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Misc. Erotica ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण
#23
आज जब पूनम वापस घर जा रही थी तो फिर से वो लड़का पूनम की गली के कार्नर पे था. शाम हो चूकी थी तो फिर से रोड पे सन्नाटा था, और जो 1-2 लोग थे भी तो वो लड़का डरने वालों में से नहीं था. आज पूनम सोंच ली की उस लड़के को मार कर भगा देगी. हालाँकि उसे डर भी था की कहीं बात ज्यादा न बढ़ जाये या उसके घर में न पहुँच जाये. लेकिन इस लड़के के दिमाग में जो बात बैठा हुआ है, उसे निकाल देना बहुत जरूरी है.

पूनम रोड पे ही थी की वो लड़का पूनम के नजदीक आ कर बोला “हाय डार्लिंग “
सुनते ही पूनम का गुस्सा सांतवे असमान पे जा पहुंचा. बोली “तुम समझते क्या हो खुद को. अपनी बहन को भी वही सब दिए हो क्या. भागो यहाँ से और ख़बरदार अगर कभी अगर मेरे आसपास भी आये तो.”
पूनम को गुस्से में देख उस लड़के को भी गुस्सा आना ही था. वो भी गुस्से में ही बोला “बोल तो ऐसे रही हो जैसे कितनी शरीफ हो. तुम्हे क्या लगता है मैं तुम्हारे बारे में कुछ नहीं जनता क्या.” उसके मुंह से ऐसा सुनकर पूनम शॉक्ड सी हो गयी. वो लड़का आगे बोला “देखो, तुम किसके साथ क्या कर रही हो और क्या नहीं, मुझे उससे कोई मतलब नहीं , मैं बस इतना कह रहा हूँ की मेरे साथ भी एक बार मस्ती कर लो. बस.”

पूनम की बोलती बंद हो गयी थी, लेकिन वो फिर से अपने गुस्से को बढाती हुई बोली “मुझे ऐसी वैसी समझने की गलती भी मत करना. मैं उस टाइप की लड़की नहीं हूँ. भागो यहाँ से नहीं तो तुम सोंच भी नहीं सकते की मैं तुम्हारा क्या करवाउंगी. बोलती हुई पूनम तेज़ तेज़ कदमो से चलती हुई अपने घर की तरफ चल पड़ी। वो जब अपने घर का गेट खोल रही थी तो देखि की वो लड़का अभी भी कार्नर पे ही खड़ा था और उसे ही देख रहा था.

पूनम को बहुत डर लग रहा था की कहीं उसकी माँ ये सब देख न ली हो या सुन न ली हो. लेकिन उसकी माँ अन्दर किचेन में कुछ कर रही थी. पूनम चैन की साँस ली और अपने रूम में चली गयी. थोड़ी देर बाद वो छत पे जाकर देखी लेकिन अभी वहां कोई नहीं था.

पूनम को बहुत डर लग रहा था. उसे समझ में नहीं आ रहा था की क्या करे. कभी उसका मन होता की माँ को ये सब बता दी, लेकिन फिर डर होता की कहीं अगर उसके घर में अमित के बारे में न पता चल जाये. दूसरा डर ये था की कहीं ये बात पापा को पता चली तो पापा उसका घर से बाहर निकलना बंद करवा देंगे और फिर न तो वो नौकरी कर पायेगी और न ही अमित से मिल पायेगी, जिसे वो अपना सब कुछ दी चुकी है और जिससे वो बहुत प्यार करती है और शादी करना चाहती है.

