08-12-2019, 10:30 AM
अंकल ने चाय पकड़ते ही उसका दूदू दबा दिया,,, रश्मि घबरा कर अलग हट गई फिर उसने मेरी तरफ देखा में दूसरी तरफ को देख रहा था, ( पर निगाहेँ उनकी ही तरफ थीं ),, रश्मि उनसे बोली स्स्स्स क्या करते हो
कहीं भी दाबने लग जाते हो... कल पूरे रास्ते दबाते हुए लाये अब घर पर भी..कम से कम इधर उधर तो देख लिया करो,,,, फिर अंकल बोले तुझे देखकर कण्ट्रोल ही नहीं होता.. फिर वो चाय पीकर बोले आज भी चाय मीठी नहीं है,, रश्मि ने अपनी आंखे बड़ी बड़ी कर ली फिर मुझसे बोली भाई अपने अंकल के लिए थोड़ी चीनी लाकर दे दो..
मे जैसे ही हटा रश्मि की आवाज आयी,,,,,,, अरे छोड़ो ना,,,, भाई आ जायेगा,,, फिर,,,,पुच.पुच की आवाजे आने लगी.. मे ज़ब चीनी लेकर आया तो रश्मि कह रही थी,, छोड़ो भी... शाम तक का सब्र कर लो.. में चीनी लेकर पैर पटकते हुए आया ताकि वो अलग हो जाएँ.. मेरे पहुंचते ही रश्मि अलग हुई और अपने होंठ पोंछने लगी.. मैंने चीनी अंकल की ओर बढ़ाई तो वो बोले रहने दो बेटा रश्मि ने शक़्कर दे दी... रश्मि ने मुँह फाड़ा और उनकी तरफ आंखे बड़ी करके देखने लगी..
फिर रश्मि अंदर चली गई...
थोड़ी देर बाद मम्मी और काजल बाहर आये.. मम्मी अंकल से बोली भाई साब हम दो तीन दिन घर नहीं आ पायेंगे.. आप बच्चों का ख्याल रखना...
अंकल बोले आप चिंता मत करिये.. में अच्छे से ख्याल रखूँगा..
फिर मम्मी चली गई...
थोड़ी देर बाद रश्मि स्कूल के लिए तैयार हो कर बाहर आने लगी
सफ़ेद शर्ट और सफ़ेद स्कर्ट... आज उसकी शर्ट बिलकुल कसी कसी लग रही थी.. ऐसा लग रहा था जैसे अभी कमीज को फाड़कर बाहर निकल जाएंगी.. में दुकान में अंदर घुस गया... अंकल मुझसे बोले बाहर ख्याल रखना मेरी अनारकली आने वाली है में जरा फ्रेश होकर आता हूँ.. फिर अंकल जल्दी से अंदर को लपके.. रश्मि बाहर गली तक
नहीं निकल पायी थी.. मुझे पैरों की खट पट सुनाई दे रही थी.. फिर स्टोर का गेट खुलने की आवाज आयी..
मैंनेदबे पाँव अंदर जाकर देखा..
हमारा बाथरूम खाली था.. फिर मैंने स्टोर को देखा स्टोर अंदर से बंद था.. अंदर से फुसफुसआने की आवाज आ रहीं थी..
मैंने अपने कान दरवाजे पर लगा दिए...
रश्मि कह रही थी.. छोड़ो ना बाहर भाई बैठा है.. अगर उसने देख लिया तो दिक्कत हो जाएगी... अंकल बोले उसे कुछ भी पता नहीं चलेगा..
मे उसे बता दूंगा कि तू स्कूल जा चुकी है... फिर अंकल उसे चूमने लगे..
बार बार पुच्च पुच्च की आवाज आती रहीं.. रश्मि बार बार छोड़ने के लिए कह रही थी....
फिर रश्मि बोली.. आप एक काम करो उसे कहीं बाहर भेज दो..
अंकल बोले तो फिर मेरे रूम पर चल वहाँ कोई नहीं आता ....
रश्मि बोली... हाँ जी वो तो कल ही देख लिया था... वैसे भी.. आपके कमरे पर स्कूल ड्रेस में नहीं जा सकती. कोई देख लेगा तो कहेगा ये देखो ये लड़की स्कूल बंक कर रही है..
आप बस भाई को कहीं भेज दो....
