25-01-2019, 10:59 AM
मेरा मुँह मोहित की तरफ था। अचानक मोहित ने थोड़ा सा मेरी तरफ होते हुए मेरे होंठों को चूमते हुए करुणा की चूत में धक्के लगाने लगा। करुणा की जीभ मेरी चूत में बहुत जोर से अंदर-बाहर हो रही थी। मैं समझ गई की वो झड़ने वाली है। मोहित अचानक मेरे होंठों को छोड़कर करुणा की टाँगों को पकड़कर बहुत जोर के धक्के लगाने लगा।
मैंने मोहित से कहा- “तुम इसकी चूत में मत झड़ना। मैंने इसे गोली नहीं खिलाई है, इसे बच्चा हो जायगा...”
करुणा ने मेरी चूत से अपनी जीभ निकालते हुए कहा- “मोहित प्लीज... अपना लण्ड मेरी चूत से मत निकालो मैं झड़ने वाली हूँ...” और अपनी जीभ वापस मेरी चूत में डालकर बहुत जोर से अंदर-बाहर करने लगी।
मोहित करुणा की बात मानते हुए उसकी चूत में धक्के मारने लगा। मोहित झड़ने के बिल्कुल करीब था इसीलिए उसका लण्ड फूलकर बहुत मोटा हो गया था और करुणा की चूत में फँसकर अंदर-बाहर हो रहा था। मोहित का जिम अचानक काँपने लगा और वो बहुत जोर के धक्के लगाते हुए आअह्ह्ह... करते हुए करुणा की चूत में अपना वीर्य भरने लगा।
करुणा अपनी चूत में जिंदगी का पहला वीर्य गिरते ही मजे से अपनी आँखें बंद करके झड़ने लगी और अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में डाल दी। मैं भी इतनी देर से अपने आपको रोके हुए थी, करुणा की जीभ घुसते ही मैं भी ‘आअह्ह्ह' करते हुए झड़ने लगी। मोहित कुछ देर तक करुणा की चूत को अपने वीर्य से भरने के बाद उसके ऊपर ही ढेर हो गया। मैं भी झड़ने के बाद वहीं पर करुणा के साइड में लेट गई। कुछ देर तक हम ऐसे ही चुपचाप पड़े रहे।
मोहित का लण्ड करुणा की चूत में ही घुसा हुआ था, और करुणा की चूत से मोहित और उसका वीर्य, खून के साथ नीचे बेड पर गिर रहा था। मोहित कुछ देर तक उसके ऊपर पड़े रहने के बाद अपना लण्ड करुणा की चूत से निकालकर साइड में बेड पर लेट गया। मोहित का लण्ड करुणा की चूत से पच्च की आवाज के साथ निकल गया। मोहित सीधा बाथरूम में घुस गया और कुछ देर बाद वापस बेड पर लेट गया। मोहित का लण्ड अभी भी आधा खड़ा था। मोहित बाथरूम से अपने लण्ड को साफ करके आया था।
करुणा जो बिल्कुल खामोश होकर लेटी हुई थी अचानक उठकर बाथरूम में जाने लगी। करुणा के उठते ही उसकी नजर बेडशीट पर बने हुए खून के धब्बों पर अटक गई।
मैंने करुणा को खून के धब्बों की तरफ गौर से देखते हुए उससे कहा- “करुणा तुम इस धब्बों की चिंता मत करो यह हर कुँवारी औरत की चूत में से पहली बार निकलता है। अब तुम कच्ची कली से फूल बन चुकी हो, मतलब एक लड़की से औरत बन चुकी हो। अब चाहे जितना बड़ा लण्ड निगल लो तुम्हारी चूत से खून नहीं निकलेगा..."
करुणा मेरी बात सुनकर बेड से उठकर बाथरूम में जाने लगी। करुणा बाथरूम में जाते वक़्त लंगड़ाकर चल रही थी। करुणा के जाते ही मैं मोहित के पास चली गई और उसके ऊपर चढ़कर उसके होंठों को चूसने लगी। मोहित अपने हाथों से मेरी चूचियों को मसलने लगा। मैं उसके मुँह से अपने होंठों को अलग करते हुए तेज साँसें लेते हुए आहें भरने लगी। मोहित मेरी एक चूची को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और दूसरे हाथ से मेरी दूसरी चूची को मीसने लगा।
मोहित मेरी चूचियों को इतनी जोर से मसल और चूस रहा था के मेरे मुँह से हल्की चीखें- “ऊह्ह... आह्ह..." की निकल रही थीं।
मैं एक घंटे से करुणा और मोहित का खेल देखकर इतनी गर्म हो चुकी थी की एक बार झड़ने के बाद भी मेरी चूत शांत नहीं हुई थी और मेरी चूत में से उत्तेजना के मारे पानी की नदियां बह रही थी। मैंने मोहित के मुँह से अपनी चूचियां निकाली और नीचे होते हुए उसके आधे खड़े लण्ड को अपने हाथों में पकड़कर सहलाने लगी। मैं मोहित के लण्ड को अपने नरम हाथों से सहलाते हुए उसे अपनी जीभ निकालकर चाटने लगी। मोहित का लण्ड मेरी जीभ के अहसास से फिर से तनने लगा। मैंने देर ना करते हुए अपना मुँह खोलकर उसके लण्ड को अपने मुँह में डालकर बहुत जोर से आगे-पीछे करते हुए चाटने लगी।
करुणा बाथरूम से वापस आकर बेड पर बैठकर हमें देख रही थी।
मैंने मोहित से कहा- “तुम इसकी चूत में मत झड़ना। मैंने इसे गोली नहीं खिलाई है, इसे बच्चा हो जायगा...”
