25-01-2019, 11:04 AM
मोहित की जीभ अपनी चूत में घुसते ही राधा पूरी काँपने लगी और उसका बदन अकड़ने लगा, और- “आह्ह्ह...” करते हुए वो मोहित के मुँह के ऊपर झड़ने लगी। झड़ते हुए राधा की चूत झटके खाने लगी। मोहित ने राधा की चूत से निकलता हुआ सारा पानी चाट लिया।
मैंने प्रवीण के बालों को पकड़ते हुए उसका मुँह नीचे अपनी चूत पर रख दिया। पहले कुछ देर तक मेरी भूरी चूत को देखने के बाद, उसने अपने होंठ मेरी चूत पर रख दिए और मेरी पूरी चूत को चूमने लगा। मैं समझ गई की वो अनाड़ी है, इसलिए मैंने उसे बर्थ पर सीधा लिटा दिया। मैं उल्टा होकर उसके पेट पर बैठ गई। और नीचे होते हुए अपने कोमल हाथों से उसके लण्ड को पकड़ लिया। मैं प्रवीण के लण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगी। उसके लण्ड से प्री-कम की कुछ बूंदें निकलने लगी। मैंने अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड के छेद पर रख दी और उसके लण्ड से निकलता हुआ प्री-कम चाटने लगी।
मेरी जीभ अपने लण्ड पर महसूस करते ही प्रवीण 'आअह्ह्ह... करके झटपटाने लगा और पीछे की तरफ से निकली हुई मेरी चूत के गुलाबी छेद को चूमने लगा।
मैंने चिल्लाकर प्रवीण से कहा- “अपनी जीभ से चाटो...”
प्रवीण अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत पर फिराने लगा और मैं मस्ती में आहें भरते हुए उसके लण्ड पर अपनी जीभ फिराने लगी। मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी, मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा और मैं प्रवीण के मुँह पर अपनी चूत को जोर से रगड़ते हुए- “आअह्ह्ह.. इस्स्स्स .” करते हुए झड़ने लगी। मैंने झड़ते हुए मस्ती में प्रवीण के लण्ड का टोपा अपने मुँह में डाल दिया।
प्रवीण अपना लण्ड मेरे मुँह में महसूस करते ही मजे से पागल हो गया और मेरी चूत का निकलता हुआ पानी अपनी जीभ से चाटने लगा। मैं प्रवीण के लण्ड का टोपा चूसने लगी, प्रवीण का लण्ड आज तक किसी ने अपने मुँह में नहीं लिया था इसीलिए वो बहुत उत्तेजित हो गया और मेरी चूत को चाटने के साथ हल्के से काटने लगा।
मैं अपनी चूत पर प्रवीण के दाँत महसूस करके चीख उठी- “ऊईई... आअहह...”
राधा झड़ने के बाद शांत लेटी हुई थी। मोहित ने अपना मुँह उसकी चूत से हटाते हुए, ऊपर होते हुए उसकी साँवली चूचियों में से एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और बहुत जोर से चूसने लगा। मोहित राधा की चूची को चूसते हुए उसे अपने दाँतों से काटने लगा।
मोहित के दाँत अपनी चूचियों पर महसूस करते ही राधा के मुँह से चीखें और सिसकियां साथ में निकलने लगीआअहह...”
मोहित ने उसकी चूचियों को जी भरकर चूसने के बाद उसके ऊपर से उठते हुए कहा- “आओ देखते हैं तुम्हारा पति क्या कर रहा है?”
राधा मोहित के साथ जाते हुए पर्दे के उस तरफ देखने लगी। मोहित पहले की तरह राधा के पीछे सटकर खड़ा हो गया और उसका खड़ा लण्ड राधा की गाण्ड से टकराने लगा। राधा पर्दे के उस तरफ देखकर सिहर उठी, उसके पति का लण्ड मेरे मुँह में था और वो मेरी चूत को चाट रहा था। राधा यह देखकर बहुत गरम हो गई और अपनी गाण्ड को मोहित के लण्ड पर जोर से रगड़ने लगी।
मैं प्रवीण का लण्ड अपने मुँह से निकालते हुए अपनी दोनों टाँगें फैलाकर उसके तने हुए लण्ड को अपनी चूत पर टिका दिया और अपना पूरा वजन डालते हुए उसपर बैठ गई। मेरी चूत बहुत ज्यादा गीली होने के कारण प्रवीण का लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में समा गया।
प्रवीण का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसते ही उसके मुँह से निकल गया- “आअहहह... बहुत गरम है तुम्हारी चूत.."
