12-12-2019, 06:16 PM
फिर दूसरी तरफ से कुछ आवाज...
रश्मि बोली प्लीज आप समझा कीजिये.. मेरी बड़ी दीदी अपनी ससुराल मैं हैं.. और छोटी अभी बच्ची है...... में अपनी किसी सहेली को देखती हूँ
अंकल रश्मि की गोद में सिर रखकर लेट गए फिर रश्मि के निप्पल पर मुँह लगा लिया.....
रश्मि ने हलकी सी आह भरी.. फिर उनके बालों में हाथ फिराने लगी..
फिर उधर से कुछ बात....
रश्मि :नहीं कुछ नहीं हुआ.. में ठीक हूँ...... बस एक कीड़ा आंख में गिर गया था....
फिर उधर से कुछ आवाज...
रश्मि : नहीं,,, अब सही हूँ
आपको परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है..
फिर उधर से आवाज...
अब अंकल पूरे चूचे को मुँह में भरकर चूसने लगे..
रश्मि का चेहरा मेरी तरफ था.. और वो हल्की हल्की सी सिसकियाँ ले रही थी....
रश्मि : अच्छा ठीक है , कोई मिलेगी तो बता दूँगी , अब में फोन रखूं
अंकल बहुत जोर जोर से उसकी चूचियाँ चूस रहे थे.. उनके चूसने से
पुच्च पुच्च की आवाज निकल रही थी.. रश्मि अपनी आँखे बंद करके बुरा सा मुँह बना रही थी..
फिर उधर से कुछ आवाज...
रश्मि :में आपसे नहीं मिल सकती... मेरी मजबूरी समझो....
फिर उधर से कुछ आवाज...
रश्मि : ठीक है ज़ब कोई मिलेगी तुरंत आपसे मिलवा दूँगी.. बस खुश.
रश्मि कुछ और बोलना चाह रही थी. पर तब तक अंकल उसके हाथ से फोन छीन कर काट चुके थे.. फिर रश्मि को लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गए और बोले... क्या पटर पटर कर रही थी कालू से...
वो अच्छा आदमी नहीं है...
दोबारा उससे बात करने से मना कर देना..
रश्मि ने अपने पैर फैलाकर उनकी कमर पर कस दिए फिर अपनी बांहो को उनके गले में डालकर बड़ी अदा से बोली... अच्छा ज़नाब को जलन हो रही थी... इसलिए फोन काट दिया...
अंकल बोले जल नहीं रहा सच बता रहा हूँ.
वो बहुत बुरा आदमी है ... एक नंबर का दल्ला है..
उसके बहुत सी औरतों से संबंध हैं.... खुद भी पेलता है और यार दोस्तों से भी पिलवाता है...
रश्मि ने मुस्कुराते हुए अंकल का फ़ोन उठाया और बोली फिर तो अभी कॉल करती हूँ उनको...
अब अंकल ने उसकी चूचियाँ जोर से दबा दी.. और बोले तेरी चूत में बहुत खुजली है ला अभी ठंडी करता हूँ....
रश्मि ने अपना सिर उठाकर उनके होठों पर पुच्ची ली और बोली तो कर लो ना ठंडी....
अंकल का लंड तना हुआ था उन्होंने लण्ड का टोपा उसकी चूत में लगाया और एक ही झटके में पूरा अंदर कर दिया...
रश्मि जोर से चिल्ला पड़ी... उई ईई मम्मा म्मी ईई ईईई मर गई...
अंकल ने तुरंत अपना लण्ड पूरा बाहर खींच कर फिर से झटका मारा
और बोले ले रंडी...
रश्मि फिर चिल्लाई आ ई ईई ममममी... मार डाली...
पर अंकल सब अनसुना करके झटके पर झटके मारे जा रहे थे...
तभी बाहर से किसी की आवाज आयी
में बाहर चला गया बाहर कोई भिखारन भीख मांगने आई थी...
मैंने उसे 1रुपया दिया और जाने को बोला....
वो बोली बेटा 10 रूपये दे दो परमात्मा तुम्हारी सब इच्छाएं पूरी करेगा... मे बोला अभी नहीं हैं... जो दिया है वही ले जाओ....
