25-01-2019, 10:44 AM
रोहन बिंदिया की आवाज सुनकर होश में आ गया और उठकर जल्दी से बेड पर चढ़ते हुए एक जोर की लात सरदार के मुँह में मार दी। सरदार इस अचानक हुए हमले से लड़खड़ाते हुए बेड से दूर जा गिरा। रोहन बिजली की तेजी के साथ नीचे उतरकर बंदूक को उठा लिया और सरदार के सिर पर रखते हुए कपड़े उठाकर बिंदिया की तरफ फेंक दिए। बिंदिया ने जल्दी से कपड़े पहन लिए और भागते हुए रोहन के पीछे खड़ी हो गई।
रोहन ने सरदार से कहा- “कुत्ते तुमने मेरे प्यार की तौहीन की है, मैं तुझे अभी सबक सिखाता हूँ...” और बंदूक बिंदिया को देते हुए खुद सरदार को जोर का एक मुक्का मार दिया।
सरदार लड़खड़ाता हुया सामने वाली दीवार से जा लगा और उसके मुँह से दर्द के मारे ‘आअह्ह्ह' निकल गई। बाहर सूरज ने 'आह' सुनकर अपने दूसरे साथियों से कहा की सरदार की तो लाटरी लग गई, ऐसा चिकना माल तो उसने ख्वाब में भी नहीं देखा होगा।
रोहन ने सरदार को जी भरकर पीटने के बाद बंदूक उठाकर उसे बाहर ले जाने लगा। बाहर खड़े उसके साथियों ने जब रोहन को सरदार के सिर पर बंदूक को रखे हुए आते देखा तो वो रोहन की तरफ आने लगे।
मगर रोहन ने उन्हें खबरदार करते हुए कहा- “अगर तुममें से किसी ने हमारा पीछा किया तो मैं तुम्हारे सरदार का सिर उड़ा दूंगा...”
रोहन की धमकी से वो सभी खामोश होकर खड़े हो गये।
रोहन ने फिर से उन्हें कहा- “तुम मेरा पीछा करने की कोशिश मत करना, मैं तुम्हारे सरदार को जिंदा छोड़ दूंगा..."
सरदार ने अपने साथियों से कहा- “तुम हमारा पीछा मत करो, वरना यह मुझे गोली मार देगा..."
रोहन सरदार को घसीटता हुआ अपने साथ ले जाने लगा, तकरीबन 10 मिनट पैदल चलने के बाद भी रोहन रास्ता नहीं हूँढ़ पाया। उसने सरदार से कहा- “जल्दी से मुझे रास्ता बता दो वरना मैं तुझे गोली मार दूंगा.”
सरदार एक तो नशे में था और दूसरा रोहन की मार की वजह से होश खो बैठा था। सरदार ने लड़खड़ाते हुए कहा- “रास्ता...” और जंगल के चारों तरफ देखते हुए वहीं पर गिर गया और बेहोश हो गया।
बिंदिया सरदार के बेहोश होते ही सुबकते हुए रोने लगी। रोहन ने बिंदिया को अपनी बाहों में भरते हुए कहापगली तुम रो क्यों रही हो, जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है..”
रोहन सरदार को छोड़कर बिंदिया के साथ एक तरफ चलने लगा। तकरीबन एक घंटा सफर करने के बाद भी वो उस भयानक जंगल से बाहर नहीं निकल सके और थक कर वहीं पर बैठ गए।
रोहन ने सरदार से कहा- “कुत्ते तुमने मेरे प्यार की तौहीन की है, मैं तुझे अभी सबक सिखाता हूँ...” और बंदूक बिंदिया को देते हुए खुद सरदार को जोर का एक मुक्का मार दिया।
सरदार लड़खड़ाता हुया सामने वाली दीवार से जा लगा और उसके मुँह से दर्द के मारे ‘आअह्ह्ह' निकल गई। बाहर सूरज ने 'आह' सुनकर अपने दूसरे साथियों से कहा की सरदार की तो लाटरी लग गई, ऐसा चिकना माल तो उसने ख्वाब में भी नहीं देखा होगा।
रोहन ने सरदार को जी भरकर पीटने के बाद बंदूक उठाकर उसे बाहर ले जाने लगा। बाहर खड़े उसके साथियों ने जब रोहन को सरदार के सिर पर बंदूक को रखे हुए आते देखा तो वो रोहन की तरफ आने लगे।
मगर रोहन ने उन्हें खबरदार करते हुए कहा- “अगर तुममें से किसी ने हमारा पीछा किया तो मैं तुम्हारे सरदार का सिर उड़ा दूंगा...”
रोहन की धमकी से वो सभी खामोश होकर खड़े हो गये।
रोहन ने फिर से उन्हें कहा- “तुम मेरा पीछा करने की कोशिश मत करना, मैं तुम्हारे सरदार को जिंदा छोड़ दूंगा..."
सरदार ने अपने साथियों से कहा- “तुम हमारा पीछा मत करो, वरना यह मुझे गोली मार देगा..."
रोहन सरदार को घसीटता हुआ अपने साथ ले जाने लगा, तकरीबन 10 मिनट पैदल चलने के बाद भी रोहन रास्ता नहीं हूँढ़ पाया। उसने सरदार से कहा- “जल्दी से मुझे रास्ता बता दो वरना मैं तुझे गोली मार दूंगा.”
सरदार एक तो नशे में था और दूसरा रोहन की मार की वजह से होश खो बैठा था। सरदार ने लड़खड़ाते हुए कहा- “रास्ता...” और जंगल के चारों तरफ देखते हुए वहीं पर गिर गया और बेहोश हो गया।
बिंदिया सरदार के बेहोश होते ही सुबकते हुए रोने लगी। रोहन ने बिंदिया को अपनी बाहों में भरते हुए कहापगली तुम रो क्यों रही हो, जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ तुम्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है..”
रोहन सरदार को छोड़कर बिंदिया के साथ एक तरफ चलने लगा। तकरीबन एक घंटा सफर करने के बाद भी वो उस भयानक जंगल से बाहर नहीं निकल सके और थक कर वहीं पर बैठ गए।