2-3 इसी तरह शांति से गुजर गए थे। पूनम उन लड़कों के लेटर और पिक्स को डर से फेंक दी थी की कहीं उसकी माँ उसे देख न ले। वो लड़के उसे दिखे जरूर थे लेकिन फिर से उनलोगों ने कोई भी रिएक्शन नहीं दिया था। पूनम की चुत की खुजली मिटी नहीं थी और वो चाह कर भी अमित से चुदवा नहीं पाई थी। अभी स्थिति ऐसी थी की उसे अफ़सोस हो रहा था कि वो उन पिक्स को क्यू फेंक दी। उसे फिर से उसी तरह के पिक्स देखने का मन कर रहा था और वो चाह रही थी की वो लड़के फिर से उसे पिक्स और स्टोरी अगर दे देते तो अच्छा रहता।



पूनम अपने पेरेंट्स के साथ रात का खाना खा रही थी की फ़ोन आया की पूनम के मामा का एक्सीडेंट हो गया है और वो लोग हॉस्पिटल में हैं.. सब लोग परेशान हो गए. उसकी मम्मी का तो रो रो कर बुरा हाल था. उसके मम्मी पापा अभी ही वहां के लिए निकल पड़े. दोनों ने जाने से पहले पूनम को बहुत कुछ समझा दिया था की सारे गेट, खिड़की अच्छे से बंद कर लेना और लाइट ऑफ रखना, कोई कितना भी आवाज़ दे गेट मत खोलना इत्यादी. वो अपनी बेटी को अकेली छोड़कर जाना भी नहीं चाहते थे और ऐसे में रात में ले जाना भी ठीक नहीं था.

मम्मी पापा के जाते ही पूनम घर में अकेली हो गयी. इससे पहले भी वो 2-3 बार अकेली रही थी, लेकिन आज उसके मन में एक अनजानी ख़ुशी थी. मम्मी पापा के जाते ही वो अपने घर के सारे खिड़की दरवाजे को चेक की की वो ठीक से बंद हैं की नहीं और फिर सबसे पहले अपने सारे कपड़े उतर कर वो नंगी हो गयी और फिर अमित को कॉल लगायी. अमित तो शॉक्ड हो गया की इतनी रात में पूनम उसे कॉल की है. थोड़ी देर अमित को परेशान करने के बाद वो अमित को बताई की वो घर में अकेली है और सारी रात अकेली ही रहने वाली है. अमित तो आने के लिए उतावला हो गया. पूनम उसे बताई की सामने के गेट से मत आना, पीछे का जो रास्ता है उधर से आना. अमित भी अपने घर में किसी दोस्त के एक्सीडेंट का बहाना बनाकर घर से निकल पड़ा अपनी प्रेमिका के साथ रात बिताने, उसकी चुदाई करने.

अभी अमित के आने में टाइम था तो वो इधर से उधर घूमने लगी। उसे नंगी रहने में बहुत मज़ा आ रहा था। उसकी चुत फिर से गीली होने लगी और वो चाह रही थी की जल्दी से अमित आये और उसकी इस गीली चुत को रौंद कर चोद डाले. वो सोफे पे अपने पैरों को फैलाये हुए बैठी थी और अपनी हसीं चुत को सहलाती हुई सोच रही थी की आज कैसे कैसे अमित से चुद्वायेगी. आज उसके पास पूरा टाइम था.

थोरी देर बाद घर का फ़ोन बज उठा. वो कॉल रिसीव की तो अमित का फ़ोन था की वो आ रहा है और उसके घर के पास आ चूका है. पूनम उसे पीछे के गेट का रास्ता समझाई। पहले तो वो सोंची थी की नंगी ही अमित के लिए गेट खोलेगी, ताकि अमित उसे देख कर शॉक्ड हो जाये, लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाई. एक बार की चुदाई में वो इतनी बेशर्म नहीं बनी थी.

