25-01-2019, 10:26 AM
सोनू के वीर्य का स्वाद फीका और अजीब था, मगर मुझे उस वक़्त उसका वीर्य प्रसाद से ज्यादा मीठा लग रहा था। मैंने अपनी जीभ से उसके पूरे लण्ड का वीर्य चाटकर साफ कर दिया। सोनू का लण्ड मेरी जीभ के स्पर्श से फिर से तनने लगा। मैं सोनू के लण्ड को चाटते हुए, नीचे जाते हुए उसके गोटियों पर अपनी जीभ फिराने लगी। सोनू मेरी जीभ को अपनी गोटियों पर महसूस करके सिहर उठा। मैं उसकी गोटियों पर जीभ फिराते हुए अपना मुँह खोलकर उन्हें अपने मुँह में भरकर चाटने लगी।
सोनू की गोटियां मेरे मुँह में आते ही उसके मुँह से सिसकियां निकलने लगी, और उसका लण्ड पूरा आकार करके झटके मारने लगा। मैं सोनू की गोटियों को जी भरकर चूसने के बाद ऊपर उठते हुए अपनी दोनों टाँगों को फैलाकर उसके पेट पर बैठ गई और अपनी चूचियों को उसके सीने से रगड़ते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह में डाल दी। सोनू मेरी जीभ को चाटते हुए अपने दोनों हाथ मेरे बालों में डाल दिया और मेरी जीभ को जितना हो सकता था खींचकर अपने मुँह में लेकर चाटने लगा। सोनू मेरी जीभ को जी भरकर चाटने के बाद । अपने हाथ मेरी चूचियों पर ले गया और उन्हें बहुत जोर से दबाने लगा। सोनू ने मेरी चूचियों को इतनी जोर से दबाया था के मेर मुँह से ‘ओह...' निकल गया।
सोनू मेरी जीभ को अपने मुंह से निकालते हुए मुझे ऊपर खींचते हुए मेरी चूचियों को अपने मुँह में लेने लगा। मैंने सोनू के हाथों को अपने हाथों से पकड़ते हुए उसके सिर के ऊपर रख दिए और अपनी चूचियों को उसके मुँह के पास ले जाने लगी। सोनू मेरी चूचियों को अपने मुँह के पास आते ही अपना मुँह खोलकर उनपर झपटा, मगर मैंने अपनी चूचियों को वापस ऊपर कर लिया।
सोनू मेरी तरफ देखते हुए कहने लगा- “मेमसाहब इस गरीब को क्यों इतना तड़पा रही हो?”
मैंने उसकी बात सुनकर अपनी चूचियों को उसके मुँह के ऊपर रख दिया। सोनू ने खुश होते हुए मेरी बांयीं वाली चूची को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। मैंने कुछ देर अपनी बांयीं वाली चूची को उसके मुँह में चुसवाने के बाद, अपनी उस चूची को उसके मुँह से निकालकर अपने दायीं वाली चूची को उसके मुँह में डाल दिया। मैंने अपनी चूचियों को जी भरकर चुसवाने के बाद अपने चूतड़ों को थोड़ा उठा लिया और सोनू के लण्ड को पकड़कर अपनी चूत के गुलाबी छेद पर रख दिया। सोनू ने अपना लण्ड मेरी चूत के छेद पर आते ही नीचे से एक धक्का मार दिया।
मगर मैंने अपनी चूत को थोड़ा ऊपर कर लिया। मैं सोनू को थोड़ा तड़पाना चाहती थी। सोनू मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगा। मैंने अपनी चूत को थोड़ा सा दबाव दिया, और उसके लण्ड का टोपा मेरी गीली चूत में फिसलता हुआ अंदर दाखिल हो गया। सोनू और मेरे मुँह से एक साथ ‘आअह्ह... निकल गई। सोनू फिर से। नीचे से धक्का मारने की कोशिश करने लगा मगर मैंने अपने हाथों से उसके लण्ड को पकड़ लिया और अपनी चूत को उसके लण्ड के टोपे पर गोल-गोल फिराने लगी।
सोनू- “आहहह... मेमसाहब क्यों तड़पा रही हो, मेरे लण्ड को अपनी मक्खन जैसी चूत में अंदर लो ना...”