पर वो नहीं मानी....
मुझे उनकी चुदाई देखनी थी... पर ये बुढ़िया पीछे ही पड़ गई थी... मुझे उसपर बहुत गुस्सा आ रहा था...
बड़ी मुश्किल से वो गई..... मैंने तुरंत पर्दा बंद करा फिर खिड़की पर गया.. अंदर देखा तो अब अंकल और रश्मि के होंठ जुड़े हुए थे,
रश्मि ने अपनी पूरी टाँगे फैला रखी थीं, अंकल तेज तेज झटके मारे जा रहे थे... रश्मि उनके नंगे चूतड़ों को अपने हाथों से सहला रही थी...
पूरे स्टोर में फच्च फच्च की आवाजें आ रही थी... अंकल जितनी जोर से उसकी चूत में झटके मार रहे थे उतनी ही तेज नीचे से रश्मि अपने चूतड़ उचका उचकाकर झटके मार रही थी...रश्मि अंकल से कह रही थी उई जानू और तेज चोदो .... और तेज चोदो
अबअंकल रश्मि से थोड़ी ऊपर हुए... रश्मि ने अंकल के निप्पल पर अपना मुँह लगा दिया... अंकल ने उसके सिर को पकडकर अपने निप्पल पर दबा लिया और जोर से सिसकी लेकर बोले आये रश्मि....
इस्सस क्या कमाल कर रही है.
अब अंकल ने अपनी स्पीड बढ़ा दी...
रश्मि की चूत बहुत पानी छोड़ रही थी... वो भी बुरी तरह से अंकल की पीठ पर अपनी हथेलियाँ फिरा रही थी...
ठोड़ी ही देर में रश्मि हाय मम्मी ईई करके कांपने लगी और उसने अपने होंठ अंकल के होठों से जोड़ कर अंकल को अपने हाथों और पैरों से जकड़ लिया.... और झड़ गई....
ज़ब वो ढीली पड़ गई तब उसने अपने हाथ पैर अलग कर लिए फिर बोली जानू अब हटो... पर अंकल नहीं माने और उसकी चूचियों को दबा दबाकर धक्के मारने लगे...
रश्मि बोली जानू छोड़ो भी दर्द होने लगा है... मेरी चूत छिल गई है..
प्लीज बाहर निकाल लो.. अंकल हसकर
बोले.. बस इतने के लिए ही कालू से बात करने को कह रही थी...
पागल अगर तू उससे बात करेगी तो पहले तो वो तुझे अपनी बातों में फंसा लेगा फिर तुझे कहीं अकेले में बुलाकर नशा कराकर चोदेगा...
फिर तुझे किसी और से चुदवा देगा.... और तेरी फ़िल्म बना लेगा...
फिर तुझे ब्लैकमेल करके औरों से चुदवायेगा....
रश्मि उनसे लिपटकर उनके माथे पर चुम्मी लेकर बोली में तो बस आपसे मजाक कर रही थी.... ये देख रही थी की आपको कितनी जलन होती है.....
अंकल उसको उल्टा लिटाकर उसकी गाँड़ के छेद पर थूक दिया फिर उसकी गाँड़ के छेद पर अपना लण्ड रगड़ने लगे...
फिर बोले क्या गांड है तेरी... बड़ी मस्त लगा रही है..
रश्मि ने पलटने की कोशिश करी.. पर पलट नहीं पायी... अंकल ने फिर उसकी गांड के छेद पर ढेर सारा थूंक दिया और अपना लण्ड अंदर डालने को हल्का सा जोर लगा दिया.. रश्मि जोर से चिल्ला पड़ी... आई मम्मी... मार डाली... और उसने अपना हाथ पीछे करके उनके पेट पर लगा कर रोक दिया... फिर कसमसाकर बोली जानू ये गलत जगह जा रहा है .... हटाओ इसे ..
अंकल बोले नहीं ये सही जगह जा रहा है... ज़ब तू इसे अपनी गांडमें लेने लगेगी.. तेरा पिछवाड़ा चौड़ा होकर मस्त हो जायेगा....
