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Adultery धन्नो द हाट गर्ल
मनीष ने कहा- “करुणा तुम अब छोटी नहीं रही तुम एक हसीन जवान लड़की हो...”
करुणा ने कहा- “तुम्हें कैसे पता चला की मैं जवान हो चुकी हूँ?”

मनीष ने करुणा की नाइटी के ऊपर से ही उसकी चूचियों पर अपने हाथ रखते हुए कहा- “करुणा हर लड़की की जवानी की निशानी उसकी यह चूचियां होती हैं.”

मनीष का हाथ अपनी चूचियों पर महसूस करके करुणा के मुँह से आअह्हह... निकल गई। मनीष ने अपना हाथ वहाँ से हटाया नहीं बल्की अपने हाथ से करुणा की चूचियों को हल्का सा दबाते हुए कहा- “करुणा देखो तुम्हें यहाँ हाथ लगाने से मजा आ रहा है ना? यही तो जवानी की निशानी है...”

करुणा की आँखें मजे से बंद होने लगी। मनीष ने भी हिम्मत करके करुणा की चूची को अपने हाथ से दबाते हुए अपने दूसरे हाथ से करुणा के सिर को पकड़ते हुए अपने तपते हुए होंठ करुणा के सुलगते हुए गुलाबी होंठों पर रख दिए और करुणा के होंठों का रस पीने लगा। मनीष ना जाने कितनी देर तक करुणा के होंठों को चूसता रहा। करुणा भी अपनी आँखें बंद किए हुए मजे से मनीष से अपने होंठ चुसवाती रही। मनीष ने आज तक किसी लड़की को छुआ भी नहीं था, इसीलिए वो करुणा के होंठों के पहले चुंबन से मजे की दूसरी दुनियां में पहुँच गया था, और जब करुणा की साँसें अटकने लगी तब जाकर मनीष को होश आया और उसने करुणा के होंठों को छोड़ दिया।

करुणा अपने होंठों से मनीष के होंठों के जुदा होने के बाद जोर की साँसें लेने लगी। करुणा की साँसों के साथ उसकी चूचियां भी ऊपर-नीचे होने लगीं, और मनीष का हाथ भी उसकी चूचियों के साथ हिलने लगा।

करुणा ने अपनी साँसों को ठीक करते हुए मनीष से कहा- “आपने तो हमारी जान ही निकाल दी, ऐसे भी भला कोई प्यार होता है? अगर हमारी साँसें बंद हो जाती तो?”

मनीष ने कहा- “सारी जान, मुझे तुम्हारे होंठों का रस इतना अच्छा लगा की मुझे होश ही नहीं रहा...”

करुणा ने मनीष से कहा- “आप तो मेरी चूचियों को पकड़े हुए हैं, क्या मैं आपके लण्ड को अपने हाथ में लेकर महसूस कर सकती हूँ?”

मनीष ने कहा- “यह कोई पूछने की बात है? मेरी हर चीज पर तुम्हारा हक है, जिसे चाहे हाथ लगाओ। मगर आपने तो मुझे नंगा कर दिया, और खुद यह नाइटी भी नहीं उतार सकती...”

करुणा ने शर्माने का नाटक करते हुए कहा- “आप तो सच में बदमाश हैं। हमें शर्म आती है आप ही खुद उतारो...”

मनीष ने करुणा से कहा- “इसमें शर्माने की कौन सी बात है? प्यार में कोई शर्म नहीं होती...” और करुणा को उठाते हुए उसकी नाइटी को उतार दिया।

करुणा की नाइटी के उतरते ही ब्रा और कच्छी में कैद उसका गोरा और चिकना बदन देखकर मनीष के लण्ड से वीर्य की बूंदें निकलने लगी, और उसका लण्ड स्प्रिंग की तरह ऊपर-नीचे होने लगा। करुणा ने अपना हाथ बढ़ाकर मनीष के लण्ड को पकड़ लिया। करुणा का नरम हाथ अपने लण्ड पर महसूस करते ही मजे से मनीष की आँखें बंद हो गई और उसके मुँह से इस्स्स्स ... निकल गया।