वो अपनी मम्मी की एक नाइटी पहल ली. उसे वो नाइटी ढीली हो रही थी, लेकिन पूनम को इससे कोई प्रॉब्लम नहीं था. कौन सा इसे पहन कर कहीं उसे बाहर जाना था. बस गेट खोलना था और कुछ ही देर में तो अमित इसे उतार कर उसके बदन से अलग कर फेंक देता. नाइटी फुल गाउन स्टाइल का था और सामने में चैन लगा हुआ था छाती तक.
थोरी देर बाद फिर पूनम के घर का फ़ोन बजा. फिर से अमित था और वो पीछे के गेट तक पहुँच गया था. पूनम एक लम्बी साँस ली और गेट खोलने चल दी. वो नाइटी के अंदर और कुछ नहीं पहनी थी। उसे आज रात भर अपने यार के साथ मस्ती करना था. खूब चुदवाना था. वो गेट का लॉक खोली और गेट को हल्का सा खोल कर धीरे से बोली “अमित?” अमित “ह्म्म्म” बोलता हुआ गेट को धक्का दिया और पूनम गेट खुलने दी. अमित आधा गेट खोल कर ही अन्दर आ गया और उसके अन्दर आते ही पूनम तुरंत गेट बंद कर दी.

अमित की सांसे तेज़ चल रही थी. वो मुस्कुराता हुआ पूनम को देखने लगा. पूनम भी उसे देख कर मुस्कुराते हुए शर्मा दी और नज़रें नीची कर ली. अमित ने अपनी बाँहों को फैलाया और पूनम उसमे सिमट गयी. पूनम को आज कुछ जयादा ही शर्म महसूस होरहा था. वो अपनी चुदाई के लिए आज अमित को बुलाई थी.

अमित ने पूनम का चेहरा ऊपर उठाया और उन पंखुरियों पे अपने होठ रख दिए और उस फूल का रसपान करने लगा. अमित का हाथ पूनम की पीठ और गांड पे घूम रहा था और उसने कस के पूनम को अपने बदन से चिपकाया हुआ था। पूनम भी अमित के बदन से चिपकी हुई अपनी मुलायम आज़ाद चुच्चियों को अमित के सीने से दबाये हुए उसके होठों को चूस रही थी। अमित अपनी जानेमन के जिस्म को सहलाता हुआ नाइटी को ऊपर उठाता गया. पूनम को उम्मीद भी यही थी और वो भला क्यू उसे रोकती. जब नाइटी कमर तक आ गयी तो अमित को ये देख कर बहुत ख़ुशी हुई की उसकी रानी ने अन्दर कुछ भी नहीं पहना हुआ है. उसके हाथों में पूनम की नंगी मुलायम गांड थी जिसे हुए वो दबाता हुआ मसल रहा था।




पूनम ने अमित का हाथ पकड़ लिया और “ये सब कुछ नहीं होगा” बोलते हुए वो अमित से छिटक कर दूर हो गयी. अमित बस खड़ा देखता रह गया. उसे पूनम से इस हरकत की उम्मीद नहीं थी. पूनम मुस्कुराती हुई बोली “बैठो, कॉफी बनाती हूँ.”
“तुमने मुझे कॉफी पिलाने बुलाया है इतनी रात में “ बोलता हुआ अमित फिर से पूनम की तरफ बढ़ा ताकि फिर से उसे अपनी बाँहों में भर सके और उसके हसीं बदन का मज़ा ले सके. वो अभी भी अपने हाथों में उसके गुदाज नितम्बों की छुअन महसूस कर रहा था.

पूनम मुस्कुराती हुई किचन की तरह चल पड़ी. “तुमने कभी मेरे हाथ का बना कुछ टेस्ट नहीं किया है न, तो सोची की आज अच्छा मौका है, तुम्हे टेस्ट करा देती हूँ आज.” अमित थोड़ी देर तो यु ही खड़ा रहा. उसे पूनम पे गुस्सा भी आ रहा था और वो खीज भी रहा था. लेकिन वो कर ही क्या सकता था। अभी कुछ दिन पहले तक तो वो पूनम को गले लगाने से भी डरता था और अब तो इतना कुछ हो रहा था। उसके पास तो पूरी रात पड़ी थी। वो भी किचन की तरफ चल पड़ा.

