11-12-2019, 03:03 PM
इस्मत चुग़ताई (21 अगस्त 1915-24 अक्टूबर 1991) का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ। उन्हें ‘इस्मत आपा’ के नाम से भी जाना जाता है। वे उर्दू साहित्य की सर्वाधिक विवादास्पद और सर्वप्रमुख लेखिका थीं, जिन्होंने महिलाओं के सवालों को नए सिरे से उठाया। उनकी ही रचनाएँ हैं; कहानी संग्रह: चोटें, छुईमुई, एक बात, कलियाँ, एक रात, दो हाथ दोज़खी, शैतान; उपन्यास: टेढी लकीर, जिद्दी, एक कतरा ए खून, दिल की दुनिया, मासूमा, बहरूप नगर, सैदाई, जंगली कबूतर, अजीब आदमी, बांदी; आत्मकथा: 'कागजी हैं पैराहन'। उन्होंने अनेक चलचित्रों की पटकथा लिखी और जुगनू में अभिनय भी किया। उनकी पहली फिल्म "छेड़-छाड़" 1943 में आई थी। वे कुल 13 फिल्मों से जुड़ी रहीं। उनकी आख़िरी फ़िल्म "गर्म हवा" (1973) को कई पुरस्कार मिले।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.