25-01-2019, 10:56 AM
करुणा मोहित की साँसों को अपने चूत के इतना करीब देखकर मजे से झटपटाने लगी और अपनी टाँगों को जितना हो सकता था फैला दिया। करुणा की टाँगें फैली होने की वजह से उसकी छोटी चूत बिल्कुल खुलकर मोहित के मुँह के सामने आ गई। मोहित अपनी साँसों को पीछे खींचते हुए करुणा की कुँवारी चूत की गंध महसूस करने लगा। करुणा की चूत की कुंवारी गंध मोहित को पागल बना रही थी जिस वजह से मोहित अपनी आँखें बंद करके मजे से उसकी चूत की गंध सँघ रहा था। मोहित ने करुणा की चूत की गंध सँघते-सँघते अचानक अपनी जीभ निकालकर उसकी गुलाबी चूत के छोटे से दाने पर रख दी और उसे चाटने लगा।
“आह्ह्ह... ऊह्ह...” मोहित की जीभ अपनी चूत के दाने पर लगाते ही करुणा के मुँह से कामुक सिसकियां निकलने लगी।
मोहित अपनी जीभ से उसके दाने को चाटते हुए अपना मुँह खोलकर करुणा की चूत के दाने को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा। मोहित करुणा की चूत के दाने को चूसते हुए उसे अपने दांतों से हल्का काट दिया।
करुणा मोहित के हल्के काटने से ही उछाल पड़ी- “ओईएइ..."
मैं इतनी देर से उन दोनों का खेल देखकर बहुत गरम हो गई थी, इसीलिए मैं अपने पूरे कपड़े निकालकर उंगली से अपनी चूत को शांत करने लगी। मोहित अपने मुँह से करुणा की चूत के दाने को निकालते हुए अपनी जीभ को उसकी चूत के भूरे बालों पे फिराने लगा। मोहित अपनी जीभ को करुणा के भूरे बालों से ले जाता हुआ उसकी चूत के गुलाबी छेद को, जो दो छोटे-छोटे होंठों के बीच बंद था उसपर रख दी, और अपने दोनों हाथों से उसकी चूत के छोटे होंठ खोलते हुए उसके छेद में फिराने लगा।
मोहित की जीभ अपनी चूत के छेद में महसूस होते ही करुणा मजे और उत्तेजना में काँपने लगी। मोहित अपनी जीभ से करुणा के छेद को ऊपर से चाटते हुए अपनी जीभ को दबाव देकर उसकी चूत के छेद में घुसाने लगा। करुणा इतनी देर से आग में जल रही थी, रहित की जीभ का दबाव अपनी चूत पर पड़ते ही उसकी ज्वालामुखी फट गई और उसकी चूत से पानी की नदियां बहने लगी।
आअह्ह्ह... ऊह्ह...” की सिसकियों के साथ करुणा झड़ने लगी।
“आह्ह्ह... ऊह्ह...” मोहित की जीभ अपनी चूत के दाने पर लगाते ही करुणा के मुँह से कामुक सिसकियां निकलने लगी।
मोहित अपनी जीभ से उसके दाने को चाटते हुए अपना मुँह खोलकर करुणा की चूत के दाने को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा। मोहित करुणा की चूत के दाने को चूसते हुए उसे अपने दांतों से हल्का काट दिया।
करुणा मोहित के हल्के काटने से ही उछाल पड़ी- “ओईएइ..."
मैं इतनी देर से उन दोनों का खेल देखकर बहुत गरम हो गई थी, इसीलिए मैं अपने पूरे कपड़े निकालकर उंगली से अपनी चूत को शांत करने लगी। मोहित अपने मुँह से करुणा की चूत के दाने को निकालते हुए अपनी जीभ को उसकी चूत के भूरे बालों पे फिराने लगा। मोहित अपनी जीभ को करुणा के भूरे बालों से ले जाता हुआ उसकी चूत के गुलाबी छेद को, जो दो छोटे-छोटे होंठों के बीच बंद था उसपर रख दी, और अपने दोनों हाथों से उसकी चूत के छोटे होंठ खोलते हुए उसके छेद में फिराने लगा।
मोहित की जीभ अपनी चूत के छेद में महसूस होते ही करुणा मजे और उत्तेजना में काँपने लगी। मोहित अपनी जीभ से करुणा के छेद को ऊपर से चाटते हुए अपनी जीभ को दबाव देकर उसकी चूत के छेद में घुसाने लगा। करुणा इतनी देर से आग में जल रही थी, रहित की जीभ का दबाव अपनी चूत पर पड़ते ही उसकी ज्वालामुखी फट गई और उसकी चूत से पानी की नदियां बहने लगी।
आअह्ह्ह... ऊह्ह...” की सिसकियों के साथ करुणा झड़ने लगी।