पूनम किचन स्लैब के पास खड़ी थी और कॉफी बनाने के लिए बर्तन में पानी और दूध डाल रही थी. अमित पूनम के बदन को गौर से निहारा और पीछे आकर उसकी गांड पे अपना हाथ सहलाया. पूनम का रोम रोम हिल गया लेकिन वो अमित की हरकत का कोई विरोध नहीं की. अमित नाइटी के ऊपर से उसकी गांड को सहला रहा था और अन्दर कोई और कपड़ा न होने से उसके चिकनेपन का मज़ा ले रहा था.

वो फिर से नाइटी को ऊपर करने लगा और पूनम के बदन से सट कर उसके गर्दन और कान पे किस करता हुआ “आई लव यू मेरी जान” बोला. पूनम बहुत रोमांचित महसूस कर रही थी. अमित की हरकतों से ज्यादा मज़ा उसे ये महसूस करके आ रहा था की वो किचन में बस नाइटी पहने खड़ी है और उसका BF उसके बदन से खेल रहा है.

अमित फिर से नाइटी को कमर तक उठा चूका था और अब उसका हाथ फिर से पूनम की चिकनी गांड पे था। गांड को सहलाता हुआ अमित अब अपना हाथ सामने लाया तो उसका हाथ चिकने पेट से फिसल कर चुत पे पहुँच गया जहाँ अभी हल्की हल्की झांटें उग आई थी. पूनम का बदन सिहर रहा था और उसकी चुत गीली हो चुकी थी. पूनम अमित का हाथ पकड़ ली और उसे अपने बदन से हटाते हुए बोली “तुम फिर शुरू हो गए.”

अमित ने अपना हाथ हटा लिया नाइटी फिर से नीचे हो गयी. अब अमित का एक हाथ सामने से नाइटी के ऊपर से ही पूनम के पेट पे था और दूसरा हाथ वो गर्दन को सहलाता हुआ सामने ला रहा था. अब उसे पूनम से कोई डर नहीं लगता था क्यू की को अपनी GF की एक बार चुदाई कर चुका था. उसका नीचे वाला हाथ और गर्दन के पास वाला हाथ दोनों बीच में आये और अब उसके दोनों हाथों में पूनम का एक एक लड्डू था जिसे वो बड़े प्यार से सहला रहा था. अमित से ज्यादा मज़ा पूनम ले रही थी नाइटी के ऊपर से अपनी खुली चूचियां मसलवा कर। अमित भी बिना ब्रा वाली चूचियों को नाइटी के ऊपर से मसल कर बहुत खुश था। पहले तो अमित चूचियों को बस सहला रहा था, लेकिन थोड़ी ही देर में वो नाइटी के ऊपर से ही उन गोल मुलायम और अब भारी हो गयी चूचियों को मसल रहा था।

अमित का मुंह पूनम के कान पे किस कर रहा था और उसका बदन पीछे से पूनम के जिस्म में पूरी तरह सटा हुआ था. पूनम अपनी गांड पे अमित के लण्ड के उभार को महसूस कर रही थी. वो अभी अमित को रोक नहीं रही थी। अमित अपना हाथ नाइटी के अन्दर डालना चाह रहा था लेकिन उसे रास्ता नहीं मिल रहा था. नाइटी फुल नेक वाली थी और गर्दन के पास तक थी. तभी अमित को सामने सीने पे लगा चेन दिखा और उसने चेन को खोल कर नीचे कर दिया.

अब उसे पीछे से ही पूनम की चूचियां नाइटी में झूलती हुई दिख रही थी. उसने अपने हाथों से नाइटी को साइड किया और अब आराम से नंगी चुचियों को हाथ में लेकर हल्के हाथों से मसलने लगा. उसे बहुत अच्छा लग रहा था लेकिन अभी भी उसे अपने हाथों और चुचियों के बीच में कुछ रुकावट लग रहा था. वो नाइटी को कंधे से नीचे करने लगा और नाइटी अब कमर पे आकर पूनम के हाथ पे अटकी हुई रुकी थी. अमित ने उसे उतार देना चाहा लेकिन पूनम फिर से अपनी नाइटी को कंधे पे कर ली और बोली “मम्म अमित, ये क्या कर रहे हो तुम.” पूनम की आवाज़ में खुमारी साफ झलक रही थी.