मैं अपने चूतड़ों को प्रवीण के लण्ड पर उछालते हुए हल्के धक्के लगाने लगी।
मैंने प्रवीण के बालों को पकड़ते हुए उसका मुँह नीचे अपनी चूत पर रख दिया। पहले कुछ देर तक मेरी भूरी चूत को देखने के बाद, उसने अपने होंठ मेरी चूत पर रख दिए और मेरी पूरी चूत को चूमने लगा। मैं समझ गई की वो अनाड़ी है, इसलिए मैंने उसे बर्थ पर सीधा लिटा दिया। मैं उल्टा होकर उसके पेट पर बैठ गई। और नीचे होते हुए अपने कोमल हाथों से उसके लण्ड को पकड़ लिया। मैं प्रवीण के लण्ड को अपने हाथों से सहलाने लगी। उसके लण्ड से प्री-कम की कुछ बूंदें निकलने लगी। मैंने अपनी जीभ निकालकर उसके लण्ड के छेद पर रख दी और उसके लण्ड से निकलता हुआ प्री-कम चाटने लगी।
मेरी जीभ अपने लण्ड पर महसूस करते ही प्रवीण 'आअह्ह्ह... करके झटपटाने लगा और पीछे की तरफ से निकली हुई मेरी चूत के गुलाबी छेद को चूमने लगा।
मैंने चिल्लाकर प्रवीण से कहा- “अपनी जीभ से चाटो...”
प्रवीण अपनी जीभ निकालकर मेरी चूत पर फिराने लगा और मैं मस्ती में आहें भरते हुए उसके लण्ड पर अपनी जीभ फिराने लगी। मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी, मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा और मैं प्रवीण के मुँह पर अपनी चूत को जोर से रगड़ते हुए- “आअह्ह्ह.. इस्स्स्स .” करते हुए झड़ने लगी। मैंने झड़ते हुए मस्ती में प्रवीण के लण्ड का टोपा अपने मुँह में डाल दिया।
प्रवीण अपना लण्ड मेरे मुँह में महसूस करते ही मजे से पागल हो गया और मेरी चूत का निकलता हुआ पानी अपनी जीभ से चाटने लगा। मैं प्रवीण के लण्ड का टोपा चूसने लगी, प्रवीण का लण्ड आज तक किसी ने अपने मुँह में नहीं लिया था इसीलिए वो बहुत उत्तेजित हो गया और मेरी चूत को चाटने के साथ हल्के से काटने लगा।
मैं अपनी चूत पर प्रवीण के दाँत महसूस करके चीख उठी- “ऊईई... आअहह...”
राधा झड़ने के बाद शांत लेटी हुई थी। मोहित ने अपना मुँह उसकी चूत से हटाते हुए, ऊपर होते हुए उसकी साँवली चूचियों में से एक चूची को अपने मुँह में ले लिया और बहुत जोर से चूसने लगा। मोहित राधा की चूची को चूसते हुए उसे अपने दाँतों से काटने लगा।
मोहित के दाँत अपनी चूचियों पर महसूस करते ही राधा के मुँह से चीखें और सिसकियां साथ में निकलने लगीआअहह...”
मोहित ने उसकी चूचियों को जी भरकर चूसने के बाद उसके ऊपर से उठते हुए कहा- “आओ देखते हैं तुम्हारा पति क्या कर रहा है?”
राधा मोहित के साथ जाते हुए पर्दे के उस तरफ देखने लगी। मोहित पहले की तरह राधा के पीछे सटकर खड़ा हो गया और उसका खड़ा लण्ड राधा की गाण्ड से टकराने लगा। राधा पर्दे के उस तरफ देखकर सिहर उठी, उसके पति का लण्ड मेरे मुँह में था और वो मेरी चूत को चाट रहा था। राधा यह देखकर बहुत गरम हो गई और अपनी गाण्ड को मोहित के लण्ड पर जोर से रगड़ने लगी।
मैं प्रवीण का लण्ड अपने मुँह से निकालते हुए अपनी दोनों टाँगें फैलाकर उसके तने हुए लण्ड को अपनी चूत पर टिका दिया और अपना पूरा वजन डालते हुए उसपर बैठ गई। मेरी चूत बहुत ज्यादा गीली होने के कारण प्रवीण का लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में समा गया।
प्रवीण का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसते ही उसके मुँह से निकल गया- “आअहहह... बहुत गरम है तुम्हारी चूत.."
मैं अपने चूतड़ों को प्रवीण के लण्ड पर उछालते हुए हल्के धक्के लगाने लगी।