25-01-2019, 10:36 AM
मोहित मेरी चीख की कोई परवाह ना करते हुए मेरी गाण्ड में बहुत जोर से अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगा। मोहित के हर धक्के के साथ मेरा पूरा शरीर काँप उठता।
मैंने मोहित से कहा- “मोहित जल्दी कर लो, मेरे घुटनों में दर्द हो रहा है...”
मोहित मेरी बात सुनकर मेरी गाण्ड में अपने लण्ड को बहुत जोर से आगे-पीछे करने लगा। मोहित इतनी तेजी के साथ मेरी गाण्ड मार रहा था की मेरी गाण्ड में दर्द होने लगा और मेरे मुँह से हल्की चीखें निकलने लगी। मोहित का लण्ड अचानक मेरी गाण्ड में फूलने लगा। मैं समझ गई की वो झड़ने वाला है, इसलिए मैं अपनी गाण्ड को उसके लण्ड पर सिकोड़ने लगी। मोहित काँपते हुए मेरी गाण्ड में बहुत जोर के धक्के लगाता हुआ “आह्ह्ह...' के साथ झड़ने लगा।
मोहित के लण्ड का वीर्य अपनी गाण्ड में पड़ते ही मेरी चूत ने भी अपने होंठ खोल दिए, और मैं ओह्ह करते हुए अपनी आँखें बंद करके झड़ने का आनंद लेने लगी। मोहित और मैंने झड़ने के बाद उठकर शावर ओन किया और नहाकर फ्रेश हो गये। फ्रेश होने के बाद मोहित के कमरे से निकलकर मैं अपने कमरे में आ गई और बेड पर लेटते ही थकान की वजह से मुझे जल्दी नींद आ गई।
* * * * *
* * * * *
सुबह को उठते ही फ्रेश होकर मैं और बिंदिया कालेज चले गये। कालेज में आकर मैं अपनी क्लास में चली गई। आज कृष्णा नहीं आया था। कृष्णा के ना होने के कारण मैं आराम से क्लास में बैठकर पीरियड अटेंड करने लगी। बिंदिया अपने क्लास में जाते ही रोहन के साथ बैठ गई, अभी क्लास शुरू नहीं हुई थी।
रोहन ने बिंदिया से कहा- “दो क्लासेस के बाद खाली पीरियड है, तुम मेरे साथ चलो हम थोड़ा घूमकर आएंगे...”
रोहन और बिंदिया दो क्लासेस अटेंड करने के बाद क्लास से बाहर निकल आए। बाहर आते ही बिंदिया ने रोहन से पूछा- “कहाँ जाना है?”
रोहन अपनी बाइक निकालते हुए बोला- “तुम चुप होकर बाइक पर बैठ जाओ...”
रोहन की बात सुनकर बिंदिया चुप होकर बाइक पर बैठ गई। कालेज से निकलते ही बिंदिया रोहन से चिपक कर बैठ गई और अपनी बड़ी-बड़ी चूचियां रोहन की पीठ पर दबाने लगी।
आअहह्ह...” बिंदिया की नरम और बड़ी चूचियां अपनी पीठ पर महसूस होते ही रोहन के मुँह से निकला। रोहन ने बाइक को एक सुनसान सड़क की तरफ मोड़ दिया।
बिंदिया ने रोहन से पूछा- “शहर का रास्ता तो उधर से था...”
रोहन ने कहा- “यहाँ से थोड़ा शार्टकट है तुम घबराती क्यों हो मैं तुम्हारे साथ हैं.”
मैंने मोहित से कहा- “मोहित जल्दी कर लो, मेरे घुटनों में दर्द हो रहा है...”
मोहित मेरी बात सुनकर मेरी गाण्ड में अपने लण्ड को बहुत जोर से आगे-पीछे करने लगा। मोहित इतनी तेजी के साथ मेरी गाण्ड मार रहा था की मेरी गाण्ड में दर्द होने लगा और मेरे मुँह से हल्की चीखें निकलने लगी। मोहित का लण्ड अचानक मेरी गाण्ड में फूलने लगा। मैं समझ गई की वो झड़ने वाला है, इसलिए मैं अपनी गाण्ड को उसके लण्ड पर सिकोड़ने लगी। मोहित काँपते हुए मेरी गाण्ड में बहुत जोर के धक्के लगाता हुआ “आह्ह्ह...' के साथ झड़ने लगा।
मोहित के लण्ड का वीर्य अपनी गाण्ड में पड़ते ही मेरी चूत ने भी अपने होंठ खोल दिए, और मैं ओह्ह करते हुए अपनी आँखें बंद करके झड़ने का आनंद लेने लगी। मोहित और मैंने झड़ने के बाद उठकर शावर ओन किया और नहाकर फ्रेश हो गये। फ्रेश होने के बाद मोहित के कमरे से निकलकर मैं अपने कमरे में आ गई और बेड पर लेटते ही थकान की वजह से मुझे जल्दी नींद आ गई।
* * * * *
* * * * *
सुबह को उठते ही फ्रेश होकर मैं और बिंदिया कालेज चले गये। कालेज में आकर मैं अपनी क्लास में चली गई। आज कृष्णा नहीं आया था। कृष्णा के ना होने के कारण मैं आराम से क्लास में बैठकर पीरियड अटेंड करने लगी। बिंदिया अपने क्लास में जाते ही रोहन के साथ बैठ गई, अभी क्लास शुरू नहीं हुई थी।
रोहन ने बिंदिया से कहा- “दो क्लासेस के बाद खाली पीरियड है, तुम मेरे साथ चलो हम थोड़ा घूमकर आएंगे...”
रोहन और बिंदिया दो क्लासेस अटेंड करने के बाद क्लास से बाहर निकल आए। बाहर आते ही बिंदिया ने रोहन से पूछा- “कहाँ जाना है?”
रोहन अपनी बाइक निकालते हुए बोला- “तुम चुप होकर बाइक पर बैठ जाओ...”
रोहन की बात सुनकर बिंदिया चुप होकर बाइक पर बैठ गई। कालेज से निकलते ही बिंदिया रोहन से चिपक कर बैठ गई और अपनी बड़ी-बड़ी चूचियां रोहन की पीठ पर दबाने लगी।
आअहह्ह...” बिंदिया की नरम और बड़ी चूचियां अपनी पीठ पर महसूस होते ही रोहन के मुँह से निकला। रोहन ने बाइक को एक सुनसान सड़क की तरफ मोड़ दिया।
बिंदिया ने रोहन से पूछा- “शहर का रास्ता तो उधर से था...”
रोहन ने कहा- “यहाँ से थोड़ा शार्टकट है तुम घबराती क्यों हो मैं तुम्हारे साथ हैं.”