25-01-2019, 11:09 AM
मैं- “ऊईई... आअह्हह... तुम्हारा बहुत बड़ा है, मेरी गाण्ड फाड़ दी, निकालो...” यह कहकर मैं छटपटाने लगी। मेरी गाण्ड में बहुत दर्द और जलन हो रही थी। मुझे ऐसा महसूस हो रहा की किसी ने मेरी गाण्ड में कोई लोहे का बड़ा सरिया डाल दिया हो।
प्रवीण मुझे छटपटाता हुआ देखकर डर गया और अपना पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में डाले हुए ही बिना हिले अपनी पत्नी को देखने लगा।
मोहित अब बहुत तेजी के साथ राधा की गाण्ड में अपना लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था और वो हर धक्के के साथ अपना लण्ड थोड़ा सा और अंदर सरकाने लगा। राधा मोहित के हर धक्के के साथ कांप उठती और उसके मुँह से हल्की चीख निकल जाती। मोहित का लण्ड अभी दो इंच बाहर था, और वो अंदर नहीं घुस रहा था। मोहित ने । अपने लण्ड को थोड़ा सा बाहर खींचकर एक बहुत जोर का धक्का मार दिया, तो मोहित का लण्ड राधा की गाण्ड को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया, और उसकी गाण्ड से खून की कुछ बूंदें निकलने लगी।
राधा- “ओई माँ मर गई... ऊह्ह... तुम्हारा बहुत मोटा और बड़ा है, निकालो मेरी गाण्ड फट गई है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है...”
मोहित अपना पूरा लण्ड राधा की गाण्ड में डाले हुए अपने एक हाथ से उसकी चूत के दाने को सहलाते हुए बोला- “शांत हो जाओ, पूरा घुस गया है अब तुम्हें दर्द नहीं होगा। तुम्हारे चूतड़ हैं भी इतने मस्त हैम की देखते ही तुम्हारी गाण्ड मारने का मन करता है...”
राधा ने मोहित की बात सुनकर छटपटाना खतम कर दिया और मोहित ने धीरे-धीरे उसकी गाण्ड को चोदना शुरू कर दिया। राधा के मुँह से अभी तक हल्की चीखें निकल रही थीं। कुछ ही देर के बाद राधा के मुँह से चीखों के बजाए सिसकियां निकलने लगी।
मैं राधा की सिसकियां सुनकर गरम हो गई और प्रवीण के लण्ड पर अपने चूतड़ हिलाने लगी। प्रवीण बिल्कुल अनाड़ी था, मेरे चूतड़ों के हिलाने पर वो घबरा गया और पूछने लगा- “तुम्हें दर्द हो रहा क्या?”
मैंने गुस्से से उसे कहा- “अपना लण्ड मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर करो, मुझे दर्द बिल्कुल नहीं हो रहा है...”
प्रवीण मेरी बात सुनकर अपना लण्ड मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर करने लगा। उसका लण्ड मोहित से बड़ा था इसीलिए उसके हर धक्के के साथ मेरे मुँह से चीख निकल जाती। मुझे उसका लण्ड अपनी गाण्ड में से होता हुआ बहुत अंदर तक महसूस हो रहा था, और उसके लण्ड की रगड़ मेरी गाण्ड में से होते हुए अपनी चूत तक महसूस हो रही थी। प्रवीण अब अपना पूरा लण्ड निकालकर मेरी गाण्ड में डाल रहा था और मैं मजे के मारे हवा में उड़ने लगी। प्रवीण के हर धक्के के साथ मैं अपने चूतड़ पीछे धकेलते हुए उससे ताल से ताल मिलाने लगी।
मोहित भी अब राधा की गाण्ड में बहुत जोर के धक्के मार रहा था और वो राधा की गाण्ड को चोदते हुए अपनी उंगली से उसकी चूत को सहलाने लगा। राधा के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी और वो बहुत जोर से हाँफ रही थी। मोहित समझ गया की वो झड़ने वाली है, इसीलिए मोहित उसकी गाण्ड में अपना लण्ड बहुत तेजी के साथ अंदर-बाहर करते हुए राधा की चूत के दाने को मसलने लगा।
राधा का जिम मोहित का हाथ अपनी चूत पर महसूस करते ही अकड़ने लगा और वो- “आअह्ह्ह... ओहह...” करते हुए झड़ने लगी।
मोहित ने राधा को झड़ता हुआ देखकर एक उंगली उसकी चूत में डालकर उसकी गाण्ड में बहुत तेजी के साथ धक्के लगाते हुए झड़ने लगा।
मैं इतनी देर से प्रवीण के लंबे लण्ड से अपनी गाण्ड मरवाते हुए बहुत गरम हो गई थी, मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी। मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा और मैंने मजे से आँखें बंद कर ली, और- “आअह्ह्ह ... इस्स्स्स ...” करते हुए मैं झड़ने लगी।
प्रवीण मुझे छटपटाता हुआ देखकर डर गया और अपना पूरा लण्ड मेरी गाण्ड में डाले हुए ही बिना हिले अपनी पत्नी को देखने लगा।
मोहित अब बहुत तेजी के साथ राधा की गाण्ड में अपना लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था और वो हर धक्के के साथ अपना लण्ड थोड़ा सा और अंदर सरकाने लगा। राधा मोहित के हर धक्के के साथ कांप उठती और उसके मुँह से हल्की चीख निकल जाती। मोहित का लण्ड अभी दो इंच बाहर था, और वो अंदर नहीं घुस रहा था। मोहित ने । अपने लण्ड को थोड़ा सा बाहर खींचकर एक बहुत जोर का धक्का मार दिया, तो मोहित का लण्ड राधा की गाण्ड को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया, और उसकी गाण्ड से खून की कुछ बूंदें निकलने लगी।
राधा- “ओई माँ मर गई... ऊह्ह... तुम्हारा बहुत मोटा और बड़ा है, निकालो मेरी गाण्ड फट गई है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है...”