अमित फिर से चूच्ची मसलता हुआ नाइटी नीचे करने लगा. नाइटी बस कंधे पे अटकी थी तो अमित ने जरा सा नीचे खिंचा ही था की नाइटी वापस से पूनम के कमर के पास पहुँच गयी और पूनम के कलाई के वजह से नीचे नहीं गिरी थी. अमित ने पूनम के कान में कहा “गिरने दो न उसे, क्यू रोक रही हो जानू.” अमित ने बहुत प्यार से ये अल्फाज़ पूनम के कानो में धीरे से कहा था. उसने पूनम को अपनी तरफ घुमाया और उसके होठ चूसने लगा.

अब पूनम की नंगी चुच्ची अमित के सीने से दब रही थी। पूनम के बदन को सहलाता हुआ अमित नाइटी को फिर से नीचे खिंचा और पूनम अपने हाथ को सीधी कर दी, नाइटी नीचे गिर गयी और पूनम नंगी होकर अपने प्रेमी की बाँहों में समां गयी. अमित पूनम के होठों को चुसे जा रहा था और उसकी चूची और गांड को कमर को सहलाता मसलता जा रहा था. पूनम अमित की बाँहों में समाती जा रही थी। आज उसे कोई हड़बड़ी नही थी। आज तो उसे रात भर इसी तरह नंगी होकर जी भरकर मस्ती करना था।

पूनम वापस अपने होश में आई जब उसे कॉफी के उबलने का एहसास हुआ. वो अमित की पाकर से खुद को छुड़ाई और बोली “छोड़ो, कॉफी गिर जायेगा.” अमित ने भी अपनी पकड़ को ढीला कर दिया और पूनम जल्दी से वापस किचन स्लैब की तरफ घूम कर गैस को बंद की और फिर कॉफी को कप में डालने लगी. अमित पीछे से पूनम के नंगे गोरे, चिकने मुलायम जिस्म को निहार रहा था.

पूनम को एहसास था की वो किस अवस्था में है और उसे शर्म आ रही थी. वो अमित से एक बार चुद चुकी थी और उसके साथ मस्ती भी कर चुकी थी, लेकिन फिर भी इस तरह पूरी नंगी रहने में उसे शर्मिंदगी का अनुभव हो रहा था. वो एक हाथ से कलाई से अपनी चुचियों को ढंकी और एक कप अमित के हाथ में पकड़ाती हुई बोली “लो, चलो बहार.”

पूनम झुक कर अपनी नाइटी उठाने लगी. अमित ने पैर से पूनम की नाइटी को दबा दिया और बोला “नहीं, अब इसे उठाने की जरूरत नहीं है, ऐसे ही रहने दो.” पूनम शर्माती हुई मुस्कुराती हुई बोली “अच्छा मिस्टर, खुद तो पुरे सूट बूट में हो और मैं ऐसे ही रहूँ.” वो अमित के पैर के निचे से नाइटी खिंच ली और उसे अपने बदन पे रख ली.


अमित ने अपने कॉफी को स्लैब पे रख दिया और पूनम के बदन से सट कर नाइटी हटाने लगा. बोला “नहीं, इसे रहने दो. मैं भी हटा देता हूँ अपने सारे कपड़े, प्लीज़ तुम ऐसे ही रहो. ऐसा मौका हमें फिर कहाँ मिलेगा.” वो फिर से पूनम के लिप को चूसने लगा तो पूनम उसे रोक दी और बोली “ठीक है, नहीं पहनूंगी, कम से कम शरीर पे ऐसे ही तो रहने दो. मुझे ऐसे नंगी रहने में शर्म आती है.”