करुणा को भी अपना हाथ मनीष के लण्ड पर रखते हुए ऐसा महसूस हुआ जैसे उसका हाथ किसी गरम लोहे पर रख दिया गया हो और उसके मुँह से भी आअह्ह... निकल गया। करुणा का हाथ मनीष के लण्ड पर अपने आप ऊपर-नीचे होने लगा और मनीष के लण्ड से वीर्य की कुछ और बूंदें निकलकर करुणा के हाथ को गीला करने लगी। करुणा अपना हाथ मनीष के लण्ड से उठाते हुए अपनी नाक के पास लेजाकर उसे सँघने लगी और अपना हाथ सँघते हुए उसकी आँखें बंद हो गई। कुछ देर तक अपने हाथ को सँघने के बाद करुणा ने अपनी जीभ निकालकर मनीष के लण्ड से निकल हुए वीर्य से गीले हाथ को चाटने लगी।

मनीष से अब बर्दाश्त नहीं हो रहा था, उसने करुणा को अपनी बाहों में भरते हुए उसके होंठों को चूमते हुए बर्थ पर सीधा लेटा दिया, और खुद उसके ऊपर चढ़ गया। मनीष करुणा के होंठों को चूसते हुए नीचे होते हुए उसके कंधे को चूमने लगा।

करुणा को मनीष का लण्ड अपनी कच्छी के ऊपर से ही चूत से टकरा रहा था और मनीष के सख़्त सीने में अपनी चूचियों के दबने से करुणा की चूत से न जाने कितना पानी निकल रहा था। करुणा का अंग-अंग मस्ती में डूब रहा था। उसे अपने सारे जिश्म में एक अंजानी सी गुदगुदी महसूस हो रही थी। करुणा मनीष को कसकर अपनी बाहों से अपनी चूचियों पर दबा रही थी। उसका सारा बदन टूट रहा था वो चाह रही थी की मनीष उसके सारे जिश्म को बहुत जोर से दबाए, चूमे और चाटे। आज तक करुणा को यह अहसास पहले कभी नहीं हुआ था।

मनीष भी करुणा के कंधे को चूमते हुए और नीचे होते हुए उसकी ब्रा में कैद छोटी-छोटी चूचियों पर पहुँच गया, और मनीष ब्रा के ऊपर से ही करुणा की चूचियों को चूमने लगा। मनीष ने करुणा के ऊपर से उठते हुए उसे सीधा बिठा दिया और उसको अपनी बाहों में भरते हुए उसके होंठ चूमने लगा। मनीष ने करुणा के होंठों को चाटते हुए अपने हाथ से उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसकी ब्रा को उतारकर करुणा के जिम से अलग कर दिया। करुणा अपनी चूचियों को मनीष के सामने नंगा पाकर शर्म के मारे उसके सीने से लग गई और मनीष के सख़्त सीने से अपनी चूचियों को रगड़ने लगी।

मनीष करुणा को सीधा लेटाते हुए उसके ऊपर आ गया, और अपनी जीभ निकालकर करुणा के मुँह में डाल दी। करुणा भी मनीष की जीभ को चाटते हुए अपनी जीभ को उसके मुँह में डालने लगी, जिसे मनीष जल्दी से। पकड़कर अपने मुँह में भरते हुए चूसने लगा। मनीष कुछ देर तक करुणा की जीभ का स्वाद चूसने के बाद नीचे सरकते हुए अपने होंठों से करुणा के कंधे को चूमते हुए उसकी चूचियों तक आ गया। मनीष कुछ देर तक करुणा की नंगी चूचियों को देखता रहा और फिर अपना मुँह खोलकर उसकी एक चूची के गुलाबी दाने को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा।
 horseride  Cheeta    
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RE: धन्नो द हाट गर्ल - by sarit11 - 25-01-2019, 11:15 AM



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