13-12-2019, 09:10 PM
(This post was last modified: 22-02-2021, 10:41 AM by komaalrani. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
चमचा नंबर तीन
और तभी फोन घनघनाया। उन्ही का था ,आफिस से और सारा मामला शीशे की तरह साफ़ हो गया।
………………………….
ये मैदान उन्होंने ही मारा था।
चमची नम्बर तीन के
'उनको ' मेरे ' उन्होंने ' आफिस में तलब किया ,उसकी पैंट उतार ली ,
और अगर मम्मी की शब्दावली में कहूँ तो बस बिना तेल लगाए उन्होंने , उसकी गांड मार ली।
पहला ऑफर उन्होंने दिया , ट्रांसफर का जहाँ मिस्टर मोइत्रा गए हैं ,दंडकारण्य में , लेकिन उसे यहाँ फेमिली रखने की परमिशन नहीं मिलेगी ,अपनी मिसेज को भी ले जाना होगा और रहने के लिए सिर्फ एक पोटा केबिन है बिना टॉयलेट के।
टेबल पर उन्होंने तीन फाइलें भी रखी थी ,जो चमची नम्बर तीन के वो डील करते थे।
चमचा नंबर ३ मिस्टर मोइत्रा , बल्कि मिसेज मोइत्रा का ख़ास था , ... और उसकी बीबी तो , ..एकदम मिसेज मोइत्रा से क्लब में ,...
यहाँ तक की उससे दो दो तीन तीन रैंक सीनियर लोगों की बीबियां पहले उसे नमस्ते करती थीं।
उस दिन , जब लेडीज क्लब की सैक्रेटरी का सेलक्शन होना था , सबसे ज्यादा वही ,...
जो न्यूट्रल वोट थे उन्ही लेडीज के बीच में बैठ के , किसी की हिम्मत थी जो उस की बात टालें ,...
और उस को तोड़ने में उन्हें सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी , जिस तरह मैंने चमचा नंबर १ और २ का पत्ता काटा था , वो कोई भी ट्रिक नहीं चली।
एक तो वो टूर पर नहीं जाता था , तो होटल के बिल में कोई गड़बड़ी का कोई सवाल नहीं था ,
फिर उस का उस की बीबी का चमची नंबर ३ का अकाउंट , पैन नंबर आधार फोन नम्बर से लिंक कर के अकाउंट चेक किये , एकदम महीने की सैलरी से एक नया पैसा , सारा अकाउंट सैलरी अकाउंट से मैच खाता था , लिविंग स्टाइल भी एकदम सिम्पल था ,
कहीं कुछ भी नहीं पता चल रहा था ,
लेकिन वो भी न ,... एकदम मेरी ऐसे बॉबी जासूस की संगत में रह कर , ...
उन्होंने सोशल मिडिया खंगालना शुरू किया , चमचा नंबर एक का तो कोई फेस बुक या कोई भी सोशल मीडिया में था ही नहीं पर ,
चमची नंबर ३ के फेसबुक पेज पर उसकी लड़की दिखी , और फिर उन्होंने उसी को पकड़ा , ... आज कल के लड़के लड़कियों का फेसबुक पेज न हो ,..
बस उस के फेसबुक पेज से पता चला की वो लड़की देहरादून के मशहूर बोर्डिंग में पढ़ती है , और उस के पेज पर , एक से एक पिक्चर्स , लाइफ स्टाइल वाली ,
११ वी में पढ़ती थी , कबुतरियों से साल भर बड़ी ,...