अमित कुछ नहीं बोला और अपना कॉफी का कप हाथ में ले लिया. पूनम भी अपना कप हाथ में ले ली. अमित वहीं खड़ा था की कहीं पूनम वापस से नाइटी पहन न ले. लेकिन पूनम नाइटी को पहनी नहीं थी, बस अपने कंधे पे रखे हुए थी. पूनम बोली “चलो बाहर.” तो अमित बोला “नहीं, पहले तुम चलो. मैं बाहर जाऊंगा तो तुम नाइटी वापस पहन लोगी.” पूनम शरमाते हुए बोली “बोली न, नही पहनूंगी. लेकिन तुम पहले जाओ. मैं आगे रहूंगी तो तुम्हे पीछे से सब दखता रहेगा.”

अमित आगे चल दिया और बाहर हाल में आकर सोफे पे बैठ गया. पूनम भी उसके पीछे ही आकर दुसरे सोफे पे बैठ गयी. वो नाइटी को कंधे पे ही रखे थी, लेकिन वो ऐसे रखा हुआ था की अमित को कुछ दिख नहीं पा रहा था. अमित अपने शर्ट के बटन को खोल कर शर्ट को ढीला कर दिया बेल्ट को खोल कर जीन्स के बटन को भी खोल दिया था.

वो उठ कर पूनम के बगल में बैठने आ गया तो पूनम फिर से मुस्कुराती हुई बोली. “कॉफी पियो न चुपचाप. जब से आये हो शैतानी ही कर रहे हो.” उसकी आवाज़ में शरारत भरी हुई थी. अमित कॉफी को टेबल पे रखता हुआ बोला “जिसके सामने इतनी रसीली जानेमन बैठी हो, उसे कॉफी पीने में मज़ा आएगा क्या?”

वो पूनम से सट कर बैठ गया और उसके बदन को सहलाता हुआ उसके बदन को चूमने लगा और फिर पूनम की नाइटी को उसके बदन से हटाकर दूर फेंक दिया. पूनम अब नंगी बैठी थी और अब अमित भी पूनम के जिस्म से खेलता हुआ अपने शर्ट को उतार दिया और फिर गंजी भी उतार कर अपने जिस्म से पूनम के जिस्म को सटा कर कोमलता का मज़ा लेने लगा. पूनम नंगी थी और अमित का साथ दे रही थी. वो बोली “पहले कॉफी तो पी लो.” अमित खड़ा हो गया और अपनी जीन्स को उतारने लगा.

पूनम उसके सामने नंगी बैठी थी और वो अपना कप हाथ में लेकर कॉफी पीने लगी थी। अमित जीन्स तो उतार चुका था, लेकिन उसे अपनी चड्डी उतारने में शर्म आ रही थी. वो पूनम के पास बैठने आने लगा तो पूनम बोली “इसे क्यू नहीं उतारे, मेरा उतारने में तो बहुत मज़ा आ रहा था.” अमित पूनम के बगल में बैठ गया और बोला "तुम्हारा मैंने उतारा था, इसलिए बहुत मज़ा आ रहा था। अपना भी मैं ही उतारूँ क्या!!!" अमित ने पूनम का हाथ पकड़ कर अपनी जांघों पे रख लिया और पूनम कॉफी पीती हुई हाथ आगे बढ़ा कर चड्डी के ऊपर लण्ड पे ले आयी। अमित इस तरह बैठ गया कि पूनम आसानी से अपना हाथ चड्डी के अंदर कर दी लण्ड सहलाते हुए और चड्डी नीचे करने लगी। अमित कमर ऊपर कर दिया और अपनी चड्डी नीचे कर उतार दिया। उसका लंड अभी पुरा टाइट नहीं था और उसकी जांघों के बीच में झूल रहा था.
दो जवान नंगे जिस्म आपस में सट कर कॉफी पी रहे थे. अमित का कॉफी पीने में कोई इंटरेस्ट नहीं था, लेकिन कहीं पूनम नाराज़ न हो जाये इस डर से वो कॉफी पी रहा था और पूनम के जिस्म को सहला रहा था. उसने पूनम को उठा कर अपनी जांघों पे बिठा लिया और एक हाथ से उसके कमर, पीठ और चूची को सहला रहा था और दुसरे हाथ से कोफ्फी पी रहा था. अमित का लंड करवट लेने लगा था तो उसने पूनम का एक हाथ अपने लंड पे रख दिया. अब दोनों जवान जोड़े एक एक हाथ से कॉफी पी रहे थे और दुसरे हाथ से एक दुसरे के बदन को सहला रहे थे.