इतना कहकर वो फिर से जोर लगाने लगे पर रश्मि दर्द से बेहाल होकर बोली.. जानू मुझे ऐसा ही रहने दो मुझे अपना पिछवाड़ा चौड़ा नहीं करवाना है....
पर अंकल बोले मेरी जान कुछ देर सह लो बस थोड़ा सा दर्द होगा फिर मजा आएगा..
उन्होंने रश्मि को पेट से पकडकर कुतिया की तरह बना लिया फिर उसकी गांड पर थूंक दिया.. और लण्ड रगड़ने लगे..
रश्मि कह रही थी .. जानू में नहीं झेल पाऊँगी... प्लीज छोड़ दो...
अंकल उसके पीछे से ही उसकी चूचियों को सहलाने लगे....
काफ़ी देर तक वो उसकी चूचियाँ दबाते रहे अब रश्मि उनसे कुछ नहीं कह रही थी...
अब अंकल ने उसके कंधो को पकड़ कर अपना लण्ड उसके पिछवाड़े के सेंटर पर लगाया और धीरे धीरे अंदर घुसाने लगे
रश्मि को दर्द होने लगा.. वो बोली जांन्न ... वो शायद मना करना चाह
रही थी पर तब तक अंकल ने एक तेज झटका मारा चारपाई के पिछले पैर टूट गए.. और रश्मि नीचे चारपाई पर गिर गई... अंकल भी उसके ऊपर लेट गए... रश्मि चिल्लाने लगी... अंकल ने तुरंत उसके मुँह को अपने हाथ दबा लिया फिर
हल्का सा पीछे हटे और फिर से झटका मार दिया... रश्मि के मुँह से बस गूं गूं... की आवाज निकल रही थी वो चारपाई पर हाथ मारने लगी...
अंकल ने उसे अनदेखा कर दिया.और लण्ड पीछे खींचकर एक झटके में पूरा अंदर घुसा दिया... रश्मि अपना सिर इधर उधर घुमाने लगी. उसने हाथ चारपाई पर मारने को उठाया पर वो एकदम बेहोश हो गई..
अब अंकल ने फिर से लण्ड बाहर खींचा और जल्दी से पूरा अंदर डाल दिया....
उनको रश्मि के बेहोश होने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वो बस ताबड़तोड़ झटके मारे जा रहे थे..कोई 10 मिनट बाद वो रश्मि की गांड में लम्बे लम्बे झटके मारने लगे . फिर वो उसके ऊपर चिपक कर लेट गए और कांपते....
हुए आखिरी झटका मारकर झड़ गए... बहुत देर तक वो उसके ऊपर ही लेटे रहे..... में खिड़की से नीचे उतरकर कुर्सी पर जाकर बैठ गया... मुझे रश्मि की चिंता सी हो रही थी.... पर में कैसे अंदर जाता.... कुछ समझ नहीं आ रहा था...
तभी अंकल दुकान में आ गए... उनके चेहरे पर विजयी मुस्कान थी...
वो दुकान में काम करने लग गए काफ़ी देर बाद वो मुझसे बोले...
तुम्हारी मम्मी कब आ रही हैं बेटा...
में बोला मुझे 2,, 3,, दिन की कहकर गई हैं....
फिर में उनसे बोला अंकल में अंदर खाना खाने जा रहा हूँ.. क्या आप भी खाओगे.....
अंकल मुस्कुराकर बोले अभी तो पेट भरा है... ज़ब रश्मि आ जाएगी तब खा लूँगा...
में अंदर चला गया स्टोर का गेट लगा हुआ था....
में किचन में गया और जल्दी जल्दी खाना खाकर
वापस दुकान के बाहर गया मैंने छिपकर देखा अंकल काम में बिजी थे..
में दबे पैर वापस स्टोर के गेट पर आ गया...
में गेट खोल कर अंदर देखना चाह रहा था.. पर ये सोच कर डर रहा था कि अगर रश्मि होश में हुई तो वो मुझसे कैसे नजरें मिलाएगी... सोचकर
में वापस कमरे में गया और उसकी चुदाई के सीन याद करते करते सो गया.....