और फिर उन्होंने कॉलेज से पता किया की फ़ीस किस अकाउंट से जाती है , क्योंकि चमचा नंबर ३ के अकाउंट में उसका कोई जिक्र नहीं था ,
यूरेका ,
और कॉलेज से अकाउंट पता चल गया , और उन्होंने एक खोजी को लगा कर उस अकाउंट को खंगाल लिया
कुछ क्लियर नहीं हो रहा था ,
उस अकाउंट में हर महीने कई बार कई बड़ी रकम , २० से ५० लाख तक जमा हुयी , लेकिन हर महीने नहीं , कभी कई महीने कुछ भी नहीं , ... और कोई पैटर्न नहीं था एक बार कम
लेकिन जमा होने के दस पन्दरह दिन के अंदर उस अकाउंट से ७० से ७५ % दो तीन अलग अलग एकाउंट में ट्रांसफर हो जाता था ,
तभी उन का दिमाग ठनका ,
हाई वैल्यू टेंडर , मिस्टर मोइत्रा कमेटी के चेयर मैन थे , टेंडर कमेटी के पेपर भी यही चमचा नंबर ३ चेक करता था ,
उन्होंने पिछले साल भर के टेंडर कमेटी की मीटिंग की डेट्स निकाली और फाइनल अप्रूवल के भी ,
उस की एक्सल शीट बनाई और उस एकाउंट से मैच कराया
एकदम मैच कर गया ,
अमाउंट भी
टेंडर अमाउंट का १० % जमा होता था , दो बार , ... पहली बार मीटिंग के बाद , जब टेंडर का स्टेटमेन्ट बन जाता था और मेजर अमाउंट जब मिस्टर मोइत्रा अप्रूव करते थे उसी दिन ,
२५ % चमचे के अकाउंट में बचता था बाकी , साफ़ था मिस्टर मोइत्रा
उन्होने आधे घंटे और खुरपेंच किया ,
चमचा नंबर की तीन की लड़की के बारे में और पता किया ,
उसे कॉलेज के हॉस्टल में एक बार ड्रग के लिए वार्निंग मिल चुकी थी और के बार लेट आने के लिए , उस के फेस बुक पेज से उस के दोस्तों के बारे में पता कर के उन की भी हालचाल उन्होंने पता किया
पहले तो वो हिलने को तैयार नहीं , न किसी टेंडर के बारे में,
तो उन्होंने उस की उस ग्यारह में पढ़ने वाली लड़की की फोटो उस के सामने रखी , ...
हॉट पेंट में वो एकदम हॉट लग रही थी , टाइट टॉप में बूब्स एकदम छलक रहे थे ,
" कौन है , ... " उन्होंने थानेदार की तरह कड़क के पूछा ,
' मेरी बेटी " उसी तरह तन कर अकड़ कर वो बोला ,
" ये किधर से पैसा उगलती है , आगे से या पीछे से , .... "
उन्होंने बहुत ठंडी आवाज में पूछा।
गुस्से से चमचे नंबर ३ का चेहरा तमतमा गया ,...
लेकिन वो कुछ बोलता , उसके पहले उन्होंने उस लड़की के नाम के सारे बैंक स्टेटमेंट आगे कर दिया
और तभी फोन घनघनाया। उन्ही का था ,आफिस से और सारा मामला शीशे की तरह साफ़ हो गया।
………………………….
ये मैदान उन्होंने ही मारा था।
चमची नम्बर तीन के
'उनको ' मेरे ' उन्होंने ' आफिस में तलब किया ,उसकी पैंट उतार ली ,
और अगर मम्मी की शब्दावली में कहूँ तो बस बिना तेल लगाए उन्होंने , उसकी गांड मार ली।
पहला ऑफर उन्होंने दिया , ट्रांसफर का जहाँ मिस्टर मोइत्रा गए हैं ,दंडकारण्य में , लेकिन उसे यहाँ फेमिली रखने की परमिशन नहीं मिलेगी ,अपनी मिसेज को भी ले जाना होगा और रहने के लिए सिर्फ एक पोटा केबिन है बिना टॉयलेट के।
टेबल पर उन्होंने तीन फाइलें भी रखी थी ,जो चमची नम्बर तीन के वो डील करते थे।
चमचा नंबर ३ मिस्टर मोइत्रा , बल्कि मिसेज मोइत्रा का ख़ास था , ... और उसकी बीबी तो , ..एकदम मिसेज मोइत्रा से क्लब में ,...
यहाँ तक की उससे दो दो तीन तीन रैंक सीनियर लोगों की बीबियां पहले उसे नमस्ते करती थीं।
उस दिन , जब लेडीज क्लब की सैक्रेटरी का सेलक्शन होना था , सबसे ज्यादा वही ,...
जो न्यूट्रल वोट थे उन्ही लेडीज के बीच में बैठ के , किसी की हिम्मत थी जो उस की बात टालें ,...
