25-01-2019, 10:31 AM
करुणा का नरम हाथ अपने लण्ड पर पड़ते ही मोहित के मुँह से आह्ह्ह' निकल गई। मगर करुणा के उठने के खौफ से उसने उसे अपने मुँह को बंद रखा। मोहित को अपने लण्ड पर कोई फोम के टुकड़े जैसा नरम स्पर्श हो रहा था, और उसका लण्ड बेकाबू होकर झटके मार रहा था। मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाकर करुणा की कमीज को ऊपर खींचते हुए उसे ब्रा तक नंगा कर दिया। करुणा ने मेरे कहने पर ढीले कपड़े पहने थे जिस वजह से उसकी कमीज ऊपर करने में मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई।
मोहित करुणा का गोरा नंगा पेट और उसकी ब्रा में कैद छोटी-छोटी चूचियां देखकर सिहर उठा। मैंने करुणा की ब्रा को भी खींचकर नीचे कर दिया। अब करुणा की छोटी-छोटी गोरी चूचियां और उनके ऊपर गुलाबी दाने मोहित की आँखों के सामने थे।
मोहित करुणा की छोटी-छोटी चूचियां बड़े गौर से देख रहा था। मैंने मोहित का हाथ पकड़कर करुणा की एक चूची पर रख दिया। अपना हाथ करुणा की चूची पर पड़ते ही मोहित का लण्ड बड़े जोर के झटके खाता हुआ करुणा के हाथ से निकल गया और उसके छेद में से वीर्य की कुछ बूंदें निकलने लगी। मोहित करुणा की चूचियों को अपने हाथों से सहलाने लगा।
मैं करुणा की सलवार का नाड़ा खोलने लगी। सलवार का नाड़ा खुलते ही मैंने करुणा की गाण्ड को थोड़ा ऊपर करते हुए ऊसकी सलवार को उतार दिया। करुणा ने सलवार के नीचे कुछ भी नहीं पहना था। मोहित करुणा की हल्के भूरे बालों वाली छोटी सी गुलाबी चूत देखकर पूरा सिहर उठा और वो करुणा की चूचियों को छोड़कर उसकी टाँगों के नीचे बैठ गया।
मोहित करुणा की चूत को बड़े गौर से देख रहा था। मैंने करुणा की टाँगों को पकड़कर चौड़ा कर दिया और मोहित का हाथ पकड़कर उसकी चूत पर रख दिया। मोहित अपना हाथ करुणा की चूत पर रखते ही पूरा काँप उठा। उसका हाथ करुणा की भूरे बालों वाली छोटी सी गुलाबी चूत पर अपने आप फिसलने लगा और करुणा की चूत में से हल्का-हल्का सफेद पानी निकलने लगा।
मैं बेड से उतरकर मोहित के पास जाकर बैठ गई और अपनी जीभ निकालकर उसके झटके खाते हुए लण्ड को अपने हाथ में पकड़कर निकलते हुए वीर्य की बूंदों को चाटने लगी। मोहित मेरी जीभ अपने लण्ड पर महसूस करते ही काँप उठा और मेरे बालों को पकड़कर अपने लण्ड पर दबाने लगा। मैंने अपना मुँह खोलकर उसके लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और अपने होंठों से उसे चाटने लगी। मोहित का लण्ड आज करुणा की वजह से बहुत मोटा और लंबा हो गया था। वो आधा ही मेरे मुँह में आ रहा था और मेरे पूरे मुँह को भरा हुआ था।
मैंने मोहित को इशारे से कहा- “अपनी जीभ निकालकर करुणा की चूत का स्वाद चखो...”
