25-01-2019, 10:55 AM
मेरी बात सुनकर बिंदिया ने गुस्सा होते हुए कहा- “धन्नो तुम्हें पता है आज मेरे साथ क्या हुआ है?”
मैंने हैरान होते हुए कहा- “क्यों क्या हुआ था आज जल्दी से बताओ?”
बिंदिया ने कहा- “धन्नो मैं तुझसे कुछ नहीं छुपाती, मगर यह बात किसी से कहना मत... तुझे मेरी कसम...”
मैंने कहा- “किसी को नहीं बताऊँगी, अब बताओ भी...”
बिंदिया ने जंगल वाली सारी बात बता दी की वो कैसे डाकुओं से भागकर यहां पहुँचे हैं।
मैं बिंदिया की बात सुनकर हैरान हो गई और बिंदिया को चिढ़ाते हुए कहा- “काश तुम्हारी जगह मैं होती तो मैं तो उस सरदार से मजा लेकर चुदवाती...”
बिंदिया मेरी बात सुनकर मुझे मुक्का मारते हुए बोली- “तुम्हें यह सब मजाक लग रहा है, अगर मुझे रोहन ना बचाता तो मैं आज किसी को मुँह दिखाने के लायक ना रहती, और खुदकशी कर लेती...”
मैंने बिंदिया को सीरीयस होते हुए देखकर कहा- “बिंदिया मैं तो मजाक कर रही थी। तुम्हें कुछ नहीं हुआ ना... अब इन सब बातों को भूल जाओ...”
मैं बिंदिया से कुछ देर बातें करने के बाद अपने कमरे में आकर आराम करने लगी। शाम को उठने के बाद बातें करते हुए कब रात हो गई पता ही नहीं चला। सभी लोग खाना खाने के बाद अपने-अपने कमरे में सोने चले गये। मैं अपने कमरे में आकर लेट गई और करुणा के बारे में सोचने लगी। करुणा की उमर ही क्या है... और वो अभी से इतनी गरम है की वो मेरे कहने पर किसी से भी चुदवा सकती थी। मैं एक घंटे तक अपने कमरे में रही और फिर अपने कमरे से निकलकर करुणा के कमरे में चली गई। मैं करुणा के कमरे में पहुँचकर हैरान रह गई। करुणा बिल्कुल नये कपड़े पहनकर तैयार बैठी थी। करुणा ने आज एक खूबसूरत साड़ी पहनी थी और उस साड़ी में वो बिल्कुल परीलोक की एक अप्सरा लग रही थी।
करुणा ने मुझे देखकर खुश होते हुए कहा- “दीदी तुम आ गई, मैं तो कब से तैयार बैठी हूँ...”
मैंने करुणा को गौर से देखते हुए कहा- “अरे आज तो तुम बिल्कुल सजकर परी लग रही हो। मोहित तो तुम्हें देखकर ही पागल हो जाएगा...”
करुणा ने मेरी बात सुनते ही शर्माते हुए कहा- “दीदी आप बड़ी बदमाश हैं, मुझे जानबूझकर चिढ़ा रही हो...”
मैंने हैरान होते हुए कहा- “क्यों क्या हुआ था आज जल्दी से बताओ?”
बिंदिया ने कहा- “धन्नो मैं तुझसे कुछ नहीं छुपाती, मगर यह बात किसी से कहना मत... तुझे मेरी कसम...”
मैंने कहा- “किसी को नहीं बताऊँगी, अब बताओ भी...”
बिंदिया ने जंगल वाली सारी बात बता दी की वो कैसे डाकुओं से भागकर यहां पहुँचे हैं।
मैं बिंदिया की बात सुनकर हैरान हो गई और बिंदिया को चिढ़ाते हुए कहा- “काश तुम्हारी जगह मैं होती तो मैं तो उस सरदार से मजा लेकर चुदवाती...”
बिंदिया मेरी बात सुनकर मुझे मुक्का मारते हुए बोली- “तुम्हें यह सब मजाक लग रहा है, अगर मुझे रोहन ना बचाता तो मैं आज किसी को मुँह दिखाने के लायक ना रहती, और खुदकशी कर लेती...”
मैंने बिंदिया को सीरीयस होते हुए देखकर कहा- “बिंदिया मैं तो मजाक कर रही थी। तुम्हें कुछ नहीं हुआ ना... अब इन सब बातों को भूल जाओ...”
मैं बिंदिया से कुछ देर बातें करने के बाद अपने कमरे में आकर आराम करने लगी। शाम को उठने के बाद बातें करते हुए कब रात हो गई पता ही नहीं चला। सभी लोग खाना खाने के बाद अपने-अपने कमरे में सोने चले गये। मैं अपने कमरे में आकर लेट गई और करुणा के बारे में सोचने लगी। करुणा की उमर ही क्या है... और वो अभी से इतनी गरम है की वो मेरे कहने पर किसी से भी चुदवा सकती थी। मैं एक घंटे तक अपने कमरे में रही और फिर अपने कमरे से निकलकर करुणा के कमरे में चली गई। मैं करुणा के कमरे में पहुँचकर हैरान रह गई। करुणा बिल्कुल नये कपड़े पहनकर तैयार बैठी थी। करुणा ने आज एक खूबसूरत साड़ी पहनी थी और उस साड़ी में वो बिल्कुल परीलोक की एक अप्सरा लग रही थी।
करुणा ने मुझे देखकर खुश होते हुए कहा- “दीदी तुम आ गई, मैं तो कब से तैयार बैठी हूँ...”
मैंने करुणा को गौर से देखते हुए कहा- “अरे आज तो तुम बिल्कुल सजकर परी लग रही हो। मोहित तो तुम्हें देखकर ही पागल हो जाएगा...”
करुणा ने मेरी बात सुनते ही शर्माते हुए कहा- “दीदी आप बड़ी बदमाश हैं, मुझे जानबूझकर चिढ़ा रही हो...”