रश्मि बोली प्लीज आप समझा कीजिये.. मेरी बड़ी दीदी अपनी ससुराल मैं हैं.. और छोटी अभी बच्ची है...... में अपनी किसी सहेली को देखती हूँ
अंकल रश्मि की गोद में सिर रखकर लेट गए फिर रश्मि के निप्पल पर मुँह लगा लिया.....
रश्मि ने हलकी सी आह भरी.. फिर उनके बालों में हाथ फिराने लगी..
फिर उधर से कुछ बात....
रश्मि :नहीं कुछ नहीं हुआ.. में ठीक हूँ...... बस एक कीड़ा आंख में गिर गया था....
फिर उधर से कुछ आवाज...
रश्मि : नहीं,,, अब सही हूँ
आपको परेशान होने की कोई जरुरत नहीं है..
फिर उधर से आवाज...
अब अंकल पूरे चूचे को मुँह में भरकर चूसने लगे..
रश्मि का चेहरा मेरी तरफ था.. और वो हल्की हल्की सी सिसकियाँ ले रही थी....
रश्मि : अच्छा ठीक है , कोई मिलेगी तो बता दूँगी , अब में फोन रखूं
अंकल बहुत जोर जोर से उसकी चूचियाँ चूस रहे थे.. उनके चूसने से
पुच्च पुच्च की आवाज निकल रही थी.. रश्मि अपनी आँखे बंद करके बुरा सा मुँह बना रही थी..
फिर उधर से कुछ आवाज...
रश्मि :में आपसे नहीं मिल सकती... मेरी मजबूरी समझो....
फिर उधर से कुछ आवाज...
रश्मि : ठीक है ज़ब कोई मिलेगी तुरंत आपसे मिलवा दूँगी.. बस खुश.
रश्मि कुछ और बोलना चाह रही थी. पर तब तक अंकल उसके हाथ से फोन छीन कर काट चुके थे.. फिर रश्मि को लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गए और बोले... क्या पटर पटर कर रही थी कालू से...
वो अच्छा आदमी नहीं है...
दोबारा उससे बात करने से मना कर देना..
रश्मि ने अपने पैर फैलाकर उनकी कमर पर कस दिए फिर अपनी बांहो को उनके गले में डालकर बड़ी अदा से बोली... अच्छा ज़नाब को जलन हो रही थी... इसलिए फोन काट दिया...
अंकल बोले जल नहीं रहा सच बता रहा हूँ.
वो बहुत बुरा आदमी है ... एक नंबर का दल्ला है..
उसके बहुत सी औरतों से संबंध हैं.... खुद भी पेलता है और यार दोस्तों से भी पिलवाता है...
रश्मि ने मुस्कुराते हुए अंकल का फ़ोन उठाया और बोली फिर तो अभी कॉल करती हूँ उनको...
अब अंकल ने उसकी चूचियाँ जोर से दबा दी.. और बोले तेरी चूत में बहुत खुजली है ला अभी ठंडी करता हूँ....
रश्मि ने अपना सिर उठाकर उनके होठों पर पुच्ची ली और बोली तो कर लो ना ठंडी....
अंकल का लंड तना हुआ था उन्होंने लण्ड का टोपा उसकी चूत में लगाया और एक ही झटके में पूरा अंदर कर दिया...
रश्मि जोर से चिल्ला पड़ी... उई ईई मम्मा म्मी ईई ईईई मर गई...
अंकल ने तुरंत अपना लण्ड पूरा बाहर खींच कर फिर से झटका मारा
और बोले ले रंडी...
रश्मि फिर चिल्लाई आ ई ईई ममममी... मार डाली...
पर अंकल सब अनसुना करके झटके पर झटके मारे जा रहे थे...
तभी बाहर से किसी की आवाज आयी
में बाहर चला गया बाहर कोई भिखारन भीख मांगने आई थी...
मैंने उसे 1रुपया दिया और जाने को बोला....
वो बोली बेटा 10 रूपये दे दो परमात्मा तुम्हारी सब इच्छाएं पूरी करेगा... मे बोला अभी नहीं हैं... जो दिया है वही ले जाओ....
