25-01-2019, 10:23 AM
सोनू की जीभ अपनी गरम चूत पर पड़ते ही मेरे मुँह से आहें निकल गई- “आअह्ह्ह...”
सोनू अब अपने काले लण्ड को पकड़कर मेरी गुलाबी चूत पर घिसने लगा। सोनू का लण्ड अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे पूरे शरीर में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी, और मैं अपने चूतड़ों को सोनू के लण्ड पर उछालने । लगी। सोनू मुझे अपने चूतड़ों को उछालता हुआ देखकर बड़ी बेशर्मी के साथ अपने लण्ड को जोर से मेरे चूत के सुराख पर घिसते हुए कहा- “मेमसाहब अगर मेरा लण्ड अपनी चूत में लेना है तो बोलो कि सोनू अपना लण्ड मेरी चूत में डालो..."
मैं इतनी ज्यादा गरम हो चुकी थी की सोनू का लण्ड अपनी चूत में लेने के लिए कुछ भी कर सकती थी। मैं सिसकते हुए बोली “उईई... सोनू डाल दो ना क्यों तड़पा रहे हो?”
सोनू मेरे मुँह से ऐसी बात सुनकर खुश होते हुए बोला- “क्या डालू मेमसाहब बताओ ना?”
मैं आहें भरते हुई बोली- “तुम बड़े बेशर्म हो अपना वो डाल दो...”
सोनू ने अपने लण्ड को और जोर से मेरी चूत के छेद से लेकर उसके दाने तक रगड़ते हुए कहा- “मेमसाहब मैं समझा नहीं, नाम बताओ ना वो क्या डालना है?”
मेरी बर्दाश्त जवाब देने लगी और मैंने सिसकते हुए कहा- “सोनू अपना वो मोटा लण्ड मेरी चूत में डालो, मुझसे अब सहन नहीं होता...”
सोनू मेरे मुँह से लण्ड का नाम सुनकर और ज्यादा उत्तेजित होते हुए अपने हाथों से मेरी चूत के दोनों होंठों को खोलते हुए अपना लण्ड चूत के छेद पर टिका दिया और मेरी टाँगों को जोर से पकड़ते हुए एक जोर का धक्का मार दिया। सोनू का लण्ड मेरी चूत को चीरते हुए उसमें आधा घुस गया।
“ओईए... आह्ह्ह...” उसका लण्ड मेरी चूत में घुसते ही मेरे मुँह से एक चीख निकल गई।
सोनू ने मेरी चीख की परवाह ना करते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत से बाहर खींचते हुए बहुत जोर के तीन-चार धक्के लगा दिये। उसका लण्ड मेरी चूत को चीरता फाड़ता हुआ जड़ तक घुस गया।
मैं चिल्लाई- “ओईई माँ आह्ह्ह... मर गई... मेरे चूत फट गई..” सोनू का लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुसते ही मेरे मुँह से चीखें निकलने लगी और मेरा पूरा शरीर काँपने लगा।
सोनू मेरी टाँगों को जोर से पकड़ते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा। सोनू के धक्कों से अब मेरी चूत का दर्द कम होते हुए मीठे मजे में बदलने लगा।
सोनू का लण्ड मेरी चूत को पूरी तरह भरे हुए था और उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में रगड़ खाता हुआ मेरे पेट तक ठोकरें मार रहा था। मेरे मुँह से अब चीखों के बदले सिसकियां और आहें निकल रही थी। सोनू अपने लण्ड को टोपे तक खींचते हुए फिर से मेरी चूत की जड़ तक घुसा देता। उसके हर धक्के के साथ मेरा पूरा शरीर कांप उठता।
सोनू मेरी चूत में जोर के धक्के लगाते हुए बड़बड़ाने लगा- “मेमसाहब आपकी चूत बहुत गरम और टाइट है, मैंने आज तक ऐसी टाइट चूत नहीं चोदी..."