फिर अंकल बोले तू एक मिनट रुक और गौर से सुनना... फिर अंकल बाहर आने लगे.. में भागकर दुकान में घुस गया... अंकल मुझसे बोले बेटा आज मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही पूरी रात काम करा है अब काम भी थोड़ा कम है तो मे आराम कर लेता हूँ...
मे बोला ठीक है अंकल.... पर अगर वो आ गईं तो आपके पास भेज दूँ क्या...
अंकल हसकर बोले अगर वो आ जाये तो उसे तू अपने साथ ले जाना...
फिर अंकल वापस स्टोर मे चले गए ...
मैंने दुकान का पर्दा बंद कर दिया और फिर दुकान और स्टोर के बीच की दीवार में बनी खिड़की से स्टोर में देखने लगा....
अंदर रश्मि और अंकल एक दुसरे से चिपके हुए खडे थे..
रश्मि कह रही थी... आपको बड़ी जल्दी है शाम तक इंतजार नहीं कर सकते थे...
अंकल बोले कल भी पूरी रात इंतजार किया था.. क्या तू आयी थी. इतना कहते ही उन्होंने उसकी चूची दबा दी..
रश्मि आउच कहकर उनसे और बुरी तरह लिपट गईं फिर बोली आप क्या समझते हो,,, क्या में पूरी रात आराम से सोई हूँ..
कई बार आने की कोशिश करी थी.. पर कभी भाई जाग जाता था कभी मम्मी... इसलिए नहीं आ पायी....
अंकल ने उसे चारपाई पर लिटा दिया और उसके पैरों को खोल कर उसके ऊपर लेट गए फिर कमीज के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ दबाने लगे..पैर फैलने से उसकी स्कर्ट पूरी उठ गईं थी..
रश्मि बोली जरा आराम
से दबाईये में कहीं भागे थोड़े ही जा रही हूँ... कल आपने इतनी जोरों से इन्हें मसला है पूरी रात दर्द हुआ है..मेरे दोनों दूदू सूज गए हैं..आज तो शर्ट भी बड़ी मुश्किल से पहन पाई है... अंकल उसके
होठों को चूसने लग गए.. साथ ही साथ उसकी चूचियाँ भी मसल रहे थे.. अब रश्मि ने अपनी दोनों बाहें
ऊपर करके उनके गले मे डाल दी और फिर दोनों एक दूसरे को चूसने लगे.
थोड़ी देर बाद अंकल रश्मि के ऊपर से उठे और रश्मि को बैठाया फिर उसकी शर्ट के बटन खोलने को कहा..
रश्मि ने शर्ट के बटन खोले और शर्ट उतार कर चारपाई के सिराहने की तरफ रख कर लेट गईं..
उसके लेटते ही मुझे उसकी चूचियाँ दिखाई देने लगी.. जो बिलकुल तनी हुई थीं उनपर चाय के रंग के नुकीले निप्पल दिखाई दे रहे थे..
अंकल उसके निप्पल को देख रहे थे..
तभी रश्मि ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूचियों को ढक कर बोली अंकल जो करना हो करो बस इन्हें आज मत मसलना.. बहुत दुख रहे हैं..
अंकल बोले कल तुझे जो कच्छी और ब्रा दिलवायीं थी वो कहां हैं
रश्मि बोली ब्रा पहन कर देखी थी ... आज उसको पहन कर ही स्कूल जाना चाहती थी.. पर कल कल में ही मेरी छाती इतनी फूल गईं
की आज शर्ट के बटन ही नहीं लग रहे थे, तब ब्रा उतार कर शर्ट पहनी थी फिर भी बटन बड़ी मुश्किल से लगे थे,,, कच्छी वही वाली पहनी है अंकल ने उसकी स्कर्ट उठायी तो उसने काले रंग की जालीदार कच्छी पहन रखी थी...
अंकल बोले जरा वो ब्रा तो पहन कर दिखा दे.
रश्मि बोली.. अभी नहीं.. रात को दिखा दूँगी..
अंकल बोले रात को तो तू कल भी दिखा रही थी,,, रश्मि बोली सॉरी आज पक्का दिखा दूँगी..
पर अंकल नहीं माने और बोले अभी पहन कर दिखा रश्मि शर्ट पहनती हुई जाने लगी.. तभी अंकल ने उसकी शर्ट पकड़ कर उतार दी और बोले ऐसे ही जा और सिर्फ ब्रा और कच्छी को ही पहनकर आना...
रश्मि ने गेट खोला और भागती हुई कमरे में चली गई..