पर वो नहीं मानी....
मुझे उनकी चुदाई देखनी थी... पर ये बुढ़िया पीछे ही पड़ गई थी... मुझे उसपर बहुत गुस्सा आ रहा था...
बड़ी मुश्किल से वो गई..... मैंने तुरंत पर्दा बंद करा फिर खिड़की पर गया.. अंदर देखा तो अब अंकल और रश्मि के होंठ जुड़े हुए थे,
रश्मि ने अपनी पूरी टाँगे फैला रखी थीं, अंकल तेज तेज झटके मारे जा रहे थे... रश्मि उनके नंगे चूतड़ों को अपने हाथों से सहला रही थी...
पूरे स्टोर में फच्च फच्च की आवाजें आ रही थी... अंकल जितनी जोर से उसकी चूत में झटके मार रहे थे उतनी ही तेज नीचे से रश्मि अपने चूतड़ उचका उचकाकर झटके मार रही थी...रश्मि अंकल से कह रही थी उई जानू और तेज चोदो .... और तेज चोदो
अबअंकल रश्मि से थोड़ी ऊपर हुए... रश्मि ने अंकल के निप्पल पर अपना मुँह लगा दिया... अंकल ने उसके सिर को पकडकर अपने निप्पल पर दबा लिया और जोर से सिसकी लेकर बोले आये रश्मि....
इस्सस क्या कमाल कर रही है.
अब अंकल ने अपनी स्पीड बढ़ा दी...
रश्मि की चूत बहुत पानी छोड़ रही थी... वो भी बुरी तरह से अंकल की पीठ पर अपनी हथेलियाँ फिरा रही थी...
ठोड़ी ही देर में रश्मि हाय मम्मी ईई करके कांपने लगी और उसने अपने होंठ अंकल के होठों से जोड़ कर अंकल को अपने हाथों और पैरों से जकड़ लिया.... और झड़ गई....
ज़ब वो ढीली पड़ गई तब उसने अपने हाथ पैर अलग कर लिए फिर बोली जानू अब हटो... पर अंकल नहीं माने और उसकी चूचियों को दबा दबाकर धक्के मारने लगे...
रश्मि बोली जानू छोड़ो भी दर्द होने लगा है... मेरी चूत छिल गई है..
प्लीज बाहर निकाल लो.. अंकल हसकर
बोले.. बस इतने के लिए ही कालू से बात करने को कह रही थी...
पागल अगर तू उससे बात करेगी तो पहले तो वो तुझे अपनी बातों में फंसा लेगा फिर तुझे कहीं अकेले में बुलाकर नशा कराकर चोदेगा...
फिर तुझे किसी और से चुदवा देगा.... और तेरी फ़िल्म बना लेगा...
फिर तुझे ब्लैकमेल करके औरों से चुदवायेगा....
रश्मि उनसे लिपटकर उनके माथे पर चुम्मी लेकर बोली में तो बस आपसे मजाक कर रही थी.... ये देख रही थी की आपको कितनी जलन होती है.....
अंकल उसको उल्टा लिटाकर उसकी गाँड़ के छेद पर थूक दिया फिर उसकी गाँड़ के छेद पर अपना लण्ड रगड़ने लगे...
फिर बोले क्या गांड है तेरी... बड़ी मस्त लगा रही है..
रश्मि ने पलटने की कोशिश करी.. पर पलट नहीं पायी... अंकल ने फिर उसकी गांड के छेद पर ढेर सारा थूंक दिया और अपना लण्ड अंदर डालने को हल्का सा जोर लगा दिया.. रश्मि जोर से चिल्ला पड़ी... आई मम्मी... मार डाली... और उसने अपना हाथ पीछे करके उनके पेट पर लगा कर रोक दिया... फिर कसमसाकर बोली जानू ये गलत जगह जा रहा है .... हटाओ इसे ..
अंकल बोले नहीं ये सही जगह जा रहा है... ज़ब तू इसे अपनी गांडमें लेने लगेगी.. तेरा पिछवाड़ा चौड़ा होकर मस्त हो जायेगा....