मोहित मेरी बात सुनकर काँपते हुए अपना मुँह करुणा की चूत के पास ले गया और उसकी चूत की खुश्बू अपनी नाक में पड़ते ही उसकी आँखें बंद हो गई। मोहित अपनी नाक से बहुत जोर की साँसें खींचकर करुणा की चूत की गंध सँघ रहा था। मैं करुणा के चहरे की तरफ देखने लगी। करुणा अपनी आँखें खोले हुए मुझे मोहित का लण्ड चाटते हुए देख रही थी। करुणा को अपनी तरफ देखते हुए देखकर मैं मोहित के लण्ड को बहुत जोर से चूसने लगी। करुणा ने मुझे देखते हुए इशारे से कहा की मुझे बहुत मजा आ रहा है।
मोहित करुणा का गोरा नंगा पेट और उसकी ब्रा में कैद छोटी-छोटी चूचियां देखकर सिहर उठा। मैंने करुणा की ब्रा को भी खींचकर नीचे कर दिया। अब करुणा की छोटी-छोटी गोरी चूचियां और उनके ऊपर गुलाबी दाने मोहित की आँखों के सामने थे।
मोहित करुणा की छोटी-छोटी चूचियां बड़े गौर से देख रहा था। मैंने मोहित का हाथ पकड़कर करुणा की एक चूची पर रख दिया। अपना हाथ करुणा की चूची पर पड़ते ही मोहित का लण्ड बड़े जोर के झटके खाता हुआ करुणा के हाथ से निकल गया और उसके छेद में से वीर्य की कुछ बूंदें निकलने लगी। मोहित करुणा की चूचियों को अपने हाथों से सहलाने लगा।
मैं करुणा की सलवार का नाड़ा खोलने लगी। सलवार का नाड़ा खुलते ही मैंने करुणा की गाण्ड को थोड़ा ऊपर करते हुए ऊसकी सलवार को उतार दिया। करुणा ने सलवार के नीचे कुछ भी नहीं पहना था। मोहित करुणा की हल्के भूरे बालों वाली छोटी सी गुलाबी चूत देखकर पूरा सिहर उठा और वो करुणा की चूचियों को छोड़कर उसकी टाँगों के नीचे बैठ गया।
मोहित करुणा की चूत को बड़े गौर से देख रहा था। मैंने करुणा की टाँगों को पकड़कर चौड़ा कर दिया और मोहित का हाथ पकड़कर उसकी चूत पर रख दिया। मोहित अपना हाथ करुणा की चूत पर रखते ही पूरा काँप उठा। उसका हाथ करुणा की भूरे बालों वाली छोटी सी गुलाबी चूत पर अपने आप फिसलने लगा और करुणा की चूत में से हल्का-हल्का सफेद पानी निकलने लगा।
मैं बेड से उतरकर मोहित के पास जाकर बैठ गई और अपनी जीभ निकालकर उसके झटके खाते हुए लण्ड को अपने हाथ में पकड़कर निकलते हुए वीर्य की बूंदों को चाटने लगी। मोहित मेरी जीभ अपने लण्ड पर महसूस करते ही काँप उठा और मेरे बालों को पकड़कर अपने लण्ड पर दबाने लगा। मैंने अपना मुँह खोलकर उसके लण्ड को अपने मुँह में भर लिया और अपने होंठों से उसे चाटने लगी। मोहित का लण्ड आज करुणा की वजह से बहुत मोटा और लंबा हो गया था। वो आधा ही मेरे मुँह में आ रहा था और मेरे पूरे मुँह को भरा हुआ था।
मैंने मोहित को इशारे से कहा- “अपनी जीभ निकालकर करुणा की चूत का स्वाद चखो...”
मोहित मेरी बात सुनकर काँपते हुए अपना मुँह करुणा की चूत के पास ले गया और उसकी चूत की खुश्बू अपनी नाक में पड़ते ही उसकी आँखें बंद हो गई। मोहित अपनी नाक से बहुत जोर की साँसें खींचकर करुणा की चूत की गंध सँघ रहा था। मैं करुणा के चहरे की तरफ देखने लगी। करुणा अपनी आँखें खोले हुए मुझे मोहित का लण्ड चाटते हुए देख रही थी। करुणा को अपनी तरफ देखते हुए देखकर मैं मोहित के लण्ड को बहुत जोर से चूसने लगी। करुणा ने मुझे देखते हुए इशारे से कहा की मुझे बहुत मजा आ रहा है।