और उस को तोड़ने में उन्हें सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी , जिस तरह मैंने चमचा नंबर १ और २ का पत्ता काटा था , वो कोई भी ट्रिक नहीं चली।
एक तो वो टूर पर नहीं जाता था , तो होटल के बिल में कोई गड़बड़ी का कोई सवाल नहीं था ,
फिर उस का उस की बीबी का चमची नंबर ३ का अकाउंट , पैन नंबर आधार फोन नम्बर से लिंक कर के अकाउंट चेक किये , एकदम महीने की सैलरी से एक नया पैसा , सारा अकाउंट सैलरी अकाउंट से मैच खाता था , लिविंग स्टाइल भी एकदम सिम्पल था ,
कहीं कुछ भी नहीं पता चल रहा था ,
लेकिन वो भी न ,... एकदम मेरी ऐसे बॉबी जासूस की संगत में रह कर , ...
उन्होंने सोशल मिडिया खंगालना शुरू किया , चमचा नंबर एक का तो कोई फेस बुक या कोई भी सोशल मीडिया में था ही नहीं पर ,
चमची नंबर ३ के फेसबुक पेज पर उसकी लड़की दिखी , और फिर उन्होंने उसी को पकड़ा , ... आज कल के लड़के लड़कियों का फेसबुक पेज न हो ,..
बस उस के फेसबुक पेज से पता चला की वो लड़की देहरादून के मशहूर बोर्डिंग में पढ़ती है , और उस के पेज पर , एक से एक पिक्चर्स , लाइफ स्टाइल वाली ,
११ वी में पढ़ती थी , कबुतरियों से साल भर बड़ी ,...
और फिर उन्होंने कॉलेज से पता किया की फ़ीस किस अकाउंट से जाती है , क्योंकि चमचा नंबर ३ के अकाउंट में उसका कोई जिक्र नहीं था ,
यूरेका ,
और कॉलेज से अकाउंट पता चल गया , और उन्होंने एक खोजी को लगा कर उस अकाउंट को खंगाल लिया
कुछ क्लियर नहीं हो रहा था ,
उस अकाउंट में हर महीने कई बार कई बड़ी रकम , २० से ५० लाख तक जमा हुयी , लेकिन हर महीने नहीं , कभी कई महीने कुछ भी नहीं , ... और कोई पैटर्न नहीं था एक बार कम
लेकिन जमा होने के दस पन्दरह दिन के अंदर उस अकाउंट से ७० से ७५ % दो तीन अलग अलग एकाउंट में ट्रांसफर हो जाता था ,
तभी उन का दिमाग ठनका ,
हाई वैल्यू टेंडर , मिस्टर मोइत्रा कमेटी के चेयर मैन थे , टेंडर कमेटी के पेपर भी यही चमचा नंबर ३ चेक करता था ,
उन्होंने पिछले साल भर के टेंडर कमेटी की मीटिंग की डेट्स निकाली और फाइनल अप्रूवल के भी ,
उस की एक्सल शीट बनाई और उस एकाउंट से मैच कराया
एकदम मैच कर गया ,
अमाउंट भी
टेंडर अमाउंट का १० % जमा होता था , दो बार , ... पहली बार मीटिंग के बाद , जब टेंडर का स्टेटमेन्ट बन जाता था और मेजर अमाउंट जब मिस्टर मोइत्रा अप्रूव करते थे उसी दिन ,
२५ % चमचे के अकाउंट में बचता था बाकी , साफ़ था मिस्टर मोइत्रा
उन्होने आधे घंटे और खुरपेंच किया ,
चमचा नंबर की तीन की लड़की के बारे में और पता किया ,
उसे कॉलेज के हॉस्टल में एक बार ड्रग के लिए वार्निंग मिल चुकी थी और के बार लेट आने के लिए , उस के फेस बुक पेज से उस के दोस्तों के बारे में पता कर के उन की भी हालचाल उन्होंने पता किया
पहले तो वो हिलने को तैयार नहीं , न किसी टेंडर के बारे में,
तो उन्होंने उस की उस ग्यारह में पढ़ने वाली लड़की की फोटो उस के सामने रखी , ...
हॉट पेंट में वो एकदम हॉट लग रही थी , टाइट टॉप में बूब्स एकदम छलक रहे थे ,
" कौन है , ... " उन्होंने थानेदार की तरह कड़क के पूछा ,
' मेरी बेटी " उसी तरह तन कर अकड़ कर वो बोला ,
" ये किधर से पैसा उगलती है , आगे से या पीछे से , .... "
उन्होंने बहुत ठंडी आवाज में पूछा।
गुस्से से चमचे नंबर ३ का चेहरा तमतमा गया ,...
लेकिन वो कुछ बोलता , उसके पहले उन्होंने उस लड़की के नाम के सारे बैंक स्टेटमेंट आगे कर दिया