अमित ने जल्दी से अपना कॉफी ख़तम कर लिया और अब दोनों हाथों से पूनम की जवानी के मज़े लूटने लगा. उसका हाथ अब पूनम की चुत के पास था उसकी उँगलियाँ पूनम के जवानी के रस में भीग रही थी. पूनम की भी कॉफी ख़तम हो गयी थी तो वो अब सिसकारी लेने लगी थी. अमित उसकी चूच्ची को चूस रहा था और चुत में ऊँगली डाल कर अन्दर बाहर कर रहा था. पूनम अपने पैरों को अच्छे से फैला दी थी और अमित के लंड पे अपने हाथ को अच्छे से ऊपर नीचे कर रही थी. वो पूरी तरह गरमा गई थी और अब उसे अपनी चुत में ऊँगली नहीं, अमित का लण्ड चाहिए था।

वो अमित की गोद से उठ खड़ी हुई और अपने बेड रूम की तरफ चल पड़ी. अमित भी उसके पीछे आने लगा. बेड के पास पहुँचने से पहले ही अमित ने पूनम को अपनी बाँहों में पकड़ लिया और एक साथ ही दोनों बेड पे आ बैठे. अमित ने पूनम को बेड पे सीधा लिटा दिया और उसके दोनों पैरों के बीच में आता हुआ उसकी चुत को चूसने लगा. अमित का हाथ पूनम की चूचियों को मसल रहा था और पूनम आह आह करती हुई अपने दोनों पैरों को अच्छे से मोड़ कर फैला दी थी और अमित पुरे मज़े से पूनम के जवानी के मज़े ले रहा था.

वो पूनम के बगल में लेट गया और उसके चूच्ची को मुंह में भरता हुआ लंड को चुत के पास रगड़ने लगा. अब अमित पूनम के ऊपर आ गया और लण्ड को चुत से रगड़ता हुआ अंदर डालने की कोशिश करने लगा। जो लंड अभी कुछ देर पहले तक पूरा टाइट था, अभी अचानक ढीला हो गया. पूनम अपने पैरों को पूरा फैलाये इस इंतज़ार में थी अब अमित उसपे हमला करेगा और वो उस दर्द को बर्दाश्त करेगी. पूनम खुद को कंट्रोल किये हुए थी की कहीं उस दिन की तरह ऐसा न हो की लण्ड चुत से सटे और वो पानी छोड़ दे। अमित लंड को चुत से सटा कर दबा रहा था, लेकिन लंड में अब इतनी अकड़ नहीं थी की पूनम के चुत के किले को भेद सके.

अमित परेशान हो गया की ये क्या हो रहा है. जिस लड़की के बारे में सोच कर उसका लंड टाइट हो जाता था, जिसकी सील को वो तोड़ चुका है, वो सामने चुत फैलाये नंगी लेटी है और मेरा लंड ढीला पड़ रहा है. उसने फिर से कोशिश किया लेकिन कोई फायदा नहीं. वो अपने लंड को हाथो से रगड़ कर टाइट करने लगा, लेकिन जैसे उसके लंड ने कसम खा रखी हो की आज वो खड़ा नहीं होगा. उसे बहुत गुस्सा आ रहा था. ऐन मौके पे उसका लंड उसे धोखा दे रहा था.
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RE: ये कहाँ आ गए हम - पूनम का रूपांतरण - by Bunty4g - 24-01-2019, 11:42 PM



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