अंकल ने अपना कुरता पजामा उतार कर साइड में फेंक दिया.. फिर उसका इंतजार करने लगे
कहीं भी दाबने लग जाते हो... कल पूरे रास्ते दबाते हुए लाये अब घर पर भी..कम से कम इधर उधर तो देख लिया करो,,,, फिर अंकल बोले तुझे देखकर कण्ट्रोल ही नहीं होता.. फिर वो चाय पीकर बोले आज भी चाय मीठी नहीं है,, रश्मि ने अपनी आंखे बड़ी बड़ी कर ली फिर मुझसे बोली भाई अपने अंकल के लिए थोड़ी चीनी लाकर दे दो..
मे जैसे ही हटा रश्मि की आवाज आयी,,,,,,, अरे छोड़ो ना,,,, भाई आ जायेगा,,, फिर,,,,पुच.पुच की आवाजे आने लगी.. मे ज़ब चीनी लेकर आया तो रश्मि कह रही थी,, छोड़ो भी... शाम तक का सब्र कर लो.. में चीनी लेकर पैर पटकते हुए आया ताकि वो अलग हो जाएँ.. मेरे पहुंचते ही रश्मि अलग हुई और अपने होंठ पोंछने लगी.. मैंने चीनी अंकल की ओर बढ़ाई तो वो बोले रहने दो बेटा रश्मि ने शक़्कर दे दी... रश्मि ने मुँह फाड़ा और उनकी तरफ आंखे बड़ी करके देखने लगी..
फिर रश्मि अंदर चली गई...
थोड़ी देर बाद मम्मी और काजल बाहर आये.. मम्मी अंकल से बोली भाई साब हम दो तीन दिन घर नहीं आ पायेंगे.. आप बच्चों का ख्याल रखना...
अंकल बोले आप चिंता मत करिये.. में अच्छे से ख्याल रखूँगा..
फिर मम्मी चली गई...
थोड़ी देर बाद रश्मि स्कूल के लिए तैयार हो कर बाहर आने लगी
सफ़ेद शर्ट और सफ़ेद स्कर्ट... आज उसकी शर्ट बिलकुल कसी कसी लग रही थी.. ऐसा लग रहा था जैसे अभी कमीज को फाड़कर बाहर निकल जाएंगी.. में दुकान में अंदर घुस गया... अंकल मुझसे बोले बाहर ख्याल रखना मेरी अनारकली आने वाली है में जरा फ्रेश होकर आता हूँ.. फिर अंकल जल्दी से अंदर को लपके.. रश्मि बाहर गली तक
नहीं निकल पायी थी.. मुझे पैरों की खट पट सुनाई दे रही थी.. फिर स्टोर का गेट खुलने की आवाज आयी..
मैंनेदबे पाँव अंदर जाकर देखा..
हमारा बाथरूम खाली था.. फिर मैंने स्टोर को देखा स्टोर अंदर से बंद था.. अंदर से फुसफुसआने की आवाज आ रहीं थी..
मैंने अपने कान दरवाजे पर लगा दिए...
रश्मि कह रही थी.. छोड़ो ना बाहर भाई बैठा है.. अगर उसने देख लिया तो दिक्कत हो जाएगी... अंकल बोले उसे कुछ भी पता नहीं चलेगा..
मे उसे बता दूंगा कि तू स्कूल जा चुकी है... फिर अंकल उसे चूमने लगे..
बार बार पुच्च पुच्च की आवाज आती रहीं.. रश्मि बार बार छोड़ने के लिए कह रही थी....
फिर रश्मि बोली.. आप एक काम करो उसे कहीं बाहर भेज दो..
अंकल बोले तो फिर मेरे रूम पर चल वहाँ कोई नहीं आता ....
रश्मि बोली... हाँ जी वो तो कल ही देख लिया था... वैसे भी.. आपके कमरे पर स्कूल ड्रेस में नहीं जा सकती. कोई देख लेगा तो कहेगा ये देखो ये लड़की स्कूल बंक कर रही है..
आप बस भाई को कहीं भेज दो....
फिर अंकल बोले तू एक मिनट रुक और गौर से सुनना... फिर अंकल बाहर आने लगे.. में भागकर दुकान में घुस गया... अंकल मुझसे बोले बेटा आज मेरी तबियत ठीक नहीं लग रही पूरी रात काम करा है अब काम भी थोड़ा कम है तो मे आराम कर लेता हूँ...