सोनू की बातें सुनकर मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा, और मेरा पूरा शरीर झटके खाता हुआ सोनू के लण्ड पर झड़ने लगा और मेरी चूत उसके लण्ड पर सिकुड़ने लगी। मेरे मुँह से झड़ते हुए “आह्ह्ह...” की जोर की सिसकियां निकलने लगी।
सोनू अब अपने काले लण्ड को पकड़कर मेरी गुलाबी चूत पर घिसने लगा। सोनू का लण्ड अपनी चूत पर महसूस करते ही मेरे पूरे शरीर में उत्तेजना की लहर दौड़ने लगी, और मैं अपने चूतड़ों को सोनू के लण्ड पर उछालने । लगी। सोनू मुझे अपने चूतड़ों को उछालता हुआ देखकर बड़ी बेशर्मी के साथ अपने लण्ड को जोर से मेरे चूत के सुराख पर घिसते हुए कहा- “मेमसाहब अगर मेरा लण्ड अपनी चूत में लेना है तो बोलो कि सोनू अपना लण्ड मेरी चूत में डालो..."
मैं इतनी ज्यादा गरम हो चुकी थी की सोनू का लण्ड अपनी चूत में लेने के लिए कुछ भी कर सकती थी। मैं सिसकते हुए बोली “उईई... सोनू डाल दो ना क्यों तड़पा रहे हो?”
सोनू मेरे मुँह से ऐसी बात सुनकर खुश होते हुए बोला- “क्या डालू मेमसाहब बताओ ना?”
मैं आहें भरते हुई बोली- “तुम बड़े बेशर्म हो अपना वो डाल दो...”
सोनू ने अपने लण्ड को और जोर से मेरी चूत के छेद से लेकर उसके दाने तक रगड़ते हुए कहा- “मेमसाहब मैं समझा नहीं, नाम बताओ ना वो क्या डालना है?”
मेरी बर्दाश्त जवाब देने लगी और मैंने सिसकते हुए कहा- “सोनू अपना वो मोटा लण्ड मेरी चूत में डालो, मुझसे अब सहन नहीं होता...”
सोनू मेरे मुँह से लण्ड का नाम सुनकर और ज्यादा उत्तेजित होते हुए अपने हाथों से मेरी चूत के दोनों होंठों को खोलते हुए अपना लण्ड चूत के छेद पर टिका दिया और मेरी टाँगों को जोर से पकड़ते हुए एक जोर का धक्का मार दिया। सोनू का लण्ड मेरी चूत को चीरते हुए उसमें आधा घुस गया।
“ओईए... आह्ह्ह...” उसका लण्ड मेरी चूत में घुसते ही मेरे मुँह से एक चीख निकल गई।
सोनू ने मेरी चीख की परवाह ना करते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत से बाहर खींचते हुए बहुत जोर के तीन-चार धक्के लगा दिये। उसका लण्ड मेरी चूत को चीरता फाड़ता हुआ जड़ तक घुस गया।
मैं चिल्लाई- “ओईई माँ आह्ह्ह... मर गई... मेरे चूत फट गई..” सोनू का लण्ड मेरी चूत में जड़ तक घुसते ही मेरे मुँह से चीखें निकलने लगी और मेरा पूरा शरीर काँपने लगा।
सोनू मेरी टाँगों को जोर से पकड़ते हुए अपने लण्ड को मेरी चूत में अंदर-बाहर करने लगा। सोनू के धक्कों से अब मेरी चूत का दर्द कम होते हुए मीठे मजे में बदलने लगा।
सोनू का लण्ड मेरी चूत को पूरी तरह भरे हुए था और उसका लण्ड मेरी चूत की गहराइयों में रगड़ खाता हुआ मेरे पेट तक ठोकरें मार रहा था। मेरे मुँह से अब चीखों के बदले सिसकियां और आहें निकल रही थी। सोनू अपने लण्ड को टोपे तक खींचते हुए फिर से मेरी चूत की जड़ तक घुसा देता। उसके हर धक्के के साथ मेरा पूरा शरीर कांप उठता।
सोनू मेरी चूत में जोर के धक्के लगाते हुए बड़बड़ाने लगा- “मेमसाहब आपकी चूत बहुत गरम और टाइट है, मैंने आज तक ऐसी टाइट चूत नहीं चोदी..."
सोनू की बातें सुनकर मेरा पूरा शरीर अकड़ने लगा, और मेरा पूरा शरीर झटके खाता हुआ सोनू के लण्ड पर झड़ने लगा और मेरी चूत उसके लण्ड पर सिकुड़ने लगी। मेरे मुँह से झड़ते हुए “आह्ह्ह...” की जोर की सिसकियां निकलने लगी।