मैंने अपने हाथों को उसके लण्ड से अलग किया और एक ही झटके में उसके लण्ड पर पूरे वजन के साथ बैठ गई। सोनू का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसते ही मेरे मुँह से “ओह्ह...” निकल पड़ा। सोनू भी सिसकते हुए नीचे से मेरी चूत में धक्के मारने लगा। मेरे पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन दौड़ रही थी।
सोनू ने मुझे कमर से पकड़ते हुए नीचे झुका लिया और मेरे गुलाबी होंठों का रस चूसते हुए नीचे से तूफान की रफ़्तार के साथ धक्के लगाने लगा। सोनू के धक्कों की रफ्तार इतनी तेज थी की मेरी चूत के होंठ उसके लण्ड के साथ अंदर-बाहर हो रहे थे, और मेरी पूरी चूत में उसका लण्ड इतनी तेज रगड़ खा रहा था की मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। सोनू ने मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। जिसे मैं बड़े प्यार से चूसने लगी।
अचानक मेरे पूरे शरीर में अकड़न होने लगी, और मैं सोनू के होंठों से अपना मुँह हटाते हुए उसके लण्ड पर बहुत जोर से ऊपर-नीचे होने लगी। मेरा सारा शरीर पशीने में डूब गया और मेरी चूत सोनू के लण्ड पर सिकुड़ने लगी। सोनू मेरी चूत को अपने लण्ड पर सिकुड़ता हुआ देखकर समझ गया की मैं झड़ने वाली हूँ इसीलिए वो नीचे से बहुत जोर के धक्के लगाने लगा।
आअहह्ह...” करते हुए मेरा पूरा शरीर झटके खाने लगा और मैं अपनी आँखें बंद करके अपनी जिंदगी का सबसे हसीन झड़ने का मजा लेने लगी।
सोनू की गोटियां मेरे मुँह में आते ही उसके मुँह से सिसकियां निकलने लगी, और उसका लण्ड पूरा आकार करके झटके मारने लगा। मैं सोनू की गोटियों को जी भरकर चूसने के बाद ऊपर उठते हुए अपनी दोनों टाँगों को फैलाकर उसके पेट पर बैठ गई और अपनी चूचियों को उसके सीने से रगड़ते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके मुँह में डाल दी। सोनू मेरी जीभ को चाटते हुए अपने दोनों हाथ मेरे बालों में डाल दिया और मेरी जीभ को जितना हो सकता था खींचकर अपने मुँह में लेकर चाटने लगा। सोनू मेरी जीभ को जी भरकर चाटने के बाद । अपने हाथ मेरी चूचियों पर ले गया और उन्हें बहुत जोर से दबाने लगा। सोनू ने मेरी चूचियों को इतनी जोर से दबाया था के मेर मुँह से ‘ओह...' निकल गया।
सोनू मेरी जीभ को अपने मुंह से निकालते हुए मुझे ऊपर खींचते हुए मेरी चूचियों को अपने मुँह में लेने लगा। मैंने सोनू के हाथों को अपने हाथों से पकड़ते हुए उसके सिर के ऊपर रख दिए और अपनी चूचियों को उसके मुँह के पास ले जाने लगी। सोनू मेरी चूचियों को अपने मुँह के पास आते ही अपना मुँह खोलकर उनपर झपटा, मगर मैंने अपनी चूचियों को वापस ऊपर कर लिया।
सोनू मेरी तरफ देखते हुए कहने लगा- “मेमसाहब इस गरीब को क्यों इतना तड़पा रही हो?”
मैंने उसकी बात सुनकर अपनी चूचियों को उसके मुँह के ऊपर रख दिया। सोनू ने खुश होते हुए मेरी बांयीं वाली चूची को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। मैंने कुछ देर अपनी बांयीं वाली चूची को उसके मुँह में चुसवाने के बाद, अपनी उस चूची को उसके मुँह से निकालकर अपने दायीं वाली चूची को उसके मुँह में डाल दिया। मैंने अपनी चूचियों को जी भरकर चुसवाने के बाद अपने चूतड़ों को थोड़ा उठा लिया और सोनू के लण्ड को पकड़कर अपनी चूत के गुलाबी छेद पर रख दिया। सोनू ने अपना लण्ड मेरी चूत के छेद पर आते ही नीचे से एक धक्का मार दिया।
मगर मैंने अपनी चूत को थोड़ा ऊपर कर लिया। मैं सोनू को थोड़ा तड़पाना चाहती थी। सोनू मेरी तरफ सवालिया नजरों से देखने लगा। मैंने अपनी चूत को थोड़ा सा दबाव दिया, और उसके लण्ड का टोपा मेरी गीली चूत में फिसलता हुआ अंदर दाखिल हो गया। सोनू और मेरे मुँह से एक साथ ‘आअह्ह... निकल गई। सोनू फिर से। नीचे से धक्का मारने की कोशिश करने लगा मगर मैंने अपने हाथों से उसके लण्ड को पकड़ लिया और अपनी चूत को उसके लण्ड के टोपे पर गोल-गोल फिराने लगी।
सोनू- “आहहह... मेमसाहब क्यों तड़पा रही हो, मेरे लण्ड को अपनी मक्खन जैसी चूत में अंदर लो ना...”
मैंने अपने हाथों को उसके लण्ड से अलग किया और एक ही झटके में उसके लण्ड पर पूरे वजन के साथ बैठ गई। सोनू का पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसते ही मेरे मुँह से “ओह्ह...” निकल पड़ा। सोनू भी सिसकते हुए नीचे से मेरी चूत में धक्के मारने लगा। मेरे पूरे शरीर में अजीब किस्म की सिहरन दौड़ रही थी।
सोनू ने मुझे कमर से पकड़ते हुए नीचे झुका लिया और मेरे गुलाबी होंठों का रस चूसते हुए नीचे से तूफान की रफ़्तार के साथ धक्के लगाने लगा। सोनू के धक्कों की रफ्तार इतनी तेज थी की मेरी चूत के होंठ उसके लण्ड के साथ अंदर-बाहर हो रहे थे, और मेरी पूरी चूत में उसका लण्ड इतनी तेज रगड़ खा रहा था की मैं मजे से हवा में उड़ने लगी। सोनू ने मेरे होंठों को चूसते हुए अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी। जिसे मैं बड़े प्यार से चूसने लगी।
अचानक मेरे पूरे शरीर में अकड़न होने लगी, और मैं सोनू के होंठों से अपना मुँह हटाते हुए उसके लण्ड पर बहुत जोर से ऊपर-नीचे होने लगी। मेरा सारा शरीर पशीने में डूब गया और मेरी चूत सोनू के लण्ड पर सिकुड़ने लगी। सोनू मेरी चूत को अपने लण्ड पर सिकुड़ता हुआ देखकर समझ गया की मैं झड़ने वाली हूँ इसीलिए वो नीचे से बहुत जोर के धक्के लगाने लगा।
आअहह्ह...” करते हुए मेरा पूरा शरीर झटके खाने लगा और मैं अपनी आँखें बंद करके अपनी जिंदगी का सबसे हसीन झड़ने का मजा लेने लगी।