मे बोला ठीक है अंकल.... पर अगर वो आ गईं तो आपके पास भेज दूँ क्या...
अंकल हसकर बोले अगर वो आ जाये तो उसे तू अपने साथ ले जाना...
फिर अंकल वापस स्टोर मे चले गए ...
मैंने दुकान का पर्दा बंद कर दिया और फिर दुकान और स्टोर के बीच की दीवार में बनी खिड़की से स्टोर में देखने लगा....
अंदर रश्मि और अंकल एक दुसरे से चिपके हुए खडे थे..
रश्मि कह रही थी... आपको बड़ी जल्दी है शाम तक इंतजार नहीं कर सकते थे...
अंकल बोले कल भी पूरी रात इंतजार किया था.. क्या तू आयी थी. इतना कहते ही उन्होंने उसकी चूची दबा दी..
रश्मि आउच कहकर उनसे और बुरी तरह लिपट गईं फिर बोली आप क्या समझते हो,,, क्या में पूरी रात आराम से सोई हूँ..
कई बार आने की कोशिश करी थी.. पर कभी भाई जाग जाता था कभी मम्मी... इसलिए नहीं आ पायी....
अंकल ने उसे चारपाई पर लिटा दिया और उसके पैरों को खोल कर उसके ऊपर लेट गए फिर कमीज के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ दबाने लगे..पैर फैलने से उसकी स्कर्ट पूरी उठ गईं थी..
रश्मि बोली जरा आराम
से दबाईये में कहीं भागे थोड़े ही जा रही हूँ... कल आपने इतनी जोरों से इन्हें मसला है पूरी रात दर्द हुआ है..मेरे दोनों दूदू सूज गए हैं..आज तो शर्ट भी बड़ी मुश्किल से पहन पाई है... अंकल उसके
होठों को चूसने लग गए.. साथ ही साथ उसकी चूचियाँ भी मसल रहे थे.. अब रश्मि ने अपनी दोनों बाहें
ऊपर करके उनके गले मे डाल दी और फिर दोनों एक दूसरे को चूसने लगे.
थोड़ी देर बाद अंकल रश्मि के ऊपर से उठे और रश्मि को बैठाया फिर उसकी शर्ट के बटन खोलने को कहा..
रश्मि ने शर्ट के बटन खोले और शर्ट उतार कर चारपाई के सिराहने की तरफ रख कर लेट गईं..
उसके लेटते ही मुझे उसकी चूचियाँ दिखाई देने लगी.. जो बिलकुल तनी हुई थीं उनपर चाय के रंग के नुकीले निप्पल दिखाई दे रहे थे..
अंकल उसके निप्पल को देख रहे थे..
तभी रश्मि ने अपने दोनों हाथों से अपनी चूचियों को ढक कर बोली अंकल जो करना हो करो बस इन्हें आज मत मसलना.. बहुत दुख रहे हैं..
अंकल बोले कल तुझे जो कच्छी और ब्रा दिलवायीं थी वो कहां हैं
रश्मि बोली ब्रा पहन कर देखी थी ... आज उसको पहन कर ही स्कूल जाना चाहती थी.. पर कल कल में ही मेरी छाती इतनी फूल गईं
की आज शर्ट के बटन ही नहीं लग रहे थे, तब ब्रा उतार कर शर्ट पहनी थी फिर भी बटन बड़ी मुश्किल से लगे थे,,, कच्छी वही वाली पहनी है अंकल ने उसकी स्कर्ट उठायी तो उसने काले रंग की जालीदार कच्छी पहन रखी थी...
अंकल बोले जरा वो ब्रा तो पहन कर दिखा दे.
रश्मि बोली.. अभी नहीं.. रात को दिखा दूँगी..
अंकल बोले रात को तो तू कल भी दिखा रही थी,,, रश्मि बोली सॉरी आज पक्का दिखा दूँगी..
पर अंकल नहीं माने और बोले अभी पहन कर दिखा रश्मि शर्ट पहनती हुई जाने लगी.. तभी अंकल ने उसकी शर्ट पकड़ कर उतार दी और बोले ऐसे ही जा और सिर्फ ब्रा और कच्छी को ही पहनकर आना...
रश्मि ने गेट खोला और भागती हुई कमरे में चली गई..
अंकल ने अपना कुरता पजामा उतार कर साइड में फेंक दिया.. फिर उसका इंतजार करने लगे