25-01-2019, 10:58 AM
मोहित ने अपना लण्ड करुणा की चूत पर रगड़ते हुए अपने दोनों हाथों से उसकी चूत के दोनों होंठों को आपस में थोड़ा सा अलग करते हुए अपना लण्ड करुणा की चूत के गुलाबी छेद में रख दिया। करुणा मोहित का लण्ड अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही मजे से कांप उठी, और अपने चूतड़ों को उछालकर मोहित का लण्ड अपनी चूत में लेने की नाकाम कोशिश करने लगी।
मैं सोफे से उठते हुए बेड पर करुणा के सिर के पास जाकर बैठ गई।
मोहित ने करुणा की टाँगों को पकड़ते हुए एक धक्का मार दिया।
करुणा- “ऊह्ह... आअह्ह्ह... बहुत दर्द हो रहा है... निकालो मोहित तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है... मैंने पहले ही कहा था यह मेरी चूत में नहीं घुसेगा...”
मोहित के लण्ड का सिर्फ टोपा करुणा की चूत के होंठों को फैलाकर उसमें फँस गया था। मैं अपने हाथों से करुणा की चूचियों को सहलाने लगी। करुणा की चूचियों को सहलाते हुए मैंने अपने होंठ उसके गुलाबी होंठों पर रख दिए और मोहित की तरफ देखते हुए आँख मारकर उसे अपना काम करने के लिए कह दिया।
मोहित ने मेरी बात को समझते हुए करुणा की टाँगों को बहुत जोर से पकड़ते हुए अपना लण्ड थोड़ा पीछे खींचते हुए बहुत जोर का एक धक्का मार दिया। मोहित का लण्ड करुणा की छोटी सी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ आधा उसकी चूत में घुस गया। करुणा की चूत से खून की कुछ बूंदें निकलकर बेड पर गिरने लगी।
मैंने अपने होंठों से करुणा के होंठों को सील किया हुआ था, जिस वजह से करुणा की चीखें मेरे मुँह में ही दब कर पूँ-हूँ की आवाजें कर रही थी। करुणा मछली की तरह झटपटा रही थी, मगर मोहित ने अपने मजबूत हाथों से उसे पकड़कर रखा था। मैं अपने हाथों से करुणा की चूचियों को जोर-जोर से मसलने लगी। कुछ ही देर में करुणा ने छटपटाना बंद कर दिया और अपनी जीभ को मेरे मुँह में डालने लगी।
मैं अपना मुँह खोलकर उसकी जीभ को चाटने लगी। मैं करुणा की जीभ को अपने होंठों से जोर से चूसने लगी। थोड़ी ही देर में करुणा का छटपटाना खतम हो गया और वो अपने चूतड़ों को मोहित के लण्ड पर उछालने लगी। मोहित ने अपने आधे लण्ड से ही करुणा की चूत में हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिये और मैंने करुणा के होंठों को छोड़ते हुए उसकी चूचियों को एक-एक करके चाटने लगी।
मैं सोफे से उठते हुए बेड पर करुणा के सिर के पास जाकर बैठ गई।
मोहित ने करुणा की टाँगों को पकड़ते हुए एक धक्का मार दिया।
करुणा- “ऊह्ह... आअह्ह्ह... बहुत दर्द हो रहा है... निकालो मोहित तुम्हारा लण्ड बहुत मोटा है... मैंने पहले ही कहा था यह मेरी चूत में नहीं घुसेगा...”
मोहित के लण्ड का सिर्फ टोपा करुणा की चूत के होंठों को फैलाकर उसमें फँस गया था। मैं अपने हाथों से करुणा की चूचियों को सहलाने लगी। करुणा की चूचियों को सहलाते हुए मैंने अपने होंठ उसके गुलाबी होंठों पर रख दिए और मोहित की तरफ देखते हुए आँख मारकर उसे अपना काम करने के लिए कह दिया।
मोहित ने मेरी बात को समझते हुए करुणा की टाँगों को बहुत जोर से पकड़ते हुए अपना लण्ड थोड़ा पीछे खींचते हुए बहुत जोर का एक धक्का मार दिया। मोहित का लण्ड करुणा की छोटी सी चूत की झिल्ली को चीरता हुआ आधा उसकी चूत में घुस गया। करुणा की चूत से खून की कुछ बूंदें निकलकर बेड पर गिरने लगी।
मैंने अपने होंठों से करुणा के होंठों को सील किया हुआ था, जिस वजह से करुणा की चीखें मेरे मुँह में ही दब कर पूँ-हूँ की आवाजें कर रही थी। करुणा मछली की तरह झटपटा रही थी, मगर मोहित ने अपने मजबूत हाथों से उसे पकड़कर रखा था। मैं अपने हाथों से करुणा की चूचियों को जोर-जोर से मसलने लगी। कुछ ही देर में करुणा ने छटपटाना बंद कर दिया और अपनी जीभ को मेरे मुँह में डालने लगी।
मैं अपना मुँह खोलकर उसकी जीभ को चाटने लगी। मैं करुणा की जीभ को अपने होंठों से जोर से चूसने लगी। थोड़ी ही देर में करुणा का छटपटाना खतम हो गया और वो अपने चूतड़ों को मोहित के लण्ड पर उछालने लगी। मोहित ने अपने आधे लण्ड से ही करुणा की चूत में हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिये और मैंने करुणा के होंठों को छोड़ते हुए उसकी चूचियों को एक-एक करके चाटने लगी।