करुणा ने मेरी चूत से अपनी जीभ निकालते हुए कहा- “मोहित प्लीज... अपना लण्ड मेरी चूत से मत निकालो मैं झड़ने वाली हूँ...” और अपनी जीभ वापस मेरी चूत में डालकर बहुत जोर से अंदर-बाहर करने लगी।
मोहित करुणा की बात मानते हुए उसकी चूत में धक्के मारने लगा। मोहित झड़ने के बिल्कुल करीब था इसीलिए उसका लण्ड फूलकर बहुत मोटा हो गया था और करुणा की चूत में फँसकर अंदर-बाहर हो रहा था। मोहित का जिम अचानक काँपने लगा और वो बहुत जोर के धक्के लगाते हुए आअह्ह्ह... करते हुए करुणा की चूत में अपना वीर्य भरने लगा।
करुणा अपनी चूत में जिंदगी का पहला वीर्य गिरते ही मजे से अपनी आँखें बंद करके झड़ने लगी और अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में डाल दी। मैं भी इतनी देर से अपने आपको रोके हुए थी, करुणा की जीभ घुसते ही मैं भी ‘आअह्ह्ह' करते हुए झड़ने लगी। मोहित कुछ देर तक करुणा की चूत को अपने वीर्य से भरने के बाद उसके ऊपर ही ढेर हो गया। मैं भी झड़ने के बाद वहीं पर करुणा के साइड में लेट गई। कुछ देर तक हम ऐसे ही चुपचाप पड़े रहे।
मोहित का लण्ड करुणा की चूत में ही घुसा हुआ था, और करुणा की चूत से मोहित और उसका वीर्य, खून के साथ नीचे बेड पर गिर रहा था। मोहित कुछ देर तक उसके ऊपर पड़े रहने के बाद अपना लण्ड करुणा की चूत से निकालकर साइड में बेड पर लेट गया। मोहित का लण्ड करुणा की चूत से पच्च की आवाज के साथ निकल गया। मोहित सीधा बाथरूम में घुस गया और कुछ देर बाद वापस बेड पर लेट गया। मोहित का लण्ड अभी भी आधा खड़ा था। मोहित बाथरूम से अपने लण्ड को साफ करके आया था।
करुणा जो बिल्कुल खामोश होकर लेटी हुई थी अचानक उठकर बाथरूम में जाने लगी। करुणा के उठते ही उसकी नजर बेडशीट पर बने हुए खून के धब्बों पर अटक गई।
मैंने करुणा को खून के धब्बों की तरफ गौर से देखते हुए उससे कहा- “करुणा तुम इस धब्बों की चिंता मत करो यह हर कुँवारी औरत की चूत में से पहली बार निकलता है। अब तुम कच्ची कली से फूल बन चुकी हो, मतलब एक लड़की से औरत बन चुकी हो। अब चाहे जितना बड़ा लण्ड निगल लो तुम्हारी चूत से खून नहीं निकलेगा..."
करुणा मेरी बात सुनकर बेड से उठकर बाथरूम में जाने लगी। करुणा बाथरूम में जाते वक़्त लंगड़ाकर चल रही थी। करुणा के जाते ही मैं मोहित के पास चली गई और उसके ऊपर चढ़कर उसके होंठों को चूसने लगी। मोहित अपने हाथों से मेरी चूचियों को मसलने लगा। मैं उसके मुँह से अपने होंठों को अलग करते हुए तेज साँसें लेते हुए आहें भरने लगी। मोहित मेरी एक चूची को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा और दूसरे हाथ से मेरी दूसरी चूची को मीसने लगा।
मोहित मेरी चूचियों को इतनी जोर से मसल और चूस रहा था के मेरे मुँह से हल्की चीखें- “ऊह्ह... आह्ह..." की निकल रही थीं।
मैं एक घंटे से करुणा और मोहित का खेल देखकर इतनी गर्म हो चुकी थी की एक बार झड़ने के बाद भी मेरी चूत शांत नहीं हुई थी और मेरी चूत में से उत्तेजना के मारे पानी की नदियां बह रही थी। मैंने मोहित के मुँह से अपनी चूचियां निकाली और नीचे होते हुए उसके आधे खड़े लण्ड को अपने हाथों में पकड़कर सहलाने लगी। मैं मोहित के लण्ड को अपने नरम हाथों से सहलाते हुए उसे अपनी जीभ निकालकर चाटने लगी। मोहित का लण्ड मेरी जीभ के अहसास से फिर से तनने लगा। मैंने देर ना करते हुए अपना मुँह खोलकर उसके लण्ड को अपने मुँह में डालकर बहुत जोर से आगे-पीछे करते हुए चाटने लगी।
करुणा बाथरूम से वापस आकर बेड पर बैठकर हमें देख रही थी।