25-01-2019, 10:33 AM
मोहित कुछ देर तक मेरे होंठों का रस चूसने के बाद मेरे होंठों से अपना मुँह हटाते हुए बोला- “करुणा तुम्हारे होंठ तो शहद से ज्यादे मीठे हैं..."
मैंने मोहित को उकसाते हुए कहा- “मेरे होंठों का रस तो पी लिया, अब मेरे कमसिन चूचियों का रस भी चखकर देखो..” और मैंने उसको बालों से पकड़ते हुए उसका मुँह अपनी चूचियों पर रख दिया। मोहित मेरी चूचियों के गुलाबी निपल पर टूट पड़ा और बहुत जोर के साथ उन्हें चूसने लगा।
मैंने सिसकते हुए मोहित से कहा- “आअह्ह्ह... मेरी चूचियों में से दूध थोड़ी निकलेगा, जो इतनी जोर से चूस रहे हो, आराम से चूसो दर्द हो रहा है..."
मोहित मेरी बात सुनकर मेरी चूचियों को और जोर से चूसते हुए उन्हें काटने लगा।
मैं- “ऊओहह... मोहित ओईई माँ... तुम तो मेरी छोटी-छोटी चूचियों को काट कर खा ही जाओगे क्या?” मैं मोहित के काटने के कारण चीखते हुए बोली।
मोहित मेरी चीखों की वजह से और ज्यादा उत्तेजित हो रहा था। मोहित ने मेरी चूचियों को पूरी तसल्ली से चाटने के बाद उन्हें छोड़ दिया और नीचे मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगा। मोहित के जोर से चूसने और काटने के कारण मेरी चूचियां लाल हो गई थीं और उनपर जगह-जहग लाल निशान पड़ चुके थे।
मैंने सिसकते हुए मोहित से कहा- “तुमने तो मेरी चूचियों को चूसकर लाल कर दिया है...”
मोहित मेरी टाँगों के बीच आते हुए अपना मुँह मेरी चूत पर रखकर उसे सँघने लगा।
मैंने उससे कहा- “तुम्हें मेरी कुँवारी चूत की गंध कैसी लग रही है?”
मोहित ने अपनी जीभ को निकालकर मेरी चूत के होंठों पर रख दी और उससे मेरी चूत को चाटने लगा। मोहित मेरी चूत को चाटते हुए बोला- “करुणा मैंने आज तक किसी कुँवारी चूत का स्वाद नहीं चखा। सच में तुम्हरी कुँवारी चूत की गंध और स्वाद मुझे पागल बना रही है..”
मैंने मोहित को उकसाते हुए कहा- “मेरे होंठों का रस तो पी लिया, अब मेरे कमसिन चूचियों का रस भी चखकर देखो..” और मैंने उसको बालों से पकड़ते हुए उसका मुँह अपनी चूचियों पर रख दिया। मोहित मेरी चूचियों के गुलाबी निपल पर टूट पड़ा और बहुत जोर के साथ उन्हें चूसने लगा।
मैंने सिसकते हुए मोहित से कहा- “आअह्ह्ह... मेरी चूचियों में से दूध थोड़ी निकलेगा, जो इतनी जोर से चूस रहे हो, आराम से चूसो दर्द हो रहा है..."
मोहित मेरी बात सुनकर मेरी चूचियों को और जोर से चूसते हुए उन्हें काटने लगा।
मैं- “ऊओहह... मोहित ओईई माँ... तुम तो मेरी छोटी-छोटी चूचियों को काट कर खा ही जाओगे क्या?” मैं मोहित के काटने के कारण चीखते हुए बोली।
मोहित मेरी चीखों की वजह से और ज्यादा उत्तेजित हो रहा था। मोहित ने मेरी चूचियों को पूरी तसल्ली से चाटने के बाद उन्हें छोड़ दिया और नीचे मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगा। मोहित के जोर से चूसने और काटने के कारण मेरी चूचियां लाल हो गई थीं और उनपर जगह-जहग लाल निशान पड़ चुके थे।
मैंने सिसकते हुए मोहित से कहा- “तुमने तो मेरी चूचियों को चूसकर लाल कर दिया है...”
मोहित मेरी टाँगों के बीच आते हुए अपना मुँह मेरी चूत पर रखकर उसे सँघने लगा।
मैंने उससे कहा- “तुम्हें मेरी कुँवारी चूत की गंध कैसी लग रही है?”
मोहित ने अपनी जीभ को निकालकर मेरी चूत के होंठों पर रख दी और उससे मेरी चूत को चाटने लगा। मोहित मेरी चूत को चाटते हुए बोला- “करुणा मैंने आज तक किसी कुँवारी चूत का स्वाद नहीं चखा। सच में तुम्हरी कुँवारी चूत की गंध और स्वाद मुझे पागल बना रही है..”