मोहित अपना पूरा लण्ड राधा की गाण्ड में डाले हुए अपने एक हाथ से उसकी चूत के दाने को सहलाते हुए बोला- “शांत हो जाओ, पूरा घुस गया है अब तुम्हें दर्द नहीं होगा। तुम्हारे चूतड़ हैं भी इतने मस्त हैम की देखते ही तुम्हारी गाण्ड मारने का मन करता है...”
राधा ने मोहित की बात सुनकर छटपटाना खतम कर दिया और मोहित ने धीरे-धीरे उसकी गाण्ड को चोदना शुरू कर दिया। राधा के मुँह से अभी तक हल्की चीखें निकल रही थीं। कुछ ही देर के बाद राधा के मुँह से चीखों के बजाए सिसकियां निकलने लगी।
मैं राधा की सिसकियां सुनकर गरम हो गई और प्रवीण के लण्ड पर अपने चूतड़ हिलाने लगी। प्रवीण बिल्कुल अनाड़ी था, मेरे चूतड़ों के हिलाने पर वो घबरा गया और पूछने लगा- “तुम्हें दर्द हो रहा क्या?”
मैंने गुस्से से उसे कहा- “अपना लण्ड मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर करो, मुझे दर्द बिल्कुल नहीं हो रहा है...”
प्रवीण मेरी बात सुनकर अपना लण्ड मेरी गाण्ड में अंदर-बाहर करने लगा। उसका लण्ड मोहित से बड़ा था इसीलिए उसके हर धक्के के साथ मेरे मुँह से चीख निकल जाती। मुझे उसका लण्ड अपनी गाण्ड में से होता हुआ बहुत अंदर तक महसूस हो रहा था, और उसके लण्ड की रगड़ मेरी गाण्ड में से होते हुए अपनी चूत तक महसूस हो रही थी। प्रवीण अब अपना पूरा लण्ड निकालकर मेरी गाण्ड में डाल रहा था और मैं मजे के मारे हवा में उड़ने लगी। प्रवीण के हर धक्के के साथ मैं अपने चूतड़ पीछे धकेलते हुए उससे ताल से ताल मिलाने लगी।
मोहित भी अब राधा की गाण्ड में बहुत जोर के धक्के मार रहा था और वो राधा की गाण्ड को चोदते हुए अपनी उंगली से उसकी चूत को सहलाने लगा। राधा के मुँह से बहुत जोर की सिसकियां निकल रही थी और वो बहुत जोर से हाँफ रही थी। मोहित समझ गया की वो झड़ने वाली है, इसीलिए मोहित उसकी गाण्ड में अपना लण्ड बहुत तेजी के साथ अंदर-बाहर करते हुए राधा की चूत के दाने को मसलने लगा।
राधा का जिम मोहित का हाथ अपनी चूत पर महसूस करते ही अकड़ने लगा और वो- “आअह्ह्ह... ओहह...” करते हुए झड़ने लगी।
मोहित ने राधा को झड़ता हुआ देखकर एक उंगली उसकी चूत में डालकर उसकी गाण्ड में बहुत तेजी के साथ धक्के लगाते हुए झड़ने लगा।
मैं इतनी देर से प्रवीण के लंबे लण्ड से अपनी गाण्ड मरवाते हुए बहुत गरम हो गई थी, मैं झड़ने के बिल्कुल करीब थी। मेरा पूरा बदन अकड़ने लगा और मैंने मजे से आँखें बंद कर ली, और- “आअह्ह्ह ... इस्स्स्स ...” करते हुए मैं झड़ने लगी।