका दिया रश्मि ने उनका हाथ रोकना चाहा पर वो रोक नहीं पायी
उसकी नंगी चूत पर हाथ रखते ही रश्मि ने उनके हाथ को जोर से अपनी चूत पर दबा लिया और जोर जोर से हसने लगी.... और हँसते हुए बोली छोड़ो ना गुदगुदी हो रही है....
अंकल बोले तेरी दीदी की कच्छी इतनी बड़ी है तो उसकी गांड बड़ी मस्त होगी.....
रश्मि सीरियस सी होकर बोली.. तुम बड़े बेकार आदमी हो... आज मुझे पेल रहे हो साथ में दीदी को भी पेलने का सपना देख रहे हो... मेरी दीदी बहुत अच्छी हैं और जीजा जी उन्हें बहुत प्यार करते हैं वो तुम्हारे हाथ नहीं आएँगी,,,
अब अंकल ने एक ऊँगली रश्मि की चूत में घुसा दी...और बाहर भीतर करने लगे फिर बोले तेरे जीजा ने तेरी चूत भी तो ली है.... फिर तू कैसे मुझसे चुद रही है.. अब
रश्मि सिसकियाँ लेने लगी अंकल अपनी उंगलियों को तेज तेज अंदर बाहर चलाने लगे... जिससे पिच्च पिच्च की आवाज आ रही थी
रश्मि सिसकियाँ लेते हुए बोली.. पता नहीं.. बस अच्छा लगता है..
अंकल बोले चल ख़डी हो जा और अपनी मैक्सी उतार... रश्मि बोली
अभी नहीं इस्सस थोड़ी देर रुक जाओउ पहले भाई को देख कर आती हूँ..
फिर उसके होठों को चूम लिया,,,,
रश्मि छूटने की कोशिश करती हुई बोली,,, छोड़ो भी..तुमसे थोड़ी देर बर्दास्त नहीं हो रहा, अभी भाई जाग रहा है.. कहीं बाहर आ गया तो दिक्कत हो जाएगी...
अंकल ने उसके होठों को अपने होठों से बंद कर लिया और मैक्सी के ऊपर से ही उसके दूदू दबाने लगे..
रश्मि ने कुछ देर तो उनसे छूटने की कोशिश करी फिर. उनके बालों मे हाथ फिराने लगी,,, अब अंकल ने मैक्सी के ऊपर से ही उसकी चूत सहलानी शुरू कर दी... अब पूरे बरामदे में दोनों की चुम्मा चपटी की पुच्च पुच्च की आवाजें आ रही थीं... दोनों एक दुसरे को खा जाने की
कोशिश कर रहे थे
अब रश्मि बिलकुल भी विरोध नहीं कर रही थी.. शायद वो भूल चुकी थी कि में भी घर पर ही हूँ...
अब अंकल ने उसकी मैक्सी ऊपर उठानी शुरू कर दी,, रश्मि ने उनका हाथ पकड़ लिया,,अंकल ने उसका हाथ हटा दिया फिर उसकी मैक्सी को उसकी जांघो तक उठा दिया और उसकी जांघो को सहलाने लगे,,
रश्मि उनके हाथों को हटाने का हल्का सा विरोध कर रही थी,,
पर अंकल अपने हाथों को रोक ही नहीं रहे थे...
थोड़ी देर तक सहलाने के बाद उन्होंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया.. रश्मि इस्स्स्स करके सिसिया पड़ी.. फिर उठने की कोशिश
करने लगी.... अंकल ने उसे दाब कर वापस बैठाया और
उसकी चूत को कच्छी के ऊपर से ही सहलाने लगे . थोड़ी
देर सहलाने के बाद उन्होंने उसके पेट को सहलाना शुरू कर दिया और
फिर उसकी कच्छी में हाथ घुसाने के लिए उसकी इलास्टिक को हाथ से उठाया... कच्छी की इलास्टिक ढीली थी.. वो बोले रश्मि तुझे तो फूल जाना चाहिए था पर तू तो पिचक गई.. देख तेरी कच्छी कितनी ढीली हो गई है.. रश्मि सिसियाते हुए बोली ऊँ जानू तुमने मेरी कच्छी छोड़ी कहाँ हैं,, एक तो तुमने अपने बैग में रख ली है... दूसरी पर तुमने अपना इतना सारा प्यार का छिड़काव किया था कि वो पहनने पर सरक रही थी
,,, बिना कच्छी के नंगी नंगी सी महसूस कर रही थी,, और आपने मेरे अंदर इतना बीज भर दिया है कि अभी तक बह रहा है
इसलिए वंदना दीदी की कच्छी पहन ली...
फिर अपने मुँह पर हाथ रखकर बोली
हाय राम कितना वीर्य भरा है आपमे....
अब अंकल ने कच्छी के अंदर हाथ सरका दिया रश्मि ने उनका हाथ रोकना चाहा पर वो रोक नहीं पायी
उसकी नंगी चूत पर हाथ रखते ही रश्मि ने उनके हाथ को जोर से अपनी चूत पर दबा लिया और जोर जोर से हसने लगी.... और हँसते हुए बोली छोड़ो ना गुदगुदी हो रही है....
अंकल बोले तेरी दीदी की कच्छी इतनी बड़ी है तो उसकी गांड बड़ी मस्त होगी.....
रश्मि सीरियस सी होकर बोली.. तुम बड़े बेकार आदमी हो... आज मुझे पेल रहे हो साथ में दीदी को भी पेलने का सपना देख रहे हो... मेरी दीदी बहुत अच्छी हैं और जीजा जी उन्हें बहुत प्यार करते हैं वो तुम्हारे हाथ नहीं आएँगी,,,
अब अंकल ने एक ऊँगली रश्मि की चूत में घुसा दी...और बाहर भीतर करने लगे फिर बोले तेरे जीजा ने तेरी चूत भी तो ली है.... फिर तू कैसे मुझसे चुद रही है.. अब
रश्मि सिसकियाँ लेने लगी अंकल अपनी उंगलियों को तेज तेज अंदर बाहर चलाने लगे... जिससे पिच्च पिच्च की आवाज आ रही थी
रश्मि सिसकियाँ लेते हुए बोली.. पता नहीं.. बस अच्छा लगता है..
अंकल बोले चल ख़डी हो जा और अपनी मैक्सी उतार... रश्मि बोली
अभी नहीं इस्सस थोड़ी देर रुक जाओउ पहले भाई को देख कर आती हूँ..