इतना कहकर वो फिर से जोर लगाने लगे पर रश्मि दर्द से बेहाल होकर बोली.. जानू मुझे ऐसा ही रहने दो मुझे अपना पिछवाड़ा चौड़ा नहीं करवाना है....
पर अंकल बोले मेरी जान कुछ देर सह लो बस थोड़ा सा दर्द होगा फिर मजा आएगा..
उन्होंने रश्मि को पेट से पकडकर कुतिया की तरह बना लिया फिर उसकी गांड पर थूंक दिया.. और लण्ड रगड़ने लगे..
रश्मि कह रही थी .. जानू में नहीं झेल पाऊँगी... प्लीज छोड़ दो...
अंकल उसके पीछे से ही उसकी चूचियों को सहलाने लगे....
काफ़ी देर तक वो उसकी चूचियाँ दबाते रहे अब रश्मि उनसे कुछ नहीं कह रही थी...
अब अंकल ने उसके कंधो को पकड़ कर अपना लण्ड उसके पिछवाड़े के सेंटर पर लगाया और धीरे धीरे अंदर घुसाने लगे
रश्मि को दर्द होने लगा.. वो बोली जांन्न ... वो शायद मना करना चाह
रही थी पर तब तक अंकल ने एक तेज झटका मारा चारपाई के पिछले पैर टूट गए.. और रश्मि नीचे चारपाई पर गिर गई... अंकल भी उसके ऊपर लेट गए... रश्मि चिल्लाने लगी... अंकल ने तुरंत उसके मुँह को अपने हाथ दबा लिया फिर
हल्का सा पीछे हटे और फिर से झटका मार दिया... रश्मि के मुँह से बस गूं गूं... की आवाज निकल रही थी वो चारपाई पर हाथ मारने लगी...
अंकल ने उसे अनदेखा कर दिया.और लण्ड पीछे खींचकर एक झटके में पूरा अंदर घुसा दिया... रश्मि अपना सिर इधर उधर घुमाने लगी. उसने हाथ चारपाई पर मारने को उठाया पर वो एकदम बेहोश हो गई..
अब अंकल ने फिर से लण्ड बाहर खींचा और जल्दी से पूरा अंदर डाल दिया....
उनको रश्मि के बेहोश होने से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वो बस ताबड़तोड़ झटके मारे जा रहे थे..कोई 10 मिनट बाद वो रश्मि की गांड में लम्बे लम्बे झटके मारने लगे . फिर वो उसके ऊपर चिपक कर लेट गए और कांपते....
हुए आखिरी झटका मारकर झड़ गए... बहुत देर तक वो उसके ऊपर ही लेटे रहे..... में खिड़की से नीचे उतरकर कुर्सी पर जाकर बैठ गया... मुझे रश्मि की चिंता सी हो रही थी.... पर में कैसे अंदर जाता.... कुछ समझ नहीं आ रहा था...
तभी अंकल दुकान में आ गए... उनके चेहरे पर विजयी मुस्कान थी...
वो दुकान में काम करने लग गए काफ़ी देर बाद वो मुझसे बोले...
तुम्हारी मम्मी कब आ रही हैं बेटा...
में बोला मुझे 2,, 3,, दिन की कहकर गई हैं....
फिर में उनसे बोला अंकल में अंदर खाना खाने जा रहा हूँ.. क्या आप भी खाओगे.....
अंकल मुस्कुराकर बोले अभी तो पेट भरा है... ज़ब रश्मि आ जाएगी तब खा लूँगा...
में अंदर चला गया स्टोर का गेट लगा हुआ था....
में किचन में गया और जल्दी जल्दी खाना खाकर
वापस दुकान के बाहर गया मैंने छिपकर देखा अंकल काम में बिजी थे..
में दबे पैर वापस स्टोर के गेट पर आ गया...
में गेट खोल कर अंदर देखना चाह रहा था.. पर ये सोच कर डर रहा था कि अगर रश्मि होश में हुई तो वो मुझसे कैसे नजरें मिलाएगी... सोचकर
में वापस कमरे में गया और उसकी चुदाई के सीन याद करते करते सो गया.....